हालांकि सचिन तेंदुलकर ने अप्परकट शार्ट की शुरुआत की लेकिन इसका ट्रेडमार्क वीरेंद्र सहवाग के नाम पर है। वक्त के साथ और अपने नेचुरल बैकफुट स्टाइल की वजह से सहवाग ने सचिन के शॉट पर महारत हासिल की और इसे अपना बना लिया।
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अप्पर कट शॉट की शुरुआत
अप्पर कट शॉट कैसे खेले यह कोई पहेली नहीं है बल्कि सचिन तेंदुलकर को अप्परकट शॉट का जनक माना जाता है। लेकिन कई बार चेला गुरु से आगे निकल जाता है और जब वीरेंद्र सहवाग अप्परकट लगाते हैं तो यह बात सही साबित हो जाती है। हालांकि, आज सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायर हो चुके हैं लेकिन उन्होंने पिछले 22 सालों में क्रिकेट को इतना दिया है कि उनका जिक्र किए बगैर क्रिकेट अधूरा रह जाता है और सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है। हर खिलाड़ी का एक ट्रेडमार्क शॉट होता है लेकिन कई बार नई जनरेशन शॉट का जन्म करने वाले से भी अच्छा शॉट खेलने लग जाते हैं।
जैसे विराट कोहली का कवर ड्राइव जो कि एक समय मैं राहुल द्रविड़ का ट्रेडमार्क शॉट हुआ करता था। आज की डेट में रोहित शर्मा से बेहतर पुल शॉट शायद ही कोई खेलता होगा किंतु एक समय हमने सचिन तेंदुलकर को दुनिया के सबसे डिसिप्लिन गेंदबाज ग्लेन मैकग्रैथ की गुड लेंथ गेंदों पर पुल शॉट खेलते हुए देखा है, यकीन मानिए आज तक ऐसा शॉट मैंने दोबारा नहीं देखा। पुल शार्ट हाफ पिच गेंदों में मारना आसान होता है लेकिन गुड लेंथ गेंद को पुल में तब्दील करना काफी ज्यादा मुश्किल है इसके लिए अलग लेवल को बल्लेबाजी हुनर चाहिए होता है।
बहर हाल, आज हम अप्परकट शॉट की बात कर रहे हैं, लेकिन पहले सचिन के कुछ और अविष्कारि शॉट की कहानी संक्षेप में जानिए। सचिन तेंदुलकर अपने जमाने में नए नए शॉट की खोज करते रहते थे उन्होंने फ्लिक को बेहद फाइन फ्लिक में तब्दील किया और पाकिस्तान के लेजेंड गेंदबाज वसीम अकरम की गेंदबाजी के साथ उन्हें ऐसा करते हुए कई बार देखा गया। ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज शेन वॉर्न की गेंदों से निपटने के लिए उन्होंने पैडल स्वीप का आविष्कार किया इस शॉट के जरिए भी गेंद कीपर के बगल से पीछे की ओर चार रन में तब्दील हो जाती थी।
विदेशी जमीन पर गेंदों को अतिरिक्त उछाल मिलता है और इन उछाल से निपटने के लिए अक्सर बल्लेबाजों को नीचे झुक कर डक करने की सलाह दी जाती है, जो कि क्रिकेट बेसिक्स के हिसाब से एक सही रणनीति है। लेकिन सचिन तेंदुलकर कहां मानने वाले थे उन्होंने इस मुश्किल गेंद में एक मौका देखा और एक नए शाट की खोज कर डाली जिस शॉट को आज आप और हम अप्परकट के नाम से जानते हैं।
