कबड्डी एशियाई खेल है जो मुख्य रूप से भारत में खेला जाता है और इसे भारत का पारंपरिक खेल माना जाता है। पौराणिक गाथाओं के अनुसार यह खेल सतयुग से खेला जा रहा है और महाभारत में भी भीम तथा जरासंध का कबड्डी युद्ध देखा जा सकता है।
ओवरव्यू – एक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, लेकिन 5 रिजर्व में बैठते हैं, मैदान में 7 खिलाड़ी एक टीम से खेलते हैं, एक टीम में 4 रेडर तथा 3 कैचर होते हैं, कुल 40 मिनट (20 + 20 = 40) का खेल होता है।
कबड्डी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। भारत में भी कबड्डी काफी लोकप्रिय है और भारतीय स्कूल के बच्चे सबसे पहले कबड्डी तथा खो-खो खेलना सीखते हैं। यह खेल भारत में अलग अलग नाम से पुकारा जाता है उत्तर भारत में इसे कबड्डी कहा जाता है जबकि दक्षिण भारत में चेडुगुडु कहा जाता है और पूर्व भारत में हु तू तू कहा जाता है। कबड्डी खेल तकरीबन भारत के सभी राज्यों में खेला जाता है, कर्नाटका, तमिल तथा मलयालम में इसे ‘पिडि’ कहा जाता है जिसका अर्थ होता है हाथ पकड़े रहना।
कबड्डी में कितने खिलाड़ी होते हैं 7 या 12
कबड्डी में कुल 12 खिलाड़ी होते हैं हालांकि यह सभी 12 खिलाड़ी खेल का हिस्सा होते हैं लेकिन कोर्ट के अंदर एक समय पर एक टीम से केवल 7 खिलाड़ी खेलते हैं और बाकी 5 खिलाड़ी रिजर्व में बैठते हैं। 40 मिनट की अवधि के दौरान रिजर्व में बैठे 5 खिलाड़ियों में से किसी को भी कोर्ट के अंदर खेलने के लिए उतारा जा सकता है और पहले से खेल रहे 7 खिलाड़ियों में से किसी खिलाड़ी को बाहर रिजर्व में बैठाया जा सकता है। ऐसा तब होता है जब खेल रहे 7 में से कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है, अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा होता है या फिर कप्तान की रणनीति होती है।
कुल 12 खिलाड़ी, 7+5 = 12 | प्रति टीम 7 खिलाड़ी (कोर्ट के अंदर खेलते हैं) |
7 खिलाड़ी मैदान (कोर्ट) में खेलते हैं। 5 रिजर्व में बैठते हैं। | 4 स्टॉपर तथा 3 रेडर। |
खेल की समय सीमा
यह खेल कुल 40 मिनट का होता है जो कि 20-20 मिनट की 2 अवधि में खेला जाता है। प्रत्येक 20 मिनट बाद टीमें आपस में पाला बदलती है और इसके लिए उन्हें 5 मिनट का ब्रेक मिलता है जो 40 मिनट के अंदर ही सम्मिलित होता है। जरूरत पड़ने पर आयोजक इस खेल की अवधी को 20 मिनट से घटाकर 10 या 15 मिनट भी कर सकते हैं।
स्टॉपर तथा रेडर
एक टीम में अधिकतम 5-6 स्टॉपर और 4 से 5 रेडर हो सकते हैं। स्टॉपर वे खिलाड़ी होते हैं जो पकड़ने में माहिर होते हैं और रेडर को अपने पाले में ही पकड़ कर पॉइंट कमाते हैं। जबकि रेडर दूसरे पाले में जाते हैं और किसी खिलाड़ी को या बोनस लाइन को छूकर वापस आने की कोशिश करते हैं। कबड्डी कोर्ट के अंदर 7 में से केवल 4 खिलाड़ी स्टॉपर की भूमिका में उतर सकते हैं जबकि 3 मुख्य रेडर होते हैं।
अंक
जब भी स्टॉपर किसी रेडर को अपने पाले में ही धर दबोचता है और उसे वापस जाने से रोकने में कामयाब होता है तो स्टॉपर टीम को 1 अंक मिलता है। अगर रेडर स्टॉपर को टच कर भागने में कामयाब हो जाता है तो उसकी टीम को अंक मिलता है। रेडर जितने स्टॉपर को छूकर अपने पाले में वापस आने में कामयाब होता है उसकी टीम को उतने अंक मिल जाते हैं यदि वह 2 या 3 स्टॉपरों को छूकर अपने पाले में वापस आ जाता है तो उसकी टीम को दो या तीन अंक मिल जाते हैं। जबकि स्टॉपर टीम को एक रेडर को पकड़ने पर केवल एक ही अंक मिलता है।
बोनस – यदि रेडर किसी स्टॉपर को छूने में नाकाम होता है लेकिन बोनस लाइन को छूकर वापस आ जाता है तो भी उसे एक अंक मिल जाता है। और यदि वह किसी स्टॉपर तथा बोनस लाइन दोनों को छूने में कामयाब होता है और अपने पाले में वापस लौट आता है तो उसकी टीम को 2 पॉइंट मिल जाते हैं।
खेलने का तरीका
टॉस जीतने वाली टीम कोर्ट की साइड या रेड चुनती है। उसके बाद एक कोर्ट में 7 खिलाड़ी खड़े होते हैं जिनमें 4 स्टॉपर तथा 3 रेडर होते हैं। रेडर कबड्डी कबड्डी बोलते हुए दूसरे पाले में जाता है और उस पाले के खिलाड़ियों को छूकर वापस अपने पाले में आने की कोशिश करता है। यदि रेडर विपक्षी पाले के किसी भी खिलाड़ी को छूकर वापस आने में कामयाब होता है तो उस खिलाड़ी को मरा हुआ यानी आउट घोषित किया जाता है और उस खिलाड़ी को कोर्ट के बाहर जाना पड़ता है। यदि इस प्रक्रिया में रेडर को विपक्षी दल ने धर दबोचा तो रेडर आउट या मरा हुआ माना जाता है और उसे कोर्ट के बाहर जाना पडता है। यह प्रक्रिया दोनों टीमों में चलती रहती है और जिस टीम के अंक ज्यादा होते हैं उस टीम को अंत में विजेता घोषित कर दिया जाता है।