सचिन विराट तथा रोहित को क्रिकेट के तीन भगवानों की उपाधि मिली हुई है और ऐसा इनके लाजवाब प्रदर्शन के आधार पर संभव हुआ है।
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का पहला और मुख्य भगवान माना जाता है क्योंकि उन्होंने क्रिकेट में सबसे ज्यादा समय और रनों का योगदान दिया है। उनके बाद विराट कोहली को क्रिकेट का दूसरा भगवान माना जाता है उन्हें ओडीआई का भगवान कहा जाता है। जबकि रोहित शर्मा को क्रिकेट का तीसरा भगवान कहा जाता है उन्हें टी20 का भगवान कहा जाता है।
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सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है
कहानी लंबी है पर साफ है क्योंकि मैं सचिन तेंदुलकर का फैन हूं और बचपन से उनका खेल देखते आया हूं तथा उन पर काफी कुछ लिख चुका हूं इसलिए अपने कुछ अनुभव भी मैं साझा करूंगा।
सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपने सफर की शुरुआत मात्र 16 साल की उम्र में की थी। महान कपिल देव और ग्रेट सुनील गावस्कर जिस टीम में खेलते थे सचिन भी उस टीम का हिस्सा रह चुके हैं और सबसे यंग खिलाड़ी हुआ करते थे, जिन्हें हर कोई उनके खेल तथा शर्मीले व्यवहार के कारण पसंद करता था।
जी हां, सचिन शुरू में काफी ज्यादा शर्माते थे और अगर आप उनका पहला इंटरव्यू देखेंगे तो उसमें वे कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे। आजकल के लड़के तो बहुत कुछ बोल जाते हैं पर सचिन में बहुत ज्यादा सादगी थी।
आज की तरह ही उन दिनों भी इंडिया-पाकिस्तान के मैचों का महत्व बाकी मैचों से बहुत ज्यादा होता था और मैंने एक खिलाड़ी जो सचिन से सीनियर थे उन्हें खेलते देखा था जिनकी बल्लेबाजी का अंदाज़ लगभग सचिन जैसा ही था जिन्हें मनोज प्रभाकर कहा जाता है। उस समय मनोज प्रभाकर की डिमांड बहुत ज्यादा हुआ करती थी और पाकिस्तान ने उस दौर में भी मनोज प्रभाकर के लिए 20 लाख की बोली लगाई थी और कहा था कि भारत हमें यह खिलाड़ी दे दे हम 2000000 रुपए देने के लिए तैयार हैं। यह मैं आपको इसलिए बता रहा हूं ताकि आपको पता चले सचिन किन दिग्गजों के बीच में खेलकर महान सचिन तेंदुलकर बने हैं।
कुछ सालों बाद सारे पुराने खिलाड़ी रिटायर हो गए पर सचिन खेलते रहे और नई टीम बनती चली गई जिसमें मुख्यतः सचिन, सौरव गांगुली तथा राहुल द्रविड़ का नाम आया करता था और गेंदबाजी में श्रीनाथ, प्रसाद तथा अनिल कुंबले का नाम आता था बाद में हरभजन सिंह ने भी नाम कमाया। क्रिकेट एकस्पर्ट्स के मुताबिक अगर उस दौर में T20 क्रिकेट आया होता तो दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ टी20 खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ही होते। और उन्हें रोक पाना सभी गेंदबाजों के लिए लगभग नामुमकिन होता आप लोगों को यकीन ना आए तो सन 1992 से लेकर 1998 के सचिन तेंदुलकर की वीडियोस देखें उनके एक-एक शॉट में 100 रन जितना वजन होता था। 2003 वर्ल्ड कप की एक खास बात यह रही कि क्रिकेट के गॉड सचिन तेंदुलकर ने वर्ल्ड कप के दौरान ही सन 1996 की अपनी खुद की ही बल्लेबाजी के वीडियोस की डीवीडी भारत से दक्षिण अफ्रीका मंगवाई थी और उन्हें देख कर खुद को दोबारा से तैयार किया था।
मैंने अपनी जिंदगी में वसीम अकरम जैसा गेंदबाज़ नहीं देखा क्योंकि लेफ्ट हाथ वाले स्विंग गेंदबाज को खेलना काफी मुश्किल होता है। वसीम अकरम उस समय बेहतरीन इनस्विंग तथा आउट स्विंग यॉर्कर के लिए जाने जाते थे। वह एक ऐसे गेंदबाज थे जो आसानी से दोनों दिशाओं में गेंद को स्विंग करा लेते थे वह भी अच्छी खासी स्पीड के साथ। उनकी तेजी 135 और 140 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच हुआ करती थी और कई बार 145 की स्पीड से भी गेंदबाजी करते थे। सचिन तेंदुलकर की प्रतिभा इतनी गजब की थी की जहां पूरी दुनिया वसीम अकरम के आगे फेल हो जाती थी वहीं वे उन्हें खेलते ही नहीं थे बल्कि काफी आसानी से खेलते थे।
