क्रिकेट में आउट होने के तरीके व नियम स्टेप बाय स्टेप बताए गए हैं ताकि आप क्रिकेट में आउट होने के प्रकार को आसानी से समझ सके।
आज हम चर्चा करेंगे क्रिकेट में कितने प्रकार से आउट होते हैं और अगर आप एक गेंदबाज हैं तो आप भी जानना चाहते होंगे कि क्रिकेट में आउट होने के तरीके कौन से हैं? यदि आप एक बल्लेबाज है तो भी आप जानना चाहते हैं कि क्रिकेट में कितने आउट होते हैं? चिंता ना करें आज का यह क्रिकेट लेख पढ़ने के बाद आप निश्चित रूप से समझ और जान पाएंगे कि क्रिकेट में आउट होने के नियम क्या हैं!
चलिए शुरू करते हैं क्रिकेट में आउट होने का सफर स्टेप बाय स्टेप।
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क्रिकेट में आउट होने के नियम
क्रिकेट में कुल 42 नियम होते हैं जिनमें पूरे क्रिकेट खेल को कवर किया गया है। क्रिकेट के 42 नियम के अनुसार नियम 27 से नियम 29 तक आउट करने की प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया है। इन नियमों के अंतर्गत यह बताया गया है कि किस बल्लेबाज को कैसे आउट किया जा सकता है।
नियम 30 से नियम 39 तक आउट होने के तरीके बताए गए हैं इन नियमों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के तरीकों पर चर्चा की गई है जिनके अंतर्गत एक बल्लेबाज आउट हो सकता है। क्रिकेट के 42 नियम अपने दूसरे लेख में समझाएं हैं उन्हें पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
क्या आप जानते हैं क्रिकेट के नियमों को तय करने की जिम्मेदारी मेलबर्न क्रिकेट क्लब (एम.सी.सी) के पास थी यह क्रिकेट क्लब ऑस्ट्रेलिया में स्थित है। सन 1988 में एम.सी.सी ने क्रिकेट के नियमों की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी। लेकिन अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी द्वारा इन कानूनों में कोई भी परिवर्तन किया जाता है किंतु अभी भी क्रिकेट के नियमों के कॉपीराइट एम.सी.सी के पास हैं। चलिए समझते हैं क्रिकेट में आउट होने के 12 तरीकों को स्टेप बाय स्टेप:
- क्लीन बोल्ड – जब एक गेंदबाज द्वारा ऐसी गेंद फेंकी जाती है जो बल्लेबाज को चकमा देते हुए सीधे विक्टों पर जाकर लगती है क्रिकेट की भाषा में इसे क्लीन बोल्ड आउट कहते हैं। यदि यह गेंद बल्लेबाज के बल्ले, बैटिंग पैड या शरीर के किसी और हिस्से को छूते हुए भी विकेट पर लगती है तो भी बल्लेबाज को आउट माना जाता है।
2. स्टंपिंग आउट – जब गेंदबाज बोल फेकता है और बल्लेबाज उसे खेलने जाता है किंतु मिस कर जाता है तथा पॉपिंग क्रीज के बाहर खड़ा हो जाता है उसी दौरान विकेटकीपर के द्वारा उस गेंद को कलेक्ट कर बल्लेबाज के पॉपिंग क्रीज में लौटने से पहले गिल्लियां बिखेर दी जाती है।
3. हिट विकेट – जब बल्लेबाज कोई शॉट खेल रहा होता है किंतु उसके बल्ले से या उसके शरीर के किसी हिस्से से उसका खुद का विकेट गिर जाता है तो उसे हिट विकेट आउट कहा जाता है। जब बल्लेबाज दौड़ कर रन बना रहा होता है और दूसरे छोर पर तेजी से रन लेने के चक्कर में विकेटों के ऊपर जाकर गिर जाता है तो उसे आउट नहीं माना जाता है।
