आज आपको तीन का तड़का मिलेगा अर्थात एक ही जगह पर सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी पर निबंध प्राप्त कर पाएंगे और उनके बारे में कुछ तथ्य, अनुशासन, निजी जीवन एवं कुछ जरूरी बातें जान पाएंगे।
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मेरा प्रिय खिलाड़ी हिंदी निबंध विराट सचिन धोनी
शुरुआत करते हैं सचिन तेंदुलकर से, सचिन सभी भारतीयों के पसंदीदा खिलाड़ी है और जिन लोगों की उम्र 30 से 40 के बीच होती है वह सचिन के बड़े फैन होते हैं उन्होंने सचिन को बचपन से खेलते देखा है।
मेरा प्रिय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर
मराठा संस्कृति – सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में रमेश तेंदुलकर तथा रजनी तेंदुलकर के घर हुआ था। सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है इसलिए है क्योंकि सचिन मराठी हैं और मराठी कल्चर में बेटा अपने डैडी का नाम अपने नाम के बीच में जोड़ता है, इस प्रथा की तारीफ होनी चाहिए।
भाई अजीत का योगदान – सचिन तेंदुलकर ने बहुत जल्द क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और इसका श्रेय उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर को जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सचिन की प्रतिभा को पहचाना बल्कि उसे बढ़ावा भी दिया। अजीत तेंदुलकर अपने छोटे भाई सचिन को गुरु रमाकांत आचरेकर के पास कोचिंग के लिए लेकर गए थे और वहीं से सचिन की क्रिकेट जर्नी शुरू होती है क्योंकि रमाकांत ने भी सचिन को बहुत जल्द परख लिया था कि यह कोई मामूली बच्चा नहीं बल्कि अद्भुत प्रतिभा का धनी बच्चा है बस इसे सही मार्ग देने की जरूरत है।
गुरु रमाकांत आचरेकर – रामाकांत अचरेकर सचिन पर खास ध्यान दिया करते थे और उन्हें कई सारे लोकल क्रिकेट मैच में खिलाया करते थे। सचिन तेंदुलकर पूरी अकैडमी में गुरु रमाकांत के फेवरेट थे और उन्हें सचिन से बहुत ज्यादा उम्मीद थी इसलिए वे सचिन को एक ही दिन में तीन से चार क्रिकेट मैच खिलाते थे। सारे मैच रमाकांत सर के अधीन थे इसलिए जिस भी मैच में सचिन आउट हो जाते थे वह सचिन को अपने बजाज स्कूटर में बिठाकर दूसरे मैच में खिलाने जाते थे और बैटिंग करवाते थे। यदि सचिन वहां भी जल्दी आउट हो जाते तो वे सचिन को दूसरे मैच में लेकर जाते थे। सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान बनाने में उनके गुरु रमाकांत आचरेकर का बहुत बड़ा हाथ है और किसी ने सही कहा है माता-पिता के बाद गुरुजी सर्वश्रेष्ठ होते हैं।
अंजली तेंदुलकर से प्यार – मात्र 16 वर्ष 205 दिन की उम्र में सचिन तेंदुलकर भारत के लिए क्रिकेट खेलने लगे और उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच कराची में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था, वह एक टेस्ट मैच था। सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट करियर बेहतरीन चल रहा था और साथ ही उनका लव एंगल डॉक्टर अंजली तेंदुलकर के साथ शुरु हो चुका था। सचिन और अंजली की जोड़ी पूरे क्रिकेट जगत में सम्माननीय जोड़ी है और सभी क्रिकेट सितारे इन दोनों का सम्मान करते हैं तथा सचिन और अंजलि भी इन खिलाड़ियों की कई बार मेहमान नवाजी कर चुके हैं और अपने घर पर लंच या डिनर पर बुलाते रहते हैं।
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सचिन और अंजली के दो बच्चे हैं जिनका नाम सारा तथा अर्जुन तेंदुलकर है। सारा आपने इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती है और अर्जुन को आपने हाल ही में मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल खेलते हुए देखा होगा। अर्जुन लेफ्ट हैंड बल्लेबाजी करते हैं तथा मध्यम तेज गेंदबाज की भूमिका निभाते हैं। सचिन तेंदुलकर की हाइट 5 फुट 4 इंच है लेकिन उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर की हाइट 6 फुट 3 इंच है।
