गोल्फ क्या है कैसे खेला जाता है बेसिक जानकारी

Spread the love

आसान शब्दों में कहूं तो गेंद और क्लब (छड़ी) से खेला जाने वाला खेल गोल्फ कहलाता है। गोल्फ मैदान में कुछ होल्स होते हैं और खिलाड़ी को क्लब का इस्तेमाल करते हुए एक छोटी सी सख्त गेंद को इन होल्स में डालना होता है।

गोल्फ खेल में मुख्य रूप से इस्तेमाल होने वाले टेक्निकल शब्द क्लब,फेयरवे, टी, कप्स, पार, गोल्फ कार्ट, ग्रीन तथा रफ आदि है जिन्हें इस लेख में विस्तार से समझाया गया है। 

आज हम क्रिकेट और फुटबॉल से पटरी बदलते हैं और अमीरों के इस खेल को समझते हैं जिसका नाम है गोल्फ। गाल्फ पर यह मेरा पहला पोस्ट है जिसमें इस खेल की बेसिक जानकारी दी जा रही है। आप आगे के लेखों में इस खेल के प्रति एडवांस जानकारी भी पढ़ और समझ पाएंगे।

गोल्फ ट्रॉफी के नाम

बेकर कप, राइडर कप, भ्रतरम , सर्किट कप, कैनेडा कप, जॉन हापकिंस कप। 

गोल्फ क्या है कैसे खेला जाता है बेसिक जानकारी

गोल्फ एक बहुत बड़े मैदान में खेला जाने वाला खेल होता है इस मैदान अथवा परिसर का कोई मापदंड नहीं होता और इस मैदान को गोल्फ कोर्स कहते हैं। गोल्फ मैदान में मौजूद होल्स को इस खेल की टेक्निकल की भाषा में कप्स कहा जाता है और एक गोल्फ कोर्स को वहां मौजूद कप्स की संख्या से मापा जाता है। अधिकतम गोल्फ के मैदानों में 9 या 18 होल्स होते हैं। इस खेल में एक स्टार्ट और एक फिनिश पॉइंट होता है स्टार्ट प्वाइंट को टी कहते हैं और फिनिश पॉइंट पर होल्स होते हैं। जिस गोल्फ कोर्स में 9 होल्स होते हैं तो वहां 9 टी भी होंगे और जहां अट्ठारह होल्स/कप्स  होते हैं वहां 18 या उससे अधिक टी यानी स्टार्टिंग पॉइंट भी होते हैं। 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोर्स में कप्स/होल्स 9 या 18 हो सकते हैं किंतु स्टार्टिंग पॉइंट्स यानी टी 9 और 18 से अधिक हो सकते हैं। जैसा मैराथन दौड़ में होता है महिलाओं के लिए अलग स्टार्ट प्वाइंट, बच्चों के लिए अलग, प्रोफेशनल खिलाड़ियों के लिए अलग तथा युवाओं के लिए अलग स्टार्ट प्वाइंट होता है किंतु सबका फिनिश लाइन एक ही होता है ठीक उसी प्रकार गोल्फ के खेल में भी होता है। 

गोल्फ के मैदान काफी बड़े होते हैं और यहां प्राकृतिक बाधाएं होती हैं जैसे पेड़, रेत, मिट्टी, पानी इत्यादि जो इस खेल को और भी ज्यादा रोचक बना देते हैं। गोल्फ कोर्स मैदान चाहे 9 कप्स का हो या 18 का इसमें जीता वह खिलाड़ी है जो सबसे कम शॉट खेलकर गेंद को होल्स में डालता हैता है आइए इसे समझते हैं विस्तार में। यदि  गोल्फ मैदान में 18 कप्स/होल्स हैं तो खिलाडी पहले टी से शुरू करता है और कम से कम शॉट खेलकर गेंद को पहले होल में डालने की कोशिश करता है। इसके बाद खिलाड़ी दूसरे टी की ओर बढ़ता है और वहां भी कम से कम शॉट खेलकर गोल्फ बॉल को कप्स में डालने की कोशिश करता है और जो खिलाड़ी है सबसे कम शॉट खेलकर सबसे अधिक होल्स में गेंद डालने में सक्षम होता है वह खिलाड़ी मैच जीत जाता है।

