पढ़ाई जॉब तथा क्रिकेट प्रैक्टिस टाइम टेबल कैसे मैनेज करें

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कुछ लोग जॉब करते हैं कुछ किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ स्कूल तथा कॉलेज में पढ़ते हैं। जो लोग बाकी तैयारियों के साथ अपने क्रिकेट करियर को भी एक मौका देना चाहते हैं आज मैं उन्हें एक मजबूत टाइम टेबल बनाने का तरीका बताने जा रहा हूं।

पढ़ाई जॉब तथा क्रिकेट प्रैक्टिस टाइम टेबल कैसे मैनेज करें

स्कूल की पढ़ाई तथा क्रिकेट खेलने का टाइम टेबल

स्कूल सुबह 8:00 बजे से शुरू होता है लेकिन उसकी तैयारी 6:30 या 7:00 बजे से शुरू हो जाती है क्योंकि अधिकतर बच्चों के घर दूर होते हैं और उस बस स्कूल जाना होता है। हालांकि, कुछ बच्चे स्कूल के नजदीक रहते हैं तो उनके पास अतिरिक्त समय होता है और वह करीब 7:45 बजे अपने घर से निकलते हैं तथा 10 मिनट के अंदर पहुंच जाते हैं। 

अगर क्रिकेट में करियर बनाना है तो सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी होगी और अपने मोबाइल में 5:00 बजे का अलार्म लगा दें। 5:00 बजे उठकर फ्रेश होने के बाद रात के भिगोए हुए चने खाएं और दौड़ पर निकल जाएं। 

आधा घंटा दौड़ने के बाद अपनी सभी स्ट्रैचिंग एक्सरसाइजेज पूरी करें इस तरह रोज सुबह आधे से पौना घंटा कसरत करें। ऐसा करने से आपके शरीर के मसल्स को बल मिलेगा तथा मैच में आपका स्टैमिना बनेगा और खेल के दौरान खिंचाव आने के चांस कम होंगे। स्कूल की छुट्टी लगभग 2:00 बजे हो जाती है और आम तौर पर बच्चे 2:30-3:00 बजे तक घर पहुंचते हैं। घर पहुंच कर आराम या मोबाइल पर वीडियो गेम खेलने के बजाय आपको ट्यूशन या खुद पढ़ाई करनी चाहिए। 

पढ़ाई का समय 3:00 बजे से लेकर 4:15 बजे तक रखें। करेक्ट 4:15 बजे अपना प्रैक्टिस के लिए निकल जाए तथा 4:30 बजे से लेकर अंधेरा होने तक यानी कि गर्मियों में लगभग 7 बजे तक जमकर प्रैक्टिस करें। उसके बाद घर आकर 10 मिनट ठहरने के बाद शावर लें और तुरंत पढ़ने के लिए बैठ जाए। आपकी पढ़ाई का टाइम 7:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक होना चाहिए। हालांकि 7:45 और 8:00 तक आपको रात का डिनर कर लेना चाहिए कोशिश करें डिनर हल्का करें ताकि पढ़ाई करते वक्त नींद ना आए। उसके बाद 9:30 बजे तक एक ग्लास दूध पीकर सो जाए और ध्यान रहे चने भीगाना ना भूलें। इस तरह से आप 1 दिन में 2:30 घंटे अपनी प्रैक्टिस तथा डिनर के टाइम को हटाने के बाद लगभग ढाई घंटे अपनी पढ़ाई को भी दे पाए। 

कॉलेज की पढ़ाई तथा क्रिकेट खेलने का टाइम टेबल

कॉलेज जाने वाले छात्रों को सहूलियत होती है कि वे अपने सब्जेक्ट के टाइम पर कॉलेज पहुंच सकें। इस बात को ध्यान रखते हुए आपको अपना सुबह का प्रैक्टिस शेड्यूल बनाना है। मान लीजिए आपको कॉलेज 10:00 बजे तक पहुंचना है तो अब आपको रोज सुबह 5:00 बजे उठना है और 5:15 बजे तक भीगे हुए चने खाकर दौड़ पर निकल लेना है। लगभग 45 मिनट तक कसरत तथा मेडिटेशन करने के बाद करेक्ट 5:45 बजे आपको अपनी प्रैक्टिस शुरू कर देनी है। सुबह के 5:45 बजे से लेकर 9 बजे तक आपको लगभग 3 घंटे अपनी क्रिकेट प्रैक्टिस करनी है। उसके बाद कॉलेज जाने की तैयारी करें और 10:00 बजे तक कॉलेज पहुंच जाएं। 

