दुनिया में पहली बार लोगों ने मैच फिक्सिंग के बारे में तब सुना जब सितंबर 1994 में ऑस्ट्रेलियाई टीम 3 क्रिकेट मैच की श्रृंखला खेलने पाकिस्तान गई थी।
पहली बार लोगों के सामने मैच फिक्सिंग की बात लाने वाले महान स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न थे।
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पहला मैच फिक्सिंग कब हुआ किसने किया और जडेजा को हटा दादा कप्तान कैसे बने
वॉर्न ने कहा कि श्रृंखला के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ी सलीम मलिक उनके होटल में ऑस्ट्रेलिया टीम के कमरे में आए थे और सलीम ने कहा कि अगर पाकिस्तान की टीम पाकिस्तान के अंदर मैच हार जाएगी तो पाकिस्तानी खिलाड़ियों के घर जला दिए जाएंगे इसलिए आप लोग 2,76,000 यूएस डॉलर ले लो और यह वाला मैच हार जाओ।
यह बात शेन वार्न, मार्क व, तथा टिम मे ने अपने कप्तान (मार्क टेलर), मैच रेफरी तथा कोच को उस दौरान बता दी थी। कुछ सालों बाद यह बात शेन ने अपनी मशहूर अमेजन एक्सक्लूसिव डॉक्यूमेंट्री शेन वॉर्न में भी कहि, इस डॉक्यूमेंट्री को आप यूट्यूब में देख सकते हैं।
जस्टिस मलिक कयूम रिपोर्ट
पाकिस्तान के जस्टिस फखरुद्दीन और जस्टिस मलिक मोहम्मद कयूम ने अलग से कमिशन बनाया और कई घटनाओं को उठाकर इंक्वायरी शुरू कर दी ताकि सच जान सकें। जस्टिस मलिक कयूम रिपोर्ट आने पर पाकिस्तान खिलाड़ियों सलीम मलिक तथा वसीम अकरम के नाम सामने आए। इन्वेस्टिगेशन पूरी होने के बाद इस कमेटी ने सलीम मलिक के ऊपर लाइफटाइम क्रिकेट बैन लगा दिया और वसीम अकरम के खिलाफ स्टेटमेंट दिया कि इनके खिलाफ सबूत कम पड़ गए हैं।
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इस तरह क्रिकेट मैच फिक्सिंग में फंसा दुनिया का पहला क्रिकेटर पाकिस्तान का खिलाड़ी सलीम मलिक बना जिस पर आजीवन क्रिकेट खेलने के लिए बैन लगा दिया गया और जेल भेज दिया गया। हालांकि 2008 में पाकिस्तान की एक लोकल कोर्ट ने मलिक पर लगा बैन हटा दिया था। यह एक दस्तावेज है जस्टिस मलिक कयूम रिपोर्ट का जिसे आप पढ़ सकते हैं।
अब तक का सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग स्कैंडल हैंसी क्रोजे वाला माना जाता है क्योंकि उसमें पहली बार काफी बड़े-बड़े खिलाड़ियों के नाम सामने आए थे। साउथ अफ्रीका की टीम से ही हैंसी के अलावा हर्षल गिब्स, निकी, तथा पीटर के नाम भी उस घोटाले में आए थे। उसी दौरान क्रोनिए प्लेन क्रैश का शिकार हो गए और कुछ राज उनके साथ चले गए। हैंसी ने दुर्घटना से पहले कुछ भारतीय खिलाड़ियों का नाम मैच फिक्सिंग में लिया था जिससे भारत में उन क्रिकेटर्स के प्रति काफी गर्म माहौल हो गया था।
जडेजा को हटा दादा कप्तान कैसे बने
मोहम्मद अजहरूद्दीन और अजय जडेजा जैसे बड़े क्रिकेटर खिलाड़ियों के नाम हैंसी ने मैच फिक्सिंग में लिए थे और कहा था कि मुझे सबसे पहले सटोरी मुकेश से मिलवाने वाला अजहरुद्दीन था। इन आरोपों की वजह से अजहरुद्दीन और अजय जडेजा का क्रिकेट करियर पूरी तरह से तबाह हो गया। अजहरुद्दीन तो भारत के लिए काफी क्रिकेट खेल चुके थे, उस समय सिलेक्टर्स टीम इंडिया के लिए एक नया कप्तान ढूंढ रहे थे और उनकी पहली पसंद अजय जडेजा थे। जडेजा ने कुछ माचो में भारत की कप्तानी भी की थी और माना जा रहा था कि वह भारत के नए कप्तान होंगे।
किस्मत को कुछ और मंजूर था और जडेजा मैच फिक्सिंग स्कैंडल में फंस गए और उनके क्रिकेट खेलने पर बीसीसीआई ने प्रतिबंध लगा दिया। विकल्प के रूप में सौरभ गांगुली उर्फ दादा बीसीसीआई की नजर में आए और उन्हें भी किस्मत से कप्तानी करने का मौका मिला और वह भारत के पहले सबसे एक्सपेरिमेंटल एवम काबिल कप्तान बने।
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