राज बावा का जीवन परिचय | राज बावा बायोग्राफी

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राज बावा का जीवन परिचय – राज बावा एक उभरते हुए क्रिकेट सितारे हैं जिन्होंने हाल ही में अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 प्रतियोगिता में भारत की जीत में एक अहम भूमिका निभाई, आज हम जानेंगे राज को और भी नजदीक से चलिए शुरू करते हैं राज बावा का जीवन परिचय 

राज बावा का जीवन परिचय (राज बावा बायोग्राफी)

राज बावा का जन्म नाहन हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर 2002 को सुखविंदर सिंह बावा के घर हुआ। राज अंगद बाबा 19 वर्षीय युवा है और उन्होंने हाल ही में संपन्न हुई है अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप प्रतियोगिता 2022 में भारत के लिए अपना योगदान दिया। राज बावा का पेशा क्रिकेट खेलना है, क्रिकेट में राज एक ऑलराउंडर की भूमिका  निभाते हैं वे लेफ्ट हैंड बैट्समैन तथा दाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करते हैं। राज बावा ने शनिवार को भारत और इंग्लैंड के बीच हुए अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में  34 रन देकर 5 विकेट हासिल किए और बल्लेबाजी में भी महत्वपूर्ण 35 रनों का योगदान दिया तथा सारी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया उन्हें इंग्लैंड और इंडिया के बीच फाइनल मुकाबले में मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से से नवाजा गया। राज बावा के पिता सुखविंदर सिंह बावा पेशे से क्रिकेट कोच है और राज के अनुसार वे ही उनके पर्सनल और पहले क्रिकेट कोच है जिनसे उन्होंने काफी ज्यादा क्रिकेट सीखा है।

राज बावा निजी जीवन

राज बावा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं और उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जो खेल में काफी उपलब्धियां हासिल कर चुका था। राज के दादाजी ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता  है राज के दादाजी का नाम तरलोचन सिंह बावा है, तरलोचन सिंह ने 1948 के लंदन ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। जब राज 5 साल के थे तब उनके दादा जी का देहांत हो गया था। राज बावा के पिताजी भी खेल से संबंधित थे और वे जूनियर हॉकी खेल चुके थे किंतु उन्होंने हॉकी खेलना बंद कर दिया है और जल्द ही क्रिकेट खेलना शुरू किया।  सन 1988 में सुखविंदर सिंह का सिलेक्शन अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए हो चुका था किंतु स्लिप डिस्क की समस्या के कारण उन्हें क्रिकेट खेलना ही छोड़ना पड़ गया लेकिन अपने क्रिकेट के प्रति सम्मान और पैशन के चलते उन्होंने महज 22 साल की उम्र में ही क्रिकेट की कोचिंग देनी शुरू की। सुखविंदर सिंह ने मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह को भी कोचिंग दी है।

राज बावा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राज बावा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की तथा अपनी आगामी पढ़ाई चंडीगढ़ के कॉलेज (GGSD) से उत्तीर्ण की। शुरुआत में राज को डांस और एक्टिंग में अधिक रुचि थी और उनका ध्यान इन्हीं क्षेत्रों में रहता था किंतु एक बार कुछ हुआ यूं कि वे अपने पिताजी के साथ धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में गए और उनके मन में क्रिकेट के प्रति प्यार और सम्मान जाग उठा और उसी दिन उन्होंने फैसला किया कि अब वह अपना करियर  इसी खेल में बनाएंगे। राज के पिताजी ने उन्हें क्रिकेट के लिए तैयार करना शुरू किया तथा उन्हें तराशा और निखारा और आज राज अपने पिताजी का ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान का नाम रोशन कर रहे हैं और भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के एक खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं,  राज एक ऑलराउंडर की भूमिका में जाने जाते हैं जिनका मुख्य काम तेज गेंदबाजी करना है तथा लोअर ऑर्डर पर तेजी से रन बनाना है।

राज बावा का क्रिकेट करियर

राज बावा क्रिकेटर बनने में उनके पिताजी सुखविंदर सिंह का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। यूं तो शुरुआत में राज एक्टिंग और डांस में ज्यादा रूचि रखते थे तथा अपना करियर भी इसी ओर देखते थे किंतु धर्मशाला स्टेडियम ने उनके विचार बदल दिए और राज ने संकल्प लिया कि वे क्रिकेट में अपना करियर बनाएंगे। राज बावा का  क्रिकेटर बनने का सपना उनके पिताजी के बिना पूरा नहीं हो सकता था,  राज के पिताजी ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी और अपने पुत्र को भी काफी कड़ी ट्रेनिंग देनी है आरंभ कर दी। यह कहना गलत नहीं होगा कि सुखविंदर सिंह के  क्रिकेट कोचिंग अनुभवों का उनके पुत्र राज को अच्छा खासा फायदा मिला और वे बचपन से ही तप कर निखर कर एक अच्छे ऑल राउंडर बन पाए।अपने एक इंटरव्यू में राज के पिता जी बताते हैं कि शुरुआत में उन्होंने और आज के लैंडिंग पैरों पर पूरे 1 साल तक काम किया,  वे कहते हैं राज गायक संत चोट को आमंत्रित करने वाला था जिसे वे अक्सर सुधारने की हिदायत देते रहे एक समय ऐसा आया जब राज के पिताजी ने उन्हें कहा कि अब गेंदबाजी से अपना ध्यान हटाकर बल्लेबाजी पर फोकस करना शुरू करो। राज के पिताजी के अनुसार उन्होंने राज को पहली बार गुरु राम के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में गेंदबाजी करते हुए देखा उस समय राज की उम्र महज 11 वर्ष थी और उन्होंने उस मैच में 5 विकेट लिए थे। अंडर-19 चैलेंजर ट्रॉफी में राज ने 154 रन बनाए तथा 8 विकेट हासिल किए।

