सुरेश रैना के क्रिकेटर बनने की कहानी | सुरेश रैना का जीवन परिचय

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सुरेश रैना 1 बेहतरीन बल्लेबाज है जिनकी तारीफ में जितना कहा जाए उतना कम है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं सुरेश रैना के क्रिकेटर बनने की कहानी

सुरेश रैना का जीवन परिचय

सुरेश का जन्म 27 नवंबर 1986 को मुरादाबाद, गाजियाबाद में हुआ था। यूं तो सुरेश रैना ने भारतीय टीम के लिए कई ऐतिहासिक मैच खेले हैं और कई अपने दम पर जिताए भी हैं। सुरेश रैना ने आईपीएल में लगातार सालों साल रन बनाए इसलिए उन्हें मिस्टर आईपीएल भी कहा जाता है। किंतु आज हम सुरेश रैना के क्रिकेटर बनने की कहानी मैं आप सबको उनके क्रिकेटर बनने से पहले के संघर्ष के दिनों के बारे में बताएंगे, क्यों एक वक्त ऐसा आया जब सुरेश रैना के मन में आत्महत्या तक करने का ख्याल आ गया। यदि आप जानना चाहते हैं की धोनी कैसे बने क्रिकेटर, विराट कोहली कैसे बने क्रिकेटर तो कमेंट बॉक्स में जरूर  बताएं ताकि जल्द ही हम इन दिग्गजों की क्रिकेटर बनने की कहानी आपके सामने पेश करें। चलिए शुरू करते हैं सुरेश रैना की कहानी और जानते हैं सुरेश रैना कैसे बने क्रिकेटर।

सुरेश रैना के क्रिकेटर बनने की कहानी

उन दिनों की बात है जब सुरेश रैना लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में पढ़ा करते थे। सुरेश रैना उस समय 13 वर्ष के थे तथा क्रिकेट के सिलसिले में  12 से 15 वर्ष के और भी बच्चों के साथ ट्रेन  से आगरा जा रहे थे। ट्रेन आगरा की तरफ दौड़ी जा रही थी और सुरेश रैना अपनी आदत के अनुसार फर्श पर लेटे हुए थे। सर्दियों का मौसम था इसलिए रैना ने ठंड से बचने के लिए थाई गार्ड, चेस्ट गार्ड और पैड पहने हुए थे। देर रात रैना को एहसास हुआ कि उनकी छाती पर कुछ भार सा रखा हुआ है  जब अचानक रहना की आंखें खुली तो उनके होश उड़ गए तथा आंखें खुली की खुली रह गई उन्होंने देखा कि उनके दोनों हाथ बंधे हुए हैं और एक मोटा सा बच्चा उनकी छाती पर सवार हो रखा है तथा उनके चेहरे पर पेशाब कर रहा है। और बाकी बच्चे इस दृश्य को देखकर उन पर हंस रहे थे, रैना तुरंत आग बबूला हो गए और उन्होंने काफी मशक्कत कर अपने आप को उस मोटे बच्चे के चंगुल से निकाला तथा एक घूसा मार कर रुकी हुई ट्रेन से उस मोटे बच्चे को नीचे गिरा दिया।

इस तरह की घटनाओं की वजह से सुरेश रैना ने हॉस्टल छोड़ घर जाने का विचार बनाया तथा एक बार उनके दिमाग में आत्महत्या करने का ख्याल भी आया था।  सुरेश रैना खेलने में अच्छे थे और एक आज्ञाकारी शिष्य थे  इसलिए अपने कोच के चहेते थे कोच के नजदीक होने के कारण बाकी एथलीट उनसे जला करते थे। सब लोग यह जानते हैं कि सुरेश रैना लखनऊ स्पोर्ट्स कॉलेज से पढ़े हैं किंतु उनकी पीड़ा और उनके साथ हुई रैगिंग शायद कम ही लोग जानते हैं रैना बताते हैं कई बार दूध की बाल्टी में घास डाल दिया जाता था रात को 3 बजे ठंडा पानी डाल दिया जाता था और वह दूध को चुन्नी से छानकर पीते थे जिस पर उन्हें कई बार गुस्सा आता था और मन करता था की ऐसी हरकत करने वालों को उठाकर पटक पटक कर पीट दे किंतु यह भी पता था की एक को मारेंगे तो पांच उन पर झपटने को आएंगे इसलिए वह चुप हो जाते थे।

आलम इतना बुरा था जिसकी कोई हद नहीं थी, एक बार तो रैना को हॉकी स्टिक से भी पीटा गया और उनके साथी को तो इतना बुरी तरह मारा गया कि वे कोमा में चले गए तथा रैना का एक साथी इतना डर गया था कि वह छत से कूदने वाला था रैना बताते हैं कि मैंने तथा मेरे साथी नीरज ने अपने छत से कूदने वाले दोस्त को रोका और उसे बोला कि क्या कर रहा है तू सबको मरवा देगा सब कुछ बंद हो जाएगा, उसके बाद से पुलिस की गश्त लगने लगी। आलम इतना खराब था कि प्रतापगढ़ रायबरेली गोरखपुर और आजमगढ़ से आने वाले एथलीट अपने साथ रिवाल्वर रख कर सोते थे। 

