यह एक अति गंभीर प्रैक्टिस शेड्यूल है जिसे फॉलो कर आप अपनी स्किल्स को निखार सकते हैं। यह शेड्यूल फास्ट गेंदबाज को ध्यान में रखकर बनाया गया है। हमने टाइमटेबल को 3:30 घंटों में बांटा है क्योंकि 1 दिन में कम से कम 3:30 घंटे क्रिकेट प्रैक्टिस को देने जरूरी है आप इसे अपने टाइम के हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं।
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फास्ट बॉलर क्रिकेट प्रैक्टिस शेड्यूल
क्रिकेट में जितना स्टैमिना बल्लेबाज को चाहिए होता है उससे कुछ ज्यादा स्टैमिना तेज गेंदबाज के पास होना चाहिए। एक तेज गेंदबाज के कंधों में ताकत होनी चाहिए और उसके पंजों में ना थकने वाली बात होनी चाहिए।
तेज गेंदबाज प्रैक्टिस टाइम टेबल
शुरू का आधा घंटा दौड़ तथा स्ट्रैचिंग के लिए रखें अब बचते हैं आपके पास 3 घंटे। सबसे पहले सटीक कदम गिनते हुए अपने रन अप का मार्क लगा दें ऐसा करना जरूरी है क्योंकि इससे असल मैच में आपको दौड़ते हुए लय ना खोने की आदत पड़ेगी। पहले आधे घंटे में आपको गेंद पकड़कर केवल अपने रनअप पॉइंट पर दौड़ना है और किसी प्रकार की गेंदबाजी नहीं करनी है, ऐसा कम से कम 15 मिनट तक करें। 15 मिनट बाद आपको दौड़ में लय मिल जाएगी और अब प्रॉपर जंप के साथ बॉलिंग एक्शन पूरा करना है किंतु गेंद ना छोड़ें। ऐसा करने से आपके अंदर बॉल कंट्रोल करने की स्किल डिवेलप होना शुरू होगी। मात्र 5 से 10 मिनट तक इस एक्सरसाइज को पूरा करने के बाद आपको वाकई में गेंदबाजी शुरू करनी है। अब आपके पास बचेंगे टोटल 2:30 घंटे।
गेंदबाज़ी प्रैक्टिस को हमने 5 हिस्सों में बांट लिया है ताकि हर प्रकार की स्किल आप डिवेलप कर सकें इन सभी हिस्सों को 30-30 मिनट में बांटा गया है ताकि आपको सारे स्किल्स को डेवलप करने का समान समय मिल सके।
फुल लेंथ गेंदबाज़ी प्रेक्टिस 30 मिनट
सबसे पहले फुल लेंथ गेंदबाज़ी से शुरू करें और रफ्तार तथा लाइन लेंथ पर ध्यान ना देते हुए केवल गेंदबाजी करें। शुरू में ही कंधे पर जोर ना दें इसलिए फुल लेंथ गेंद की प्रैक्टिस शुरू में करें। समय के भटकाव को मैनेज करने के लिए पूरे बॉलिंग शेड्यूल को 25-25 गेंदों में डिवाइड कर लें। यानी आपको फुल लेंथ गेंद केवल 25 बार डालनी है और शुरू की 5-6 गेंदे हाथ खोलने के लिए बिल्कुल फ्री माइंड से डालनी है। उसके बाद कि 15 से 20 गेंदे आपको पूरे कंट्रोल के साथ डालने की कोशिश करनी है। एक कॉपी और पेन को हमेशा साइड में रखें और नोट करते रहें की आपकी वाकई में 25 में से कितनी गेंदे फुल लेंथ पड़ी हैं। आपको यह 25 गेंदें लगभग आधे घंटे में पूरी करनी है।
यारकर बॉलिंग प्रेक्टिस 30 मिनट
ओवर पिच गेंद डालने के बाद आपको यारकर बॉल की प्रैक्टिस करनी चाहिए क्योंकि उसके बाद यारकर डालना थोड़ा आसान हो जाता है। यारकर गेंद डालते वक्त रिलीज पॉइंट का खास ध्यान रखना होता है और गेंद को सर के ऊपर से जल्दी रिलीज करना होता है। इस वक्त भी आपको तेजी की बजाए एक्यूरेसी पर ध्यान देना है और कॉपी में नोट करते रहें कि आपकी 25 में से कितनी यारकर गिरी हैं।
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गुड लेंथ गेंदे 30 मिनट
