आज हम जानेंगे क्रिकेट में करियर कैसे बनाएं में जाने के लिए क्या करें और साथ ही यह भी जानेंगे की क्रिकेट खेलने के लिए बेस्ट अकादमी का चुनाव कैसे करें।
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क्रिकेट में करियर कैसे बनाएं
सबसे पहले तो आपको ऐसे स्कूल में एडमिशन लेना चाहिए जहां पढाई के साथ खेल को भी महत्व मिलता हो। कोशिश करे की स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर के बारे में कुछ जानकारी निकालें की क्या वे क्रिकेट की कोचिंग भी देते हैं। यह जानकारी आपको उस स्कूल के छात्रों से मिल जाएगी इससे आपका फायदा यह होगा की कोचिंग के पैसे बचेंगे और आपको स्कूल में ही फ्री क्रिकेट कोचिंग मिल जाएगी। जो छात्र क्रिकेट कोचिंग ज्वाइन कर सकते हैं तो उन्हें भी सोच समझ कर अच्छी कोचिंग ज्वाइन करनी चाहिए।
आस पास के क्रिकेट अकादमी
अपने आसपास के क्रिकेट अकादमी में दाखिला लेते समय यह ज़रूर देखें की वह अकैडमी स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन से लिंक हो। चैक करें की कोचिंग अकादमी आपके लोकल टूर्नामेंट्स निरंतर अंतराल पर करवा रही है और यह भी पहले ही जानकारी ले लें की वह अकैडमी आपको डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रायल्स और स्टेट लेवल ट्रायल्स में पार्टिसिपेट करवा रही है या नहीं।
लोकल टूर्नामेंट्स में खेलना काफी ज़रूरी होता है इन टूर्नामेंट्स से आपकी क्रिकेट मैच प्रैक्टिस होती है और जब आप इन छोटे छोटे मैचों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो बड़े लेवल पे ट्रायल देने में आपमें अलग ही कॉन्फिडेंस होगा क्रिकेट मैच प्रैक्टिस नेट प्रैक्टिस से भी ज़्यादा ज़रूरी है क्योंकि नेट प्रैक्टिस में कोई दबाव नहीं होता पर मैच प्रैक्टिस में मानसिक दबाव भी होता है। इसलिए लोकल क्रिकेट टूर्नामेंट्स को छोटा मैच समझ के ना छोड़ें क्रिकेट लोकल टूर्नामेंट आपको बेहतरीन मैच प्रैक्टिस के साथ मैच में रन चेस या रन रोकने के मेन्टल प्रेशर को मेन्टेन करने की प्रैक्टिस भी देता है।
भारत की क्रिकेट अकादमी टॉप
दोस्तों यूँ तो भारत में क्रिकेट अकादमी कई सारी हैं उनमे से कुछ क्रिकेट कोचिंग अकादमी इस प्रकार से हैं।
- सहवाग क्रिकेट अकादमी, झज्जर।
- कर्नाटक इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्रिकेट।
- मदन लाल क्रिकेट अकादमी दिल्ली।
- जयपुर क्रिकेट अकादमी।
- विक्टोरिया पार्क क्रिकेट अकादमी मेरठ।
- नेशनल स्कूल ऑफ़ क्रिकेट।
- नेशनल क्रिकेट अकादमी।
- वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी।
- वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी।
- अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी, देहरादून।
- वी बी क्रिकेट अकादमी।
- जनरेशन नेक्स्ट क्रिकेट अकादमी।
- एम एस धोनी क्रिकेट अकादमी।
क्रिकेट अकादमी कैसे चुने