रैना ने एक साल बाद हॉस्टल छोड़ दिया किंतु उनके भाई ने दोबारा उन्हें हॉस्टल में भर्ती करवा दिया  हॉस्टल प्रशासन ने रैना के भाई को उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी दी इसके बाद रैना भी रहने के लिए तैयार हो गए।  अब रैना ने अपने गुस्से का इस्तेमाल सही जगह किया और उन्होंने अपने गुस्से को भीतर ही भीतर पाला तथा क्रिकेट के मैदान पर और अपनी प्रैक्टिस को और जोरदार तरीके से करने पर निकाला। रैना ने अपने गुस्से की ताकत को समझा और उसे दूसरों पर जाया करने की बजाय अपनी प्रैक्टिस में एक जुनून के रूप में इस्तेमाल किया जिस कारण आज रैना  इतने बड़े खिलाड़ी बन सके। 

रैना बताते हैं कि उनके पास ज्यादा पैसे नहीं हुआ करते थे और उनके डैडी का ₹200 का मनी ऑर्डर हर महीने जेब खर्च के लिए आया करता था जिससे वे समोसा चाय आदि में खर्च करते थे। सुरेश रैना बताते हैं मेरे लिए वह दिन काफी मुश्किल हुआ करते थे किंतु धीरे-धीरे लोगों का ध्यान उनके खेल की ओर जाने लगा और जब एक गांव में क्रिकेट खेलने जाते थे तो सब लोग सुरेश रैना को अपनी टीम में रखना चाहते थे उन दिनों रैना को चार से पांच छक्के लगाने के ₹200 मिलते थे जिसका इस्तेमाल रैना ने अपने लिए स्पाइक शूज खरीदने के लिए किया।

एयर इंडिया ने बदली जिंदगी

कुछ समय बाद सुरेश रैना के पास एयर इंडिया से खेलने के लिए ऑफर आया और रैना बताते हैं कि इस मौके ने मेरी जिंदगी बदल दी वरना मैं यूपी में ही रहता और छोटे-मोटे गेम खेलकर खत्म हो जाता। यदि आपमें भी टैलेंट है तो अपने टैलेंट को जाया ना करें और डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स में हिस्सा जरूर ले। यह ट्रायल्स हर वर्ष आते हैं डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट के बारे में पूरी जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें। 1999 में सुरेश रैना को एयर इंडिया की तरफ से ₹10000 का स्कॉलरशिप मिला जिसमें से रैना ने ₹8000 अपने परिवार को भेज दिए तथा ₹2000 अपने पास रख लिए। रैना बताते हैं की उन दिनों मोबाइल बहुत कम हुआ करते थे और अधिकतर एसटीडी बूथ हुआ करते थे तथा एक कॉल करने के लिए 4 से ₹5 लग जाया करते थे इसलिए मैं 2 मिनट के भीतर ही है अपने घर वालों से बात कर लेता था इन वजह से मुझे रुपए की अहमियत अच्छी तरह से समझ में आ गई थी। 

वर्ष 2003 में रैना इंग्लैंड क्रिकेट क्लब खेलने के लिए इंग्लैंड उन्हें 1 सप्ताह क्रिकेट खेलने के लिए ढाई सौ  पाउंड मिले। वर्ष 2005 में रहना को भारत के लिए खेलने का मौका मिला, रैना ने बताया कि उस सीरीज से पहले कैंप के दौरान उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के साथ रूम शेयर किया तथा वे फर्श पर ही सो रहे थे और कुछ ही दिनों में धोनी भी उनके साथ नीचे फर्श पर सोने लगे धोनी ने रहना से कहा कि उन्हें भी बेड पर नींद नहीं आती है और फर्श पर सोने की आदत है। रैना बताते हैं एक तरफ धोनी और दूसरी तरफ में फर्श पर सोए हुए थे और नीरज पटेल बेड पर सोए हुए थे।

आईपीएल बना टर्निंग प्वाइंट

सभी जानते हैं सुरेश रैना को मिस्टर आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने निरंतर आईपीएल में हर साल प्रदर्शन किया तथा सबसे अधिक रन बनाए थे। रैना बताते हैं कि आईपीएल उनकी जिंदगी में दूसरा टर्निंग प्वाइंट बनकर आया किंतु शुरुआत में उनके घुटने पर चोट आ गई जिस कारण वह खेल नहीं पाए और उन्हें लगा  कि मैं अब खेल नहीं पाऊंगा और मेरा करियर खत्म हो जाएगा वे डरे हुए थे क्योंकि उन्होंने घर के  लिए 80 लाख रुपए का लोन भी लिया हुआ था। किंतु उन्हें जल्दी खेलने का फिर से मौका मिला और वे क्रिकेट खेलने लग गए।  