अब आपको 25 गेंदे गुड लेंथ पर डालने की कोशिश करनी है। एक छोटा सा कोन या पत्थर अपने निशाने के आसपास रख दें और उसके इर्द गिर्द गेंदबाजी करने की कोशिश करें। ध्यान रहे इस बार भी तेजी की बजाए निशाने का ख्याल रखें। आधे घंटे तक इसी गेंदबाजी की प्रैक्टिस करें तथा साथ ही कॉपी में नोट करते रहें कि 25 में से कितनी गुड लेंथ गेंद आप डाल पाए हैं।
शॉट पिच गेंद 30 मिनट
अब आपको छोटी गेंद की प्रैक्टिस करनी है और यह गेंद डालने के लिए गेंदबाज को गेंद लेट रिलीज करनी होती है। इस गेंद की प्रैक्टिस करते वक्त कंधों पर अतिरिक्त जोर पड़ता है लेकिन शुरू कि 8 से 10 गेंदें आप ज्यादा ताकत से ना डालें और उसके बाद गेंद को पटकने की कोशिश करें। इस बार भी कॉपी पर नोट करें कि आपकी कितनी गेंदे वाकई में शॉट पड़ी हैं।
लगभग 2 घंटे की प्रैक्टिस के बाद 15 मिनट का ब्रेक लें इस ब्रेक के दौरान पानी तथा ग्लूकोस पी ले उसके बाद दोबारा प्रैक्टिस शुरू करें।
स्पेल गेंदबाज़ी प्रैक्टिस 30 मिनट
तरोताजा होने के बाद अब आपको 5-7 ओवर का एक स्पेल डालने की कोशिश करनी है। ट्रेनिंग के शुरुआती दिनों में केवल 5 ओवर का ही स्पेल रखें। एक कॉपी में पहले से ही नोट बना ले या एक चार्ट प्रैक्टिस क्षेत्र के आसपास किसी पेड़ पर या दीवार पर लगा दें। इस कॉपी या चार्ट में आपको एक ओवर की 6 गेंदों को डिवाइड करना है यानी पहली दो गेंद फुल लेंथ डालनी है उसके बाद दो गंदे शॉट पिच पटकनी है और आखिरी गेंद यारकर डालनी है। इसे अपने हिसाब से सेट करें। 2 ओवर डालने के बाद कोई भी गेंद लगातार रिपीट ना करें बल्कि एक गेंद लंबी उसके बाद छोटी गेंद डालें उसके बाद शॉट गेंद डालें और उसके बाद यारकर गेंद डालें और इसी क्रम को रिपीट करने की कोशिश करें।
आखिरी 15 मिनट रिलैक्स एक्सरसाइज जरूर करें ताकि आपके मसल्स रिलैक्स हो सकें।
अगले दिन एक्सपेरिमेंट करते हुए आप केवल ऑफ स्टंप के बाहर गेंदे डालने की कोशिश करें, तो किसी दिन ऑफ साइड के वाइड निशान के ठीक अंदर गेंद डालने की कोशिश करें तो किसी दिन क्रॉसि सीम से स्विंग गेंदबाजी करने की कोशिश करें।आपको हर दिन कुछ ना कुछ नया एक्सपेरिमेंट करते रहना है पर ध्यान रहे जो भी एक्सपेरिमेंट करें उसे अपने हिसाब से 25 या 30 गेंदों में बांट लें ताकि बाकी तरह की गेंदबाज़ी की नियमित प्रैक्टिस पर असर ना पढ़े।
पूछे गए प्रश्न उत्तर
फास्ट बॉलर वीकली शेड्यूल कैसे बनाएं?
यदि आप 3 घंटे प्रैक्टिस करते हैं तो इन 3 घंटों को आधे-आधे घंटे में डिवाइड कर दें और हर 30 मिनट में अलग गेंदबाज़ी स्किल को निखारने की प्रैक्टिस करें।
फास्ट बॉलर को 1 दिन में कितने घंटे प्रैक्टिस करनी चाहिए?
कम से कम 3:00 से 3:30 घंटे प्रैक्टिस करनी चाहिए।
गेंदबाजी की गति बढ़ाने के लिए कौन सी टेक्निक इस्तेमाल करें?
तेज गेंद डालने के लिए शोल्डर तथा कलाई का एक साथ इस्तेमाल करें।
शॉट पिच गेंद कैसे डालें?
यह गेंद डालने के लिए कंधे का भरपूर इस्तेमाल करना होता है और गेंद को देर से छोड़ते हुए आधे पिच में पटकना होता है।
फास्ट बॉलर का डेली रूटीन क्या होना चाहिए?
सुबह जल्दी उठकर भिगोए हुए चने खाए।
उसके बाद 30-45 मिनट दौड़ लगाएं।
एक दिन में कम से कम 3:00 से 3:30 घंटे बॉलिंग प्रैक्टिस जरूर करें।
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