क्रिकेट अकादमी की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है ऐसे में आपको सही अकादमी चुनने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- दिल्ली में रहने वाले सबसे पहले तो ये पता करें की क्रिकेट क्लब DDCA से कनेक्टेड है या नहीं यदि नहीं तो ऐसी अकादमी से बचें।
- क्रिकेट कोच की ठीक जानकारी हांसिल करें की उनकी कोचिंग कब से है और कितने खिलाडी आगे किसी बड़े लेवल पर खेल रहे हैं।
- ठग अकादमी से बचें प्रैक्टिस टाइम पे न मिले तो जान लें की कुछ गलत है ऐसी अकादमी में ज़्यादा टाइम वेस्ट न करें।
- फ्री क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करें।
क्रिकेट में करियर बनाने का तरीका
क्रिकेट में जाने का रास्ता बिलकुल भी आसान नहीं है इसकी वजह है क्रिकेट कम्पटीशन का लगातार बढ़ना पर यह मुमकिन है यदि आप में टैलेंट से ज़्यादा लगन है।
जी हाँ लगन और मेहनत या स्मार्ट मेहनत ऐसी चीज़ है जो टैलेंट को भी मात देती है क्योंकि निरंतर अभ्यास से आप अपने अंदर टैलंट पैदा कर सकते हैं बस आप में पैशन होना ज़रूरी है। वैसे भी सभी खिलाडी लगन और मेहनत से ही बने हैं कुछ ही खिलाडियों में नेचुरल टैलेंट पहले से ही था जैसे सचिन और सेहवाग, पर इन्होने भी जमकर हार्डवर्क किया है।
वैसे तो क्रिकेट में करियर बनाने के लिए क्रिकेट कोचिंग एक रास्ता तैयार करती है पर जो लोग क्रिकेट अकादमी कि फीस नहीं भर सकते या किसी कारणवश ज्वाइन नहीं कर सकते, वे लोग निराश ना हों। उन्हें ऐसे स्कूल को ज्वाइन करना चाहिए जो स्पोर्ट्स स्कूल हो यानि की स्पोर्ट्स को अधिक मान्यता मिलती हो और यदि ऐसा भी नहीं कर पा रहे तो एक साधारण स्कूल को तलाशें जहाँ क्रिकेट की अच्छी कोचिंग दी जाती हो और यदि यह भी नहीं कर पा रहे तो भी निराश ना हों और घर पर क्रिकेट प्रैक्टिस शुरू कर दें।
बैटिंग प्रैक्टिस और बोलिंग प्रैक्टिस से सम्बंधित जानकारी ढूंढे और क्रिकेट रेस में दूसरों से आगे निकलने के लिए अलग ढंग से क्रिकेट प्रैक्टिस शुरू करें आपको बैटिंग और बोलिंग प्रैक्टिस करने के अलग और बेहतरीन तरीके यहां मिल जाएंगे। दोस्तों ये ऐसे तरीके हैं जिनके लिए क्रिकेट कोचिंग जाने की ज़रूरत नहीं इसलिए एक बार इन्हे देखें ज़रूर और एक महीने के प्रैक्टिस के बाद ही आप अपने आप में फर्क महसूस करेंगे, ये हैं वे तरीके इनपे क्लिक करें – 6 बैटिंग प्रैक्टिस टिप्स और बोलिंग स्पीड कैसे बढ़ाएं।
क्रिकेट में सिलेक्शन कैसे होता है
भारतीय क्रिकेट मैच खेलने के लिए कई लेवल को पार करना होता है। इसके लिए आपको लगातार हर वर्ष स्टेट लेवल और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर ट्रायल देना ज़रूरी है। कोशिश करें की स्कूल क्रिकेट टीम में आपको मौका मिले क्योंकि किसी भी क्रिकेट की शुरुआत स्कूल क्रिकेट से ही होती है स्कूल से आपको डिस्ट्रिक्ट लेवल, स्टेट लेवल, sgfi खेलने का मौका मिल जाता है पर उसके लिए आपके स्पोर्ट्स टीचर को क्रिकेट टूर्नामेंट्स में स्कूल को प्रतिभाग करवाना ज़रूरी है।
