क्रिकेट खेलने की सही ऐज क्या है

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क्रिकेट खेलने की उम्र कितनी होती है! यदि आप क्रिकेटर बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि क्रिकेट खेलने की सही ऐज क्या है? तो आपको बता दें की क्रिकेट खेलने की सही ऐज 7 वर्ष होती है जी हां 7 वर्ष। इस ब्लॉग पोस्ट में आप जानेंगे क्रिकेट खेलने की उम्र, क्रिकेटर बनने की न्यूनतम उम्र और क्रिकेट खेलने की लास्ट ऐज के बारे में।

क्रिकेट खेलने की सही ऐज क्या है

क्रिकेट खेलने की उम्र कितनी होती है – क्रिकेट खेलने की उम्र 7 वर्ष होनी चाहिए इसका मुख्य कारण यह है की क्रिकेट अपने आप में एक यूनिवर्सिटी है। जिस प्रकार एक बच्चे को पूरी तरह से शिक्षित करने के लिए उसे 6 से 7 वर्ष की उम्र में पहली कक्षा में डाल दिया जाता है और 12 साल तक उस बच्चे की स्कूल की शिक्षा दी जाती है जिसके अंतर्गत वह ना सिर्फ पढ़ाई बल्कि समाज के बीच उठना बैठना तथा अपने भविष्य के प्रति जागरूक होना जैसी चीजें सीखता है। 

उसी प्रकार क्रिकेट तथा क्रिकेट से जुड़ी जानकारियों को समझने और सीखने के लिए भी कम से कम 10 वर्ष की आवश्यकता होती है। इन 10 वर्षों में क्रिकेट खेलने के अलावा बच्चा यह समझ सकता है कि क्रिकेटर बनने के लिए कौन से ट्रायल देने होते हैं? क्रिकेट एसोसिएशन क्या होता है और कहां होता है? इसके अलावा अंपायर से जुड़ी जानकारी तथा क्रिकेट के नियम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा जा सकता है। 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी खेल में खिलाड़ी बनने की उम्र 12 – 14 वर्ष से शुरू हो जाती है और क्रिकेट में 23 वर्ष के बाद ओपन कैटेगरी में ट्रायल देने होते हैं। जितना जल्दी क्रिकेट प्रैक्टिस शुरू करेंगे इतने अधिक आपके पास भारतीय  क्रिकेट टीम में जगह बनाने के मौके होंगे एक बार उम्र 30 वर्ष या उससे अधिक हो जाने पर भारतीय टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल हो जाता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि भारत की टीम में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिन से आगे आने वाले 7 से 8 वर्षों तक सेवा ली जा सके।  

क्रिकेट खेलना 7 वर्ष से इसलिए शुरू करना चाहिए ताकि आपके पास अगले 7 वर्ष हो अंडर फोर्टीन की तैयारी करने के लिए हालांकि ऐसा जरूरी नहीं कि 7 वर्षों की तपस्या के बाद किसी खिलाड़ी का सिलेक्शन अंडर फोर्टीन में हो ही जाए किंतु सिलेक्शन होने के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाते हैं अगर उस खिलाड़ी ने 7 वर्षों तक सही दिशा में प्रैक्टिस की हो औरअपने क्रिकेट स्किल्स को डिवेलप किया हो। यदि कोई खिलाड़ी 12 वर्ष या उससे अधिक में क्रिकेट की प्रैक्टिस करना शुरू करता है तो ऐसा नहीं कि वह क्रिकेटर नहीं बन सकता किंतु अंडर फोर्टीन की तैयारी के लिए उसके पास  समय काफी कम बचता है और आजकल  क्रिकेट में बेइंतेहा कंपटीशन है इसीलिए नौजवान प्रैक्टिस करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

क्रिकेटर बनने की लास्ट ऐज

क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में उम्र का एक अहम किरदार होता है और अधिकतर मौके युवाओं को मिलते हैं।  सरल भाषा में कहें तो भारतीय टीम में अंडर-19 के खिलाड़ियों को ज्यादातर मौके मिलते हैं और अंडर-19 क्रिकेट खेलने के लिए आपको डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होता है और उसमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है। आपको यह लेख पढ़ने में मजा आ रहा है इसे अंत तक पढ़ते रहे।

खेल विशेषज्ञों के मुताबिक कोई भी खेल अच्छी और रेगुलर प्रैक्टिस की बदौलत 90 दिनों के अंतराल में सीखा जा सकता है जैसा कि सुशांत सिंह राजपूत ने एमएस धोनी फिल्म के लिए करके दिखाया था। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सुशांत सिंह राजपूत ने इस फिल्म से पहले बहुत कम बार क्रिकेट खेला था और वह कोई प्रोफेशनल क्रिकेटर भी नहीं रहे हैं। इसके बावजूद जिस प्रकार से उन्होंने हेलीकॉप्टर शॉट मारे हैं कोई भी यह नहीं कह सकता कि यह हेलीकॉप्टर शॉट किसी अनप्रोफेशनल खिलाड़ी ने मारे हैं। 

क्रिकेट ऐज संबंधित प्रश्नउत्तर

मैं क्रिकेट खेलना कब से शुरु कर सकता हूं?

आपको 7 वर्ष की उम्र से किसी क्रिकेट एकेडमी को ज्वाइन कर लेना चाहिए और अगर एकेडमी नहीं ज्वाइन कर सकते हैं तो घर पर ही क्रिकेट टाइम टेबल बनाकर साल दर साल प्रैक्टिस करते रहना चाहिए।

बीसीसीआई द्वारा क्रिकेटर बनने की लास्ट एज क्या रखी गई है?

बीसीसीआई द्वारा क्रिकेटर बनने की लास्ट उम्र नहीं रखी गई है और अगर आप भी प्रवीण तांबे की तरह 41 वर्ष की उम्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आप क्रिकेट ट्रायल जरूर दें।

प्रवीण तांबे कौन है?

प्रवीण तांबे आईपीएल डेब्यु करनेवाले सबसे वृद्ध खिलाड़ी हैं उन्होंने 41 वर्ष की उम्र में अपना पहला आईपीएल मैच खेला। 

कौन प्रवीण तांबे फिल्म किस पर आधारित है?

कौन प्रवीण तांबे फिल्म में  41 वर्ष में क्रिकेटर बने  प्रवीण तांबे की क्रिकेट जर्नी दिखाई गई है और यह संदेश दिया गया है कि “ऐज इज जस्ट अ नंबर” अगर आप में क्रिकेट पैशन है तो आप किसी भी उम्र में क्रिकेटर बन सकते हैं।

रणजी ट्रॉफी में भीष्म पितामह किसे कहा जाता है?

पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर को रणजी ट्रॉफी का भीष्म पितामह कहा जाता है।

उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल में आपको उपयुक्त और सही जानकारी मिल चुकी है। आप इस इनफॉर्मेटिव लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर भी कर सकते हैं। कोई प्रश्न आपको परेशान कर रहा हो तो जरूर पूछें देर या जल्दी आपको जवाब जरूर मिलेगा।


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