जब भी सचिन की बल्लेबाजी की बात होती है एक खास गेंदबाज का नाम दिमाग में आता है जिनका नाम है ग्लेन मैकग्रा वे ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले थे। ग्लेन मैकग्रैथ और सचिन तेंदुलकर की काफी बार आमने सामने भिड़ंत हुई है जिसमें स्लेजिंग भी हुई है और ग्लेन ने सचिन को काफी बार ललकारा भी है जिसका सचिन ने अपने बल्ले से जवाब भी दिया है। जिसका सबूत नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े दादा तथा दीवार द्रविड़ होते थे। ग्लेन मैकग्रा दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक रहे हैं जिन्होंने ज्यादा स्पीड ना होने के बावजूद भी यह साबित किया कि यदि कंसिस्टेंटली सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी की जाए तो अच्छे से अच्छे बल्लेबाज को परेशान किया जा सकता है। हालांकि, मैं सचिन का फैन हूं पर सबसे बड़ा “क्रिकेट” होता है और मैंने सचिन को सिर्फ एक गेंदबाज के सामने संघर्ष करते देखा है जिनका नाम है द ग्रेट “ग्लेन मैकग्रा”। आप मानो या ना मानो बल्ले-गेंद की इस लड़ाई में ग्लेन मैकग्रा ज्यादातर सचिन पर भारी पड़े हैं।
सचिन तेंदुलकर और महान शेन वॉर्न कि दोस्ती को कौन नहीं जानता वह जितने बड़े राइवल मैदान के भीतर थे उतने ही अच्छे दोस्त मैदान के बाहर थे। शेन वॉर्न के बारे में कहा जाता था कि वह शीशे पर भी स्पिन करा सकते थे। सचिन ने शेन वॉर्न की लेग स्पिन से निपटने के लिए प्रैक्टिस पिच को लेग साइड की दिशा से फावड़ा से खुदवा दिया था ताकि साधारण गेंदबाज की गेंद शेन वॉर्न जैसी स्पिन कर सके। उसके बाद उन्होंने नेट गेंदबाज से उस पर गेंदबाजी करवाई और खुद बल्लेबाजी की जमकर प्रैक्टिस की तथा शेन वॉर्न की घातक 90 डिग्री लेग स्पिन पर महारत हासिल की इसीलिए सचिन को महान बल्लेबाज कहा जाता है।
सचिन और हेनरी ओलोंगा को कौन नहीं जानता हेनरी एक ऐसे कॉमेंटेटर थे जो पहले जिंबाब्वे के गेंदबाज हुआ करते थे। एक श्रृंखला में उन्होंने सचिन का विकेट एक से ज्यादा बार ले लिया था और घमंड उनके सर चढ़ गया था तथा उन्होंने सचिन के विकेट को काफी आसान बताया था। जबकि सचिन तेंदुलकर उस समय अपने पीक बल्लेबाजी पर थे और अगले मैच में सचिन तेंदुलकर ने हेनरी की गेंदों पर चौके-छक्कों की जो बरसात की सारी दुनिया ने देखा। उस श्रृंखला के बाद हेनरी का बहुत मजाक बना और इस हद तक उनकी आलोचना हुई थी की उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया और कॉमेंटेटर बन गए। हेनरी ओलोंगा ने अपनी कमेंट्री के दौरान यह बात स्वीकार की थी। इसका मतलब सचिन वह बल्लेबाज रहे हैं जिन्होंने गेंदबाजों का करियर तक तबाह कर दिया था।
सचिन-शोएब अख्तर की क्रिकेट मैदान के अंदर की भिड़ंत को कौन नहीं देखना चाहता था। कोई भी फैन इस मोमेंट को मिस नहीं करना चाहता था क्योंकि शोएब दुनिया के सबसे तेज और खतरनाक गेंदबाजों में से एक थे और सचिन महान बल्लेबाज। 2003 वर्ल्ड कप का छक्का जो सचिन ने शोएब की शॉट पिच गेंद को ऑफ साइड में कट करते हुए लगाया था किसको याद नहीं होगा, कई वर्ल्ड कप बीत जाने के बाद भी वह शॉट अब तक सभी वर्ल्ड कप में से बेहतरीन शॉट माना जाता है। शोएब अख्तर जब नए-नए क्रिकेट में खेलने आए थे तो सचिन तेंदुलकर को अपनी तेज यॉर्कर से क्लीन बोल्ड कर दिया था जिसका उन्होंने खूब जश्न मनाया था किंतु उसके बाद उन्हें बार-बार ऐसा करने का मौका नहीं मिल पाया।
न्यू गॉड ऑफ क्रिकेट विराट कोहली
विराट कोहली को क्रिकेट का दूसरा भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह लगातार अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं तथा एकदिवसीय क्रिकेट में एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बना रहे हैं और सचिन के कुछ रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। जैसे-जैसे विराट बल्लेबाजी कर रहे हैं नए आयाम सेट करते जा रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि सचिन के शतकों का रिकॉर्ड विराट कोहली तोड़ देंगे तथा पूरी दुनिया के सामने एक नया रिकॉर्ड सेट कर देंगे जिसे तोड़ना काफी मुश्किल हो सकता है। विराट एक ऐसे खिलाड़ी है जो तीनों फॉर्मेट में जबरदस्त खेल दिखाते हैं उनकी बॉडी लैंग्वेज काफी एग्रेसिव है और वह सचिन के बिल्कुल विपरीत हैं। जहां सचिन बिना कुछ बोले बल्ले से प्रदर्शन करते थे वहीं विराट मुंह से बोलने के साथ-साथ बल्ले से प्रदर्शन करते हैं। इसीलिए विराट को मॉडर्न मास्टर भी कहा जाता है जबकि सचिन तेंदुलकर को मास्टर ब्लास्टर कहा जाता था।
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