क्या आपने भी मजबूत इरादा बना लिया है क्रिकेटर बनने का और अब आप जानना चाहते हैं की डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स में क्या होता है! डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स कैसे दें! डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स कब होते हैं और कहां होते हैं? क्या बिना अकैडमी खेले मैं डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल दे सकता हूं और ट्रायल देने के लिए उम्र कितनी होनी चाहिए? तो बिल्कुल चिंता मत कीजिए आज का आर्टिकल पढ़ने के बाद आपके यह सारे डाउट क्लियर हो जाएंगे इस आर्टिकल को ध्यान से अंत तक पढ़े और फिर भी कोई डाउट हो तो आर्टिकल के खत्म होते ही नीचे एक कमेंट बॉक्स दिया गया है उस कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके अपना सवाल पूछ सकते हैं।
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स्टेट तथा डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन का कार्यभार
जिस प्रकार हर राज्य में एक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन होता है जो स्टेट क्रिकेट टूर्नामेंट कराता है उसी प्रकार लगभग हर जिले में एक जिला क्रिकेट एसोसिएशन होता है जो जिला क्रिकेट टूर्नामेंट तथा जिला क्रिकेट ट्रायल कराता है। जिला क्रिकेट को ही डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट कहते हैं और स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन की भांति ही डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन भी बीसीसीआई के अधीन होता है और बीसीसीआई के अनुसार कार्य करता है।
डिस्ट्रिक्ट तथा स्टेट की क्रिकेट टीमें बन जाने के बाद यह दोनों एसोसिएशन समय-समय पर टूर्नामेंट कराते रहते हैं और इन टूर्नामेंट में जिले तथा स्टेट लेवल के क्लब्स हिस्सा लेते हैं उन क्लब्स के साथ डिस्ट्रिक्ट स्टेट की टीमों के मैच होते हैं। इसके अलावा 1 स्टेट के दूसरे स्टेट की टीम के साथ भी मैच कराने का कार्यभार स्टेट लेवल क्रिकेट एसोसिएशन के ऊपर होता है।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स डेट कैसे पता करें
अधिकांश राज्यों में डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल फरवरी-मार्च में संपन्न हो जाते हैं और कम से कम 15 दिन पहले अमर उजाला तथा दैनिक जागरण अखबारों में इन ट्रायल्स की डेट छपती है। कई बार इन ट्रायल्स की डेट आगे पीछे हो जाती है और कुछ राज्यों में यह ट्रायल्स अलग समय पर भी हो सकते हैं इसलिए आपसे निवेदन है कि अपने आप को अपडेट रखें तथा एक बार अपने जिले के क्रिकेट एसोसिएशन से संपर्क साधने की कोशिश जरूर करें ताकि आपको आपके जिले की ट्रायल्स कि लम सम डेट मिल सके।
वैसे तो एक सही पारदर्शिता रखने के लिए होना यू चाहिए था कि बीसीसीआई को अपनी ऑफिशल वेबसाइट पर हर डिस्ट्रिक्ट के ट्रायल की सही जानकारी तथा फॉर्म उपलब्ध कराने चाहिए थे जहां से खिलाड़ी उन्हें सही समय पर डाउनलोड कर उन्हें जमा कर सके। इन फॉर्म को जमा करने के दो मेथड होने चाहिए थे ऑनलाइन और ऑफलाइन जो लोग डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन नहीं पहुंच सकते उनके लिए ऑनलाइन का माध्यम भी होना जरूरी है। उम्मीद करते हैं बीसीसीआई एक दिन जरूर यह पारदर्शिता लाएगी जिससे खिलाड़ी को किसी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन या क्लब से संपर्क साधने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी बल्कि सीधे बीसीसीआई की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म प्राप्त कर सकेंगे और डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स की सही डेट हासिल कर सकेंगे ताकि वह भी ट्रायल दे सकें। उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल अच्छा लग रहा है इसे आप अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल के फॉर्म तथा अनिवार्य डाक्यूमेंट्स
