वुमन आईपीएल कैसे खेलें कौन से ट्रायल दें जानिए

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क्रिकेटर बनने के लिए लड़कियों को क्रिकेट के कुछ ट्रायल्स देने जरूरी है और उसके लिए क्लब खेलना बिल्कुल भी जरूरी नहीं। आज हम महत्वपूर्ण ट्रायल्स की बात करेंगे और जानेंगे आप भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह कैसे बना सकती हैं।

पुरुष आईपीएल में अपार सफलता पाने के बाद अब भारत में पहली बार लड़कियों का आईपीएल 4 मार्च से शुरू होने वाला है और उसका क्रेज़ न सिर्फ महिलाओं में दिख रहा है बल्कि पुरुषों में भी देखा जा रहा है। सब देखना चाहते हैं की लड़कियां कैसा परफॉर्म करती हैं और उन्हें कितने पैसे दिए जाते हैं। आईपीएल विश्व का सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट बनते जा रहा है और एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह लोकप्रियता और पैसे कमाने के मामले में फुटबॉल को भी पीछे छोड़ देगा।

वुमन आईपीएल कैसे खेलें कौन से ट्रायल दें जानिए

आज सारी महिलाएं जानना चाहती है कि लड़कियां क्रिकेटर कैसे बने और उससे बढ़कर वुमन आईपीएल कैसे खेले जी हां अभी आईपीएल शुरू भी नहीं हुआ है और हर जगह यह चर्चा होने लगी है कि लड़की आईपीएल में करियर कैसे बनाएं। कोई डैडी अपनी बेटी का करिया क्रिकेट में बनाना चाहता है तो कोई मां अपनी बेटी को महिला भारतीय टीम में क्रिकेट खेलते हुए देखना चाहती है। 

आइए जानते हैं महिला आईपीएल खेलने के लिए आपको क्या करना होगा कौन से ट्रायल देने होंगे, कब ट्रायल देने होंगे!

 

क्रिकेट क्लब जरूरी नहीं – लड़कियों को क्रिकेटर बनने के लिए क्लब खेलना जरूरी नहीं है हालांकि क्रिकेट क्लब में उन्हें अच्छी प्रैक्टिस मिल सकती है। यदि आप क्रिकेट क्लब जॉइन करने में सक्षम नहीं है या फिर आप के आस पास कोई महिला क्रिकेट क्लब है ही नहीं तो आपको मेल क्रिकेट क्लब जॉइन कर लेना चाहिए। यदि आप पुरुष क्रिकेट क्लब भी ज्वाइन नहीं कर पा रही हैं तो घर पर ही गेंदबाजी या बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कर सकती हैं। हमारे सर्च बॉक्स का इस्तेमाल करते हुए आप क्रिकेट बैटिंग और बॉलिंग टिप्स लेख को फॉलो कर सकती है और यदि आपने सही लगन के साथ फॉलो किया तो यकीनन आप क्लब स्तर की प्रैक्टिस और तकनीक घर बैठे ही पा सकेंगी।  

भले ही आप क्रिकेट क्लब नहीं ज्वाइन कर पाई किंतु कोशिश करें क्रिकेट किट खासतौर पर बल्ला, गेंद, हेलमेट, बैटिंग पैड्स तथा बैटिंग ग्लव्स खरीद ले। प्रैक्टिस के दौरान इन्हें पहनकर ही प्रैक्टिस करें इससे फायदा यह होगा कि ट्रायल देते समय आपको कुछ अटपटा और अलग महसूस नहीं होगा। जबकि अगर आप प्रैक्टिस बगैर इन साधनों के करते हैं तो ट्रायल के दौरान आपको क्रिकेट किट पहननी कंपलसरी होती है और उस समय अचानक से क्रिकेट किट पहनने पर खिलाड़ी सहज महसूस नहीं कर पाते हैं। जिससे उनके प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ता है और साल भर मेहनत करने के बावजूद भी ट्रायल्स में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। 

सिर्फ ग्लव्स पहनने से ही बल्ला पकड़ने का अंदाज बदल जाता है और पहली बार हेलमेट पहनने से गेंद को देखना भी मुश्किल लगता है इसलिए जरूरी है कि आप इन चीजों कि आदत डालें। पहली बार बैटिंग पैड्स पहनने पर बैटिंग स्टॉस अलग हो जाता है और फ्रंट फुट तथा बैक फुट निकालने में थोड़ी परेशानी होती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप थोड़ा निवेश जरूर करें और यह निवेश आप अपने ऊपर ही कर रहे हैं ताकि ट्रायल्स में रिजल्ट बेहतर आए।

अपनी स्किल निखारने के बाद लड़कियों के आईपीएल तक पहुंचने के लिए आपको 3 सीढ़ियां पार करनी होंगी और वे है डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स, स्टेट क्रिकेट ट्रायल तथा डोमेस्टिक क्रिकेट ट्रायल्स। आइए समझते हैं इन तीनों सीढ़ियों तक आप कैसे पहुंच सकते हैं और कैसे उन्हें पार कर सकते हैं। 

