स्पिन बोलिंग कैसे करें

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स्पिन बोलिंग कैसे करते हैं यह सभी जानना चाहते हैं और निरंतर प्रयास से यह मुमकिन भी है, इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको स्पिन बोलिंग करने का तरीका बताऊंगा और साथ ही कुछ स्पिन बोलिंग टिप्स इन हिंदी में आपके लिए लाया हूँ। स्पिन बोलिंग टिप्स विद टेनिस बॉल भी हम जानेंगे और साथ ही स्पिन बॉलिंग टाइप्स भी जानेंगे।

स्पिन बौलिंग टाइप्स

दोस्तों यह तो सबको पता है की स्पिन बोलिंग मुख्यतः दो प्रकार की होती है ऑफ स्पिन और लेग स्पिन पर इनके आलावा स्पिन प्रकार और होते जैसे ऑर्थोडॉक्स स्पिन। आज हम ऑफ़ स्पिन और लेग स्पिन के बारे में बात करेंगे और आप भी जान पाएंगे के ऑफ़स्पिनर कैसे बनते हैं या लेग स्पिनर कैसे बने शुरुआत हम गृप और रन अप से करते हैं।

स्पिन बॉलिंग ग्रिप

  • स्पिन बोलिंग हो या फ़ास्ट बॉलिंग दोनों में गृप की अहम् भूमिका होती है और स्पिन बोलिंग टेक्निक भी दो तरह की होती है एक फिंगर स्पिन और दूसरी रिस्ट स्पिन यानि कलाई का इस्तेमाल कर गेंद को स्पिन कराना।
  • बॉल को सिलाई के ऊपर से न पकड़े बल्कि सिलाई को क्रॉस में पकडे इसे क्रॉस सीम भी कहते हैं। बॉल को इस तरह से गृप करने से बॉल हाथ से फिसलती नहीं है और स्पिन करने में मदद भी मिलती है क्योंकि इस तरह से बॉल सीधी सिलाई पर टिप नहीं खाती बल्कि क्रॉस सिलाई या बिन सिलाई पर टिप खाए आगे जाती है जिससे बॉल थोड़ा ठहर कर स्पिन होकर बल्लेबाज़ तक पहुँचती है पर जब बॉल सीधी सिलाई पे टप्पा खाती है तो स्किड कर तेज़ जाती है जो फ़ास्ट बॉलर को मदद करती है।

ऑफ स्पिन vs लेग स्पिन

  • ऑफ स्पिन कैसे करे और लेग स्पिन बॉल कैसे डाले यह जानने के लिए ऑफ़ स्पिन वेरिएशन और लेग स्पिन बॉल टाइप्स के बारे में मालूम होना चाहिए हालाँकि लेग स्पिन बॉल ट्रेनिंग से जल्दी सीखी जा सकती है और ऑफ स्पिन बोलिंग ड्रिल्स से आपको अच्छी मदद मिल सकती है। चलिए दोनों को बारी बारी जानने की कोशिश करते हैं।
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ऑफ स्पिन बोलिंग कैसे करें

स्पिन बोलिंग टिप्स – दोस्तों ऑफ स्पिन भी दो तरह से की जा सकती है एक ऑफ स्पिन फिंगर गृप और दूसरा रिस्टऑफ स्पिन चलिए दोनों को एक-एक कर समझते हैं।

ऑफ स्पिन फिंगर गृप – इसे ऑफ स्पिन फिंगर स्पिन भी कहते हैं इसमें बॉल को गृप करते वक्त अंगूठे और इंडेक्स फिंगर ( अंगूठे के बगल वाली ऊँगली ) के बीच 2 इंच की दूरी रखनी होती है और बॉल छोड़ते वक्त अंगूठा ऊपर से नीचे की ओर आएगा।

wrist off spin- इस तरह की स्पिन में कलाई का इस्तेमाल होता है बॉल को पूरी मुट्ठी में पकड़ लें यानि उँगलियों में गैप देने की बजाए बॉल को सही तरह से पकड़ने पर ध्यान लगाएं ताकि छोड़ते वक्त सही ठिकाने पर गिरे। बॉल को रिलीज़ करने से ठीक पहले अपने रिस्ट को अंदर की ओर मोड़ें और फिर बॉल छोड़ते वक्त हाथ ऐसे खोलें की आपकी हथेली आसमान की ओर हो ध्यान दें बॉल को रिलीज़ करने के बाद आपकी हथेली आसमान की ओर हो तभी आपकी बॉल सही तरीके से ऑफ स्पिन हो पाएगी।

