12th के बाद इंडियन क्रिकेटर कैसे बने बिना अकेडमी खेले

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क्रिकेट आपका पैशन है और आप 12वीं के पेपर दे चुके हैं और यह जानना चाहते हैं कि 12th के बाद इंडियन क्रिकेटर कैसे बने बिना अकेडमी खेले तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताने जा रहे हैं कि 12वीं पास करने के बाद क्रिकेटर कैसे बने बिना क्रिकेट एकेडमी खेलें।

बिना क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन किए क्रिकेटर कैसे बने

यह मिथ्य है कि अगर आपको क्रिकेटर बनना है तो आपको एकेडमी ज्वाइन करनी पड़ेगी। इस बात में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है हालांकि क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करने से एक खिलाड़ी में निखार आता है और डेली प्रैक्टिस से उसकी बल्लेबाजी या गेंदबाजी इंप्रूव होती है जिससे उस खिलाड़ी के आगे बढ़ने के चांसेस बढ़ जाते हैं।  लेकिन यदि आप में टैलेंट है और टैलेंट से बढ़कर पैशन है तो आप घर पर हैं प्रैक्टिस कर के अपने क्रिकेटर बनने की राह आसान कर सकते हैं। क्रिकेटर बनने के लिए क्लब जाने से ज्यादा जरूरी है प्रतिवर्ष डिस्ट्रिक्ट लेवल क्रिकेट ट्रायल देना जो कि अधिकांश युवा जानकारी के अभाव में नहीं देते हैं। आर्टिकल पढ़ने में आपको मजा आ रहा है, इसे पढ़ते रहे।

12th के बाद इंडियन क्रिकेटर कैसे बने बिना अकेडमी खेले

यदि आपने 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और अब क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते हैं तथा ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ-साथ क्रिकेट ट्रायल्स में हाथ आजमाना चाहते हैं तो चिंता मत कीजिए बीसीसीआई के द्वारा ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि क्रिकेटर बनने के लिए एकेडमी की कोई डिग्री आपको दिखानी होती है।  क्रिकेटर बनने के लिए आपको क्रिकेट के तीन  प्रकार के टूर्नामेंट से होकर गुजरना पड़ता है इनके ट्रायल  में पार्टिसिपेट करना होता है और सिलेक्शन हो जाने पर उनमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है। आइए समझते हैं कौन से तीन स्टेजस है जिन्हें आपको क्रॉस करना होता है।

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12वीं पास करने के बाद क्रिकेटर कैसे बने

डिस्ट्रिक्ट लेवल क्रिकेट, स्टेट लेवल क्रिकेट तथा डोमेस्टिक क्रिकेट आपको इन तीनों प्रकार की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना होगा तभी आप भारत के लिए क्रिकेट खेलने का अपना सपना पूरा कर सकेंगे। आइए समझते हैं कैसे आप स्टेप बाय स्टेप इन तीनों प्रतियोगिताओं में पार्टिसिपेट कर सकते हैं।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट – सबसे पहला नंबर आता है  डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट का और अगर आप क्रिकेटर बनना चाहते हैं तो आपको डिस्ट्रिक्ट है से होकर गुजरना पड़ेगा। हर जिले में एक डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन होता है जिसकी जिम्मेदारी होती है डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स कंडक्ट कराना। डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई के अधीन होता है और बीसीसीआई के हिसाब से ही कार्य करता है। अमर उजाला और दैनिक जागरण जैसे अखबारों में डिस्ट्रिक्ट लेवल क्रिकेट ट्रायल की तारीख छपती है। अतः इन ट्रायल्स की जानकारी के लिए आप अपने लोकल अमर उजाला और दैनिक जागरण अखबारों पर निगाहें बनाए रखें। अमूमन फरवरी-मार्च में  डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रायल्स होते हैं किंतु कुछ राज्यों में अलग समय पर हो सकते हैं। इन ट्रायल्स की जानकारी के लिए आप अपने जिले के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क कर सकते हैं।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स में क्या होता है – डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स प्रतिवर्ष होते हैं इसमें  प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को एक मैदान में बुलाया जाता है जहां खिलाड़ी कि स्किल के हिसाब से उन्हें बल्लेबाजी या गेंदबाजी का मौका दिया जाता है। यह आर्टिकल आपको पसंद आ रहा है इसे पूरा पढ़े। 

ट्रायल के दिन आपको अपनी पूरी किट पहन कर जाना चाहिए  वैसे तो वहां बल्ले और गेंद का बंदोबस्त होता है लेकिन हो सके तो अपना खुद का बल्ला लेकर जाएं क्योंकि आपको अपने बल्ले के वजन के हिसाब से खेलने की आदत होती है और ट्रायल्स में आपको बल्ले का वजन कम ज्यादा मिल सकता है जिससे आपके मनोबल पर असर पड़ सकता है और ट्रायल खराब हो सकते हैं। बल्ले का हैंडल भी मोटा या पतला हो सकता है जिससे उसे ग्रिप करने में आपको असुविधा हो सकती है क्योंकि आपको अपने बैट की आदत होती है और उसका हैंडल आपने खुद सिलेक्ट किया होता है जिसमें आपके हाथ सेट हो चुके होते हैं।

स्टेट लेवल क्रिकेट –  डिस्ट्रिक्ट खेलने के बाद आपको स्टेट लेवल क्रिकेट में मौका मिलता है। स्टेट क्रिकेट ट्रायल भी प्रतिवर्ष होते हैं और इनमें अधिकतर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ी प्रतिभाग करते हैं। कुछ खिलाड़ियों का सिलेक्शन स्टेट लेवल में जल्दी हो जाता है जो पूरे साल डिस्ट्रिक्ट लेवल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे होते हैं।

डोमेस्टिक क्रिकेट – जब आप डिस्ट्रिक्ट लेवल और स्टेट लेवल से आगे बढ़ते हैं तो आपको नजर आता है डोमेस्टिक क्रिकेट जहां खिलाड़ी को रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े डोमेस्टिक मैच खेलने का मौका मिलता है। सिलेक्टर्स की नजर इन मैच में होती है और यहीं से खिलाड़ियों का चयन आईपीएल से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम में होता है। डोमेस्टिक क्रिकेट में आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है और अच्छे प्रदर्शन के बल पर सिलेक्टर्स आपका सिलेक्शन भारत की अंडर-19 टीम के लिए, भारत की सीनियर टीम के लिए कर सकते हैं। जबसे आईपीएल शुरू हुए हैं आईपीएल फ्रेंचाइजीओ का ध्यान डोमेस्टिक खेल रहे खिलाड़ियों पर होता है। आईपीएल के मालिक अपने हिसाब से किसी भी खिलाड़ी को कभी भी अपनी टीम में मौका दे सकते हैं अतः सिलेक्टर्स की नजर में आने के लिए आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहना होगा।

उम्मीद करते हैं आपको यह समझ आ गया होगा कि 12वीं पास करने के बाद क्रिकेटर कैसे बन सकते हैं! अभी भी कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स पर बेहिचक पूछे देरि या जल्दी आपको जवाब जरूर मिलेगा। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन तक भी सही इंफॉर्मेशन पहुंच सके।

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