आज के ब्लॉग पोस्ट में क्रिकेट के एक डार्क मुद्दे “भारतीय मैच फिक्सिंग स्कैंडल” को छूने की कोशिश कर रहा हूं। आज हम जानेंगे क्रिकेट मैच फिक्सिंग क्या होता है कैसे शुरू हुई तथा इसमें कौन-कौन से खिलाड़ी फस चुके हैं।
भारत में क्रिकेट धर्म के समान हैऔर जब इसमें कुछ गड़बड़ होती है तो असर पूरे देश में दिखता है। इस कंटेंट को पूरी तरह से ऑथेंटिक बनाने के लिए सीबीआई रिपोर्ट, कोर्ट जजमेंट रिपोर्ट, सेशन कोर्ट के डिस्चार्ज ऑर्डर, रिलायबल रिसर्च पेपर और आर्टिकल्स भी संलग्न कर रहा हूं ताकि आप उन्हें चेक कर सकें।
सबसे पहले समझते हैं मैच फिक्सिंग क्या होता है और उसके बाद जानेंगे इसकी आग में श्रीसंत के अलावा किन-किन खिलाड़ियों के हाथ झुलस चुके हैं।
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क्रिकेट मैच फिक्सिंग क्या होता है कौन से भारतीय खिलाड़ी फस चुके हैं
नाम से ही जाहिर है मैच फिक्सिंग से अभिप्राय किसी मैच को फिक्स करने से है, मैच फिक्स करने वालों को बुकि कहा जाता है।
मैच फिक्सिंग क्या होता है
इसमें आमतौर पर एक टीम के पूरे खिलाड़ी सम्मिलित नहीं होते बल्कि कुछ खिलाड़ी शामिल होते हैं ताकि क्रिकेट मैच फिक्स करने वालों का भांडा ना फूटे।
मैच फिक्सिंग में जिन खिलाड़ियों के साथ मिलकर फिक्सिंग की जाती है उनके प्रदर्शन फिक्स होते हैं। अर्थात कोई बल्लेबाज के साथ अगर किसी बुकि ने मैच फिक्सिंग के लिए टाइ अप किया है तो वह बुकि निर्धारित कर सकता है कि इस बल्लेबाज को 14 या 15 रन से अधिक नहीं बनाने हैं या फिर इसे शून्य पर आउट होना है। जो बल्लेबाज इसमें सम्मिलित है वह ठीक ऐसा ही करता है।
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गेंदबाज को फिक्स करने के लिए बुकी उसे पहले से ही तय ओवर में तीन वाइड फेंकने को कह सकता है या गेंदबाज के किसी एक फिक्स ओवर में एक या दोनों नो बॉल डालने को कह सकता है। एक गेंदबाज आज 10 ओवर में 40 – 50 रन देगा यह भी फिक्स हो सकता है। किसी खिलाड़ी के साथ कैच छोड़ने के लिए भी मैच फिक्स होता है। यह सब कुछ मैच से काफी पहले निर्धारित कर लिया जाता है जिसके लिए इन खिलाड़ियों को मोटी रकम दी जाती है। हालांकि जब से सीबीआई इस मामले में पड़ी है तब से इस तरह की खबरें आनी बंद हो चुकी हैं।
चंद्रचूड़ रिपोर्ट भारत मैच फिक्सिंग स्कैंडल
सन 1997 में आउटलुक मैगजीन के इंटरव्यू में मनोज प्रभाकर ने कहा कि आज से 3 साल पहले श्रीलंका के अंदर एक सिंगल सीरीज में उन्हें मैच हारने के लिए उनके एक टीम मेट ने 25 लख रुपए का ऑफर दिया था। कुछ समय बाद बीसीसीआई के प्रेसिडेंट आई एस बिंद्रा ने कहा की मनोज को पैसों का ऑफर किसी और ने नहीं बल्कि कपिल देव ने दिया था।
इस बात की तहकीकात करने के लिए बीसीसीआई ने इन्वेस्टिगेशन शुरू करवा दि। इस रिपोर्ट को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया माननीय यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ लीड कर रहे थे। कई दिनों तक इन्वेस्टिगेशन चलने के बाद अक्टूबर 1997 में चंद्रचूड़ रिपोर्ट दुनिया के सामने आती है। इस रिपोर्ट में चंद्रचूड़ ने बताते हुए कहा था कि लॉ एंड ऑर्डर की कमजोरी के कारण क्रिकेट में सट्टा बहुत बड़े स्तर पर खेला जा रहा है। इस रिपोर्ट पर सवाल उठे थे कि इसमें तहकीकात ठीक तरीके से नहीं की गई है।
15 मई 2013 आईपीएल फिक्सिंग श्रीसंत
15 में 2013 की रात को मुंबई के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल में श्रीशांत ठहरे हुए थे जहां पर पुलिस उन्हें मैच फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार करती है। गिरफ्तार करते वक्त पुलिस को श्रीशांत के साथ फिक्सर जनार्दन भी मिलते हैं और साथ ही 72000 नकद रुपए भी मिलते हैं। श्रीशांत के बाद अजीत चंदेला, अजीत चौहान को भी अरेस्ट किया जाता है। इन खिलाड़ियों के ऊपर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एक्ट (मकोका ) लगा था लेकिन बाद में सबको बरी कर दिया गया था।
क्रिकेट मैच फिक्सिंग रिपोर्ट्स ओरिजिनल
- दिल्ली सेशन कोर्ट डिस्चार्ज ऑर्डर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग।
- सीबीआई रिपोर्ट मैच फिक्सिंग।
- चंद्रचूड़ रिपोर्ट क्रिकेट फिक्सिंग।
संबंधित प्रश्न उत्तर
विश्व का पहला क्रिकेट मैच फिक्सिंग स्कैंडल कौन सा है?
जस्टिस मलिक कयूम रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी खिलाड़ी सलीम मलिक ने ऑस्ट्रेलिया को मैच हारने के लिए 2,76,000 यूएस डॉलर का ऑफर दिया था।
आईपीएल मैच फिक्सिंग घोटाला कब हुआ था?
आईपीएल मैच फिक्सिंग स्कैंडल 2013 में हुआ था जिसमें पुलिस के द्वारा श्रीशांत, अजीत चंदेला, अजीत चौहान को अरेस्ट किया गया था।
कौन से भारतीय खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में फंस चुके हैं?
श्रीशांत, अजीत चंदेला, अजीत चौहान मोहम्मद अजहरूद्दीन, मनोज प्रभाकर, अजय जडेजा, नयन मोंगिया तथा अजय शर्मा।
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