सचिन तेंदुलकर का बर्थडे कब है निजी जीवन रोचक बातें | sportsgo

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सचिन तेंदुलकर का बर्थडे हर साल 24 अप्रैल को आता है। उनका जन्म 24 अप्रैल 1973 को भारत के राज्य महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था। 

मैं सचिन तेंदुलकर का फैन हूं और उनके कई किस्से जानता हूं उनके कई लाइव मैच देख चुका हूं कुछ दिलचस्प किस्से और उनकी निजी जिंदगी के बारे में आज मैं आपको बता रहा हूं। 

सचिन तेंदुलकर का बर्थडे कब है निजी जीवन रोचक बातें 

सचिन तेंदुलकर का बर्थडे 24 अप्रैल को आता है। सचिन का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है। रमेश उनके डैडी का नाम है महाराष्ट्र में व्यक्ति अपने डैडी का नाम मिडिल नेम के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। सचिन न सिर्फ भारत के बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते हैं और उनके नाम क्रिकेट के दोनों फॉर्मेट को मिलाकर 100 शतक हैं। 

सचिन तेंदुलकर भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भारत रतन से सम्मानित होने वाले पहले खिलाड़ी हैं और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। उन्हें भारत रत्न कांग्रेस सरकार के समय मिला था। सचिन तेंदुलकर की हाइट 5 फुट 5 इंच है इसलिए इन्हें लिटिल मास्टर के नाम से भी जाना जाता है। छोटे कद का यह खिलाड़ी राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाला पहला खिलाड़ी है। इन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका हैं और सचिन वेबैक मशीन खिलाड़ी हैं। 

वे बैक मशीन खिलाड़ी क्या होता है – वे बैक मशीन की स्थापना सेंस फ्रांसिस्को स्थित एक गैर लाभकारी संस्था इंटरनेट अकाईव ने की थी।  इसका उद्देश्य असाध्य वेब पेज को संग्रहित व संरक्षित करना है। वे बैक मशीन वर्ल्ड वाइड वेब का एक डिजिटल संग्रह है। 

वर्ष 1989 में सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट में अपने करियर की शुरुआत की थी 22 वर्ष तक देश के लिए क्रिकेट खेले। इस महान खिलाड़ी ने पूरे विश्व में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं, टेस्ट मैच में 50 तथा एकदिवसीय में 49 शतक लगाते हुए कुल 100 शतक बनाए हैं। वे टेस्ट मैच में 14000 रन बनाने वाले विश्वके एकमात्र खिलाड़ी हैं। 

सचिन तेंदुलकर के नाम कई सारे रिकॉर्ड है जिन्हें तोड़ना किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं। देखते हैं आने वाले समय में सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड कौन तोड़ेगा विराट कोहली या कोई और या कोई भी नहीं? 

निजी जीवन 

सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। इनके डैडी का नाम रमेश तेंदुलकर तथा मम्मी का नाम रजनी तेंदुलकर है। राजापुर भारत के महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी जिले में स्थित एक नगर और नगर पालिकापरिषद है जोकि मुंबई से 385 किलोमीटर दूर है। सचिन राजापुर के सारस्वत ब्राह्मण परिवार में जन्मे और उनका नाम उनके डैडी रमेश तेंदुलकर ने अपने चहिते सिंगर सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। रमेश तेंदुलकर मराठी स्कूल में एक शिक्षक थे जबकि उनकी धर्म पत्नी घर में बच्चों की परवरिश करती थी। 

रमेश तेंदुलकर के कुल 4 बच्चे थे: अजीत तेंदुलकर, नितिन तेंदुलकर, सविता वाई तेंदुलकर और सचिन तेंदुलकर, सचिन उनमें से सबसे छोटे थे। अजीत तेंदुलकरने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के लिए काफी प्रोत्साहित किया और कोच रमाकांत आचार्य कर के पास कोचिंग जॉइन करवाने हेतु लेकर गए। 