4. हैंडलिंग द बॉल – जब बल्लेबाज विपक्षी टीम की मर्जी के बिना गेंद को हाथ से छूता है और उस पर छेड़खानी करता है तो उसे आउट करार दिया जा सकता है। जब बल्लेबाज शॉट खेलता है किंतु शार्ट उसके विकेट के नजदीक जाता है और बल्लेबाज द्वारा गेंद को विकेट पर लगने से रोकने के लिए हाथ का इस्तेमाल करने पर आउट करार दिया जाता है।
5. डबल हिट आउट – जब बल्लेबाज किसी भी कारणवश गेंद को जानबूझकर दो बार शॉट मारता है तो उसे आउट करा दिया जाता है। उम्मीद करते हैं आपको यह क्रिकेट नियम आर्टिकल अच्छा लग रहा है इसे पढ़ते रहे।
6. टाइम आउट – एकदिवसीय क्रिकेट में 3 मिनट के अंदर तथा टी20 क्रिकेट में 2 मिनट के अंदर जब बल्लेबाज ग्राउंड पर नहीं पहुंचता है तो उसे आउट करार दिया जाता है।
7. कैच आउट – जब गेंद बल्लेबाज के बल्ले से या बल्ले को पकड़े हाथ से लगकर गेंदबाज या अन्य क्षेत्र के खिलाड़ियों द्वारा जमीन पर टिप खाने से पहले पकड़ ली जाती है तो बल्लेबाज को कैच आउट करार दिया जाता है।
8. रन आउट – शॉट खेलने के बाद बल्लेबाज द्वारा रन लेने की कोशिश की जाती है किंतु उसके क्रीज में पहुंचने से पहले ही फील्डर या गेंदबाज द्वारा उस छोर के विकेट को गिरा दिया जाता है तो बल्लेबाज को रन आउट करा दिया जाता है।
9. फील्ड को बाधित करना – जब बल्लेबाज जानबूझकर फील्ड को बाधित करता है तो ऐसे में क्रिकेट के नियम 37 के अनुसार उसे आउट करार दिया जा सकता है
10. रिटायर्ड आउट – जब बल्लेबाज अंपायर या विपक्षी कप्तान की मर्जी के बिना ग्राउंड छोड़ कर बाहर चला जाता है तो उसे आउट करा दिया जाता है।
11. एलबीडब्ल्यू आउट – इसे लेग बिफोर विकेट कहा जाता है। शॉट खेलने या छोड़ने के दौरान जब बल्ले से पहले बल्लेबाज के पैर या शरीर के किसी और हिस्से में गेंद लगती है और वह गेंद सीधे स्टंप्स पर जा रही होती है तो बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू आउट दिया जाता है।
12. माकडिंग आउट – जब गेंदबाज गेंद फेंक रहा होता है और उसके गेंद फेंकने से पहले रनर पॉपिंग क्रीज को छोड़ देता है तथा उसी समय गेंदबाज द्वारा गेंदबाजी छोर की बेल् को गिरा दिया जाता है इसे ही माकडिंग आउट कहा जाता है।
क्रिकेट के बारे में 10 लाइनें
भारतीय क्रिकेट कई दशकों से एक बहुत बड़ा रोमांचक खेल बना हुआ है जिसे बच्चे तो क्या बड़े बूढ़े भी देखना पसंद करते हैं। भारतीय क्रिकेट में तीन महत्वपूर्ण दौर माने जाते हैं। 1983 में कपिल देव ने विश्व कप की ट्रॉफी उठाकर सभी भारतीयों केंद्र क्रिकेट के प्रति जबरदस्त जोश पैदा किया और क्रिकेट की ओर सभी भारतीयों का रुख मोड़ दिया। उसके बाद 16 वर्ष की उम्र में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में न सिर्फ भारतीय बल्कि पूरे विश्व का दिल जीतना शुरू कर दिया और उन्होंने यह सिलसिला 22 वर्षों तक जारी रखा। उसके बाद विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए किंग कोहली बन पूरे विश्व क्रिकेट में अपना दबदबा बनाया और आज तक वह अपने बल्ले से लोगों का मन लुभा रहे हैं।
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