बिना एकेडमी स्टेट लेवल क्रिकेट कैसे खेलें कौन से ट्रायल दें

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यदि क्रिकेटर बनना है तो स्टेट लेवल क्रिकेट आपको खेलना ही होगा बिना इस लेवल को क्रॉस किए क्रिकेटर बनना मुश्किल है। क्रिकेट ट्रायल कैसे होता है, सबसे पहले कौन सा ट्रायल देना होता है तथा स्टेट लेवल तक कैसे पहुंचे यह जानकारी आज के इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई है। कौन से ट्रायल दें

ओवरव्यू – स्टेट क्रिकेट खेलने के लिए डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना है जरूरी, बिना अकैडमी के भी दे सकते हैं ट्रायल, ट्रायल में होने वाली गतिविधियां तथा डेट, क्रिकेट ट्रायल डेट छापने वाले अखबारों के नाम हैं दैनिक जागरण तथा अमर उजाला, डीसीए जाकर लें क्रिकेट भर्ती फॉर्म, सचिव तथा प्रेसिडेंट से करें बात।

यदि आपने हमारे पिछले ब्लॉग पोस्ट पढ़े होंगे तो मैंने कई बार जानकारी दी है कि स्टेट लेवल क्रिकेटर बनने की दूसरी सीढ़ी होती है और पहली सीढ़ी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट होती है। स्टेट क्रिकेट खेलने के लिए आपको पहले डिस्ट्रिक्ट खेलना होगा, कई बार स्कूल से किसी खिलाड़ी का एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्रदर्शन करने पर डायरेक्ट स्टेट लेवल में सिलेक्शन हो जाता है। पर ऐसे खिलाड़ी कम ही होते हैं इसलिए आपको स्टेप बाय स्टेप जाना चाहिए। आइए समझते हैं स्टेट लेवल तक पहुंचने के लिए सबसे पहले कौन से ट्रायल देने होंगे कब देने होंगे तथा ट्रायल में क्या होगा।

बिना एकेडमी स्टेट लेवल क्रिकेट कैसे खेलें कौन से ट्रायल दें

सबसे पहले आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल देने होंगे उसके लिए इंटरेस्टेड व्यक्ति को कम से कम एक बार अपने डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन जरूर जाना चाहिए। जिस जिले में आप रहते हैं उस जिले में जिला स्तर पर एक क्रिकेट एसोसिएशन होता है जिसे डीसीए या डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन कहा जाता है। 

एक बात समझ लीजिए स्टेट क्रिकेट खेलने के लिए डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना ही होगा आप डायरेक्ट स्टेट क्रिकेट नहीं खेल सकते। अपने जिले के जिला क्रिकेट एसोसिएशन पहुंचकर आपको सचिव या प्रेसिडेंट से बात करनी है उनके ना मिलने पर ऑफिस में किसी और अधिकारी से बात कर सकते हैं। 

आपको उनसे पूछना है की मेरे जिले के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल कब होंगे उनसे रिक्वेस्ट करनी है कि कम से कम यह तो बता दीजिए कि ट्रायल किस महीने में होते हैं। वह आपको आपके जिले के अनुसार ट्रायल महीना बता देंगे ध्यान रहे यह महीना आपको पता होना बहुत-बहुत जरूरी है क्योंकि अब आपको दो अखबारों पर पैनी निगाह बनाए रखनी होगी। उन अखबारों के नाम हैं दैनिक जागरण तथा अमर उजाला, इन अखबारों में ही ट्रायल की डेट छपेगी और डेट मिस ना होने पाए इसलिए आपको वह महीना पता होना चाहिए ताकि आप अखबारों पर आसानी से निगाह बनाए रखें। जैसे ही इन अखबारों में ट्रायल की डेट छपती है आपको बिना समय गवाएं तुरंत एक बार फिर से अपने डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन जाना है और वहां जाकर सचिव से क्रिकेट भर्ती फॉर्म प्राप्त करने हैं जिनकी कीमत शायद ₹300 से ₹350 हो सकती है, भर्ती फॉर्म की कीमत आपको अपने डीसीए में ही कंफर्म करनी होगी।