लेग स्पिन बोलिंग कैसे करें

  • लेग स्पिन बोलिंग टिप्स – लैग स्पिन बोलिंग करते समय खास तौर पर रिलीज़ के वक्त अंगूठा नीचे की ओर आएगा और उँगलियाँ ऊपर की जाएंगी, लिटिल फिंगर सबसे ऊपर होगी। लेग स्पिन बोलिंग आप लेग स्पिन बोलिंग ड्रिल करके भी सुधार सकते हैं लैग स्पिन बोलिंग ऐक्शन जितना हो सके सिंपल रखें और बिलकुल स्मूथ रन अप होना चाहिए।
  • लैग स्पिन बोलिंग गृप करते वक्त अंघूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच कोई खास गैप ना रखें वह गैप ऑफ स्पिन बॉलिंग गृप के लिए ज़रूरी होता है न की लैग स्पिन बोलिंग में। बांग्लादेश के धुरंदर गेंदबाज़ राशिदखान लैग स्पिन बोलिंग टेक्निक भी कुछ इसी तरह से है और निरतंर प्रैक्टिस के बाद आप भी लैग स्पिन बोलिंग गूगलि कर सकते हैं जिसके लिए रशीद खान जाने जाते हैं।
  • दोस्तों एक बात जान लें लेग स्पिन बोलिंग वेरिएशंस प्रदान करता है इसमें आप लेग स्पिन बोलिंग गूगलि का अच्छा इस्तेमाल कर सकते हैं।

स्पिन गेंदबाज़ी तकनीक

  • स्पिन गेंदबाज़ी का मुख्य उद्देश्य गेंद को पिच पर टिप्प खाने के बाद किसी भी एक दिशा में घुमाना होता है। स्पिन गेंदबाज़ी में गति ज़्यादा मायने नहीं रखती बल्कि गेंद को ज़्यादा एंगल में घुमाना मायने रखता है
  • अच्छी स्पिन करने के लिए बॉल को 80 से 90 km प्रति घंटा के हिसाब से करना उचित है ज़्यादा स्लो यानि 70 या ज़्यादा फ़ास्ट यानि 100 के ऊपर स्पिन बाउल करना सही नहीं क्योंकि ज़्यादा स्लो में बल्लेबाज़ के लिए चहलकदमी करके उसकी पिच तक पहुँच कर शॉट खेलना आसान हो जाता है और ज़्यादा फ़ास्ट तो स्पिन ही नहीं होगी इसलिए उसका फायदा नहीं।

स्पिन बोलिंग कैसे करते हैं

दोस्तों स्पिन बोलिंग में कुछ वैरिएशंस भी होते हैं जो गेंदबाज़ को मौका देते हैं कुछ अलग कर विकेट निकालने का। ऑफ स्पिन बोलिंग वेरिएशंस के साथ लेग स्पिन बोलिंग वेरिएशंस भी होते हैं आइये देखते हैं कुछ रोचक क्रिकेट स्पिन बोलिंग वेरिएशंस।

  • गुगली
  • दूसरा
  • फ्लिपर
  • स्लाइडर
  • कैरम बॉल
  • टॉप स्पिनर
  • Arm ball

गूगलि बोलिंग टेक्निक – गुगली बॉल वह बॉल होती है जो एक लेग स्पिनर अचानक से करता है और गेंद लेग स्पिन होने की बजाए ऑफ स्पिन हो जाती है । गुगली बॉल गृप करने के लिए आप इंडेक्स फिंगर और उसकी बगल वाली ऊँगली के बीच थोड़ा गैप रखें तथा लास्ट की दो उँगलियाँ फोल्ड कर लें साथ ही अंगूठे के ऊपरी हिस्से को इंडेक्स फिंगर से टच करें। यह गेंद हाथ के पिछले हिस्से से निकलती है और ध्यान रहे इसका टिप्पा ऑफ स्टंप या मिडिल स्टंप पर गिरे ताकि अंदर आते वक्त सीधे विकेट पर लगे गलती से भी इसका टिप्पा लेग स्टंप पर ना करें वार्ना वाइड गेंद चली जाएगी।

