लगभग 1 साल पहले यहां लीजेंड्स अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हुआ था जिसमें सचिन तेंदुलकर समेत काफी चर्चित खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस ब्लॉग में आपको राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम देहरादून की फोटो तथा वीडियो देखने को मिलेगी।
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राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम देहरादून फोटो वीडियो
राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 25000 दर्शकों के बैठने की सुविधा है। लीजेंड्स क्रिकेट के टिकट आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। इसके अलावा क्रिकेट स्टेडियम पहुंचकर डायरेक्टली वहां से टिकट भी खरीद सकते हैं। मैने भी 26 तारीख का क्रिकेट मैच देखा और अपने अनुभव आपके साथ साझा कर रहा हूं।
मुख्य गेट को क्रॉस करने के बाद स्टेडियम के अंदर जाने के लिए टिकट की कीमत के अनुसार अलग-अलग गेट हैं। विप एंट्री अलग दरवाजे से होती है जबकि ₹299 के टिकट टिकट लेने वालों की एंट्री दिशाओं के हिसाब से अलग-अलग गेट से होती है। इन गेट्स को नाम दिए हैं ईस्ट बे, वेस्ट बे, साउथ बे तथा नॉर्थ बे।
टिकट लेने के बाद मुख्य से लोग अंदर जाने का इंतजार कर रहे थे किंतु गेट घंटों तक नहीं खुला। मैच से कुछ देर पहले अचानक से गेट को खोला गया जिससे सभी लोग अफरा तफरी में अंदर जाने लगे।
इसी तरह का अनुभव मैंने पिछली बार भी देहरादून क्रिकेट स्टेडियम की एंट्री के दौरान अनुभव किया था। उस समय मुझे लगा था कि शायद पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय मैच हुआ है तो कोई कसर रह जाती है। लेकिन दोबारा वह नजारा देखने पर मुझे यकीन सा होने लगा कि यह ऑर्गेनाइजेशन कमेटी का अपरिपक्व नेतृत्व और अपरिपक्व तैयारी का परिणाम है। इस बार इस बेकाबू भीड़ का मैंने वीडियो भी बनाया है उसे आप इस ब्लॉग पोस्ट में देख सकते हैं।
आपको बता दूं कि 24, 25 और 26 यानी 3 दिन लगातार देहरादून के रायपुर स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच हुए थे किंतु काफी ठंडा और ना के बराबर प्रचार प्रसार की वजह से स्टेडियम तक लोग नहीं पहुंचे। 25,000 दर्शकों के बैठने वाले स्टेडियम में केवल 5000 व्यूवर्स ही शनिवार के मैच में देखने को मिले थे। हालांकि संडे के मैच में इनकी तादाद बढि और स्टेडियम की काफी कुर्सियां भरी हुई नजर आई।
खिलाड़ियों ने फील्डिंग के दौरान किसी भी प्रकार की तेजी तथा जंप लगाने की जरूरत नहीं समझी। वैसे भी सभी क्रिकेट खिलाड़ी रिटायरमेंट के बाद खेल रहे हैं और वह 40 की उम्र क्रास कर चुके हैं। ऐसे में उनके फिटनेस लेवल पहले की तुलना में थोड़ा कम होता है, इस तरह का ग्राउंड मिलने पर झिझक और बढ़ जाती है।
राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडिय एड्रेस
देहरादून के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम का एड्रेस है खैरी खादर, देहरादून, रांझवाला, उत्तराखंड 248008 पिन कोड है। यह स्टेडियम रायपुर क्षेत्र के 1.3 किलोमीटर नजदीक स्थित है। आईएसबीटी से राजीव गांधी स्टेडियम तक पहुंचने में 1 घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है।
26.11. 2023 संडे को गुजरात जायंट्स और अर्बन रायसेस हैदराबाद के बीच मुकाबला खेला गया था जिसमें बनीगुजरात जॉइंट्स रोमांचक मुकाबले में 1 रन से रन से विजेता बनी।
राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम तक कैसे पहुंचे
देहरादून के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम तक पहुंचने के लिए गाड़ी की तंगी जरूर है इसलिए अगर आप अपनी गाड़ी में आए तो ज्यादा बेहतर होगा।
इस स्टेडियम तक जाने के लिए सफेद रंग की छोटी गाड़ी रायपुर स्टैंड पर लगती है यह गाड़ी रायपुर से भोपाल पानी होते हुए थानो जाती है।
ऐसा नहीं है कि वहां तक कोई गाड़ी नहीं जाती पर रायपुर से थानो तक गाड़ियों की सुविधा काफी कम है और उनका समय भी काफी लंबा है। यह छोटी गाड़ियां 1 घंटे के अंतराल में जाती हैं। हालांकि, रायपुर से एयरपोर्ट जाने वाली गाड़ियों की कमी नहीं है और वह निरंतर चलती रहती हैं आप उनसे लिफ्ट ले सकते हैं या उन्हें किराए दे सकते हैं।
वैसे रास्ता ज्यादा लंबा नहीं है और पैदल चलने पर आप लगभग 35 मिनट्स मेंस्टेडियम तक पहुंच सकते हैं। रायपुर चौक से राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम की दूरीलगभग 1.3 किलोमीटर है। चौक से स्टेडियम की ओर जाते समय 500 मीटर की दूरी पर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज है। स्टेडियम की ओर जाते हुए कोई भी घुमाव या मोड नहीं आता है इसलिए पैदल चलने पर भी आप बिना भ्रमित हुए वहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
रोड सेफ्टी लीजेंड क्रिकेट में कौन से खिलाड़ी खेलते हैं
लीजेंड क्रिकेट में केवल वही क्रिकेटर खेल सकते हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूप से रिटायरमेंट ले लिया हो। इस प्रतियोगिता में आपको सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, हरभजन सिंह जैसे लीजेंड खिलाड़ी खेलते हुए दिखते हैं। इस प्रतियोगिता में न केवल भारत के खिलाड़ी बल्कि विदेशी खिलाड़ी भी हिस्सा लेते हैं और पिछले साल ब्रायन लारा तथा अन्य खिलाड़ियों ने इसमें शिरकत की थी। हाशिम अमला केविन पीटरसन, आरोन फिंच, कैमरून व्हाइट और भी न जाने कितने विदेशी लीजेंडरी खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट किया है। ऐसे में प्रदेश की जिम्मेदारी बनती थी कि वह स्टेडियम को चमका दे और सुविधाओं को और भी बेहतर कर दे ताकि यहां पर नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय मैच हो सकें।
पर हुआ इसके बिलकुल उलट मैदान को मात्र 25 दिन पहले तैयार किया गया और 25 दिन पहले ही यहां की बड़ी-बड़ी घास काटी गई है। अधिकारियों ने इतनी बड़ी प्रतियोगिता के लिए घास कटवाने में इतना विलंब किया है। इससे साफ हो जाता है की मैदान की पिच, मैदान की मिट्टी तथा आसपास के एरिया को तैयार और दुरुस्त करने का उनके पास समय नहीं बचा होगा। पिछले साल भी मैदान का रखरखाव कुछ खास नहीं था और इस साल भी देहरादून क्रिकेट संगठन ने प्रतियोगिता अच्छी तरह से ऑर्गेनाइज करवाने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
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