क्रिकेट अमीरों का खेल लगता है, बीसीसीआई करोड़ों रुपए देता है पर भारत में गरीब क्रिकेटर्स भी रहते हैं (poor cricketer in India) आईए जानते हैं उनके बारे में।
कुछ क्रिकेटर्स डोमेस्टिक तथा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बावजूद भी गरीब रह गए हैं, इन्होंने एक से ज्यादा डोमेस्टिक व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले हैं पर गरीब रह गए। विनोद तथा प्रकाश ऐसे नाम है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय और डोमेस्टिक क्रिकेट खेले हैं, आज बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा कर रहे हैं।
फास्ट फॉरवर्ड – भारत के वर्तमान गरीब क्रिकेटर्स प्रकाश भगत, विनोद कांबली
हम बात कर रहे हैं उन भारतीय गरीब क्रिकेटर्स (poor Indian cricketers) के बारे में जो डोमेस्टिक तथा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने के बाद भी गरीब रह गए हैं उनके बारे में नहीं जो पहले गरीब थे और अब करोड़पति बन चुके हैं।
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भारत में गरीब क्रिकेटर्स (Poor cricketers in India)
इस वक्त सिर्फ दो भारतीय गरीब क्रिकेटर्स (Poor Indian cricketer) के बारे में बताया जा रहा है इस लिस्ट को बढ़ाने में हमारा सहयोग करें ताकि उनके बारे में अधिक लोगों को जानकारी मिल सके।
इससे संभावित फायदा यह होगा कि शायद बीसीसीआई का ध्यान इन गरीब बेरोजगार खिलाड़ियों (poor players unemployed) पर पड़े और उन्हें कोई काम मिल सके।
दूसरा संभावित फायदा यह होगा जो बहुत सारे युवा क्रिकेटर बनना चाहते हैं उन्हें असलियत पता चले कि सारे लोग क्रिकेट खेल कर अमीर नहीं बन सकते हैं।
अतः क्रिकेट खेल को अमीर बनने के लिए न चुने बल्कि अपने पैशन के लिए चुने।
भारत के गरीब क्रिकेटर्स
- प्रकाश भगत
- विनोद कांबली
प्रकाश भगत
प्रकाश भगत का नाम आपने शायद ना भी सुना हो क्योंकि यह ज्यादा फेमस नहीं है पर बीते वर्षों में यह चर्चा में रहे थे कि वह अपना जीवन गुजारा चाय बेचकर कर रहे हैं वह भी ठेले वाली चाय।
भगत डोमेस्टिक क्रिकेट (domestic cricket) खेल चुके हैं और रणजी क्रिकेट भी खेल चुके हैं और उसके बावजूद भी उनकी हालत खस्ता है।
प्रकाश भगत सिलचर में चाय की दुकान चलाते हैं वह अपने भाई के साथ मिलकर यह दुकान चलाते हुए अपना जीवन गुजारा कर रहे हैं। चाय के साथ फास्ट फूड भी बेचते हैं और यह दुकान सड़क किनारे हैं।
फ्लैशबैक में चलते हैं और जानते हैं प्रकाश भगत कौन थे:
प्रकाश भगत सौरव गांगुली नेट प्रैक्टिस
प्रकाश भगत लेफ्ट हैंड स्पिन गेंदबाज रहे हैं और एक बार उन्हें नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) की तरफ से बुलावा आया था।
साल 2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत और न्यूजीलैंड का मुकाबला था किंतु भारतीय स्पिनर मुरली कार्तिक इंजर्ड हो गए, इंडियन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम को प्रैक्टिस करवाने के लिए प्रकाश भगत को नेशनल क्रिकेट अकादमी (National Cricket Academy) द्वारा बुलाया गया।
भगत ने सौरव गांगुली के सामने क्रिकेट नेट पर गेंदबाजी की।