धोनी मेरा प्रिय खिलाडी हिंदी निबंध
7 जून 1981 को बिहार में पान सिंह धोनी तथा देवकी देवी के घर जन्मे महेंद्र सिंह धोनी को नियति के द्वारा क्रिकेट कप्तानी के लिए चुना गया था। तीनों आईसीसी फॉर्मेट जीतने वाले विश्व के सबसे बेहतरीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कहानी संघर्षों से भरी रही है, उन्हें सचिन जैसा कोच नहीं मिला। हालांकि, धोनी को भी सही मार्ग दिशा देने में उनके स्कूल कोच का ही हाथ माना जाता है क्योंकि धोनी पहले फुटबॉल में गोलकीपिंग करते थे पर उनके कोच ने उन्हें क्रिकेट खेलने की सलाह दी और उसके बाद से ही धोनी ने क्रिकेट सीरियसली खेलना शुरू किया।
धोनी किस्मत के धनी माने जाते हैं और उनके फैसले सही होते चले जाते हैं, किस्मत की वजह से ही वे क्रिकेट की दुनिया में भी आए। उन दिनों टी.आर.डी.डब्लू (टैलेंट रिसोर्स डेवलपमेंट विंग) टैलेंट हंट चलता था इसकी बदौलत धोनी को क्रिकेट खेलने का मौका मिला।
रेलवे जॉब – क्रिकेट में अच्छा होने की वजह से उन्हें रेलवे स्पोर्ट्स विभाग में जॉब मिल गई। धोनी रांची, बिहार के रहने वाले हैं और बिहार के अधिकतर लोग रेलवे जॉब की तैयारी करते हैं। धोनी ने रेलवे में जॉब की थी क्योंकि उन्हें लगा कि स्पोर्ट्स कोटे से वह क्रिकेटर बन जाएंगे पर उन्हें राह मुश्किल होती दिखी और 1 दिन तंग आकर उन्होंने रेलवे की सरकारी जॉब छोड़ दी। इस फैसले से धोनी के डैडी पान सिंह धोनी काफी नाराज हुए और धोनी को काफी खरी-खोटी सुनाई। पान सिंह धोनी क्रिकेट ग्राउंड में पानी डालने का काम करते थे और क्रिकेट स्टेडियम के नजदीक ही उनका घर था।
कप्तानी का मौका – शायद यह भी एक बड़ी वजह थी कि क्रिकेट के काफी नजदीक थे और उससे जुड़े हुए थे। कुछ समय बाद महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट खेलने का मौका मिला और उन्होंने सचिन तेंदुलकर तथा सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया। जिस समय सौरव गांगुली कप्तान थे उस समय भी धोनी अपने दिग्गजों को सलाह दिया करते थे। सचिन, गांगुली तथा अन्य सीनियर खिलाड़ियों ने धोनी की इस काबिलियत को पहचाना और क्रिकेट बोर्ड के सामने नए कप्तान के रूप में धोनी का नाम आगे किया।
साक्षी को प्रपोज – टीम इंडिया के कप्तान बन चुके धोनी क्रिकेट के सिलसिले में किसी होटल में ठहरे थे और गलती से उन्होंने अपने कमरे की चाबी कमरे के अंदर ही छोड़ दी तथा दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया। उसके बाद वे रिसेप्शन पर गए और अपने रूम का नंबर बताते हुए दूसरी चाबी देने की रिक्वेस्ट की। किंतु सामने खड़ी साक्षी ने धोनी को पहचाना नहीं और और चाबी देने से इनकार कर दिया तथा उनसे कहा कि पहले आप अपना आइडेंटी कार्ड दिखाइए उसके बाद ही हम आपको किसी रूम की चाबी दे पाएंगे।
धोनी ने साक्षी को समझाने की कोशिश की कि मेरा पर्स भी रूम के अंदर ही छूट गया है और आई कार्ड भी उसके अंदर ही है। किंतु साक्षी नहीं मानी और धोनी को चाबी देने से साफ इनकार कर दिया। धोनी के बार-बार रिक्वेस्ट करने के बाद साक्षी ने कहा कि मैं आपके साथ खुद आऊंगी और चेक करुंगी कि आपकी चाबी वाकई में रूम के अंदर छूटी है या नहीं। साक्षी की यह ईमानदारी धोनी को भा गई उस समय तो वे कुछ बोले नहीं, किंतु कुछ समय बाद धोनी ने साक्षी को प्रपोज कर दिया और यहां से इन दोनों के गाने शुरू हो गए अर्थात लव एंगल शुरू हो गया। साक्षी के जिंदगी में आते ही धोनी ने तरक्की की सीढ़ियां काफी रफ्तार से चढ़ी और उन्हें सफलता ही सफलता मिलती चली गई। धोनी और साक्षी की एक छोटी बेटी है जिसका नाम जीवा है।
किंतु सुलझे हुए धोनी की जिंदगी में सब कुछ सुलझा हुआ नहीं है उनकी जिंदगी का एक पन्ना उलझा हुआ है। अरबपति बन चुके धोनी के बड़े भाई नरेंद्र धोनी काफी साधारण जीवन जीते हैं और अपनी जीविका के लिए संघर्ष करते नजर आते हैं। इन दोनों भाइयों की सीधे तौर पर कोई वार्तालाप भी नहीं होती हालांकि कुछ समय पहले नरेंद्र धोनी अपने छोटे भाई के क्रिकेट मैच देखने स्टेडियम में जाया करते थे पर अब ऐसा नहीं है।