गूगलि बोलिंग टिप्स – सबसे पहले तो टिप्पा ऑफ स्टम्प के पास रखें, आपके रन अप में कोई चेंज नहीं होना चाहिए वर्ना बल्लेबाज़ भांप लेगा, बोलिंग स्पीड में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। राशिद खान को गुगली बॉल कैसे करें में महारत हांसिल है और साथ ही आईपीएल में कई बार पियूष चावला ने भी गुगली से कई विकेट निकाले हैं और गूगलि बॉल कैसे डालें पर यकीनन अच्छे लेसन दिए हैं।

दूसरा बोलिंग टिप्स – जब कोई गेंद ऑफ स्पिन होने की बजाए सीधा निकल जाए तो उसे दूसरा बोल कहते हैं। दूसरा बोलिंग कैसे करें यदि ये सवाल आपके मन में है तो मैं आपको बता दूँ दूसरा बोलिंग ऑफ स्पिनर का खास हथियार हुआ करता था और इसमें आपको अपने एक्शन का खास ध्यान रखना होता है दूसरा करते वक्त बॉल को स्पिन ना करके सीधा ही छोड़ें।

 स्पिन बॉलिंग ट्रिक्स प्रश्न उत्तर ( एफ ए क्यू )

दूसरा बौल की खोज किसने की ?

दूसरा बोलिंग इन क्रिकेट – क्रिकेट में दूसरा बोलिंग की खोज पाकिस्तान के महत्वकांशी स्पिन गेंदबाज़ सकलेन मुश्ताक के द्वारा की गई ऐसा माना जाता है। दूसरा बोल एक समय ऑफ स्पिनर का प्रमुख हथियार बन गया था पर कुछ ऐसे भी स्पिनर रहे हैं जिनके लिए ‘दूसरा बोलिंग बैन्ड’ यानि की दूसरा बोलिंग उनके एक्शन के वजह से उन्हें मना कर दिया गया था जोहन बोथा और शेन शिलिंगफोर्ड ऐसे गेंदबाज़ हैं जिन्हे उनके दूसरा बोलिंग एक्शन के वजह से दूसरा बॉलिंग बैन कर दिया गया था।

फ्लिपर बोलिंग कैसे करते हैं ?

फ्लिपर बोलिंग लेग स्पिनर के द्वारा की जाती है यह स्लाइडर बौल के उलट होती है और काफी हद तक टॉप स्पिन के जैसी होती है।

कैरम बॉल कैसे डालते हैं ?

cricket age limit

कैरम बॉल इन क्रिकेट – अश्विन को कैरम बॉल का विशेषज्ञ माना जाता है कैरम बॉल की शुरुआत 1940 में हुई थी जो की बाद में 2008 में अजंता मेंडिस श्रीलंका क्रिकेट खिलाडी द्वारा दोबारा चलन में लाइ गई और आगे चल कर अश्विन जैसे दिग्गज गेंदबाज़ों का मुख्य हथियार बनी। कैरम बोल डालने के लिए मिडिल फिंगर को बॉल के पीछे की ओर रखा जाता है ओर बॉल रिलीज़ करते वक्त उस फिंगर से बॉल को पुश किया जाता है ठीक वैसे ही जैसे कैरम बोर्ड गेम में स्ट्राइकर को मिडिल फिंगर से पुश किया जाता है ओर इसलिए इस बॉल को कैरम बॉल कहा जाता है।

स्लाइडर बॉल कैसे करें ?

स्लाइडर बॉल इन क्रिकेट – दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं की स्लाइडर बॉल कैसे करते हैं जिसमे स्लाइडर बॉल गृप करने का तरीका बताया गया हो तो निचे वीडियो देख सकते हैं जिसमे स्पिन करने का तरीका भी बताया गया है। अमूमन स्लाइडर बोल रिस्ट स्पिनर के द्वारा की जाती है और यह बैक स्पिन और साइड स्पिन का मिक्सचर होती है। स्लाइडर गेंद टॉप स्पिन की भांति ज़्यादा बाउंस नहीं लेती और थोड़ा निचे रहती है और यह गेंद ज़्यादा लेग स्पिन भी नहीं होती जिससे बैट्समैन चकमा खा जाता है।

हाउ टू बॉल टॉप स्पिनर ?

