खो खो खेल कितने मिनट का होता है 

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खो खो खेल 36 मिनट का होता है जिसमें 9 मिनट की चार पारियां होती हैं। प्रत्येक टीम से 9-9 खिलाड़ी मैदान में खेलते हैं और 3-3 खिलाड़ी रिजर्व में बैठते हैं।

खो खो का मैदान 27 x 16 मी का होता है, यह एक आउटडोर खेल है जो घर से बाहर खेला जाता है। इस खेल में एक समय में दो टीमें मैदान पर खेलती हैं। खो-खो खेल न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह खेल खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में भी खेला जाता है। 

फास्ट फॉरवार्ड – खो खो खेल 9 x 9 x 9 x 9 = 36 मिनट का होता है।

खो खो खेल कितने मिनट का होता है

खो खो खेल 36 मिनट का होता है जिसमें 9-9-9-9 मिनट की चार पारियां होती हैं। यह खेल 27 x 16 मीटर के मैदान पर खेला जाता है। 

खो खो कैसे खेलें 

खो खो खेल 36 मिनट तक खेला जाता है जिसमें 9 मिनट – 9 मिनट – 9 मिनट – 9 मिनट की चार परियां होती हैं। भागने वाली टीम को रनर तथा पकड़ने वाली टीम को चेजर कहा जाता है। प्रत्येक टीम को एक बार चेजर बनकर दूसरी टीम के खिलाड़ियों को आउट करने करने एवं एक बार रनर बनकर चेज़र से बचकर भागने का मौका मिलता है। 

सबसे पहले खेलने के क्रम अनुसार रनर टीम के सभी खिलाड़ी अपना नाम स्कोर के पास दर्ज करवाएंगे। नाम दर्ज करवाने का कार्य मैच शुरू होने से पहले हो जाना चाहिए। जिस क्रम में रनर टीम के खिलाड़ियों ने अपने नाम दर्ज करवाए हैं वे उसी क्रम में मैच के अंदर दौड़ेंगे।

9 में से एक खिलाड़ी खो खो कोर्ट में खंबे के पीछे खड़ा होगा जबकि बाकी 8 खिलाड़ी पंजों तथा घुटनों के बल जमीन पर बैठेंगे। जमीन पर पंजों और घुटनों पर बैठे प्रत्येक चेजर खिलाड़ी का मुंह अपने बगल वाले खिलाड़ी के विपरीत होगा। 

मैच शुरू होने पर पहले रनर टीम से तीन खिलाड़ी दौड़ेंगे, 3 से अधिक खिलाड़ी प्रवेश नहीं करेंगे। इन तीन खिलाड़ियों के आउट होने के पश्चात रनर टीम के अगले तीन खिलाड़ी खो देने से पहले प्रवेश करेंगे वरना आउट माने जाएंगे। अपनी मर्जी से अपनी बारी के बिना मैदान में प्रवेश होने वाले रनर को आउट माना जाएगा। 

ध्यान रहे रनर भेजते वक्त दोनों टीम खेल के मैदान के एक हिस्से का ही इस्तेमाल करेंगे। थक जाने पर या कोई और समस्या होने पर चेजर तथा रनर समय से पहले ही अपनी पारी का अंत कर सकते हैं, जो ऐसा करेगा वह आउट माना जाएगा। 

प्रत्येक रनर को आउट करने पर चेजर टीम को एक अंक प्राप्त होता है और प्रत्येक चेजर के आउट होने पर रनर टीम को एक अंक मिलता है। यदि सारे 9 रनर 9 मिनट से पहले आउट हो जाते हैं तो चेजर टीम को एक एक लोना प्राप्त होता है पर कोई अतिरिक्त अंक नहीं मिलता है।  

पारी का समय समाप्त होने तक खेल इसी ढंग से चलता रहेगा और रनर टीम के खिलाड़ियों के दौड़ने के क्रम में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। यह खेल नॉकआउट पद्धति में खेला जाता है और मैच के अंत में जो टीम ज्यादा स्कोर करती है उसे विजेता माना जाता है। स्कोर बराबर रहने की स्थिति में एक और पारी खेली जाती है।

पढ़ेंखो खो खेल के नियम

खो खो गेम से जुड़ी जानकारी

खो खो खेल में खिलाड़ियों की संख्या 

खो खो की एक टीम में खिलाड़ियों की संख्या 9 होती है और रिजर्व खिलाड़ियों की संख्या 3 होती है, दोनों को मिला कर 12 खिलाड़ी एक टीम में होते हैं। एक समय पर मैदान में एक टीम के नौ खिलाड़ी खेलते हैं। रिजर्व खिलाड़ियों को खेलने का मौका तब मिलता है जब किसी खेलते हुए खिलाड़ी को लाइव खो खो मैच के दौरान चोट या अन्य तकलीफ हो। 

खो खो खेल में अंपायर की संख्या 

इस खेल में 2 अंपायर, 1 रेफरी, 1 टाइमकीपर तथा एक स्कोरर होता है। 

खो खो मैदान का आकार

खो-खो मैदान का आकार रैक्टेंगुलर होता है, ग्राउंड का मापदंड 27 x 16 मीटर होता है और मैदान के अंत में दो मुक्त रैक्टेंगुलर क्षेत्र होते हैं। आयातकार की पहली भुजा 16 मीटर तथा दूसरी भुजा 1.50 मीटर होती है। आयातकार की पहली तथा दूसरी भुजा के मध्य लकड़ी के दो स्तंभ होते हैं। केंद्रीय गली 24 सेंटीमीटर लंबी तथा 30 सेंटीमीटर चौड़ी होती है। 

खो खो ब्रेक 

एक पारी के बाद 5 मिनट का ब्रेक तथा दो पारियों के बाद 9 मिनट का ब्रेक होता है।

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