कबड्डी मेरा प्रिय खेल है क्योंकि यह खेल में अपने दोस्तों के साथ आसानी से बिना किसी साजो सामान की व्यवस्था के खेल सकता हूं। आज के इस लेख में हम कबड्डी पर निबंध लेकर आए हैं और इस निबंध के द्वारा हम आपको कबड्डी खेल के बारे में बताएंगे जो तीसरी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के सभी छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगा।
कबड्डी एक सरल खेल है जिसे खेलना काफी आसान होता है। कबड्डी एक लोकप्रिय खेल है इसकी लोकप्रिय की सबसे बड़ी वजह यह है इसे खेलने के लिए किसी खास सामान की आवश्यकता नहीं पड़ती और ना ही ज्यादा जगह की जरूरत होती है। यह खेल आसानी से मैदान के किसी कोने में खेला जा सकता है और इसे सीखना भी काफी आसान होता है। पहली बार 1936 के बर्लिन ओलंपिक में कबड्डी को प्रदर्शनी खेल के रूप में शामिल किया गया था और यह पहला मौका था जब कबड्डी खेल ओलंपिक यानी खेलों के कुंभ में शामिल हुआ।
मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध 1000 शब्द
कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसे पुरुष एवं महिलाएं दोनों आसानी से खेल सकते हैं। यह खेल एक समतल मैदान में खेला जाता है जिसमें नरम मिट्टी की परत बिछी होती है। कबड्डी के मैदान में कंकड़ नहीं होते और जो होते हैं उन्हें हटाया जाता है ताकि किसी भी खिलाड़ी को चोट ना पहुंचे और इसलिए इसे मिट्टी पर खेला जाता रहा है। मिट्टी के मैदान पर ट्रेडिशनल कबड्डी खेला जाता है जबकि प्रो कबड्डी में नीले और हरे रंग के मखमले मैट बिछे होते हैं ताकि किसी खिलाड़ी को चोट ना लगे। प्रो कबड्डी आज कल के जमाने का कबड्डी है इसे एडवांस लेवल कबड्डी भी कहा जा सकता है पर मिट्टी पर कबड्डी खेलने का मजा ही अलग होता है यह हमें जमीन से जोड़े रखती है ऐसा लगता है।
कबड्डी खेल का मैदान पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए समान नहीं होता। जहां पुरुषों के लिए कबड्डी ग्राउंड का मेज़रमेंट 13 x 10 मीटर होता है वही महिलाओं के लिए मैदान थोड़ा छोटा होता है और उसका मापदंड 12 x 8 मीटर होता है। यह एक टीम गेम है जो दो टीमों के बीच में खेला जाता है, कबड्डी खेल में खिलाड़ियों की संख्या एक टीम में 12 होती है जिसमें से 7 खिलाड़ी मैदान में खेलते हैं और 5 खिलाड़ी रिजर्व में बैठते हैं। रिजर्व खिलाड़ियों को किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर, किसी खिलाड़ी के अच्छा प्रदर्शन ना करने पर या फिर अलग रणनीति के तहत मैदान में किसी भी समय खेलने के लिए उतारा जा सकता है। पुरुषों में कबड्डी खेल की अवधि 20-20 मिनट की होती है और इसके अलावा 5 मिनट का अतिरिक्त समय दोनों टीमों को पाला बदलने के लिए दिया जाता है और उसी समय में वे तेजी से किसी रणनीति को भी आजमा सकते हैं। जबकि महिलाओं के खेल की अवधि 15-15 मिनट होती है और इसके अलावा 5 मिनट पाला बदलने के लिए दिया जाता है।
बाकी खेलों की तरह इस खेल में भी टॉस होता है और टॉस जीतने वाली टीम अपनी पसंदीदा कबड्डी कोर्ट की साइड (पाला) या रेड चुनती है। रेडर वह खिलाड़ी होता है जो कबड्डी-कबड्डी बोलते हुए विपक्षी पाले में जाता है और विपक्षी टीम के किसी खिलाड़ी को अपनी चपलता और चतुराई से छूकर तेजी से वापस अपने पाले में आता है। जो खिलाड़ी रेडर को पकड़ने की कोशिश करते हैं उन्हें स्टॉपर या एंटी कहा जाता है। कबड्डी खेल के कोर्ट में एक सेंटर लाइन होती है जो दोनों पालों को विभाजित करती है। पुरुषों के लिए