कॉलेज भी लगभग 2:00 बजे तक खत्म हो ही जाता है और 2:30 बजे तक घर लौटने के बाद कुछ समय अपनी पढ़ाई को दें। दोपहर के 2:30 बजे से लेकर शाम के 4:30 बजे तक पढ़ाई करें या ऐसी जगह ट्यूशन ज्वाइन करें जहां पर अच्छी पढ़ाई के साथ आपका टाइम भी मैच कर रहा हो। लगभग 4:45 से शाम के 7:00 बजे तक दोबारा प्रैक्टिस शुरू कर दें और श्याम 7:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक दोबारा पढ़ाई करें। इस प्रकार से आपने लगभग 3 घंटे पढ़ाई को दिए और लगभग 5 घंटे अपने क्रिकेट प्रैक्टिस को दिए। 

एक बात का सभी खास ख्याल रखें की एग्जाम के दौरान आपको प्रैक्टिस को कुछ समय तक बंद कर देना चाहिए ताकि पूरा फोकस एग्जाम पर दे सकें और अच्छे नंबर आने पर ही आपके पेरेंट्स आगे की प्रैक्टिस करने देंगे इसलिए इस बात को सीरियसली लें।

जॉब तथा क्रिकेट खेलने का टाइम टेबल 

ज्यादातर जॉब टाइमिंग्स सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक होता है ऐसे में आपको बचे हुए समय को हि अपनी प्रैक्टिस के लिए इस्तेमाल करना है। आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए और सुबह 5 बजे उठने के बाद आधा घंटा एक्सरसाइज तथा दौड़ के बाद लगभग 5:45 से लेकर 8:45 तक अपनी प्रैक्टिस करनी चाहिए और 9:00 बजे तक घर लौट कर ऑफिस जाने की तैयारी करें। इस तरह से आपने अपने बिजी शेड्यूल में से  कीमती 3 घंटे अपनी प्रैक्टिस को दिए जो आगे चलकर आपके काम आएगी। 

ऑफिस से 5:00 बजे छूटने के बाद आप लगभग 5:30 और 6:00 बजे तक अपने घर पहुंचते होंगे। ऐसे में आपके पास बाहर जाने का ज्यादा समय नहीं बचता है तो आपको घर पर ही मिरर प्रैक्टिस करनी चाहिए या फिर छत पर अपने घर के किसी सदस्य के साथ या अकेले प्रैक्टिस करनी चाहिए। मिरर प्रैक्टिस से अभिप्राय शीशे के सामने खड़े होकर बल्ले से बिना किसी गेंद के प्रैक्टिस करनी चाहिए जिस प्रकार से शैडो प्रैक्टिस करते हैं ठीक उसी प्रकार से। इसके अलावा आपके पास रोप प्रैक्टिस का भी ऑप्शन है। यदि आप किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो ऐसे में आपको सुबह का कीमती समय पढ़ाई के लिए रखना चाहिए और दोपहर के बाद अपनी प्रैक्टिस शुरू करनी चाहिए। 

संबंधित प्रश्न उत्तर 

1 दिन में कितने घंटे क्रिकेट प्रैक्टिस करनी चाहिए?

कम से कम 3:30 घंटे तो आपको अपने क्रिकेट प्रैक्टिस को देना ही चाहिए।

क्रिकेट और पढ़ाई को कैसे मैनेज करें?

एक सख्त टाइम टेबल बनाकर आप क्रिकेट और पढ़ाई मैनेज कर सकते हैं। 

क्रिकेटर्स कितने घंटे सोते हैं?

क्रिकेटर्स 6 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं ताकि मैदान पर उन्हें थकावट महसूस ना हो और वे अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

मैं क्रिकेट प्रैक्टिस कैसे शुरू करूं?

आप क्रिकेट प्रैक्टिस घर पर ही शुरु कर सकते हैं और अगर आपके पास बैट और बॉल दोनों नहीं है तो किसी   फट्टे तथा गेंद जैसी आकृति वाली वस्तु से प्रैक्टिस शुरू कर दें, ज्यादा सोचे नहीं। 

क्या स्कूल और कॉलेज के साथ क्रिकेट प्रैक्टिस की जा सकती है?

जी हां, स्कूल और कॉलेज पढ़ते हुए भी आप सुबह जल्दी उठने पर 1 दिन में कम से कम 3:30 घंटे प्रैक्टिस के लिए निकाल सकते हैं। 

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