वूमंस क्रिकेट प्रैक्टिस टिप्स 

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एशियन कंट्रीज में क्रिकेट का बुखार बढ़ता जा रहा है पहले इसने पुरुषों को अपने कब्जे में किया और अब यह बुखार लड़कियों और महिलाओं पर हावी हो रहा है। इस पोस्ट में आपको वुमन क्रिकेट प्रैक्टिस के कुछ खास टिप्स दिए जा रहे हैं  जिन्हें फॉलो करके आप अपने क्रिकेट स्किल निखार सकते हो।

लिखकर शेड्यूल बनाएं 

किसी भी काम को प्रोफेशनल अंदाज में करने का सबसे आसान तरीका है उसका हर दिन, हर घंटे तथा एक महीने का पूरा शेड्यूल बना लें। आपको 1 महीने में जिस भी स्किल पर काम करना है उसके इर्द-गिर्द शेड्यूल बनाएं। हालांकि, आपका लोंग टर्म टारगेट 1 साल का होना चाहिए लेकिन 1 साल का शेड्यूल एक साथ ना बनाएं ऐसा करने से आप फ्रस्ट्रेट या इरिटेट हो सकते हो। इसलिए स्टेप बाय स्टेप यानी मंथ बाय मंथ शेड्यूल बनाएं। जैसे टेस्ट मैच को जीतने के लिए खिलाड़ी को पारी दर पारी अच्छा खेलना होता है और टेस्ट मैच जीतने पर फोकस करने की बजाय एक पारी में अच्छा प्रदर्शन करने पर फोकस करना होता है। 

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आपको पूरे हफ्ते को शेड्यूल करना चाहिए और प्रतिदिन एक स्किल पर काम करना चाहिए। और उस स्किल को पूरे दिन में कुछ भागों में डिवाइड कर लेना चाहिए। जैसे सोमवार को आप बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कर रहे हैं तो आप मॉर्निंग सेशन मैं कवरड्राइव की प्रैक्टिस कर सकते हैं। दोपहर के सेशन में स्क्वायर कट की प्रैक्टिस कर सकता है और इवनिंग सेशन में इन दोनों शार्ट को एक साथ प्रैक्टिस कर सकते हैं। जिन बैकफुट पंचस को आपने मैच की पहली गेंद पर ही वीरेंद्र सहवाग के बल्ले से आसानी से निकलते हुए देखा है उसके पीछे घंटों की मेहनत छुपी होती है। स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर ऐसे ही अपने शार्ट नहीं खेल लेते हैं वे सिर्फ कड़ा अभ्यास नहीं करते बल्कि पूरी प्लानिंग के साथ कड़ा अभ्यास करते हैं। 

सबसे पहले तो यह जरूरी है कि अपनी फिटनेस पर ईमानदारी से काम करें तभी आप 50 ओवर के मैच में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। 50 ओवर खड़े रहना कोई आसान बात नहीं होती खिलाड़ी इसके लिए जमकर पसीना बाहाते हैं और स्टेमिना बनाते हैं। आपको प्रतिदिन दौड़ लगानी चाहिए वह भी कम से कम 3 से 5 किलोमीटर तक। उसके बाद अपना प्रैक्टिस सेशन शुरू करना चाहिए, आइए देखते हैं कुछ खास टिप्स जिन्हें आप बल्लेबाजी के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं। 

वूमंस क्रिकेट प्रैक्टिस टिप्स बल्लेबाजी

प्रैक्टिस का पहला नियम यह है की खिलाड़ी को कंप्लीट क्रिकेट किट के साथ ही प्रैक्टिस करनी चाहिए और हेलमेट तो गलती से भी ना उतारे। 

रफ शॉर्ट्स ना खेलें –  प्रैक्टिस को हल्के में ना लें और हर गेंद पर शार्ट ना खेले बल्कि उसे प्लेस करने की कोशिश करें। हर गेंद को हवा में मारने से बचें वरना आपका प्रैक्टिस करने का कोई फायदा नहीं होगा। ध्यान रहे नेट प्रैक्टिस के दौरान सीरियस प्रेक्टिस करने पर ही आप भारतीय क्रिकेट टीम में सिलेक्ट हो पाएंगे।