आप कोई अच्छा क्लब ज्वाइन कर सकते हैं इन क्रिकेट क्लब्स के द्वारा आपका चयन अंडर 14, 16, 19 के लिए हो सकता है और आगे चलकर रणजी ट्रॉफी भी खेल सकते हैं। यदि आप एक बार रणजी ट्रॉफी तक पहुँच गए तो यकीन मानिये आप के पास काफी मौके बन जाएंगे जिससे आपका चयन भारतीय क्रिकेट टीम में भी हो सकता हैं।
रणजी ट्रॉफी के आलावा, दिलीप ट्रॉफी, विजय हज़ारे ट्रॉफी कुछ ऐसे फर्स्ट क्लास क्रिकेट या डोमेस्टिक लेवल क्रिकेट हैं जिसपे सेलेक्टर्स की हमेशा नज़र रहती हैं और सबसे पहले इन्ही डोमेस्टिक लेवल खिलाडियों को मौका मिलता हैं याद रहे डिस्ट्रिक्ट लेवल और स्टेट लेवल तो महज़ एक रास्ता हैं आपको रणजी ट्रॉफी में कैसे खेलें या दिलीप ट्रॉफी में कैसे खेलें इन सवालों को ध्यान में रखकर अपना पूरा क्रिकेट कैलेंडर ईयर बनाना चाहिए ये सभी फर्स्ट क्लास मैच के अंतर्गत आते हैं।
रणजी, दिलीप आदि ट्रॉफी खेलकर आपको आईपीएल खेलने का मौका जल्दी मिल सकता जाता है। इन तमाम डोमेस्टिक लेवल ट्रॉफी तक पहुँचने के लिए पहले आपको डिस्ट्रिक्ट लेवल फिर स्टेट लेवल क्रिकेट खेलना होगा और उसके बाद ही आप रणजी ट्रॉफी ट्रायल के लिए एलिजेबल होंगे।
यदि किसी खिलाडी की उम्र 40 से भी ज़्यादा हो गई है तो भी चिंता ना करें आप ओपन कैटेगरी में भाग ले सकते हैं और रणजी ट्रॉफी खेल सकते हैं भारतीय टीम में तो शायद पर आईपीएल में आप खेल सकते हैं क्योंकि आईपीएल में कुछ खिलाडी ऐसे हैं जो 40 की उम्र से ज़्यादा हैं और काफी खिलाडी तो 40 के आसपास हैं इसलिए उम्र की चिंता ना करें और यदि आपमें क्रिकेट पैशन है तो अपने आपको ट्रायल का एक मौका ज़रूर दें ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा सिलेक्शन ना ही तो होगा पर सोचिये यदि आपका सिलेक्शन होगया तो सबसे पहले तो आपका सपना पूरा हो जाएगा और साथ ही उन तमाम लोगों के मुहं बंद हो जाएंगे जो आपके टैलेंट को नज़रअंदाज़ करते आये हैं पर आपको मानसिक रूप से दोनों ही बातों के लिए तैयार रहना होगा और जब भी ट्रायल दें तो पूरी ताकत और टेक्निक के साथ दें।
बस आपको करना इतना है की हर साल बाकी ट्रायल्स की तरह ओपन एज केटेगरी के ट्रायल्स भी होते हैं और उसका फॉर्म मात्र 300-400 रूपए के बीच मिल जाता है यह फॉर्म आपको हर जगह नहीं मिलेगा। यह BCCI के द्वारा हर राज्य में किसी पैनल के व्यक्ति के द्वारा मिलेगा या जिला क्रिकेट एसोसिएशन अधिकारियों द्वारा मिलेगा। पर आपको डाक्यूमेंट्स और ट्रायल में भाग लेने के लिए क्रिकेट ट्रायल नियम को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए की आप ट्रायल के लिए एलिजबल हैं भी या नहीं और क्रिकेट ट्रायल डाक्यूमेंट्स कौन से होते हैं यह सारी जानकारी और स्टेट लेवल क्रिकेट ट्रायल नियम की जानकारी यही पर मिलेगी।