मेरा प्रिय खिलाड़ी हिंदी निबंध विराट कोहली
5 नवंबर 1988 को प्रेम कोहली तथा सरोज कोहली के घर जन्मे विराट कोहली को कभी ना हार मानने वाले खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। विराट कोहली को क्रिकेट का नया भगवान माना जाता है। उनके लगातार लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की वजह से उन्हें यह सम्मान मिला है। केवल 28 वर्ष की उम्र में ही विराट कोहली की दाढ़ी थोड़ी बहुत सफेद हो गई थी या तो उनमें परिपक्वता बहुत पहले आ गई थी या उन दिनों लगातार अच्छा प्रदर्शन का दबाव उन पर बन रहा था।
सृष्टि का चुनाव – जब किसी के सामने परिस्थितियां विपरीत आ जाए तो उसे घबराने के बजाय खुश होना चाहिए क्योंकि इस सृष्टि ने उसे चुना है सोने की तरह आग में तपाकर निखारने के लिए। विराट कोहली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ वे ऊपर से जितने सख्त और कठोर दिखते हैं अंदर से उतने ही इमोशनल हैं। लड़की के इमोशंस कुछ करना अलग बात है या फिर कोई खास बात नहीं है।
पित्र भक्ति – पर जब कोई व्यक्ति अपने मम्मी डैडी के लिए कुछ करने की ठानता है तो पूरी कायनात उसकी मदद में लग जाती है। विराट कोहली भी कुछ चंद महान लोगों में से हैं जिन्होंने अपने डैडी को सम्मान देने के लिए क्रिकेट की हर हद तोड़ने की जिद पकड़ ली है। विराट अपने डैडी के काफी नजदीक रहे थे और अब वे अपने डैडी के लिए क्रिकेट खेलते हैं। मानो ऐसा लगता है जैसे सृष्टि ने पहचान लिया है विराट कोहली का लक्ष्य उनके अंदर ही है उनके डैडी के रूप में। इसलिए पूरी सृष्टि उनके साथ है और विराट का खेल लगातार मजबूत होता ही चला जा रहा है।
इस पूरी सृष्टि में सबसे ऊपर कुछ है तो वह है पित्र भक्ति जी हां भगवान की पूजा करने से कई गुना ऊंचा माना जाता है अपने माता-पिता की सेवा करना उन माता-पिता की जिन्होंने आप को जन्म दिया।
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अनुशासन – विराट का दूसरा नाम अनुशासन माना जाता है आपने उनके बारे में कई किस्से सुने होंगे जिसमें अधिकांश में उनकी नेगेटिव छवि दिखाई जाती है। पर पूरी टीम इंडिया जानती है कि विराट से ज्यादा अनुशासित व्यक्ति कोई नहीं है वह अपने खाने से लेकर एक्सरसाइज का कड़ा अनुशासन रखते हैं। विराट जिम में सबसे पहले एक्सरसाइज के लिए जाते हैं और सबसे बाद में वापस आते हैं। विराट कोहली बचपन से ही नॉन वेजिटेरियन थे किंतु अचानक से एक बीमारी हो जाने के कारण वे ठीक से बल्ला नहीं पकड़ पा रहे थे। वजह पता करने पर उन्हें पता चला कि इस बीमारी की एक वजह उनका नॉनवेज खाना भी है।
यह पता चलते ही विराट कोहली ने अपने लिए एक सख्त डाइट चार्ट बनाया जिसमें नॉनवेज हटा दिया और 25 साल तक नॉनवेज खाने के बाद अचानक से उसे अपने टाइम से हटा देना उनका अपने प्रति कंट्रोल तथा अनुशासन दिखाता है।
अनुष्का से शादी – विराट कोहली ने अनुष्का शर्मा से शादी की और दोनों की जोड़ी आपस में काफी अच्छी दिखती है। दोनों एक दूसरे को सपोर्ट करते हुए नजर आते हैं और इन्होंने भारत से बाहर कहीं दूर जाकर डेस्टिनेशन वेडिंग की थी। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की एक बेटी है जिसका नाम वमिका है।
पूछे गए प्रश्न उत्तर
सचिन तेंदुलकर के बच्चों का नाम क्या है?
सारा तेंदुलकर तथा अर्जुन तेंदुलकर।
विराट कोहली की बेटी का नाम क्या है?
वमिका कोहली।
महेंद्र सिंह धोनी की बेटी का नाम क्या है?
जीवा धोनी।
सचिन तेंदुलकर का जन्म कब हुआ था?
24 अप्रैल 1973
महेंद्र सिंह धोनी के भाई का नाम क्या है?
नरेंद्र धोनी।
विराट कोहली का जन्म कब हुआ था?
5 नवंबर 1988
विराट कोहली का जन्म कहां हुआ था?
नई दिल्ली।