पैरों में वेट बांधे – फ्रंट और बैक फुटवर्क सुधारने के लिए आपको पैरों में कोई वजनदार चीज बांधनी चाहिए पर ध्यान रहे वह चीज आपके पैर को चोट ना पहुंचा पाए इसलिए उसे बैटिंग पैड्स के ऊपर से बांधे। अक्सर प्रैक्टिस सेशन में माइंड हल्का होता है कोई प्रेशर नहीं होता है इसलिए फुट वर्क अच्छा चलता है लेकिन वही पैड पहनकर मैच के दौरान सब कुछ भारी सा लगने लगता है और पैर जल्दी नहीं निकल पाता इसकी वजह मैच का तनाव होता है। इस कमी को दूर करने के लिए आपको मेडिटेशन तो करना ही चाहिए पर उसके साथ-साथ ग्राउंड पर भी अलग तरह से प्रैक्टिस करनी होगी। बैटिंग पैड्स पर वेट बांधना एक अच्छा उपाय है जो आपके फुट वर्क को और मजबूत करता है।

फ्रंट फुट को एक्रॉस जाने से रोके – अधिकतर खिलाड़ी फ्रंट फुट पर पहले से ही तैयार रहते हैं और इसी चक्कर में कई बार उनका पैर जल्दी बाहर आ जाता है या फिर एक्रॉस चला जाता है। इससे एलबीडब्ल्यू होने के अधिक चांस बन जाते हैं इसलिए आपको फ्रंट फुट को जल्दी बाहर आने से रोकना होगा। हम सब जानते हैं पूर्व भारतीय खिलाड़ी गौतम गंभीर बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन करते थे इसकी वजह थी उनका अलग प्रकार से प्रैक्टिस करना। एक समय ऐसा था जब गौतम गंभीर अक्सर एलबीडब्ल्यू हो जाते थे और इसकी वजह थी उनका सामने वाला पैर जल्दी एक्रॉस चला जाता था। इस गलती को सुधारने के लिए उन्होंने कई तरीके अपनाए उसमें से एक तरीका था प्रैक्टिस के दौरान सामने वाले पैर पर पैड नहीं पहना जिससे उनका फ्रंट फुट जल्दी एक्रॉस नहीं गया। हालांकि यह थोड़ा सा जोखिम भरा प्रैक्टिस मॉडल है लेकिन इस प्रैक्टिस ने गौतम के लिए सही काम किया। अगर आप भी इस तरह से प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो मैं यह रिक्वेस्ट करूंगा कि हाफ पिच पर इस प्रैक्टिस को करें ताकि चोट का खतरा कम हो। 

महिला क्रिकेट प्रैक्टिस प्रश्न उत्तर

फ्रंट फुट एक्रॉस जाने के क्या नुकसान हैं?

आपको अपना फ्रंट फुट एक्रॉस जाने से रोकना होगा इससे एलबीडब्ल्यू के चांस बनते हैं। 

मैं अपना फ्रंट फुट कैसे सुधारु?

आप प्रैक्टिस के दौरान सामने वाले पैर का पैड उतारकर प्रैक्टिस कर सकते हैं किंतु ऐसा हाफ पिच पर करें ताकि चोट ना लगे।

मैं बैटिंग कैसे सुधारु?

फ्रंटफुट और बैक फुट वर्क सुधारने के लिए आप बेटिंग पैड्स के ऊपर कोई वजनदार चीज बांध सकते हैं।

अच्छी बैटिंग के लिए बैकलिफ्ट का क्या रोल होता है?

अच्छी बल्लेबाजी तकनीक के लिए एक आदर्श बैकलिफ्ट शोल्डर तक जाती है।

क्या मैं हाई बैकलिफ्ट के साथ अच्छे शॉट लगा सकती हूं?

हाई या लो बैकलिफ्ट से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता बल्कि बैकलिफ्ट से ज्यादा जरूरी है बल्ले का सही समय पर गेंद मीट करना।

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