यह लेख आपको बताता है हाउ टू प्ले स्ट्रेट ड्राइव इन क्रिकेट (straight drive in cricket) सचिन जैसा स्ट्रेट ड्राइव खेलने के लिए दिए गए टिप्स को फॉलो करें।
सही तरीके से स्ट्रेट ड्राइव खेलने के लिए बैटिंग स्टान्स, सही तकनीक, गेंद की लाइन व लेंथ का अहम योगदान होता है। इन सभी बिंदुओं को विस्तार से समझाया गया है और यह बताया गया है कि इन्हें सुधारने से कैसे आप अच्छा क्रिकेट सीख सकते हैं कैसे स्ट्रेट ड्राइव सुधार सकते हैं।
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क्रिकेट में स्ट्रेट ड्राइव कैसे खेलें (How to play straight drive in cricket)
न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे अच्छा स्ट्रेट ड्राइव खेलने वाला खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को माना जाता है। भले ही वे रिटायर हो चुके हैं किंतु अधिकतर नए खिलाड़ी उनके वीडियो देखकर ही स्ट्रेट ड्राइव प्रैक्टिस करते हैं।
सही बैटिंग स्टान्स क्रिकेट (Correct batting stance in cricket)
सचिन का बैटिंग स्टान्स एक आदर्श बैटिंग स्टान्स है जो की उनके लिए यह शॉट आसान बना देता है आइए समझते हैं कैसे!
सचिन तेंदुलकर का स्टान्स बिल्कुल सिंपल स्टान्स है जिसे कॉपी बुक स्टाइल कह सकते हैं जो की क्रिकेट कोचिंग में कोच द्वारा बेसिक ट्रेनिंग के दौरान समझाया जाता है। इस स्टान्स में खिलाड़ी के दोनों पैर एक दूसरे के पैरलल होते हैं। दाहिने हाथ के बल्लेबाज का लेफ्ट शोल्डर सामने वाले अंपायर की ओर होता है जबकि बाएं हाथ के खिलाड़ी का राइट शोल्डर अंपायर की ओर होगा।
खड़े होते समय बल्लेबाज को मिडिल या लेग स्टंप से बल्लेबाजी क्रिज की तरफ सीधी लकीर खींचनी होगी और उस लकीर पर अपने दोनों पंजे रखें, ध्यान रहे दोनों पैरों के बीच समान दूरी होगी। दोनों में से कोई सा भी पंजा लकीर को क्रॉस नहीं करना चाहिए ऐसा करने पर स्टान्स गड़बड़ा जाएगा। इस स्टान्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पैरों की कैंची नहीं बनती है अर्थात पैर एक्रॉस नहीं जाते हैं जिससे एलबीडब्ल्यू का खतरा कम होता है।
इस स्टान्स में बल्लेबाज को सीधे बल्ले से खेलने में आसानी होती है, सचिन तेंदुलकर व वीरेंद्र सहवाग भी इसी स्टान्स में खड़े होते हैं इसलिए उन्हें सीधे बल्ले से बल्लेबाजी करने में आसानी होती है। सीधे बल्ले से खेलने का बड़ा फायदा यह है कि आउट होने का खतरा कम होता है और बल्लेबाज ज्यादा देर तक बैटिंग कर सकता है। जबकि क्रॉस बल्ले से खेलने में आउट होने के चांस ज्यादा होते हैं।
गेंद की लाइन व लेंथ का चयन (Correct line length selection to play)
स्ट्रेट ड्राइव खेलने के लिए गेंद की सही लाइन और लेंथ का चयन किया जाता है। इस शॉट को आधे पिच पर पटकी हुई गेंद या गुड लेंथ एरिया पर गिरी हुई गेंद पर नहीं खेला जाता है। शॉट फुल लेंथ तथा ओवर पिच गेंद पर खेला जाता है।
सचिन तेंदुलकर जैसे माहिर खिलाड़ी यॉर्कर गेंद पर भी स्ट्रेट ड्राइव खेल पाते थे और आप भी अच्छी प्रैक्टिस के बाद यॉर्कर गेंद पर भी स्ट्रेट ड्राइव खेल पाएंगे।
स्ट्रेट ड्राइव बल्लेबाज से दो या चार इंच दूर गिरने वाली गेंद पर खेला जाना चाहिए और गेंद को बल्ले के निचले हिस्से के बीचों-बीच खेलने की कोशिश करनी चाहिए। यदि गेंद बल्ले के ऊपरी हिस्से पर लग रही है तो इसका मतलब आप गलत गेंद का चयन कर रहे हैं और आपको तकनीक सुधारने की जरूरत है।
यह शॉट ऑफ़, मिडिल तथा लेग स्टंप तीनों पर खेला जा सकता है इसके लिए आपको गेंद के बिल्कुल ऊपर आने की आवश्यकता है।
स्ट्रेट ड्राइव फुटवर्क
स्ट्रेट ड्राइव शॉट फ्रंट फुट पर खेला जाता है। गेंद बल्ले पर लगते समय एंकल को सामने की ओर खोलें लेफ्ट एल्बो को झटके से ऊपर की ओर खींचे और शॉट खत्म करते वक्त दो-तीन छोटे कदम आगे की ओर चलें। शॉट खेलते वक्त बॉडी बैलेंस फ्रंट फुट पर होगा पीछे वाले पैर को घसीटते हुए आगे ले जाए पर वह आगे वाले पैर से पीछे होना चाहिए।
बल्ले का पूरा फेस सामने की ओर दिखना चाहिए, शॉट को और बेहतर करने के लिए शॉट खत्म होते वक्त एक दो छोटे कदम आगे की ओर चलें।
स्ट्रेट ड्राइव खेलते वक्त क्या ना करें
सही गेंद का चयन करें, शॉट पिच गेंद पर यह शॉट ट्राई ना करें अपने बैटिंग स्टान्स को बारीकी से देखें ओपन चेस्टड ना खड़े हों। ओपन चेस्टड स्टान्स में एलबीडब्ल्यू होने के चांस अधिक होते हैं क्योंकि पैरों की कैंची बन जाती है और जब पैर जल्दी एक्रॉस जाता है तो स्ट्रेट ड्राइव खेलने में मुश्किल होती है।
क्रिकेट में स्ट्रेट ड्राइव क्या है (What is straight drive in cricket)
यह एक प्रकार का शॉट है जो बल्लेबाज अक्सर गेंदबाज तथा सामने वाले अंपायर की दिशा में खेलता है। इस शॉट के बाउंड्री की ओर जाने की अधिक चांस होते हैं क्योंकि बिल्कुल सीधे कोई खिलाड़ी नहीं खड़ा किया जाता है।
निष्कर्ष – आज आपने जाना स्ट्रेट ड्राइव कैसे खेले (how to play straight drive in cricket) और यह लेख उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो जानना चाहते हैं बैटिंग कैसे सुधारे!