खो खो ग्राउंड का साइज 27 मी x 16 मीटर होता है, दोनों पोल के बीच की दूरी 24 मी पोल का व्यास 9 से 10 सेंटीमीटर जानिए पूरा खो खो ग्राउंड मेजरमेंट।
खो-खो खेल फेडरेशन अनुसार खो खो कोर्ट साइज 27 मी x 16 मी, पोलो की दूरी 24 मी, आसन्न क्रॉस लेन दूरी 2.3 मी, पोल ऊंचाई 120 – 125 सेंटीमीटर, फ्री जोन एरिया 1.5 मीटर, सेंटर लाइन 30 तथा क्रॉस लेन चौड़ाई 35 सेंटीमीटर होता है।
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खो खो ग्राउंड मेजरमेंट (Kho kho ground measurement)
खो खो एक बहुत पुराना खेल है जो सदियों से भारत में खेला जाता रहा है। कबड्डी की तरह यह खेल भी स्कूलों में छोटे और बड़े बच्चों के बीच लोकप्रिय है। यह ऐसा खेल है जो तीसरी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी बच्चे खेलते हैं।
खो खो कोर्ट मेजरमेंट बताइए (Tell about kho kho court measurement)
खो-खो खेल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के अनुसार खो खो ग्राउंड का एक निश्चित मापदंड है इसके बारे में नीचे विस्तार सेदिया गया है:
- कोर्ट साइज 27 x 16 मीटर (89 x 52 फीट) होता है।
- दोनों पोल के बीच की दूरी 24 मी होती है।
- सेंटर लाइन की चौड़ाई 30 सेंटीमीटर (12 इंच) होती है
- सिटिंग एरिया जहां चेजर्स बैठते हैं, कोर्ट के एक साइड से दूसरी साइड जाते हैं वहां से एक क्रॉस लेन होती है उस क्रॉस लेन की चौड़ाई 35 सेंटीमीटर (14इंच) होती है।
- आसन्न (adjacent) क्रॉस लेन की दूरी 2.3 मीटर (7.7 इंच) होती है।
- प्रत्येक पोल और उसके बीच आसन्न क्रॉस लेन की दूरी 2.55 मी (8 फीट 4 इंच) होती है।
- प्रत्येक खो-खो पोल की हाइट 120 से 125 सेंटीमीटर (47 से 49 इंच) है।
- पोल का व्यास 9 से 10 सेंटीमीटर (3.5-3.9 इंच) होता है।
- खो खो पोल चिकने और गोल होते हैं जिसमें कोई नुकीला किनारा नहीं होता, ताकि खिलाड़ी सुरक्षित रहे।
- प्रत्येक पोल के पीछे का एरिया फ्री जोन कहलाता है जो लगभग 1.5 मीटर (4 फीट 11 इंच) का होता है।
- फ्री जोन में चेज़र की गतिविधियों पर कोई प्रतिबंधन नहीं होता, वह स्लाइड करते हुए या दौड़ते हुए वहां तक पहुंच सकता है।
खो खो खेल के बारे में बताइए (Tell about kho kho game)
इस खेल की खासियत यह है कि मनोरंजन के लिए खेलते समय इसमें किसी भी प्रकार का सामान नहीं चाहिए होता है, केवल कुछ खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है।
खेल फेडरेशन अनुसार खो खो ग्राउंड मेजरमेंट 27 x 16 मीटर है। इसका ग्राउंड छोटा होता है अतः यह खेल किसी भी स्कूल ग्राउंड के कोने में खेला जा सकता है। असल मैच में भी इसमें किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती केवल दो लकड़ी के खंबे खो-खो कोर्ट के दोनों ओर लगाने होते हैं।
खो खो की प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं उसके अतिरिक्त 3 खिलाड़ी रिजर्व में बैठते हैं। इन तीन खिलाड़ियों का इस्तेमाल मैच रणनीति तथा जरूरत पड़ने पर किया जाता है। खो खो खेल का एक मैच 36 मिनट का होता है जिसमें 4 पारियां होती हैं, हर पारी 9 मिनट की होती है।
इस खेल में दो टीम होती हैं एक रनर तथा दूसरी चेजर कहलाती है। रनर टीम के खिलाड़ी कोर्ट की सीमा रेखा के अंदर ही भागते हैं और चेजर खिलाड़ी उन्हें पकड़ते हैं।
टॉस के पश्चात फैसला किया जाता है कौन सी टीम भागेगी और कौन पकड़ेगी। पकड़ने वाली टीम खेल कोर्ट के अंदर एक पंक्ति में घुटनों के बल तैयार मुद्रा में बैठती है। इस दौरान बैठे हुए हर खिलाड़ी का मुंह उसके बगल वाले साथी खिलाड़ी के मुंह के डायरेक्शन से अलग दिशा में होता है।
एक तरफ से देखने पर पंक्ति में बैठे हुए खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी का मुह दिखेगा तो दूसरे खिलाड़ी की पीठं दिखेगी इसी प्रकार पूरी पंक्ति के खिलाड़ियों का चेहरा और पीठ दिखेगा। नीचे खो खो खेल का चित्र दिया गया है।

भागने वाली टीम में से एक समय पर केवल तीन खिलाड़ी मैदान के अंदर भाग सकते हैं। पकड़ने वाली टीम में से केवल एक खिलाड़ी पकड़ने के लिए उनके पीछे भागता है। मैच की शुरुआत में भागने वाली टीम के 3 खिलाड़ी एक तरफ के खंभे के आसपास रहते हैं जबकि पकड़ने वाले टीम का 1 खिलाड़ी दूसरे खंबे के पीछे खड़ा होता है और रेफरी के विसल बजाने पर खेल शुरू हो जाता है।
खो खो मैदान बनाना आसान होता है, खास तौर पर खो-खो ग्राउंड मेजरमेंट पता चलने के बाद यह आसानी से बनाया जा सकता है। यह अधिकतर स्कूल – कॉलेज में बनाए जाते हैं आप भी अपने घर के पास बना सकते हैं।
निष्कर्ष – खो खो ग्राउंड मेजरमेंट 27 x 16 मीटर, दोनों पोल के बीच की दूरी 24 मी तथा सेंटर लाइन की चौड़ाई 30 सेंटीमीटर है। खो खो ग्राउंड के दोनों छोर पर दो पोल लगे होते यह पोल बिना नुकीले किनारे के चिकने और गोल होते हैं।