क्रिकेट किट बैग में खिलाड़ी का वह समान होता है जिससे वह मैदान पर खेल सके। इस सामान में मुख्य रूप से बल्ला गेंद और अलग-अलग प्रकार के प्रोटेक्टिंग गार्ड्स होते हैं और आप इस पोस्ट द्वारा प्रत्येक सामान का उपयोग कैसे और क्यों किया जाता है यह जान पाएंगे।
क्रिकेट किट में क्या क्या सामान होता है सर से लेकर पांव तक संपूर्ण जानकारी
बल्ला – यह लकड़ी का बना होता है और इसका आकार लंबे स्क्वायर जैसा होता है जिसमें एक हैंडल लगा होता है जिससे बल्लेबाज इसे पकड़ता है। यह बल्लेबाज का मुख्य हत्यार होता है जिससे वह बल्लेबाजी करता है। एक आदर्श क्रिकेट बैट की लंबाई 96.52 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और यह लंबाई हैंडल के नीचे से मापी जाती है।
गेंद – यह लेदर से बनी गोलाकार गेंद होती है जिसका वजन 5.5 औस होता है। इसका वजन 155.9 ग्राम (5.5 औस) से कम नहीं होना चाहिए और ना ही 163 ग्राम से अधिक होना चाहिए। इसका इस्तेमाल गेंदबाज गेंदबाज़ी करने के लिए करता है और सामने खड़े बल्लेबाज के विकेट को निशाना बनाते हुए या उसे आउट करने के लिए हाथ घुमा कर लेदर बॉल से गेंदबाजी करता है।
मजेदार बात यह है कि बल्लेबाज तो अपना खुद का बल्ला ले जाकर मैच खेल सकता है पर गेंदबाज अपनी गेंद लाकर मैच नहीं खेल सकता बल्कि उसे अंपायर गेंद देते हैं।
बल्ला और गेंद क्रिकेट में मुख्य भूमिका निभाते हैं किंतु इनके अलावा कुछ और जरूरी सामान जो एक गेंदबाज, बल्लेबाज और विकेटकीपर इस्तेमाल करता है वह भी जानना जरूरी है। कोई चीज छूटे नहीं इसीलिए मैं हर एक सामान का जिक्र सर से लेकर पैर के पंजो तक कर रहा हूं यदि फिर भी कोई चीज मिस होती है तो आप कमेंट करके बता सकते हैं। नीचे बताए गए सभी उपकरण को पहनना या उनका इस्तेमाल मैच के दौरान करना अनिवार्य होता है।
हेलमेट – इसे सर पर पहना जाता है जिसमें आगे से मेटल की जाली लगी होती है ताकि क्रिकेट बॉल बल्लेबाज के चेहरे को चोट ना पहुंचा सके। जैसे बाइक चलाते समय बाइक सवार हेलमेट का इस्तेमाल करता है ताकि अपनी खोपड़ी की सुरक्षा कर सके उसी प्रकार क्रिकेट में भी इसका इस्तेमाल सर पर लेदर गेंद से लगने वाली चोट से बचने के लिए किया जाता है।
क्या आप क्रिकेट किट की कीमत जानते हैं यदि हां तो कमेंट बॉक्स में बताएं और यह भी बताएं कि आपने कितने में खरीदा?
चेस्ट गार्ड – यह बाहर से सख्त और अंदर से स्पंज जैसा नरम होता है ताकि गेंद लगने पर बल्लेबाज को चोट ना पहुंचे और इसमें एक पट्टी होती है जिससे इसे आपस में चिपकाया जाता है। यह छाती पर पहना जाता है और छाती से लेकर कमर के ऊपरी हिस्से तक सुरक्षा प्रदान करता है। यह पसलियों की भी रक्षा करता है पर यह दोनों छाती में नहीं पहना जाता बल्कि जहां गेंद लगने के अधिक चांस होते हैं यानी दाहिने हाथ का बल्लेबाज इसे लेफ्ट साइड में पहनता है और बाएं हाथ का बल्लेबाज राइट साइड में पहनता है।
एल्बो गार्ड – इसे आर्म गार्ड भी कहा जाता है। यह भी बाहर की ओर से सख्त तथा अंदर की तरफ नरम होता है, जितने भी प्रोटेक्टिव गार्ड होते हैं सभी बाहर से सख्त तथा अंदर से नरम होते हैं। यह दाहिना बल्लेबाज अपने लेफ्ट हैंड में पहनता है ताकि गेंद उसके कोहनी पर लगने पर नुकसान ना पहुंचा सके और लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज इसे राइट कोहनी में पहनता है।
बैटिंग अंदरुनी दस्ताने – इन्हें बैटिंग ग्लव्स के अंदर से पहना जाता है कुछ बल्लेबाज इसलिए पहनते हैं कि बैट ग्रिप करने में आसानी हो तो कुछ बल्लेबाज पसीने से बचने के लिए पहनते हैं। यह बल्लेबाज की इच्छा पर निर्भर होता है कि वह इसे पहने या ना पहने।