टॉप स्पिनर बोलिंग लेग स्पिनर और ऑफ स्पिनर दोनों करते हैं साथ ही यह रिस्ट स्पिनर और फिंगर स्पिनर दोनों कर सकते हैं। टॉप स्पिन बॉल को उँगलियों के ऊपर से इस तरह से छोड़ा जाता है की वह सामान्य गेंद की तुलना में अधिक उछाल और तेज़ी से गिरती है यह गेंद हवा के दबाव से अपनी गति को बदलने में कामयाब होती है क्योंकि यह अधिक ऊंचाई से रिलीज़ की जाती है।

बैटिंग कैसे करें ?

सबसे पहले लेग स्टम्प या मिडिल स्टम्प का गार्ड ले लें और दोनों पैरों के बीच एक फुट का गैप रखें। दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ का बांया कन्धा बिलकुल सामने की ओर होना चाहिए और सामने वाले अम्पायर को भी बल्लेबाज़ का दांया कन्धा नहीं दिखना चाहिए अब बॉलर पर नज़र रखें और हर बॉल के अनुसार शॉट खेलें कोई भी शॉट पहले से प्लान ना करें।

फुल लेंथ या ओवर पिच गेंद को फ्रंट फुट पर खेलें और छोटी या हाफ पिच गेंद को बैक फुट पर खेलें। ताकत से ज़्यादा टाइमिंग पर ध्यान दें और ज़्यादातर ग्राउंड शॉट खेलें पर जब भी हवा में शॉट खेलें तो पूरा शॉट खेलें। सिंगल्स को डबल्स में कन्वर्ट करने के मौके ना गवाएं और सिर्फ चौके छक्के के बारे में ना सोचें सिंगल्स भी निकालते रहें ताकि स्ट्राइक रोटेट होती रहे।

आर्म बॉल इन क्रिकेट – इसमें गेंदबाज़ स्पिन करने के बजाए थोड़ा आर्म का ताकत लगाता है जिससे गेंद तेज़ और सीधी निकल जाती है।

हाथ घुमाकर बोलिंग कैसे करें

  • हाथ घुमाकर बॉलिंग करने के लिए सबसे पहले पेस को भूल जाइये और स्लो बॉलिंग करें इस वक्त आपका सारा ध्यान सही बॉलिंग एक्शन पर होना चाहिए इसलिए वाइड और नो बॉल की चिंता ना करें सिर्फ हाथ पूरा घुमाएं इसी बात पर फोकस करें। एक निश्चित रन अप रखें और डेली उसका अभ्यास करें, डेली समान रन अप से आपका रिदम सही बनेगा।
  • दोनों हाथों का इस्तेमाल करना ज़रूरी होता है, नॉन बॉलिंग आर्म भी सही जगह पर होना ज़रूरी होता है तभी आप हाथ घुमाकर बॉलिंग कर पाएंगे। जब आप बॉलिंग एक्शन पे आते हैं तो शुरू में दोनों हाथ यानि बॉलिंग और नॉन बॉलिंग आर्म चेहरे के सामने होंगे पर जैसे जैसे बॉलिंग आर्म नीचे की दिशा में आपकी दांयी थाई से होते हुए पीछे की और जाएगा वैसे वैसे नॉन बॉलिंग आर्म भी नीचे की तरफ आना चाहिए और बॉडी लाइन पर होल्ड हो जाएगा।

हाथ घुमाकर बोलिंग करने के ड्रिल्स

शैडो बॉलिंग – शैडो बॉलिंग करें यानि की अपनी ही परछाई को देखकर एक्शन सुधरने की कोशिश करें और यह अभ्यास एक दिन में 40 से 50 बार डेली करे तो आपको इससे सीधा फायदा मिलेगा क्योंकि 15 दिन बाद यह आपकी आदत बन जाएगा और एक्शन में सही मायने में सुधार हो जाएगा।

दीवार का सहारा लें – एक पुरानी गेंद लें और उससे दीवार पर लगातार बॉलिंग की प्रैक्टिस करें इससे आपका समय भी बचेगा और एक अच्छा अभ्यास भी मिलेगा।

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