सचिन तेंदुलकर के बारे में 20 करोड़ ठुकराए विराट ने लपके | sportsgo

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आज हम जानेंगे सचिन तेंदुलकर के बारे में रोचक बातें। सचिन के 100 शतक के बारे में हर कोई जानता है उनके फैमिली बैकग्राउंड जन्मदिन के बारे में भी लगभग सभी क्रिकेट फैन जानते हैं। मैं आज आपको उनसे जुड़ी कुछ खास रोचक बातें बताने वाला हूं जो शायद आपने नहीं सुनी होंगी।

सचिन तेंदुलकर के बारे में 20 करोड़ ठुकराए विराट ने लपके

सचिन सही मायने में देश की आइडल है जिन्हें युवा तथा बच्चों को फॉलो करना चाहिए ना कि उन लोगों को जो शराब, गुटखा तथा सट्टे का प्रचार करते हैं।

ठुकरा दिया पान मसाला गुटखा सिगरेट रॉयल स्टैग व अन्य शराब का प्रचार

लिटिल मास्टर न सिर्फ मैदान पर दमदार रहे हैं बल्कि निजी जीवन में भी दमदार व्यक्तित्व रखते हैं। जहां बड़े-बड़े खिलाड़ी पान मसाला, सुपारी रॉयल स्टैग व अन्य मदिराओं का प्रचार करते नजर आते हैं वही लिटिल मास्टर ने इन सब के प्रचार को ठुकरा दिया और एक बार नहीं कई बार जूते की नोक से जोरदार ठोकर मारी है।

कुछ कंपनी ने उनको 20 से 25 करोड रुपए ऑफर किया तो कुछ ने उनके सामने ब्लैंक चेक रख दिए थे पर सचिन ने सबको बहुत ही पोलाइट तरीके से यह कहते हुए मना कर दिया कि मैंने अपने डैडी से वादा किया था कि मैं किसी भी गलत चीज का प्रचार नहीं करूंगा। 

सचिन की यही अदा उन्हें विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों का बाप बनाती है। 

जहां विराट कोहली व अन्य खिलाड़ी किसी भी प्रकार के प्रचार करते समय सिर्फ पैसों के बंडल और ब्रांड का स्टेटस देखे हैं। वहीं सचिन तेंदुलकर अपने डैडी से किया हुआ वादा देखते हैं, अपने उसूल और आदर्श देखते हैं और साथ ही अपने सभी फैंस को देखते हैं जो उन्हें रोल मॉडल मानकर उनके किए गए प्रचार के प्रोडक्ट्स को अपना सकते हैं।

ऐसा नहीं की इतनी बुद्धि विराट कोहली और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों में नहीं होगी जो शराब और पान मसाला का प्रचार टीवी पर करते हैं और अपने आप को देशभक्त कहते हैं। दरअसल यह लोग पैसों के मोटे बंडल के आगे बेबस हो जाते हैं और नाचने को तैयार हो जाते हैं। कभी यह लोग पैसों से विचलित न हुए तो बड़े ब्रांड के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक नजर आते हैं।

मैं खुद विराट कोहली और वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाजी का कायल रहा हूं सहवाग की बल्लेबाजी तो मुझे बहुत प्रिय रही है। जिन लोगों ने इन्हें सुपरस्टार बनाया है उनके बारे में नहीं सोचते हुए यह सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं जिससे इनकी इज्जत अपने आप कम होने लगती है। हकीकत यह है कि इन लोगों के फैन फॉलोइंग में ज्यादातर बच्चे और युवा होते हैं। कहते हैं बच्चे देश का भविष्य होते हैं और यह खिलाड़ी देश के भविष्य को गलत दिशा में धकेल रहे हैं।

अच्छा खेलने का यह मतलब नहीं की इनमें अच्छी इंसानियत भी हो। इंसानियत मैं अच्छा हूं यह कहने से नहीं दिखती बल्कि आप किस तरह की एक्टिविटी में इंवॉल्व होते हैं इससे भी दिखती है। 

1996 वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर ने विल्स तंबाकू को मना कर दिया  

जहां सचिन के अन्य साथी खिलाड़ी अलग-अलग स्पॉन्सर के स्टीकर वाले बैट से खेल रहे थे वहीं सचिन ने उस वर्ल्ड कप के मुख्य स्पॉन्सर विल्स तंबाकू को ही मना कर दिया। 1996 का वर्ल्ड कप इंडिया-पाकिस्तान और श्रीलंका में संयुक्त रूप से खेला गया था जिसका टाइटल स्पॉन्सर विल्स था। विल्स एक टोबैको कंपनी है जो सिगरेट और अन्य तंबाकू संबंधित पदार्थ बनाते हैं तथा उसका प्रचार करते हैं।

अगर आप 1996 वर्ल्ड कप का वीडियो देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि सचिन ने पूरा वर्ल्ड कप प्लेन बैट  से खेला उसमें किसी भी प्रकार का स्टीकर लगाने से मना कर दिया।

साल 2010 में यू बि ग्रुप ने सचिन को 20 करोड रुपए ऑफर किया जिसे उन्होंने मना कर दिया जिसकी सराहना महाराष्ट्र सरकार ने भी की थी। 

सचिन तेंदुलकर का बर्थडे 24 अप्रैल 1973 को आता है और इस दिन सभी देशवासी उनका जन्म दिन धूमधाम से मनाते हैं। सचिन तेंदुलकर पहला खिलाड़ी है जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

ड्रीम 11 माय सर्किल जैसे सटोरी कंपनी का प्रचार नहीं करते

आपको बुरा लगे पर सच है आपका फेवरेट सुपरस्टार्स धोनी, विराट, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी कुछ नोटों के बंडल के लिए अपना जमीर बेचकर अक्सर सट्टे यानी जुआं को बढ़ावा देते हुए नजर आते हैं। उन्हें अच्छी तरह से पता है कि उनके प्रचार की वजह से भारत देश के बच्चे गलत दिशा में बढ़ेंगे और अपने पैसे भी बर्बाद करेंगे लेकिन यह लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हुए इन एप्स को प्रमोट करते हुए दिखते हैं। वहिं सचिन तेंदुलकर किसी भी प्रकार के सट्टे व जुआं को बढ़ावा देने वाले वाले ऐप या कंपनी का प्रचार नहीं करते। 

यही वजह है कि सचिन तेंदुलकर एक महान खिलाड़ी है और बाकी सब सिर्फ खिलाड़ी हैं। 

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