जिला क्रिकेट ट्रायल – डिस्ट्रिक्ट को जिला क्रिकेट भी कहते हैं और हर राज्य में कुछ जिले होते हैं। आपको यह देखना है कि आप जिस शहर में रहते हैं उस शहर का जिला कौन सा है। हर जिले में एक क्रिकेट एसोसिएशन होता है जिसे जिला क्रिकेट एसोसिएशन या डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन कहते हैं। ध्यान रहे आपको अपने शहर के जिले में ही जाना है और वहां के जिला क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क साध उनसे अपने जिला क्रिकेट ट्रायल की डेट जाननी है। वे आपको एक लम सम डेट दे देंगे हो सकता है वे आपको महीना बता दे उसके बाद आपका काम आसान हो जाता है अब आपको अपने शहर के लोकल अखबार दैनिक जागरण या अमर उजाला पर नजर रखनी है।

क्योंकि ट्रायल्स की डेट इन दोनों अखबारों में ही छपती है। पर ध्यान रहे ट्रायल्स की डेट केवल हफ्ता 15 दिन पहले ही छपती है इसलिए आपको ट्रायल्स का एग्जैक्ट महीना पता होना जरूरी है। अधिकांश जिलों के ट्रायल लगभग एक ही महीने में होते हैं किंतु कुछ जिलों के ट्रायल आगे पीछे हो सकते हैं इसलिए आपको इन अखबारों पर पैनी निगाहें बनाए रखना जरूरी है। डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल में क्या होता है यह जानने के सर्च बॉक्स का इस्तेमाल करते हुए लिए हमारा यह लेख पढ़े डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल कैसे दें। यदि आपने जिला स्तर के ट्रायल पार कर लिए और आपका सिलेक्शन डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में हो जाता है तो मान लीजिए आप क्रिकेट वर्ल्ड में एंट्री पा चुके हैं किंतु अभी मंजिल दूर नहीं बल्कि बहुत दूर है। आइए समझते हैं अब दूसरी सीढ़ी तक कैसे पहुंचना है।

स्टेट क्रिकेट – स्मृति मंधाना, अंजुम चोपड़ा, हरमनप्रीत कौर या फिर झूलन गोस्वामी कोई भी खिलाड़ी हो सबने स्टेट क्रिकेट खेला है और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर खुद को साबित किया है उसके बाद डोमेस्टिक क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया उसके बाद जाकर इन्हें भारतीय टीम में मौका मिला है। स्टेट क्रिकेट ट्रायल आप सीधे नहीं दे सकते इसके लिए पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना अनिवार्य होता है और वहां लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर स्टेट के लिए स्टेट सिलेक्शन कमिटी आपको खुद ही पिक कर लेते हैं। यदि वे आपको खुद पिक नहीं करते तो आपके पास हर साल एक मौका होता है स्टेट क्रिकेट ट्रायल में पार्टिसिपेट करने का। एक बार स्टेट क्रिकेट में सिलेक्शन हो जाने के बाद आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है और अच्छे प्रदर्शन के आधार पर ही किसी भी लड़की का सिलेक्शन घरेलू क्रिकेट में हो पाता है।

घरेलू क्रिकेट – जब आप पहली दो सीढ़ियां यानी जिला क्रिकेट और स्टेट क्रिकेट पार कर घरेलू क्रिकेट तक पहुंच जाते हैं तो 50% और अपनी मंजिल के नजदीक आ जाते हैं। घरेलू क्रिकेट ही वह प्लेटफार्म है जहां से लड़कियां भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम में चुनी जाती है, यह वह प्लेटफार्म है जहां से लड़कियां आईपीएल जैसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए चुनी जाती है। और सबसे बढ़कर घरेलू क्रिकेट ही वह प्लेटफार्म है जहां से खिलाड़ी को भारतीय महिला या पुरुष टीम में जाने का मौका प्राप्त होता है।

तो साफ है यदि आपको भी भारतीय महिला आईपीएल क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनानी है तो आपको यह तीन सीढ़ियां क्रॉस करनी होंगी और घरेलू क्रिकेट टीम में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा उसके बाद जाकर आपको लड़कियों के आईपीएल में खेलने का मौका मिल सकता है।

संभावित प्रश्न उत्तर

भारतीय महिला क्रिकेट में करियर बनाने की पहली सीढ़ी कौन सी है?

डिस्टिक क्रिकेट।

मैं वुमन स्टेट क्रिकेट कैसे खेल सकती हूं?

पहले आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना होगा और डिस्ट्रिक्ट से ही आपका सिलेक्शन स्टेट के लिए होता है।

मैं डोमेस्टिक क्रिकेट कैसे खेलूं?

घरेलू क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए पहले आपको डिस्ट्रिक्ट खेलना होगा उसके बाद स्टेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा तब जाकर आपका सिलेक्शन भारतीय महिला घरेलू क्रिकेट में होता है।

मैं भारत अंडर-19 महिला क्रिकेट खेलना चाहती हूं क्या करूं?

आपको पक्के रास्ते पर चलना होगा और पक्का रास्ता डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट तथा स्टेट क्रिकेट से होते हुए डोमेस्टिक क्रिकेट तक आता है इन स्तर पर क्रिकेट खेलने से आपको अंडर-19 महिला क्रिकेट में जगह बनाने का मौका मिलता है।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल फॉर्म कब आते हैं?

अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समय पर ट्रायल हो सकते हैं इसलिए इनकी सटीक जानकारी के लिए आपको जिला क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क साधना चाहिए तथा दैनिक जागरण और अमर उजाला अखबार पढ़ने चाहिए क्योंकि ट्रायल की डेट इन्हीं अखबारों में छपती है।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल की डेट किन अखबारों में छपती है?

दैनिक जागरण तथा अमर उजाला।


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