आईसीसी अंडर-19 एशिया कप 2021

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राज बावा आईसीसी एशिया कप 2021 का हिस्सा रहे, भारत ने यह प्रतियोगिता जीती।एशिया कप में भी राज बावा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और चार मैचों में 5.18 की इकोनामी के साथ 8 विकेट हासिल किए हैं।

आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 मे राज बावा का प्रदर्शन

आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप  हाल ही में  5 फरवरी 2022 शनिवार को संपन्न हुई। वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला भारत और इंग्लैंड के बीच एंटीगुआ में सर रिचर्ड्स स्टेडियम में खेला गया था। अंडर-19 वर्ल्ड कप  भारत ने अपने नाम किया और फाइनल मुकाबले में राज बावा  कम महत्वपूर्ण योगदान रहा जिस कारण उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी दिया गया।  इंग्लैंड और भारत के बीच हुए इस महा मुकाबले में राज बावा ने ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हुए 34 रन देकर 5 विकेट हासिल किए तथा निचले स्तर पर बल्लेबाजी करते हुए महत्वपूर्ण 35 रनों का योगदान दिया। इसके अलावाराज बावा  ने 22 जनवरी को युगांडा के खिलाफ 108 गेंदों पर 168 रनों की शानदार और ताबड़तोड़ पारी खेली तथा दुनिया को यह विश्वास दिला दिया की वे आने वाले दौर के एक जबरदस्त ऑलराउंडर बनकर सामने आने के लिए तैयार हैं। 

राज बावा क्रिकेटर की कुछ रोचक बातें

राज बावा  का जन्म कैसे फैमिली में हुआ जो पहले से ही खेल से संबंध रखते थे।राज बावा  के दादाजी ओलंपिक खेलों  के खिलाड़ी थे तथा उन्होंने 1948 में भारत को ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।राज के पिताजी क्रिकेट के कोच हैं और उन्होंने युवराज सिंह जैसे दिग्गज बल्लेबाज को कोचिंग भी दी हैराज के पिताजी सुखविंदर सिंह बावा  एक जबरदस्त आत्मशक्ति के मालिक हैं क्योंकि वह खुद भी क्रिकेटर बनना चाहते थे और उनका सिलेक्शन हो गया था किंतु स्लिप डिस्क की परेशानी के कारण उन्हें  न केवल उस इलेक्शन से हटना पड़ा था बल्कि क्रिकेट खेल को ही त्यागना पड़ा। किंतु सुखविंदर सिंह ने हार नहीं मानी और क्रिकेट की कोचिंग देनी शुरू कर दी वह भी महज 22 साल की उम्र में जिससे यह साबित होता है कि वह एक जबरदस्त आत्मशक्ति के मालिक हैं और मानसिक रूप से काफी ज्यादा मजबूत है। राज बावा युवराज सिंह को अपना आदर्श मानते हैं तथा उन्हीं के समान 12 नंबर की जर्सी पहनते हैं।राज बावा बताते हैं कि उन्होंने 12 नंबर की जर्सी का चयन कई कारणों से किया सबसे मुख्य कारण उनके दादाजी का जन्मदिन 12 फरवरी को आता है खुद राज बाबा का जन्मदिन 12 नवंबर को आता है और उनके आदर्श युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर को आता है जिस कारण उन्होंने 12 नंबर की जर्सी का चुनाव किया और इसे अपनी किस्मत लिखने के लिए चुन लिया। राज बावा दाहिने हाथ से गेंदबाजी करते हैं किंतु बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं।

FAQ

राज बावा के पिताजी का क्या नाम है?

राज बावा के पिताजी का नाम सुखविंदर सिंह बावा है।

राज बावा के पिताजी क्या करते हैं?

राज बावा के पिताजी क्रिकेट के कोच है।

राज बावा के दादाजी का क्या नाम है और वह किस खेल से संबंधित रहे हैं?

राज बावा के दादाजी का नाम तरलोचन सिंह बावा है, वे एक ओलंपिक खिलाड़ी रहे हैं और भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं।

राज बावा के पिताजी ने किस मशहूर क्रिकेटर को कोचिंग की है?

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राज बावा के पिताजी ने दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह को क्रिकेट की कोचिंग दी है।

राज बावा किस खिलाड़ी को अपना आदर्श मानते हैं?

राज बावा सिक्सर किंग युवराज सिंह को अपना आदर्श मानते हैं।

राज बावा कौन से नंबर की जर्सी पहनते हैं?

राज बावा 12 नंबर की जर्सी पहनते हैं।

राज बावा का जन्म कहां हुआ?

राज बावा का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ।


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