सेंट्रल लाइन से 3.75 मीटर की दूरी पर बकलाइन होती है तथा सेंट्रल लाइन से 4.75 मीटर की दूरी पर बोनस लाइन होती है। जबकि महिलाओं के लिए यह दूरी सेंट्रल लाइन से 3 तथा 4 मीटर होती है। जब रेडर विपक्षी पाले में रेड डालने जाता है तो उसका किसी खिलाड़ी को आउट करना या बकलाइन छू कर वापस आना जरूरी होता है यदि रेडर किसी खिलाड़ी को आउट नहीं कर पाया और बिना बकलाइन छुए अपने पाले में वापस आ गया तो उसे आउट माना जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है की भले ही रेडर किसी खिलाड़ी को आउट नहीं कर पाया लेकिन बकलाइन टच कर वापस आने में कामयाब हो जाता है तो उसे आउट नहीं माना जाता है। और जब रेडर बोनस लाइन को क्रॉस कर वापस अपने पाले में आने में कामयाब होता है तो बोनस के रूप में एक अतिरिक्त अंक उसकी टीम को मिल जाता है।

जब रेडर विपक्षी टीम के किसी खिलाड़ी को छूकर वापस आने में कामयाब हो जाता है तो उस छुए हुए खिलाड़ी को मरा हुआ या आउट माना जाता है तथा उसे पाले से बाहर जाना होता है। स्टॉपरो को छूने की प्रक्रिया में यदि रेडर धर दबोचा जाता है तो उसे मरा हुआ या आउट माना जाता है तथा उसे कोर्ट से बाहर जाना पड़ता है। चाहे रेडर हो, चाहे स्टॉपर हो जब यह खिलाड़ी आउट होते हैं तो इन्हें 13 x 1 मीटर (पुरुष), 12 x 1 मीटर (महिला) लॉबी में बैठना होता है जो कोर्ट का एक हिस्सा मानी जाती है। इन मरे हुए खिलाड़ियों को या आउट हुए खिलाड़ियों को दोबारा जिंदा होने का मौका मिलता है। जैसे ही उनकी टीम किसी विपक्ष टीम के खिलाड़ी को आउट कर लेती है तो क्रम वाइज जो खिलाड़ी पहले आउट हुआ होता है उसे वापस जिंदा होने का मौका मिलता है। यह प्रक्रिया पूरे खेल में चलती रहती है जिससे खिलाड़ियों को आउट होने के बाद दोबारा खेलने का मौका मिलता है और खेल में रोमांच बना रहता है।
एक स्थिति ऐसी आती है जब किसी एक टीम में मात्र एक या दो खिलाड़ी बचते हैं और जब रेडर एक या दो खिलाड़ियों को भी आउट कर देता है तो रेडर की टीम को उन खिलाड़ियों को आउट करने के अंक तो मिलते ही हैं उसके अलावा लोना के रूप में अतिरिक्त 2 अंक भी मिल जाते हैं। और जब रेडर अकेला बचता है और उसे विपक्षी टीम में रेड डालने जाना होता है तथा उसे धर दबोचे जाने पर विपक्षी टीम को लोना के रूप में 2 अतिरिक्त अंक मिल जाते हैं। कबड्डी में लोना उसे कहा जाता है जब किसी एक टीम के सातों खिलाड़ियों को आउट कर दिया जाता है, आउट करने वाली टीम को लोना प्राप्त होता है। यदि आप प्रोफेशनल तरीके से कबड्डी खेलना चाहते हैं तो एक बार आपको कबड्डी के नियम जरूर पढ़ना चाहिए।
पूछे गए प्रश्न उत्तर
कबड्डी खेल का ग्राउंड का मेजरमेंट कैसा होता है?
कबड्डी खेल का मैदान का मापदंड पुरुषों के लिए अलग तथा महिलाओं के लिए अलग होता है।
पुरुष कोर्ट की लंबाई चौड़ाई है – 13 x 10 मीटर।
महिला कोर्ट की लंबाई चौड़ाई – 12 x 8 मीटर।
कबड्डी खेल का इतिहास कितना पुराना है?
इस खेल का इतिहास लगभग 4000 वर्ष पुराना है।
कबड्डी खेल में कितने प्लेयर होते हैं ?
इस खेल में 12 खिलाड़ी होते हैं जिसमें से 7 कोर्ट के अंदर खेलते हैं तथा 5 रिजर्व में बैठते हैं।
कबड्डी खेल में लोना क्या होता है?
लोना किसी भी टीम को तब प्राप्त होता है जब वे विपक्षी टीम के सातों खिलाड़ियों को आउट कर देते हैं और परिणामस्वरूप उन्हें लोना के रूप में अतिरिक्त 2 अंक प्राप्त होते हैं।
कबड्डी खेल का जन्मदाता कौन सा देश है
भारत देश को कबड्डी खेल का जन्मदाता माना जाता है।
यह भी पढ़ें