क्रिकेट के नियमों में कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं और जब हम समझते हैं कि हम क्रिकेट को अच्छी तरह समझने लगे हैं उसी दौरान कुछ ऐसा नियम आ जाता है जिसे जानना जरूरी हो जाता है। हाल ही में एक ऐसा नियम आया है जिससे क्रिकेट में खिलाड़ियों की संख्या ही बदल गई और यहां मैं मैदान में खेलने वाले खिलाड़ी की बात कर रहा हूं। इस नए नियम का नाम है “इंपैक्ट प्लेयर” और इस नियम से पहले मैदान में केवल 11 खिलाड़ी खेलते थे किंतु अब मैदान में 12 खिलाड़ी खेलते हैं। नीचे दिए गए पहले पैराग्राफ में इंपैक्ट प्लेयर नियम को आप विस्तार से समझ सकते हैं।
क्विक ओवरव्यू – मैदान पर 11 खिलाड़ी खेलते हैं, इंपैक्ट नियम के तहत 12 खिलाड़ी मैदान में योगदान देते हैं, एक टीम में 15 खिलाड़ी होते हैं जिसमें से 11 मैदान पर खेलते हैं और 4 रिजर्व होते हैं, खेल रहे खिलाड़ि के मैच से बाहर होने पर रिजर्व खिलाड़ियों का इस्तेमाल होता है।
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क्रिकेट में कितने प्लेयर होते हैं 11 या 12
इंपैक्ट प्लेयर नियम – इस नियम के अंतर्गत टीम में खेलने वाले 11 खिलाड़ियों के अलावा 5 खिलाड़ियों को इंपैक्ट प्लेयर की लिस्ट में शामिल किया जाता है और मैच के दौरान सिचुएशन के हिसाब से कप्तान उनमें से किसी एक खिलाड़ी को चुनता है। इस नियम के तहत कप्तान को टॉस के बाद तुरंत 5 अतिरिक्त खिलाड़ी के नाम बताने होते हैं जिन्हें उसने इंपैक्ट प्लेयर के रूप में सिलेक्ट किया है। यह निर्णय कप्तान लेगा कि उसे इंपैक्ट प्लेयर को किस रूप में इस्तेमाल करना है या तो वह उससे गेंदबाजी करा सकता है या फिर बल्लेबाजी करवा सकता है।
अक्सर कप्तान मैच सिचुएशन के हिसाब से इंपैक्ट प्लेयर का इस्तेमाल करते हैं और बीते आईपीएल में इस नए नियम की काफी चर्चा भी हुई क्योंकि कप्तानों ने प्लेयर को अपने हिसाब से इस्तेमाल किया। हालांकि अभी इस नियम की शुरुआत हुई है इसलिए काफी सारे कप्तान इसे अच्छी तरह इस्तेमाल नहीं कर पाए पर आने वाले वक्त में इंपैक्ट प्लेयर नियम मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित होते दिखेगा।
आमतौर पर क्रिकेट में खिलाड़ियों की संख्या 15 होती है जिनमें से कप्तान को प्लेइंग इलेवन चुनने होते हैं पर इंपैक्ट प्लेयर नियम के बाद टी20 में प्लेइंग 12 चुने जा रहे हैं और हम कह सकते हैं टी20 क्रिकेट में खिलाड़ियों की संख्या 12 हो चुकी है। हो सकता है बहुत जल्द यहा नियम एकदिवसीय मुकाबलों में भी दिखेगा। इसी साल यानी 2023 सितंबर से वर्ल्ड कप शुरू हो रहे हैं और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के अनुसार इस नियम को वर्ल्ड कप में शामिल किया जा सकता है।
हाउ मेनी प्लेयर्स इन क्रिकेट
क्रिकेट में एक टीम में 15 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से कप्तान अपने आप को मिलाकर प्लेइंग इलेवन चुनता है जो मैदान पर खेलते हैं और बाकी चार खिलाड़ी रिजर्व में रहते हैं। कप्तान 4 रिजर्व खिलाड़ियों में से एक को ट्वेल्थ मैन नियुक्त करता है। और ट्वेल्थ मैन का इस्तेमाल किया जाता है जब खेल रहे 11 खिलाड़ियों में से कोई चोटिल हो जाता है। 12वे खिलाड़ी का इस्तेमाल कप्तान द्वारा अक्सर अपनी टीम के बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ियों को मैसेज देने के लिए किया जाता है।