बैटिंग ग्लव्स – जिस तरह सर्दियों में दस्ताने ठंड से बचने के लिए पहने जाते हैं उसी तरह क्रिकेट में ग्लव्स लेदर गेंद की चोट से बचने के लिए पहने जाते हैं। यह अंदर से मुलायम तथा बाहर से सख्त होते हैं और प्रति उंगली तथा अंगूठे की ऊपरी सतह में कठोर पदार्थ लगा होता है ताकि तेज गेंद लगने पर भी बल्लेबाज को अंदर चोट महसूस ना हो।
विकेटकीपिंग ग्लव्स – अपना क्रिकेट किट बैग सिलेक्ट करते वक्त खिलाड़ी को अपने हिसाब से इसमें विकेट कीपिंग ग्लव्स ऐड करवाने होते हैं क्योंकि बैटिंग ग्लव्स तो हर बैग में शामिल होते ही हैं पर विकेट कीपिंग ग्लब्स बोलकर शामिल करवाने होते हैं। क्योंकि हर विकेटकीपर बल्लेबाजी तो करता ही है पर हर बल्लेबाज विकेट कीपिंग नहीं करता। यस बैटिंग ग्लव्स की तुलना में अधिक चौड़े होते हैं और इनकी उंगलियों के बीच में गैप भी नहीं होता, इन ग्लव्स को पहन कर आसानी से कैच पकड़ा जा सकता है।
थाई गार्ड – यह चौड़ा गार्ड होता है जिसे थाई पर पहना जाता है। इससे बल्लेबाज की थाई की सुरक्षा होती है यह भी दोनों पैरों में नहीं पहना जाता बल्कि फ्रंट जांघ पर पहना जाता है जहां गेंद लगने के अधिक मौके होते हैं।
इनर थाई गार्ड – यह पिछले पैर की जांघ के भीतरी हिस्से में पहना जाता है। यह भी सुरक्षा के लिए होता है किंतु अधिकतर बल्लेबाज इसे नहीं पहनते जबकि इसे पहना जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सौरव गांगुली इस गार्ड को निरंतर पहनते थे खासतौर पर जब से उन्होंने शोएब अख्तर की गेंदे खेली थी।
एल गार्ड – इसे ठीक से पहनने के लिए खिलाड़ी के पास सपोर्टर होना जरूरी है। यह खिलाड़ी की जान की रक्षा करता है।
बैटिंग पैड – यह पैरों पर पहना जाता है और घुटनों से लेकर एंकल तक की रक्षा करता है। हालांकि कुछ बल्लेबाज एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन के लिए इसके अंदर भी छोटा सा गार्ड पहनते हैं जैसे फुटबॉल में पहना जाता है। मैंने एक बार राहुल द्रविड़ को पैड रिमूव करते वक्त उस छोटे से गार्ड को निकालते हुए देखा था।
विकेटकीपिंग पैड – यह बैटिंग पैड की तुलना में थोड़े छोटे होते हैं और इससे ठीक से घुटने कवर नहीं होते ताकि विकेटकीपर विकेटकीपिंग करते समय बार-बार बैठ कर उठ सके सके। विकेटकीपिंग पैड किट बैग में पहले से मौजूद नहीं होता और यह भी खिलाड़ी को बोलकर अपने किट बैग में शामिल करवाना होता है।
क्रिकेट शूज – जूते पहनना अनिवार्य है और यह लेदर बॉल से पंजों पर लगने वाली चोट को बचाते हैं। अच्छे जूते बल्लेबाज को आसानी से दौड़ने में मदद करते हैं रुकने के लिए अच्छी ग्रिप प्रदान करते हैं। सहज महसूस होने पर बल्लेबाज का फुटवर्क भी अच्छा होता है।
तो यह थी किट बैग में रखने वाली कुछ महत्वपूर्ण सामग्री इनके अलावा एक खिलाड़ी अपनी पानी की बोतल हमेशा अपने साथ रखता है फिर चाहे वह क्रिकेट किट बैग के अंदर रखे या अपने हाथ में रखें उसकी मर्जी पर निर्भर करता है। एक बात और इस बैग में विकेट नहीं होते हैं उन्हें अलग से खरीदना पड़ता है।
क्रिकेट किट आइटम्स नेम लिस्ट
क्रिकेट किट आइटम्स नेम | |
1. | बल्ला। |
2. | गेंद। |
3. | हेलमेट। |
4. | चेस्ट गार्ड। |
5. | एल्बो गार्ड। |
6. | बैटिंग अंदरुनी दस्ताने। |
7. | बैटिंग ग्लव्स। |
8. | विकेटकीपिंग ग्लव्स। |
9. | थाई गार्ड। |
10. | इनर थाई गार्ड। |
11. | एल गार्ड। |
12. | बैटिंग पैड। |
13. | विकेटकीपिंग पैड। |
14. | क्रिकेट शूज। |
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