जब आपको यह पता चल जाता है कि आपके जिले में क्रिकेट ट्रायल होने वाले हैं तो सबसे पहले आपको इनके फॉर्म खरीदने होते हैं और यह फॉर्म आपको जिला क्रिकेट एसोसिएशन से मिलते हैं। इन फॉर्म्स की कीमत अधिक नहीं होती हो सकता है कुछ जिलों में यह फॉर्म मुफ्त भी मिलते हो फॉर्म खरीद कर उसे भरने के बाद आपको अपने जिले क्रिकेट एसोसिएशन में ही फॉर्म वापस जमा कर देना है। इस क्रिकेट ट्रायल फॉर्म के साथ आपको जरूरी डॉक्यूमेंट संलग्न करना है जैसे आधार कार्ड, घर का एड्रेस प्रूफ, यदि आप छात्र हैं तो स्कूल का बोनाफाइड सर्टिफिकेट यदि आप जॉब करते हैं तो आपके सैलरी अकाउंट की डिटेल फोटोकॉपी के रूप में संलग्न करें ध्यान रहे आपकी सैलरी कम से कम 1 साल से आपके खाते में आ रहे हो। इनके अलावा 4 से 5 पासपोर्ट साइज फोटो जरूर रखें।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल उम्र
आपको बीसीसीआई को धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि बीसीसीआई ने ट्रायल्स में पार्टिसिपेट करने की कोई अधिकतम उम्र नहीं रखी है इसका साफ मतलब यह है कि यदि कोई युवा आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण मजबूरन जॉब करता हो और कुछ समय जॉब करने के बाद वापस क्रिकेट में करियर बनाना चाहता है किंतु उसकी उम्र 35 से 40 साल हो चुकी हो तो भी वह डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स के फॉर्म भर कर उसमें पार्टिसिपेट कर सकता है। इसका सबसे ताजा एग्जांपल प्रवीण तांबे है जिन्होंने 40 साल की उम्र में आईपीएल डेब्यू किया था और आज की डेट में हुए 51 के आसपास है फिर भी आईपीएल खेल रहे हैं। हाल ही में प्रवीण तांबे पर एक फिल्म भी बनी है जिसका नाम है कौन है प्रवीण तांबे और इस फिल्म में प्रवीण तांबे का किरदार शानदार एक्टर श्रेयस तलपडे ने निभाया है।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स में क्या होता है
एक बार सब के फॉर्म भर जाने के बाद डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन इन सभी खिलाड़ियों को एक मैदान पर बुलाता है जहां इन युवाओं को ट्रायल देने होते हैं। इस ट्रायल में उम्र के हिसाब से अलग-अलग कैटेगरी बना दी जाती है और युवाओं को अपनी उम्र के दूसरे युवाओं के साथ मुकाबला करना होता है। ऐज कैटेगरी डिवाइड होने के बाद सिलेक्टर्स सभी युवाओं को एक लाइन में खड़ा करते हैं और उसके बाद उनसे उनकी स्किल पूछी जाती है। बल्लेबाजों, गेंदबाजों, ऑल राउंडर तथा विकेटकीपर बल्लेबाज या विकेटकीपर गेंदबाज का अलग अलग ग्रुप बनाया जाता है।
दो बल्लेबाजों को एक साथ बल्लेबाजी कराई जाती है तथा दो से तीन गेंदबाज एक समय पर इन बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते हैं। जो विकेटकीपर होते हैं उन्हें विकेट कीपिंग का मौका दिया जाता है इन सभी के प्रदर्शन पर सिलेक्टर्स अपनी पैनी निगाहें बनाए रखते हैं। बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी कि स्किल चेक करने के बाद विकेट कीपर्स को भी बल्लेबाजी या गेंदबाजी का मौका दिया जाता है। इसके बाद इन सभी खिलाड़ियों का फील्डिंग टेस्ट भी होता है जहां इनके कैच करने के कौशल को देखा जाता है साथ ही उनकी फील्डिंग स्किल्स को भी रखा जाता है। यह भी देखा जाता है कि कौन सा खिलाड़ी किस प्रकार गेंद थ्रो कर रहा है। ध्यान रहे आपको अपनी मेन स्किल के अलावा फील्डिंग, कैचिंग की भी अच्छी प्रैक्टिस करनी है तभी आप ट्रायल्स क्लियर कर पाएंगे। जब यह सारे टेस्ट हो जाते हैं और सिलेक्टर आप से संतुष्ट हो जाते हैं तो वे चुनिंदा खिलाड़ियों के नाम लिख लेते हैं तथा उन्हें बताया जाता है कि उनका सिलेक्शनहो चुका है कई बार सिलेक्टर्स कुछ खिलाड़ियों को बाद में फोन करके भी उनके सिलेक्शन होने या ना होने की खबर देते हैं।
ध्यान रहे जब भी आप ट्रायल देने जाएं तो अपनी कंप्लीट किट में जाएं इससे आपको खेलने कूदने में आसानी होती है और आप नियम का पालन भी करते हैं।
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