प्रो कबड्डी सिलेक्शन प्रक्रिया काफी सख्त होती है, बहुत सारे लोगों को यह पता ही नहीं की प्रो कबड्डी में कैसे जाएं कौन से टूर्नामेंट खेले। आज मैं आपको बता रहा हूं की प्रो कबड्डी में सिलेक्शन कैसे होता है और आज के इस लेख को फॉलो कर आप भी कबड्डी में कैरियर बना सकते हैं।
भारत में कबड्डी खेल मिट्टी में खेला जाता रहा है किंतु प्रो कबड्डी मैट पर खेला जाता है। प्रो कबड्डी ने सभी युवाओं का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है क्योंकि इसमें खिलाड़ियों को खेलने के लिए अच्छी खासी लाखों में रकम मिलती है और साथ ही प्रसिद्धि भी मिलता है।
भारत कबड्डी का जन्मदाता है और दूसरे देशों ने धीरे-धीरे इस खेल को अपनाया है। कबड्डी भारत का पारंपरिक खेल है जिसकी चर्चा भारतीय पौराणिक गाथाओं में भी होती रही है। महाभारत में भीम और जरासंध का मल युद्ध कबड्डी का एक प्रारूप था।
प्रो कबड्डी में कैसे जाएं सिलेक्शन प्रोसेस
प्रो कबड्डी सिलेक्शन प्रोसेस – इस खेल को खेलने के लिए फिटनेस और खेल का ज्ञान होना अति आवश्यक है। खिलाड़ी को भली भांति प्रो कबड्डी के नियम पता होने चाहिए। भारतीय स्कूल में कबड्डी प्रतियोगिताएं अक्सर होती रहती हैं अतः खिलाड़ी को स्कूल प्रतियोगिताओं में प्रतिभा करते रहना चाहिए। स्कूल के बाद कॉलेज में भी कबड्डीप्रतियोगिताओं में भाग लेना आवश्यक होता है ताकि मैच प्रैक्टिस बरकरार रहे और आगे के महत्वपूर्ण कबड्डी टूर्नामेंट के बारे में भी पता चलते रहे।
फ्यूचर कबड्डी हीरोज नामक कार्यक्रम उन लोगों के लिए शुरू किया गया था जो कबड्डी में करियर बनाना चाहते है। इस कार्यक्रम में चुने गए खिलाड़ियों को प्रो कबड्डी के लिए तैयार किया जाता है। भारतीय कबड्डी फेडरेशन (ए.के.एफ.आई) और मशाल स्पोर्ट्स ने 2017 में फ्यूचर कबड्डी हीरोज कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 18 से 22 वर्ष वाले युवाओं को आने वाले समय में मौका मिलता रहे इसलिए इसमें राज्य कबड्डी फेडरेशन को भी जोड़ा गया। चुने हुए खिलाड़ियों को उचित मापदंड तथा प्रो कबड्डी के नियम के अधीन ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम किया जाता है। इस कार्यक्रम के दौरान चयनित खिलाड़ियों को प्रो कबड्डी के दाव पेच सिखाए जाते हैं।
प्रो कबड्डी में भी आईपीएल की तरह बोली लगती है। नीलामी की प्रक्रिया तक पहुंचाने के लिए खिलाड़ियों को कई सारे ट्रायल तथा फेजस से गुजरना होता है। कबड्डी ट्रायल्स में कठोर शॉर्ट लिस्टिंग होती है, इसके ट्रायल्स कुछ फेजस में डिवाइड होते हैं। पहले फेज 1 होता है जिसमें अधिकांश खिलाड़ी प्रतिभाग करते हैं और उनमें से खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर फेज 2 में भेजा जाता है। फेज 2 के लिए 200 से 220 खिलाड़ियों को चुना जाता है।
इसके बाद फेज 3 होता है जिसमें 80 से 100 खिलाड़ियों को 1 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के लिए चुना जाता है और नीलामी का हिस्सा बनाया जाता है। खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान खेल विशेषज्ञ, विभिन्न कोच तथा प्रो कबड्डी के मालिक मौजूद रहते हैं। अनुभव, तकनीक, फुर्ती तथा फिटनेस को देखकर खिलाड़ियों की बोली लगती है।
कबड्डी टूर्नामेंट शुरू होने से पहले खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जाती है और प्रो कबड्डी मैच के लिए तैयारी कराई जाती है। उन्हें एक्सपर्ट कोचों की निगरानी मेंअच्छा खासा अभ्यास कराया जाता है और सभी प्रकार की तैयारी कराने के बाद खिलाड़ियों को प्रो कबड्डी मैदान में भेजा जाता है। यह युवाओं का खेल है और जो युवा कबड्डी में कैरियर बनाना चाहता है उसे बताई गई प्रक्रिया को फॉलो करना चाहिए।
एक समय ऐसा था जब कबड्डी काफी कम लोकप्रिय था। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। खासतौर पर प्रो कबड्डी के आने के बाद से इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ चुकी है। किंतु विशेषज्ञों का मानना है की कबड्डी की लोकप्रियता चरम पर पहुंचनी अभी बाकी है।
प्रो कबड्डी में करियर बनाना है तो सबसे पहले खिलाड़ी को अपना शारीरिक तथा मानसिक फिटनेस बढ़ाना होगा। पहलवानी या कोई भी खेल सिर्फ शरीर से नहीं बल्कि दिमाग से भी खेला जाता है और उसके लिए शरीर के साथ दिमाग का स्वस्थ होना भी जरूरी है।
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