क्रिकेट भर्ती फॉर्म भरने के बाद यह फॉर्म आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव के पास जमा करने होंगे और वे आपको ट्रायल के लिए आमंत्रित करेंगे।

 

क्रिकेट ट्रायल कैसे होता है 

क्रिकेट ट्रायल देने के लिए खिलाड़ियों को किट में जाना चाहिए उन्हें वाइट रंग की टीशर्ट तथा लोअर पहनने चाहिए साथ हि वाइट रंग के स्पोर्ट्स शूज भी पहनने चाहिए। ग्राउंड में आपसे पूछा जाएगा कि आप बल्लेबाजी करते हैं या गेंदबाजी या फिर ऑलराउंडर हैं साथ ही विकेटकीपर को भी अलग खड़ा कर दिया जाएगा। कुछ गेंदबाजों की पंक्ति बना दी जाएगी तथा कुछ बल्लेबाजों को अलग जगह पर खड़ा कर दिया जाएगा। बाकी बचे खिलाड़ियों को फील्डिंग पर लगा दिया जाएगा और इनकी फिलिंग स्किल चेक होगी तथा बाकी स्किल्स दिखाने का मौका बाद में मिलेगा। 

अब बल्लेबाजों को एक-एक कर बल्लेबाजी करने का मौका मिलेगा साथ ही दो से तीन गेंदबाज उन बल्लेबाजों को गेंदबाजी करेंगे तथा विकेट कीपर विकेट के पीछे अपनी स्किल्स दिखाएंगे। सिलेक्टर इन सब पर पैनी निगाह बनाए रखेंगे और कॉपी-पेन द्वारा लगातार उनके प्रदर्शन को नोट करते रहेंगे। इसी प्रकार ऑलराउंडर को भी प्रदर्शन करने का पूरा मौका मिलेगा।

यह सेलेक्शन का पहला राउंड है और कुछ खिलाड़ियों को सेलेक्ट करने के बाद उन खिलाड़ियों का कैंप लगेगा जहां उनके आपस में मैच करवाए जाएंगे तथा मैच प्रदर्शन के आधार पर कुछ खिलाड़ियों को डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टीम के लिए चुना जाएगा। यदि आप 30 से 40 साल क्रॉस कर चुके हैं तो आपको बता दूं कि क्रिकेट ट्रायल के लिए किसी भी प्रकार की उम्र की कोई बाधा नहीं है और आप एलिजिबल है। यहां तक की 45 से 50 साल के लोग भी ट्रायल दे सकते हैं। ऐसे खिलाड़ियों को ओपन ट्रायल दिलाए जाते हैं जिसमें उम्र की कोई बाधा नहीं होती है।

वैसे तो डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल देने के लिए क्रिकेट एकेडमी खेलने की जरूरत नहीं कितू कुछ जिलों में  क्रिकेट एकेडमी को अनिवार्य कर दिया गया है जैसे हरिद्वार डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ने ट्रायल के लिए क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करना जरूरी कर दिया है। आपके जिले में ट्रायल के लिए एकेडमी खेलना जरूरी है या नहीं यह आपको अपने जिले के क्रिकेट एसोसिएशन जाकर पता करना चाहिए।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में लगातार साल दर साल अच्छा प्रदर्शन करने के बाद आपको स्टेट लेवल क्रिकेट में खेलने का मौका मिलता है। हालांकि एक बार डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलने के बाद आप स्टेट लेवल क्रिकेट ट्रायल्स भी दे सकते हैं जो प्रतिवर्ष होते हैं। यदि खिलाड़ी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है तो क्रिकेट सिलेक्टर्स उसे डायरेक्ट स्टेट क्रिकेट में खेलने का मौका भी दे सकते हैं।


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