हालांकि आई पी एल 2022 में सुरेश रैना अनसोल्ड ही रह गए और इस वर्ष उनके फैंस उन्हें मिस करेंगे पर यह वक्त का खेल है एक ऐसा खिलाड़ी है जो मिस्टर आईपीएल के नाम से जाना जाता है उसकी जिंदगी में ऐसा दौर आया कि वह आईपीएल मैं ही नहीं खेल पा रहा किंतु हम उम्मीद करेंगे कि सुरेश रैना अगले वर्ष आईपीएल का हिस्सा बनेंगे और अपने दमदार खेल से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे।

सुरेश रैना क्रिकेट करियर डेब्यु

टेस्ट डेब्यु – 26 जुलाई 2010 इंग्लैंड के खिलाफ

एक दिवसीय डेब्यू – 30 जुलाई 2005 श्रीलंका के खिलाफ 

T20 डेब्यू – 1 दिसंबर 2006 दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ

सुरेश रैना आईपीएल करियर 

2008 से 2015 –  सीएसके चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलें। 

2015 से 2016 –  गुजरात लायंस के लिए खेलें।

2016 से 2019 –  पुनः चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलें।

सुरेश रैना क्रिकेट करियर

सुरेश रैना ने महज 14 साल की उम्र में ही क्रिकेटर बनने का फैसला किया और अपने सपने को पूरा करने के लिए वह लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट कॉलेज में क्रिकेट सीखने के लिए गए और अपने शानदार प्रदर्शन के कारण जल्द ही उत्तर प्रदेश अंडर 16 क्रिकेट टीम के कप्तान बने। 

सुरेश रैना बेहद टैलेंटेड थे और मात्र 15 साल की उम्र में ही उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए अंडर-19 टीम में शामिल किया गया इसके अलावा सुरेश रैना को श्रीलंका दौरे के लिए अंडर 17 क्रिकेट टीम में भी शामिल किया गया।  जी से सुरेश रैना का क्रिकेट सफर शुरू हुआ और वे लोगों की नजर में अपनी पहचान बनाने लगे।  2003 में असम के खिलाफ सुरेश रैना ने रणजी क्रिकेट की शुरुआत की किंतु उसके बाद काफी लंबे समय तक उन्हें खिलाया नहीं दिया पर 2004 में सुरेश रैना को अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप टीम में शामिल कर लिया गया अंडर-19 वर्ल्ड कप में सुरेश रैना ने अपनी बल्लेबाजी से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया और 3 अर्धशतक लगाए हैं जिस कारण उन्हें बॉर्डर गावस्कर स्कॉलरशिप मिला और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया अकैडमी में अपना एडमिशन कराया तथा महज 19 साल की उम्र में सुरेश रैना को भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल कर लिया गया।  भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के बाद सन् 2005 में सुरेश रैना को पहली बार श्रीलंका खिलाफ 30 जुलाई को खेलने का मौका मिला किंतु सुरेश रैना अपने पहले मुकाबले में कुछ खास नहीं कर पाए और इसके बाद सुरेश को काफी लंबे समय तक कोई मौका नहीं मिलाकुछ समय बाद उन्हें चेकअप ना फिर मौका मिला और वहां ने इस मौके को सही तरीके से भुनाया तथा दर्शकों के दिलो-दिमाग में छा गए उसके बाद 2008 में सुरेश रैना आईपीएल मैं एक चमकता सितारा बनकर उभरे। 

सुरेश रैना बायोग्राफी

सुरेश रैना का निजी जीवन – साल 2015 में सुरेश रैना की शादी हुई उन्होंने एमस्टरडम बैंक में काम करने वाली प्रियंका चौधरी से शादी रचाई। प्रियंका चौधरी एमस्टरडम बैंक में आईटी प्रोफेशनल है तथा व सुरेश रैना से शादी करने के बाद भी बैंक में जॉब करती हैं और सुरेश रैना अपने खेत पर ध्यान देते हैं। 14 मई 2016 को रहना एक बेटी के पिता बने जिसका नाम उन्होंने ग्रेसिया रखा, रैना ने अपनी बेटी के नाम का टैटू की करवाया है। ग्रेसी के बाद सुरेश रैना का एक पुत्र हुआ जिसका नाम उन्होंने रियो रैना रखा।

  • सुरेश रैना के पिता जी का नाम – त्रिलोक चंद रैना
  • सुरेश रैना की माता जी का नाम – प्रवेश रैना
  • सुरेश रैना की पत्नी का नाम – प्रियंका चौधरी
  • सुरेश रैना की बेटी का नाम – ग्रेसी रैना
  • सुरेश रैना के बच्चों के नाम – रियो रैना, ग्रेसी रैना 
  • बल्लेबाजी शैली – खब्बू बल्लेबाज
  • सुरेश रैना हाइट – 1.75 मीटर
  • आंखों का कलर – काला 
  • बालों का कलर –  काला
  • राष्ट्रीयता – भारतीय
  • जन्म स्थान – मुरादनगर, उत्तर प्रदेश
  • सुरेश रैना की जन्म तिथि – 27 नवंबर 1986
  • सुरेश रैना टि्वटर अकाउंट – @imRaina
  • सुरेश रैना इंस्टाग्राम पिकुकी – @sureshraina3

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