रणजी ट्रॉफी भी कुछ कम नहीं है इस ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाडी अपने राज्य के स्टार होते हैं और उन्हें भी काफी सम्मान और पैसा मिलता है। रणजी ट्रॉफी खिलाड़यों को सैलरी भी मिलती है उन्हें हर मैच में प्रति दिन के हिसाब से सैलरी मिलती है। एक दिन की सैलरी 35,000 होती है जो की सिर्फ एक दिन के हिसाब से काफी अच्छी सैलरी है और रणजी का एक मैच 5 दिन का होता है यह ट्रॉफी टेस्ट मैच फॉर्मेट पर आधारित है। यह सैलरी BCCI ने निर्धारित की है और यही नहीं जो खिलाडी रणजी ट्रॉफी से रिटायर होते हैं उन्हें पेंशन भी मिलती है।
क्रिकेट अकादमी फ्री एडमिशन
अक्सर होता ऐसा है की बहुत ही ज़्यादा टैलेंटेड क्रिकेटर होते हैं पर उन्हें फिनांशल प्रॉब्लम के कारण जॉब करनी पड़ती है और वे कोचिंग से महरूम रह जाते हैं तथा जानकारी न होने की वजह से ओपन ट्रायल भी नहीं देते हैं और जॉब को ही अपनी किस्मत मान लेते हैं। मेरा अनुरोध है की ओपन ट्रायल्स ज़रूर दें इसमें कोई ऐज लिमिट नहीं होती इसके लिए किसी क्रिकेट अकादमी को ज्वाइन करने की ज़रूरत नहीं पूरी जानकारी के लिए पढ़े रणजी ट्रॉफी में सिलेक्शन कैसे होता है।
आज जहाँ हर कोई पैसों के पीछे दौड़ रहा है ऐसे में फ्री में क्रिकेट अकादमी मिलना काफी मुश्किल काम है और यह एक टेढ़ी खीर के समान है। ऐसे में करे क्या- तो आपको करना सिर्फ इतना है की या तो आप कुछ दोस्त जो घर के आसपास ही रहते हैं और खासकर ऐसे दोस्तों को जमा करें जो वाकय में क्रिकेट खेलने के लिए सीरियस हैं। आपस में कुछ पैसे मिला लें ताकि क्रिकेट का थोड़ा बहुत सामान आ सके और फिर एक अच्छी जगह तलाश के प्रैक्टिस करना शुरू कर दें। पर यह प्रैक्टिस निरंतर होनी चाहिए और अपनी प्रैक्टिस का टाइम टेबल बना लें जैसा की कोचिंग में होता है। ध्यान रहे डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रायल्स पे आपका निशाना होना चाहिए इसलिए ट्रायल्स की डेट का पता करते रहें ट्रायल्स की जानकारी आपको यहाँ इस वेबसाइट पर भी मिल जाएगी।
यदि आप फ्री क्रिकेट प्रैक्टिस ग्राउंड चाहते हैं तो अपने स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर से रिक्वेस्ट करें की आपके लिए वह स्कूल प्रिंसिपल से बात करें और आपको क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए स्कूल ग्राउंड यूज़ करने की परमिशन दिलाएं। ध्यान रहे स्कूल प्रॉपर्टी को नुकसान होने पर आपकी प्रैक्टिस बंद हो सकती है अतः इस बात की भी ज़िम्मेदारी लें और इस तरह से आपको मुफ्त में प्रैक्टिस ग्राउंड मिल सकता है।
फ्री में क्रिकेट कोचिंग कैसे ज्वाइन करें
यदि आप कुछ दोस्त आपस में अच्छा तालमेल रखते हैं तो सबसे पहले तो आपस में पैसे जमा कर लें ध्यान रहे सब बराबर ही पैसे जमा करें और फिर अपने समूह के बीच से ही एक दोस्त को चुने और उसे क्रिकेट कोचिंग ज्वाइन करवा दें। चुनाव का माध्यम आप आपसी सहमति रख सकते हैं या सबके नाम की पर्ची बना लें और जिसकी पर्ची निकलेगी उसे चुन सकते हैं। ऐसा करने से होगा ये की कम से कम एक व्यक्ति आगे जा सकेगा और आप भी उससे कोचिंग के पर्सनल टिप्स ले सकेंगे और फिर आपस में वही प्रैक्टिस दोहराइये। चुना हुआ व्यक्ति आपको लोकल टूर्नामेंट्स की जानकारी देगा की क्लब लोकल टूर्नामेंट करने वाला है तो ऐसे में आप कुछ और लड़कों को अपनी टीम में मिला के अपनी एक लोकल टीम बना लें और क्लब के साथ मैच के लिए प्रस्ताव रखें।
