18 से 25 साल के बाद क्रिकेटर कैसे बने 3 स्टेप्स में जानें | sportsgo

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आज हर कोई यही जानना चाहता है की इंडियन क्रिकेट टीम में कैसे जाये तो आज हम आपको यह बताएंगे की आप 18 से 25 साल के बाद क्रिकेटर कैसे बने।

सबसे पहले जिला क्रिकेट, फिर स्टेट क्रिकेट, डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा। डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन, भारतीय क्रिकेट टीम, अंडर-19 टीम तथा आईपीएल में मौका।

18 से 25 साल के बाद क्रिकेटर कैसे बने 3 स्टेप्स में जानें

भारत की क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए आपको डोमेस्टिक लेवल यानी घरेलू क्रिकेट से गुजरना होगा बगैर घरेलू क्रिकेट खेले आप भारत की टीम में जगह नहीं बना सकते हैं।

घरेलु इंडियन क्रिकेट टीम में कैसे जाये

भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए आपको निम्न घरेलु क्रिकेट में अपनी जगह बनानी पड़ेगी इन सभी डोमेस्टिक क्रिकेट की सिलसिलेवार तरीके से नीचे जानकारी दी गई है। डिस्ट्रिक्ट लेवल क्रिकेट, स्टेट लेवल क्रिकेट, रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी, रेलवेज, जोन क्रिकेट।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट मैं कैसे खेले

डोमेस्टिक क्रिकेट में सबसे पहले नंबर आता है डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट का। जी हां आपको सबसे पहले डिस्टिक क्रिकेट खेलना होगा तभी आप बाकी घरेलू मैचों में अपनी जगह बना पाएंगे। आप जिस भी राज्य में रहते हैं वहां पर अलग-अलग जिले होते हैं, हर जिले का एक क्रिकेट एसोसिएशन सेंटर होता है जिसे डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन कहते हैं। आप इसे अपने क्रिकेट सफर की पहली सीढ़ी मान सकते हैं। एक राज्य में 1 से ज्यादा जिले होते हैं अतः आप अपने शहर के सबसे नजदीक वाले जिले का चयन करें।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स हर साल होते हैं। आपको ट्रायल्स का फॉर्म प्राप्त करना होगा और ट्रायल में भाग लेना होगा यदि आप सेलेक्ट हो जाते हैं तो आप अपने जिले की क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना लेते हैं।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स के फॉर्म कहां से मिलेंगे

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स के फॉर्म हर साल आते हैं यह फॉर्म आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के ऑफिस से मिल जाएंगे। ट्रायल्स की डेट आपको दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे अखबारों में 1-2 हफ्ते पहले ही पता चल पाएगी। यदि आप किसी क्रिकेट एकेडमी में है तो आपको ट्रायल्स की डेट जानने में थोड़ा ज्यादा आसानी हो जाएगी।

क्रिकेट ट्रायल मैं कैसे पार्टिसिपेट करें

क्रिकेट ट्रायल में पार्टिसिपेट करने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपको क्रिकेट क्लब ज्वाइन करना ही पड़े। हालांकि, उत्तराखंड में कुछ रूल्स बदले हैं और हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन केवल क्लब खेलने वालों को ही ट्रायल का मौका दे रहा है। अगर आप हरिद्वार में रहते हैं तो एक बार हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन जाकर पुष्टि जरूर करें कि ट्रायल देने के लिए क्लब खेलना जरूरी है या नहीं। भारत के ज्यादातर राज्यों में आप बिना क्रिकेट क्लब ज्वाइन करके भी क्रिकेट ट्रायल में पार्टिसिपेट कर सकते हैं। क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करने से फायदा यह होता है कि आप की निरंतर प्रैक्टिस होती है, ट्रायल्स की डेट आपको समय पर पता चल जाती है तथा एकेडमी आपको अपने कोच के साथ ट्रायल देने के लिए भेजती है।

स्टेट लेवल क्रिकेट में जगह कैसे बनाएं

डिस्टिक के बाद नंबर आता है स्टेट लेवल का यदि आपने एक बार डिस्टिक लेवल में अपनी जगह बना दी तो आपके निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने के बाद आप की जगह स्टेट लेवल में भी बन जाती है। स्टेट लेवल क्रिकेट एक अहम क्रिकेट प्लेटफार्म होता है इसलिए आप जब भी क्लब में या स्कूल में प्रैक्टिस करें तो स्टेट लेवल के हिसाब से ही प्रैक्टिस करें। स्टेट क्रिकेट खेलने से कई रास्ते खुल जाते हैं इसके बाद ही रणजी ट्रॉफी और अन्य ट्रॉफियों का नंबर आता है। कई बार स्टेट लेवल क्रिकेट खेलने से आपका सिलेक्शन सीधे रेलवेज और अन्य स्पोर्टस् कोटा सरकारी जॉब के लिए भी हो सकता है।