इस खेल की खासियत यह है कि यहां कोई मानक नहीं होता यह बाकी खेलों से बिल्कुल उलट है। क्रिकेट पिच की एक निश्चित दूरी होती है कबड्डी के मैदान डायमेंशन फिक्स होता है किंतु गोल्फ गेम में टी से होल की कोई निश्चित दूरी नहीं होती बल्कि हर होल अपने आप में एक पूरा मैदान होता है और उस तक पहुंचने के लिए प्राकृतिक बाधाएं जैसे झाड़ियां, पेड़, रेत, पानी इस खेल को कठिन और रोचक बना देती हैं। 

गोल्फ संबंधित जरूरी जानकारी

गोल्फ क्या होता है  जानने के लिए नीचे दिए गए टर्म्स को समझना जरूरी है।

golf equipment's

टी – टी को स्टार्टिंग प्वाइंट कहां जाता है और इसी क्षेत्र से खेल की शुरुआत होती है। यह छोटा और समतल क्षेत्र होता है जहां घास कटी हुई होती है। टी पॉइंट पर 2 मार्क अंकित होते हैं जिसके बीच गेंद को रखा जाता है और क्लब द्वारा शॉट खेल मैच की शुरुआत की जाती है। यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र होता है जहां खिलाड़ी गेंद को हाथ से छू सकता है इसके बाद गेंद को हाथ से पकड़ना नियम के विरुद्ध माना जाता है। अधिकतम कोर्स में एक होल के नजदीक ही दूसरे होल का टी होता है ताकि पहले होल में गेंद डालने के बाद खिलाड़ी जब दूसरे टी की ओर  जाए तो उसे ज्यादा दूर चलना ना पड़े।

होल – यह फिनिश पॉइंट होता है जहां गेंद डालनी होती है तथा इसके आसपास के क्षेत्र को ग्रीन कहते हैं। होल एक ऐसे एरिया पर स्थित होता है जहां घास बिल्कुल छोटी और महीन कटी हुई होती है ताकि गेंद उस पर आसानी से लुढ़क सके। हालांकि यह क्षेत्र ऊंचा या नीचा हो सकता है, ढलान या ऊंचाई पर पर स्थित हो सकता है किंतु उबड-खाबड नहीं होता। 

फेयरवे – टी और होल के बीच पढ़ने वाले क्षेत्र को फेयरवे कहते हैं। इस क्षेत्र में भी घास कटी हुई होती है किंतु ग्रीन से बड़ी हो सकती है यहां अलग प्रकार की अड़चनें हो सकती हैं। ये अड़चनें पानी, रेत, झील तथा भरा हुआ गड्ढा, भी हो सकता है फेयरवे की सीमा दर्शाने के लिए बाउंड्री पर पेड़ और घास तथा बड़ी झाड़ियां हो सकती है। अच्छा खेल दिखाते हुए खिलाड़ी को टी से फेयरवे होते हुए ग्रीन तक पहुंचना होता है और अंत में होल तक पहुंचना होता है। ग्रीन पर पहुंचने पर खिलाड़ी के हौसले बढ़ जाते हैं क्योंकि ग्रीन होल के आसपास का क्षेत्र होता है। 

रफ – फेयरवे से बाहर का क्षेत्र रफ कहलाता है।

गोल्फ कार्ट –  बैटरी से चलने वाली एक कार होती है जिसमें खिलाड़ी सवार होता है और गेंद के नजदीक जाने के लिए इस्तेमाल करता है। 

क्लब – जिस स्टिक के द्वारा खिलाड़ी गोल्फ गेंद को हिट करता है उसे क्लब कहा जाता है।

पार – पार शब्द से अभिप्राय शॉट संख्या से है जिसके द्वारा गेंद होल में जाती है। अर्थात खिलाड़ी गेंद को होल में डालने के लिए जितने शॉट मारेगा उतने पार काउंट होंगे और उसे पार संख्या कहा जाएगा।