जब आप का कोई खास दोस्त क्लब में होगा तो वह क्लब की सारी जानकारी आपको दे सकेगा जैसे लोकल टूर्नामेंट्स कब और कहा होने वाले हैं उसमे अप्लाई कैसे किया जाए और सबसे महत्वपूर्ण वह आपको यह बता देगा की ट्रायल्स की क्या डेट है और ट्रायल्स में लगने वाले डाक्यूमेंट्स क्या होते हैं वैसे डाक्यूमेंट्स की कम्पलीट जानकारी आपको यहाँ भी मिल जाएगी।
दोस्तों इन लोकल टूर्नामेंट्स को गलती से भी हल्के में ना लें और कम ना आंके क्योंकि ये पहली सीढ़ी हैं आपके डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल सिलेक्शन की इसलिए इसे प्रोफेशनल नज़रिये से देखें। यदि आप इतने पैसे जमा नहीं कर पा रहे या कोई सहमति नहीं बन रही की किस दोस्त को क्लब ज्वाइन करवाएं तो एक उपाय यह भी है की कम से कम आप अपनी एक लोकल टीम बना लें और रजिस्ट्रेशन के पैसे जमा कर लें फिर अपने शहर में आस पास के क्रिकेट अकादमी को ढूंढे और उनके साथ मैच करें।
यकीन मानिये यदि आप वाकय में क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो आपको कुछ न कुछ तो करना ही होगा और यदि आप टीम बनाने में भी असमर्थ हैं तो बेहतर यही होगा की आपस में मिल के एक क्रिकेट किट ज़रूर ले लें क्योंकि प्रैक्टिस के वक्त यदि आप बिना हेलमेट और बिना ग्लव्स, बिना पैड्स के प्रैक्टिस करेंगे तो ट्रायल्स में आपको बिना कम्पलीट किट के ट्रायल देने का मौका नहीं मिलेगा और अचानक से किट पहनने पर आप अपना बेस्ट परफॉरमेंस नहीं दे पाएंगे जिससे आप आसानी से रिजेक्ट हो सकते हैं इसलिए यह वन टाइम निवेश ज़रूर करें।
क्रिकेट किट कैसे बनाते हैं
यदि आप कम्पलीट किट खरीदने में असमर्थ हैं तो अपनी क्रिएटिविटी को एक मौका दें। मोटे गत्ते को कपडे से ऐसे सिले की वह क्रिकेट पैड का काम कर सके या बहुत सारी घास व कुछ फट्टे जैसी लकड़ी या बांस की लकड़ी को क्रिकेट पैड बनाने के लिए इस्तेमाल करें। घास को पीछे की ओर रखें ताकि लैदर बॉल टकराने पर पैर पर चोट न लगे। ऐसे ही हेलमेट का विकल्प ढून्ढ सकते हैं पर प्रैक्टिस लैदर बॉल से ही करें इससे आपको उसके वेट को खेलने की आदत पड़ जायेगी क्योंकि टेनिस बॉल हलकी ओर अधिक बाउंस लेती है, जो की ट्रायल्स में आपको नहीं मिलेगी। हालाँकि टेनिस बॉल का भी इस्तेमाल करें जब वह पुरानी हो जाए या उसका कवर उतार लें ओर फर्श का आधा हिस्सा गीला कर लें तो यह टेनिस बॉल भी टप्पा खाने के बाद लैदर बॉल जितनी तेज़ निकलेगी। ऐसे और भी बैटिंग टिप्स जानने के लिए पढ़ें बैटिंग प्रैक्टिस टिप्स 5
क्रिकेटर बनने के लिए क्या करें
भारतीय क्रिकेटर कैसे बने यह सवाल हर खिलाड़ी के मन में आता है, दिए गए बिंदुओं पर ध्यान दें –
- सबसे पहले तो आपको क्रिकेटर बनने के लिए अच्छे मार्गदर्शन की ज़रूरत है इसलिए अच्छे कोच और अकादमी का चुनाव करें।