भगत ने एक इंटरव्यू में बताया कि सौरव गांगुली ने किस तरह उनकी गेंद पर दो लंबे-लंबे छक्के जड़े और उसके बाद उन्हें गेंदबाजी के अच्छे टिप्स भी दिए वे लम्हे उनकी जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हे थे।
विनोद काबली
विनोद कांबली एक प्रसिद्ध क्रिकेटर है इसलिए उनके बारे में लगभग सारे भारतीय लोग जानते हैं। पर वह क्रिकेट खेलने के बाद भी गरीब रह गए और सभी युवाओं के सामने सबसे बड़ा एग्जांपल है कि सारे क्रिकेटर अमीर नहीं होते।
ऐसा नहीं की विनोद ने पैसे नहीं कमाए उन्होंने काफी पैसे कमाए और एक समय करोड़पति थे किंतु कुछ गलत आदतों और कुछ बीमारियों की वजह से उनके सारे पैसे खत्म हो गए।
उनकी पर्सनल लाइफ भी अच्छी नहीं चली जिससे वह इमोशनली कमजोर पड़ गए पड़ गए
विनोद ने दो शादियां की दोनों ही असफल रही अब वह बीमारी से लड़ रहे हैं उनका व्यवहार मासूम बच्चे जैसा हो गया है। वे शारीरिक बीमारी से भी लड़ चुके हैं मानसिक बीमारी से भी लड़ रहे हैं पर अब पहले से काफी ज्यादा ठीक है।
विनोद और सचिन तेंदुलकर ने अपना करियर एक साथ शुरू किया था दोनों खास दोस्त थे।
आज सचिन तेंदुलकर दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटर है तो वही विनोद कई डोमेस्टिक और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बावजूद भी गरीब क्रिकेटर रह गए हैं।
एक वक्त ऐसा भी आया है जब विनोद के पास इलाज करने तक के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव आगे आए और उन्होंने कहा था कि विनोद अगर ठीक से इलाज कराते हैं तो हम उनका खर्च उठाने के लिए तैयार हैं।
विनोद का गुजारा बीसीसीआई द्वारा दी गई पेंशन से चल रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोलबोर्ड ने पेंशन बढ़ा दी है और विनोद की पेंशन भी 30,000 से बढ़कर लगभग 60,000 हो चुकी है।
क्या आप जानते हैं बीसीसीआई पेंशन किस आधार पर देता है जानने के लिए हमारे सर्च बॉक्स को इस्तेमाल करें।
सचिन और विनोद दोनों एक ही कोच “रमाकांत आचरेकर” के शिष्य रहे हैं, पर आज एक बहुत ज्यादा सफल है तो एक बहुत ज्यादा असफल। इसमें कुछ रोल किस्मत का है तो कुछ रोल सेविंग्स, आदत तथा बीमारियों का भी है।
हम उम्मीद करते हैं कि विनोद कांबली हमेशा स्वस्थ रहें।
भारत के गरीब क्रिकेटर जो अमीर बन चुके हैं
भुवनेश्वर कुमार, इरफान पठान, उमेश यादव, रवींद्र जडेजा, मुनाव पटेल, रिंकू सिंह, वसीम जफर तथा प्रवीण तांबे यह सभी ऐसे खिलाड़ी है जो किसी जमाने में गरीब हुआ करते थे।
अपने खेल के सफलता की वजह से यह अब करोड़पति बन चुके हैं इसलिए अब इन्हें गरीब नहीं कहा जा सकता।
यह केवल कुछ ही नाम है ऐसे कई खिलाड़ी क्रिकेट खेलने के बाद अमीर बन चुके हैं पर बहुत सारे गरीब भी रह गए हैं उनमें से कुछ के बारे में ऊपर जिक्र किया गया है।
निष्कर्ष – विनोद कांबली तथा प्रकाश भगत देसी खिलाड़ी है जोडोमेस्टिक तथा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद भीगरीब रह गए हैं आज अपना जीवन गुजारा करने के लिएचाय का ठेला तथा निर्भर है
कमेंट बॉक्स में बताएं कि आपके आस पास डोमेस्टिक या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद भी कौन से क्रिकेटर गरीब रह गए हैं ताकि उनके बारे में यहां बताया जा सके।