स्कोर – गोल्फ खेल में स्कोर होल्स की संख्या तथा शॉट पर निर्भर करता है। 18 होल्स वाले मैदान में शुरू के 9 होल्स को फ्रंटलाइन तथा बाद के 9 होल्स को बैक लाइन कहा जाता है। 18 होल्स वाले कोर्स के लिए 72 शॉट्स  तय किए जाते हैं यदि इसमें 1 होल तक गेंद पहुंचाने के लिए 3 शॉट लिए गए हैं और किसी खिलाड़ी ने 2 शॉट में ही गेंद को होल तक पहुंचा दिया तो उसे 1 अंडर पार कहां जाता है और यदि किसी खिलाड़ी ने 4 शॉट में गेंद को होल में पहुंचाया तो उसे ओवर पार कहा जाएगा। और यदि किसी खिलाड़ी ने 3 शॉट में ही गेंद को होल तक  पहुंचाया तो उसे इवन पार कहा जाता है। जिस खिलाड़ी ने सबसे कम शॉट खेलकर गेंद को पूरे 18 होल्स में पहुंचाया उसे विजेता माना जाता है। 

भारत में गोल्फ पॉपुलर क्यों नहीं है 

भारत जहां क्रिकेट को धर्म समझा जाता है और उसके अलावा दूसरे खेलों में इंटरेस्ट नहीं रहता है वहां गोल्फ खेल को लोग कुछ कम ही जानते हैं और समझते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है कि स्कूलों में इस तरह के खेल को नहीं खेला जाता है ना ही इसे प्रमोट किया जाता है। किसी भी खेल की शुरुआत स्कूल से होती है और मैंने आज तक भारत के किसी स्कूल में गोल्फ टीम बनते हुए ना तो देखी है ना सुनी है। यह एक बड़ी वजह है कि गोल्फ भारत में अभी तक लोकप्रिय नहीं हो पाया है और इसे सिर्फ बड़े बुजुर्गों तथा अमीरों का खेल माना जाता है। कुछ लोग या कुछ एक्सपर्ट्स कहते हैं गोल्फ के मैदान (गोल्फ कोर्स) काफी बड़े होते हैं जिन्हें स्कूल में नहीं बनाया जा सकता सुनने में बात सही लगती है किंतु अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मैदान भी काफी बड़े होते हैं फिर भी किसी भी कोने में स्कूल में क्रिकेट खेला जाता है। यदि शुरुआत ही करनी है तो बच्चों को बेसिक ट्रेनिंग दी जा सकती है जिसके लिए बड़े मैदान की आवश्यकता नहीं है बल्कि गोल्फ सिखाने वाली ट्रेनर और छोटे से स्थान की आवश्यकता है जिसमें कुछ होल्स करके उसे मिनी गोल्फ कोर्स का रुप दिया जा सके।

गोल्फ संबंधित पूछे गए  प्रश्न उत्तर

गोल्फ क्या होता है?

यह एक ऐसा खेल है जो क्लब और गेंद का इस्तेमाल कर गोल्फ कोर्स यानी गोल्फ के मैदान में खेला जाता है। 

गोल्फ खेल में क्लब किसे कहते हैं?

क्लब गोल्फ स्टिक को कहते हैं जिसे गेंद को हिट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

गोल्फ गेम में होल क्या होता है?

होल गोल्फ के मैदान में ऑर्गेनाइज्ड तरीके से बनाए गए छोटे से छेद होते हैं जिसमें गेंद को क्लब द्वारा पुश या हिट कर डाला जाता है।

गोल्फ कार्ट क्या होता है?

बैटरी से चलने वाली एक कार होती है जिसका इस्तेमाल खिलाड़ी शॉट खेलने के बाद खेल दूर जाने पर उस गेंद तक पहुंचने के लिए करता है।

गोल्फ के मैदान को क्या कहते हैं?

गोल्फ कोर्स।

रफ क्या होता है?

फेयरवे से बाहर के क्षेत्र को रफ कहते हैं।

गोल्फ में टी किसे कहते हैं?

टी स्टार्टिंग पॉइंट को कहते हैं जहां से गोल्फर क्लब द्वारा पहली बार गेंद को हिट करता है।

फेयरवे किसे कहते हैं?

टी और होल के बीच वाले क्षेत्र को फेयरवे कहते हैं।


Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top