मैं गरीब हूं पर मेहनती हूं भारतीय क्रिकेटर कैसे बनूं

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मैं एक गरीब घर से हूं क्रिकेटर बनना चाहता हूं क्या करूं शुरू से बताओ यदि आपका भी यही सवाल है और आप के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन आप क्रिकेटर बनने का सपना देख चुके हैं तो आपको कुछ ठोस कदम उठाने होंगे अपने सपने को पूरा करने के लिए। 

गरीब होना कोई गुनाह नहीं है पर अपने आप को इस काबिल बनाना जरूरी है ताकि अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके और अपने परिवार की भी मदद की जा सके।  

गरीब होने का यह मतलब नहीं कि कोई व्यक्ति सपना नहीं देख सकता और उसे पूरा नहीं कर सकता। यदि आपने क्रिकेटर बनने का सपना देखा है और आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो चिंता ना करें आज मैं आपको बिना पैसे खर्च किए या बहुत कम पैसे खर्च कर क्रिकेटर बनने की विधि बताने जा रहा हूं। इस लेख को पूरा और ध्यान से पढ़ें फिर भी मन में कोई डाउट रह जाए तो कमेंट बॉक्स में बेहिचक पूछे। देर से या जल्दी आपको जवाब जरूर मिलेगा क्योंकि आपकी तरह क्रिकेट मेरा भी पैशन है और मैं क्रिकेट की बारीक से बारीक जानकारी हर व्यक्ति तक पहुंचाना चाहता हूं। 

मैं गरीब हूं पर मेहनती हूं भारतीय क्रिकेटर कैसे बनूं

महंगी क्रिकेट कोचिंग क्लब का विकल्प

नियमित क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए लोग क्रिकेट क्लब ज्वाइन करते हैं और क्लब जॉइन करने के लिए फीस चुकानी होती है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनके पास क्लब जॉइन करने के पैसे नहीं होते हैं ऐसे लोगों के पास दो विकल्प हैं पहला क्रिकेट का कुछ सामान जमा कर घर में खुद ही प्रैक्टिस करें। दूसरा, आपके स्कूल में ही क्रिकेट क्लब शुरू हो जाए तो आपको स्कूल के दौरान ही क्रिकेट प्रैक्टिस का भरपूर मौका मिल जाएगा। स्कूल में क्रिकेट क्लब एक बेहतरीन विकल्प है उन लोगों के लिए जो बाहर महंगी क्रिकेट कोचिंग क्लब ज्वाइन नहीं कर पाते हैं। किंतु इसके लिए स्कूल का भी जुझारू होना जरूरी है या फिर आपको अपने सभी दोस्तों को एकत्रित कर अपने स्कूल से बात करनी होगी कि हमें स्कूल में ही क्रिकेट कोचिंग क्लब प्रोवाइड कराएं। इतना तो अपने पैशन के लिए किसी भी व्यक्ति को करना ही चाहिए और यदि स्कूल मान गया तो उन सभी बच्चों की मुश्किलें हल हो जाएंगी जो महंगे क्रिकेट क्लब ज्वाइन नहीं कर पाते हैं।

घर पर क्रिकेट प्रैक्टिस ऐसे करें 

यदि आप घर पर ही प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो क्रिकेट का पूरा किट जमा करने की जरूरत नहीं है आपको बस एक बल्ला और गेंद बनाने की जरूरत है जी हां आपने ठीक पढा खरीदने की नहीं बनाने की जरूरत है। बल्ला बनाने के लिए आप किसी वेस्ट फट्टे या फर्नीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं और शुरू में टेनिस बॉल से प्रैक्टिस कर सकते हैं जिसे आप को खरीदना ही होगा और बल्ले के मुकाबले गेंद खरीदना काफी सस्ता है।  अब आपके पास एक बल्ला और गेंद है जिससे आप अपनी शुरुआत की प्रैक्टिस कर सकते हैं। हालांकि, प्रैक्टिस दो लोगों में अच्छी होती है, यदि आप अपने घर में एक लौते हैं जो क्रिकेट खेलना चाहता है और आपका कोई खास दोस्त नहीं है या फिर उनके घर काफी दूर है। तो ऐसे में आपको रोप बॉल प्रैक्टिस करनी चाहिए। रोप के रूप में आप किसी पुरानी चादर का इस्तेमाल कर सकते हैं और उसमें गेंद को बांध दें। बेहतर यह होगा कि किसी पेड़ का चुनाव करें और उसके टहनी से इसे बांध दें ताकि आपके घर के बाकी सदस्य या कोई और सदस्य डिस्टर्ब ना हो।

अब आपके पास तीन साधन है बल्ला, गेंद तथा प्रैक्टिस करने के लिए रोप बॉल। अब आपकी जिम्मेदारी एक टाइम टेबल बनाने की और इस टाइम टेबल के अनुसार आपको रोज प्रैक्टिस करनी है। 