स्टेट लेवल क्रिकेट ट्रायल कब होता है

स्टेट क्रिकेट ट्रायल भी हर वर्ष होता है। इसका ट्रायल हर राज्य में अलग-अलग समय पर हो सकता है। कई राज्यों में ट्रायल मार्च-अप्रैल में होता है तो कुछ राज्यों में मई-जून में भी होता है। स्टेट क्रिकेट खेलने का मौका उन खिलाड़ियों को मिलता है जिन्होंने डिस्ट्रिक्ट लेवल में पूरे साल अच्छा प्रदर्शन किया हो। इसके ट्रायल में जिला लेवल के खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकते हैं। अतः पहले डिस्ट्रिक्ट लेवल उसके बाद स्टेट लेवल की तैयारी करें। यदि आप एक बार स्टेट लेवल क्रिकेट तक पहुंच गए तो किसी भी पल आप रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी या अन्य किसी बड़ी ट्रॉफी में अपनी जगह बना सकते हैं।

आपको एक बात जरूर समझ लेनी चाहिए कि स्टेट लेवल से ही क्रिकेट के अन्य दरवाजे खुलते हैं और आपको मौका मिलता है आगे बढ़ने का। खिलाड़ी स्टेट लेवल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद क्रिकेट के इन लेवल्स पर खेल सकता है: रणजी ट्रॉफी, विजय हज़ारे ट्रॉफी, रेलवेज क्रिकेट, जोन क्रिकेट आदि। इनके अलावा आपका सिलेक्शन किसी और घरेलू क्रिकेट के लिए भी हो सकता है।

रणजी ट्रॉफी में सिलेक्शन कैसे होता है

रणजी ट्रॉफी में सिलेक्शन रणजी ट्रॉफी ट्रायल्स के माध्यम से होता है पर कई बार जब आप स्टेट लेवल में निरंतर पूरे साल बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं तो आपका सिलेक्शन पहले ही किसी रणजी टीम के द्वारा कर लिया जाता है। जरूरी नहीं है कि हर बार ऐसा हो ही क्योंकि ऐसा रणजी टीम किसी स्पेशल टैलेंट को देखकर करती है। रणजी ट्रॉफी ट्रायल्स मैं सिलेक्शन के बाद पूरे समूह का एक कैंप लगता है जिसमें तकरीबन 50 से 60 बच्चे होते हैं इस कैंप में ही फाइनल सिलेक्शन होता है और पता चलता है कि लास्ट राउंड में रणजी ट्रॉफी में किस-किस का सिलेक्शन हुआ है। इस कैंप में खिलाड़ियों की स्किल देखी जाती है उनकी बैटिंग और बॉलिंग टेक्निक को देखा जाता है और काफी नजदीक से परखा जाता है यह कैंप तकरीबन 1 महीने चलता है और इसमें आपस में टीम बनाकर क्रिकेट मैच भी करवाए जाते हैं।

रणजी ट्रॉफी के ट्रायल्स की जानकारी

स्टेट लेवल की तरह ही रणजी ट्रॉफी के ट्रायल्स भी हर राज्य में अलग-अलग समय पर होते रहते हैं यह ज्यादातर मार्च में होते हैं। पर जरूरी यह है कि आप अपने राज्य के क्रिकेट एसोसिएशन बोर्ड से संपर्क कर इनके ट्रायल्स की सही जानकारी प्राप्त करें और उसके बाद दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे उच्च स्तरीय अखबारों में ट्रायल डेट का इंतजार करें क्योंकि इनके ट्रायल्स भी राज्यों में अलग-अलग महीनों के हिसाब से होते हैं। स्टेट लेवल में खेलने से आप को रणजी ट्रॉफी के ट्रायल्स की डेट आसानी से पता चल जाती है।

रणजी ट्रॉफी के ट्रायल्स कब होते हैं

जिस तरह स्टेट ट्रायल होते हैं उसी तरह रणजी ट्रॉफी के ट्रायल्स भी हर साल होते रहते हैं। रणजी ट्रॉफी के ट्रायल तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट लेवल फिर स्टेट लेवल खेलना होता है यदि आप डिस्ट्रिक्ट लेवल खेल रहे हैं तो आप डायरेक्ट रणजी ट्रॉफी ट्रायल्स पर नहीं आ सकते इसलिए जरूरी है आपका स्टेटस की क्रिकेट टीम तक पहुंचना।

संबंधित प्रश्न उत्तर  

क्रिकेटर कैसे बने?

खिलाड़ी को पहले जिला क्रिकेट फिर स्टेट क्रिकेट और उसके बाद डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। डोमेस्टिक क्रिकेट के दौरान लगातार अच्छा खेल रहे खिलाड़ियों को भारतीय टीम, अंडर-19, भारत ए टीम तथा आईपीएल में खेलने का मौका मिलता है।

रणजी को प्रमुख घरेलू क्रिकेट क्यों माना जाता है?

रणजी टूर्नामेंट भारत का सबसे प्रमुख घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट है क्योंकि यहीं से खिलाड़ियों को सबसे अधिक मौके मिलते हैं भारत ए टीम, राष्ट्रीय भारत की टीम तथा आईपीएल में खेलने के। 

रणजी में सिलेक्शन कैसे होता है?

रणजी खेलने के लिए पहले आपको जिला क्रिकेट खेलना होगा उसके बाद स्टेट क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा और उसके बाद जाकर रणजी क्रिकेट में मौका मिलता है।


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