- पढाई भी ठीक से करें ताकि आपको घर से सही सपोर्ट मिल सके आपको पढाई और क्रिकेट प्रैक्टिस दोनों का टाइम टेबल बनाना होगा इससे दोनों चीज़ें मैनेज हो जाएंगी।
- यदि आपके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो किसी स्पांसर को ढूंढ़ना होगा क्योंकि क्रिकेट में ट्रेनिंग उपकरण काफी महंगे होते हैं।
- क्रिकेट धैर्य का खेल है इसलिए सिलेक्शन नहीं होने पर भी हिम्मत ना हारें और अगले सिलेक्शन के लिए अलग तरह से प्रैक्टिस करने पे ध्यान लगाएं।
- खिलाडियों के लिए डाइट एक अहम भूमिका निभाती है जितनी अच्छी आपकी डाइट होगी उतना आपमें स्टेमिना होगा और जितना देर तक आप प्रैक्टिस कर पाओगे उतना आपका मैच प्रदर्शन अच्छा होगा और ट्रायल में भी अलग ही कॉन्फिडेंस होगा इसलिए दूध और भिगोये हुए चने का सेवन डेली करें।
- सबसे महत्वपूर्ण आपका क्रिकेट के प्रति जुनून कम न होने पाए यदि आपको क्रिकेट के बारे में बात करना और किसी भी समय खेलने को तैयार रहना अच्छा लगता है तो वही जुनून होता है। इसकी कदर करें और टाइम मैनेज कर पूरे साल की प्लानिंग पहले ही कर लें बाद में कोई छोटे बदलाव आप कर सकते हैं। प्लानिंग करने से ये फायदा होगा की आप रिसर्च करोगे जिससे आपको आने वाले टूर्नामेंट्स और ट्रायल की डेट का समय रहते पता चल जाएगा और साथ ही क्रिकेट प्रैक्टिस के अलग और बेहतरीन तरीके भी खोजें।
क्रिकेटर बनने की लास्ट एज
- क्रिकेट खेलने की लास्ट एज नहीं होती है आप किसी भी उम्र में क्रिकेटर बन सकते हैं पर जितनी जल्दी शुरू करेंगे उतना आपको फायदा मिलेगा। कुछ ऐज कैटेगरीज़ बनी होती हैं जिसमे आपको ट्रायल देने का मौका मिलता है जैसे अंडर 14, अंडर 16, अंडर 19 और ओपन एज कैटेगरी जिसमे कोई उम्र की सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
- आप 40 साल के बाद भी क्रिकेट ट्रायल दे सकते हैं। यदि आपके मन में ये सवाल है की क्रिकेट खेलना कब से शुरू करें तो सबसे बेहतर 7-8 वर्ष की उम्र होती है इसमें बच्चे सीखने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं और क्रिकेट अकादमी में भी आसानी से दाखिला हो जाता है।
- आपका कोई सवाल हो तो बेहिचक कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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सुरेंद्र सिंह, क्रिकेट ट्रायल फॉर्म आपको अपने डिस्ट्रिक्ट के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन से मिलेंगे। यह फॉर्म हर जगह उपलब्ध नहीं होते हैं।
सर मेरी उम्र 22 साल है मेरे को district ट्रायल देना है मेरा district Jodhpur Rajasthan है तो आप बता सकते है कि इसके ट्रायल कब होंगे और मे दे सकता हूं कि नही?
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Sir me cricket team me khelna chanhata nhu please help me per mera age 30 he kya khel sakta nhu
बसंती मिश्रा, यदि क्रिकेट जज्बा है तो आप बिल्कुल खेल सकते हो। आपकी जानकारी के लिए बता दू प्रवीण तांबे ने अपना पहला आईपीएल मैच 40 की उम्र में खेला था।