बैटिंग पैड का निर्माण करें

यदि आप बैटिंग पैड खरीद नहीं सकते तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है और ना ही गरीबी को कोसने की आवश्यकता है आखिरकार क्रिएटिविटी नामक भी कोई चीज होती है। अपने अंदर के क्रिएटिव इंसान को जगआइए और शुरू हो जाइए। भारत में क्रिएटिविटी को जुगाड़ भी कहा जाता है अब आपको हंसी आ रही है  आपको पसंद आए या ना आए पर यह सच है। बैटिंग पैड बनाने के लिए पुराने गद्दे की आवश्यकता है जो पलंग पर बिछाए जाते हैं और बहुत पुराने हो जाने पर उन्हें फेंक दिया जाता है या कबाड़ी को बेच दिया जाता है। यह गद्दे किसी रद्दी की दुकान में काफी सस्ते में आपको मिल जाएंगे और यदि आप के घर का गद्दा पुराना हो चुका है तो उसे इस्तेमाल करें। गद्दा अरेंज करने के बाद आपको बांस की छोटी-छोटी लकड़ियों की आवश्यकता पड़ेगी, लगान फिल्म याद आ रही है, फिल्मों में हर चीज गप नहीं होती बल्कि हमें उनसे सीखना होता है। गद्दा और बांस की लकड़ियां अरेंज हो जाने पर इनसे पैड का निर्माण करें। 

हेलमेट की व्यवस्था करें

आपको एक सेकंड हैंड हेलमेट की आवश्यकता पड़ेगी या अपने घर के किसी पुराने और टूटे-फूटे हेलमेट का इस्तेमाल करें। हेलमेट पर आप बांस की लकड़ियों को सेट कर सकते हैं ताकि आपको क्रिकेट वाले हेलमेट की फीलिंग आ सके। अब आपके पास क्रिकेट की अधिकतम सामग्री हो चुकी है और प्रैक्टिस करने के लिए इतनी सामग्री काफी होती है जहां तक बैटिंग ग्लव्स की बात है तो आप गर्मियों में सर्दियों वाले मोटे दस्ताने खरीद सकते हैं काफी सस्ते मिल जाएंगे। 

कहते हैं साधन निमित्त मात्र है असल में व्यक्ति की दृढ़ संकल्पना ही उसे आगे ले जाती है। साधन तो सस्ते और महंगे या जुगाड़ से अरेंज किए जा सकते हैं किंतु उनका इस्तेमाल कर नियमित प्रैक्टिस करना ही साधना है। ध्यान रखें साधन से कहीं ज्यादा बड़ी साधना है इसलिए जो भी आपके पास है उनका इस्तेमाल करें और उनसे ही काम चलाएं और कड़ी तपस्या के रूप में निरंतर प्रैक्टिस करें।  

एकलव्य और करण

हम सब ने महाभारत में पढ़ा था की अर्जुन सबसे बड़े धनुर्धरी हैं और यह भी पढ़ा था कि एकलव्य और करण अर्जुन से भी बड़े धनुर्धरी थे। करण गलत लोगों की संगत के कारण अपनी विद्या धीरे-धीरे खो रहे थे और उन्हें कभी भी इतनी बड़ी प्रतिष्ठा और मान नहीं मिला जितना उनका कद और टैलेंट था। एकलव्य को गुरु द्रोण की पार्शियल्टी का शिकार होना पड़ा लेकिन उन्होंने गुरु दक्षिणा की एक नई परंपरा शुरू की और अपना नाम इतिहास तथा भविष्य के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज करा लिया। 

कहने का तात्पर्य यह है की अर्जुन के पास टैलेंट तथा गुरु गाइडेंस के साथ सब कुछ था लेकिन करण और एकलव्य ने खुद विद्या सीखी थी उसके बावजूद भी अर्जुन से बड़े धनुर्धरी के नाम से जाने जाते रहे हैं। एक कारण यहां भी दिखता है कि इन दोनों ने भले ही सब कुछ खुद किया लेकिन यह श्रेय अपने गुरुओं को देते हैं। एक बात मान लो गुरु कृपा जिस पर पड़ जाए उसे सिद्धि प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। 

जो लोग क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं उन्हें भी करण और एकलव्य से सीख लेते हुए खुद ही क्रिकेट का सामान बना लेना चाहिए और निरंतर प्रैक्टिस के लिए एक आदर्श टाइम टेबल को फॉलो करना चाहिए। यदि आप एक आदर्श क्रिकेट प्रैक्टिस टाइम टेबल जानना चाहते हैं तो कमेंट कर बताएं उस पर मैं एक पूरा लेख लेकर आऊंगा। 

क्रिकेटर बनने के लिए सबसे पहले यह फॉर्म भरे

एक बार क्रिकेट किट की परेशानी से आप आगे निकल आओ और आपकी प्रैक्टिस शुरू हो जाए आपके अंदर हौसला आ जाए तो वक्त आता है क्रिकेटर बनने के लिए पहले कदम का। सबसे पहला नंबर आता है डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट का जी हां यदि आपको क्रिकेटर बनना है तो आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल देना होगा जो प्रतिवर्ष होता है। और हर साल उसके फॉर्म निकलते हैं जिन्हें भर ट्रायल में पार्टिसिपेट किया जा सकता है। यदि आप डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में लगातार पूरे साल अच्छा प्रदर्शन कर पाए तो उसके बाद स्टेट क्रिकेट में आपका सिलेक्शन होगा। स्टेट क्रिकेट में लगातार साल भर अच्छा खेलने के बाद आपको डोमेस्टिक क्रिकेट ट्रायल देने का मौका मिलेगा और यहां से आपको इंटरनेशनल क्रिकेट के मैदान की मिट्टी की खुशबू आनी शुरू हो जाएगी, यहां से सपने और भी बड़े होने शुरू हो जाएंगे।


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