भारत में क्रिकेट एक लोकप्रिय खेल है और इसकी लोकप्रियता लड़कियों में भी तेजी से बढ़ रही है। महिला क्रिकेट मैच स्पॉन्सर भी तेजी से बढ़ रहे हैं और इन्हें टीवी चैनल पर टेलीकास्ट किया जा रहा है। इससे तस्वीर साफ हो जाती है की लड़कियों के क्रिकेट की लोकप्रियता भी बढ़ रही है, क्योंकि स्पॉन्सर केवल वही पैसा लगाते हैं जहां से उन्हें अच्छे रिटर्न मिलने का भरोसा हो।
महिला क्रिकेट मैच की तादाद लगातार बढ़ रही है और ऐसा न सिर्फ भारत में हो रहा है बल्कि विदेशों में भी हो रहा है। जितने ज्यादा गर्ल क्रिकेट मैच टीवी पर दिखाए जाएंगे उतना ज्यादा लड़कियों में क्रिकेट के प्रति रुचि बढ़ना लाजिमी है। एक समय ऐसा था जब लड़कियों के क्रिकेट मैच को स्पॉन्सर ही नहीं मिलते थे पर आज समय बदल चुका है क्योंकि लड़कियों का क्रिकेट स्टेडियम भी भरने लगा है जिससे स्पॉन्सर आकर्षित होने लगे हैं।
मैं अभी भी मानता हूं कि यह शुरुआती स्टेज है और रफ्तार बढ़नी अभी बाकी है। इसलिए जो लड़कियां क्रिकेट में अपना कैरियर बनाना चाहती हैं उनके लिए मैदान में उतरने का यह सही वक्त है।
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गर्ल क्रिकेटर कैसे बने
चाहे लड़कियां हो या लड़के बीसीसीआई ने दोनों के लिए समान रूल बनाए हैं और दोनों के लिए क्रिकेट में करियर बनाने का तरीका भी से है। अगर आप भी भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनानी चाहती हैं तो आपको क्रिकेट की 3 सीढ़ियां चढ़नी होगी इन तीनों सीढ़िओ का विश्लेषण नीचे विस्तार से किया गया है।
जिला क्रिकेट
लड़कियों को सबसे पहले जिला क्रिकेट खेलना होगा। जिला क्रिकेट खेलने के लिए उसके ट्रायल देने होंगे जो कि प्रतिवर्ष भारत के लगभग हर राज्य में जिला स्तर पर होते हैं। अंडर 14, अंडर 16 , अंडर 17, अंडर 19 में आप जिला क्रिकेट ट्रायल दे सकते हैं। जिन लड़कियों की उम्र 23 वर्ष से अधिक हो चुकी है वह चिंता ना करें क्योंकि वह भी ओपन एज कैटिगरी के अंतर्गत जिला क्रिकेट ट्रायल दे सकति हैं।
ट्रायल डेट – ठीक लड़कों की तरह लड़कियों को भी सबसे पहले जिला क्रिकेट ट्रायल देने होंगे, डायरेक्ट डोमेस्टिक या स्टेट क्रिकेट ट्रायल नहीं दे सकते। महिला क्रिकेट ट्रायल डेट यानी जिला क्रिकेट ट्रायल्स की डेट दैनिक जागरण तथा अमर उजाला अखबारों में छपती है। एक बात को ठीक से समझ लो की महिला क्रिकेट ट्रायल के रूप में आपको जिला क्रिकेट ट्रायल देने होंगे जो कि जिला स्तर पर होते हैं।
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ट्रायल फॉर्म – ट्रायल फार्म प्राप्त करने के लिए आपको अखबार में दी गई डेट के दिन जिला क्रिकेट एसोसिएशन के ऑफिस जाना होगा और वहां अधिकारियों से ट्रायल फार्म खरीदने होंगे। महिला क्रिकेट ट्रायल फॉर्म की कीमत ₹350 से ₹500 के बीच हो सकती है।
स्टेट क्रिकेट
जिला क्रिकेट में पूरे सीजन लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद लड़कियों को स्टेट क्रिकेट में खेलने का मौका मिलता है। जिला क्रिकेट में लगातार जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली लड़कियों का सिलेक्शन डायरेक्ट स्टेट क्रिकेट में हो जाता है और ट्रायल महज खाना पूर्ति बन जाती है। जबकि, अन्य लड़कियों को भी ट्रायल देने का मौका मिलता है। स्टेट क्रिकेट में केवल वही लड़कियां ट्रायल दे सकती हैं जो जिला स्तर पर क्रिकेट खेल रही हो।
डोमेस्टिक क्रिकेट
जो लड़कियां पूरे साल भर स्टेट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करती हैं सिलेक्टर द्वारा उनका सिलेक्शन डोमेस्टिक क्रिकेट में कर लिया जाता है। इन लड़कियों को जोन क्रिकेट तथा रेलवे के लिए भी खेलने का मौका मिलता है। विजय हजारे ट्रॉफी, दुलीप ट्रॉफी तथा रणजी ट्रॉफी डोमेस्टिक क्रिकेट के महत्वपूर्ण टूर्नामेंट होते हैं। डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर खिलाड़ियों को भारत महिला अंडर-19 क्रिकेट, गर्ल्स आईपीएल तथा भारतीय महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिलता है। विजय हजारे ट्रॉफी फॉर्मेट राउंड रोबिन होता है, यह 50-50 ओवर का एक दिवसीय क्रिकेट होता है। जबकि, रणजी ट्रॉफी 5 दिन का होता है जो की टेस्ट मैच फॉर्मेट में खेला जाता है।
गर्ल्स क्रिकेट एकेडमी
गर्ल्स क्रिकेट खेलने के लिए आप अपने आसपास की क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन कर सकती हैं। यदि आपको अपने क्षेत्र में गर्ल्स क्रिकेट अकादमी नहीं मिलती है तोसमय वेस्ट ना करें और बॉयज क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन कर ले। वैसे भी वॉइस क्रिकेट अकादमी में गर्ल्स अकादमी से ज्यादा कंपटीशन मिलेगा नतीजा आपको ज्यादा सीखने को मिलेगा और स्किल डेवलपमेंट होने के चांस अधिक होंगे। जो लोग एकेडमी ज्वाइन नहीं कर सकते वे निराश ना हो और घर पर ही प्रैक्टिस शुरू कर दें। बैटिंग तथा बॉलिंग के बेहतरीन टिप्स आप हमारी वेबसाइट से सीख सकते हैं।
संबंधित प्रश्न उत्तर
गर्ल क्रिकेटर कैसे बने?
सबसे पहले जिला क्रिकेट ट्रायल देने होंगे उसके बाद स्टेट क्रिकेट और उसके बाद डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा। लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद लड़कियों का भारत की राष्ट्रीय गर्ल क्रिकेट टीम में सिलेक्शन होता है।
गर्ल्स क्रिकेट एकेडमी की फीस कितनी होती है?
गर्ल्स क्रिकेट अकादमी की फीस निर्भर करती है शहर तथा कोच पर। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में फीस लगभग 500 रुपए से 1000 रुपए प्रति माह तक हो सकती है। जबकि, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे महानगरों में या फीस बढ़कर ₹1500 प्रति माह से लेकर ₹3000 प्रति माह और उससे अधिक भी हो सकती है।
गर्ल्स आईपीएल कैसे खेले?
गर्ल्स आईपीएल सिलेक्शन प्रोसेस के तहत खिलाड़ियों को डोमेस्टिक क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना होता है और वहीं से उनका सिलेक्शन गर्ल्स आईपीएल टीम में होता है।
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