24 में 1995 को सचिन ने गुजरात की रहने वाली डॉक्टर अंजलि मेहता से शादी की थी। व्यवसाय से अंजलि बाल रोग निष्णात है। सचिन और अंजलि की लव मैरिज है और पहली बार वे दोनों एयरपोर्ट पर मिले थे उस समय अंजलि को क्रिकेट खेल और सचिन के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं था। सचिन और अंजलि के दो बच्चे हैं:  सारा तेंदुलकर तथा अर्जुन तेंदुलकर। 

सचिन तेंदुलकर का सिलेक्शन भारतीय टीम में हो गया था जिस वजह से उन्होंने दसवीं के बोर्ड के एग्जाम मिस कर दिए थे जिसे उन्होंने बाद में कंप्लीट किया। लिटिल मास्टर ने शारदा आश्रम विद्या मंदिर से अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण की थी।

सचिन से जुड़ी रोचक बातें 

  • तेज गेंदबाज बनने के लिए सचिन ने एमआरएफ पेज फाउंडेशन में शिरकत की जहां उन्हें कोच डेनिस लिलि ने गेंदबाजी छोड़ बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।
  • अजीत तेंदुलकर जब पहली बार सचिन को कोच रमाकांत के पास ले गए तो कोच ने सचिन के खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें अपनी अकादमी में रखने से मना कर दिया था।
  • जल्द अजीत को महसूस हुआ कि उनके सामने सचिन ठीक से नहीं खेल पा रहे थे। अजीत ने कोच से दोबारा दरखास्त की और इस बार वह एक पेड़ के पीछे से सचिन को अभ्यास करते देखने लगे और कोच ने उन्हें अपनी अकादमी में जगह दी।
  • विनोद कांबली सचिन तेंदुलकर के बचपन के मित्र हैं और इन दोनों ने मिलकर लोकल क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बनाए थे।
  • पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन के नाक पर लेदर बॉल से चोट लगी थी और सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उन्हें वापस जाने को कहा किंतु सचिन बोल मैं खेलेगा। 
  • 2003 वर्ल्ड कप में सचिन को गोल्डन बैट मिला था जिसे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कहीं फेंक दिया या नष्ट कर दिया था और कहा कि अगर हम वर्ल्ड कप नहीं जीत सके तो उस गोल्डन बैट के मेरे लिए कोई मायने नहीं। 
  • कई शराब कंपनी, तंबाकु व गुटखा कंपनी ने सचिन को एडवर्टाइजमेंट करने के लिए ब्लैंक चेक तथा करोड़ों रुपए के ऑफर दिए दिए किंतु सचिन ने सबको यह कहकर माना कर दिया कि उन्होंने अपने डैडी से वादा किया था कि मैं कभी भी गलत चीजों का प्रचार नहीं करूंगा। 
  • महान स्पिन गेंदबाज शेन वार्न की लेग स्पिन से निपटने के लिए सचिन ने प्रैक्टिस पिच के लेग साइड के बाहर फावड़े से खुदवा दिया और लोकल लेग स्पिन गेंदबाजों से खुदे हुए हिस्से पर गेंद करने को कहा ताकि उनकी गेंद शेन वार्न जितनी घूम सके और वे अच्छी प्रैक्टिस कर सके। 
  • शोएब अख्तर और ब्रेट ली जैसे तेज गेंदबाजों की अतिरिक्त पेस तथा उछाल से निपटने के लिए सचिन तेंदुलकर फर्श पर पानी डालकर डालकर टेनिस की बाल का कवर उतार कर गेंदबाजों को उसे पानी वाले हिस्से पर गेंद जोर से पटकने को कहते थे ताकि गेंद स्किड करती हुई उनके हेलमेट की दिशा में आए और उन्हें अच्छा अभ्यास मिले। 
  • सचिन तेंदुलकर भूतपूर्व राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।


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