न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज के क्रिकेट पिच की मिट्टी कुछ इस प्रकार की है जिसमें गेंदबाजों को अधिक गति तथा उछाल मिलता है। इसलिए अक्सर जो तेज गेंदबाजों रैंकिंग में टॉप पर रहते हैं वे विदेशी होते हैं क्योंकि उनके डोमेस्टिक क्रिकेट में भी ऐसी ही क्रिकेट पिच मिलती है जहां पर तेज गेंदबाज को मदद मिल रही हो। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ की पिच पर गेंद काफी खतरनाक हो जाती है और उन्हें अधिक उछाल मिलता है जिसका फायदा ऑस्ट्रेलिया के लंबे गेंदबाज एकदिवसीय और टी-20 मैच में अक्सर उठाते देखे गए हैं।
सचिन तेंदुलकर ने इसी चीज को समझते हुए अपने हक में तब्दील कर दिया और शॉट पिच गेंदों पर पुल शार्ट के अलावा अप्परकट कट शॉट की काफी प्रैक्टिस की और इसमें महारत हासिल की। दुनिया के सभी अच्छे बल्लेबाज आज इस शार्ट को खेलने का प्रयास करते हैं और काफी हद तक कामयाबी हो जाते हैं।
लेकिन सचिन के अलावा या यूं कह लीजिए सचिन से भी बढ़िया अप्परकट खेलने में कामयाब हुए भारत के ही वीरेंद्र सहवाग। इसकी सबसे बड़ी वजह है सहवाग का बैकफुट पर ही खड़े रहना आपने देखा होगा सहवाग लगभग सारे शॉट बैकफुट पर ही खेलते थे और कई बार तो कवरड्राइव भी बैकफुट पर ही खेल जाते थे क्योंकि उनका हैंड आय कोआर्डिनेशन लाजवाब था। आपको क्या लगता है सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग में से ज्यादा अच्छा अप्पर कट कौन खेलता था कमेंट कर अपनी राय साझा करें।
क्रिकेट में अप्पर कट शॉट कैसे मारें सचिन सहवाग जैसा
इस शॉट को खेलने के लिए आपको बैकफुट पर चौकन्ना रहना होता है और शार्ट पिच गेंद का इंतजार करना होता है। जब शॉट पिच गेंद तेजी से बल्लेबाज के हेलमेट की ओर आए तो बल्लेबाज का बॉडी बैलेंस पीछे की ओर जाएगा और पीछे वाला पैर यानी बैकफुट थोड़ा लेग स्टम्प की दिशा में जाएगा।
इस फुटवर्क के साथ कमर को थोड़ा सा पीछे की ओर मोड़ना होगा ऐसा करने से हेलमेट की ओर तेजी से आती हुए गेंद को खेलने के लिए बल्लेबाज को अतिरिक्त समय मिलेगा और वह इस गेंद को ठीक विकेटकीपर के सर के ऊपर से खेलने में कामयाब हो पाएगा। यह तो उस गेंद को खेलने की तकनीक थी जिसमें आपको रूम नहीं मिलता अर्थात जो बल्लेबाज के शोल्डर और सर की दिशा में आती है।
अब जानते हैं जब शॉट पिच गेंद ऑफ स्टंप के बाहर बाउंस खाए तो उसे कैसे खेलते हैं।
बैकफुट पर ही खड़े रहे और लाइन को ठीक से पढ़ने की कोशिश करें। जब गेंद आधे पिच पर ऑफ स्टंप के बाहर तेजी से टप्पा खाए और उछाल भर रही हो उसे आपको पॉइंट की दिशा में पकड़ना होगा। और ऐसा करने के लिए फिर से एक बार अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करें।
इस बार पिछले पैर को हल्का सा ऑफ स्टम्प की दिशा में ले जाएं इससे बल्लेबाज को गेंद के थोड़ा नजदीक जाने का मौका मिलता है और गेंद पर बल्ला लगाना आसान होता है।
यदि आपका बैकफुट सही काम नहीं करेगा तो आप शॉट पिच गेंद को मिस कर सकते हैं। ध्यान रहे अप्पर कट शॉट खेलने में फ्रंट फुट से ज्यादा बैक फुट की भूमिका होती है।
बल्ले का मुंह आसमान की ओर रखें, शॉट खेलते वक्त एल्बो पंच करने से शॉट को तेजी मिलती है और गेंद बल्ले के ब्लेड पर लगते ही गगनचुंबी छक्के में तब्दील हो जाती है।
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