इसके अलावा आपने बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ियों के पास एक आदमी को बोतल में पानी ले जाते हुए देखा होगा असल में वह बारवा खिलाड़ी ही होता है जिसे यह कार्यभार भी सौंपा जाता है। यहीं एक दिलचस्प बात शेयर कर दूं पूरी दुनिया में दादा उर्फ सौरव गांगुली ही ऐसे 12वे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने अपने साथियों के लिए पानी की बोतल ले जाने से मना कर दिया था। यदि प्लेइंग इलेवन में से कोई खिलाड़ी सुबह-सुबह बीमार पड़ जाता है तो उसकी जगह कप्तान 12वे खिलाड़ी को चुनता है हालांकि कप्तान के पास एक विशेष अधिकार होता है जिसका इस्तेमाल कर वह 12वे खिलाड़ी की बजाए बाकी बचे रिजर्व खिलाड़ियों में से किसी भी खिलाड़ी को मैच में खिला सकता है।
क्रिकेट में खिलाड़ियों की संख्या 11 क्यों होती है
एक टीम में भले ही 15 खिलाड़ियों का चयन होता हो लेकिन मैदान पर एक टीम के केवल 11 खिलाड़ी ही खेलते हैं। इन 11 खिलाड़ियों में से कुछ गेंदबाज कुछ बल्लेबाज तथा एक विकेटकीपर होता है। यह कप्तान की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह अधिक गेंदबाज खिलाए या बल्लेबाज। कप्तान यह फैसला क्रिकेट पिच को पढ़ने के बाद करता है। एक टीम में 4-5 बल्लेबाज तथा 4-5 गेंदबाज होते हैं इनके अलावा एक विकेटकीपर होता है। यदि पिच गेंदबाजी के अनुकूल लगता है तो कप्तान 5-6 गेंदबाज भी शामिल कर सकता है और 4 से 5 बल्लेबाज खिला सकता है। अगर कप्तान को पिच बल्लेबाजी के अनुकूल लगती है तो वह 5-7 बल्लेबाज भी खिला सकता है और 3 से 4 गेंदबाज रख सकता है।
इन्हीं में कुछ खिलाड़ी ऑलराउंडर होते हैं जो की गेंदबाज़ी और बल्लेबाजी दोनों की भूमिका निभाते हैं और अच्छे ऑलराउंडर के टीम में जगह बनाने के चांस काफी अधिक होते हैं। क्योंकि इससे कप्तान की अतिरिक्त गेंदबाज या अतिरिक्त बल्लेबाज चुनेने की सरदर्दी खत्म होती है क्योंकि ऑल राउंडर गेंदबाजी अनुकूल पिच पर गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी भी कर सकता है और बल्लेबाज अनुकूल पिच पर बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी भी कर सकता है। एडम गिलक्रिस्ट के जमाने से कप्तान ऐसे विकेटकीपर चुनने पर ज्यादा जोर देते आ रहे हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं और हर टीम के पास एक विकेटकीपर बैट्समैन होता है जैसे भारत के पास धोनी हैं।
सारांश – एक टीम में 15 खिलाड़ियों का चयन होता है जिसमें से 11 मैदान पर खेलते हैं और चार रिजर्व में रहते हैं। मैदान में खेल रहे खिलाड़ियों में से किसी के चोटील होकर बाहर होने पर रिजर्व खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले 12वे खिलाड़ी को मौका मिलता है और कई बार यह खिलाड़ी कप्तान का मैसेज लेकर बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ियों को ना सिर्फ पानी देता है बल्कि मैसेज भी देता है। इंपैक्ट प्लेयर नियम ने क्रिकेट खेलने के तरीके पर अपना प्रभाव डाला है क्योंकि अब मैदान में 11 की बजाय 12 खिलाड़ी अपना योगदान देते हुए नजर आते हैं। हालांकि मैदान में एक समय पर 11 ही खिलाड़ी खेलते हुए दिखाई देंगे क्योंकि इंपैक्ट प्लेयर के मैदान पर आने पर एक खिलाड़ी को बाहर भेज दिया जाता है।
संबंधित प्रश्न उत्तर
क्रिकेट टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं?
एक टीम में 15 खिलाड़ी होते हैं जबकि मैदान में 11 खिलाड़ी खेलते हैं।
12वे खिलाड़ी का क्या रोल होता है?
वह अपने साथी खिलाड़ियों को पानी पिलाने के अलावा कप्तान का मैसेज भी देता है।
टेनिस बॉल क्रिकेट में कितने खिलाड़ी होते हैं?
मैदान में 11 खिलाड़ी खेलते हैं।
क्रिकेट में 11 खिलाड़ी क्यों होते हैं?
11 में से पांच से छह बल्लेबाज होते हैं और चार से पांच गेंदबाज होते हैं साथ ही एक विकेटकीपर होता है।
किस खेल में 11 खिलाड़ी होते हैं?
फिरंगी खेल क्रिकेट तथा भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी में 11-11 खिलाड़ी होते हैं।
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