स्पोर्ट्स वेबसाइट कैसे बनाएं कितना खर्च आता है

Spread the love

हकीकत यह है कि आज के दौर में वेबसाइट बनाने के लिए कोडिंग की आवश्यकता नहीं पड़ती और ना ही यह उतना अधिक महंगा होता है जितना वे लोग सोचते हैं जिन्होंने आज तक कभी वेबसाइट नहीं बनाईया नहीं बनवाई।

आज मैं आपको स्पोर्ट्स वेबसाइट कैसे बनती है इस विषय में बेसिक टु एडवांस जानकारी दूंगा। और मुझे पूरा यकीन है आज का पोस्ट पढ़ने के बाद आप भी अपनी पहली वेबसाइट बना पाएंगे।

क्विक ओवरव्यू –-> डोमेन + होस्टिंग = वेबसाइट, बिना कोडिंग की वेबसाइट।

वे जमाने बीत गए जब सिर्फ इंजीनियर या वेबसाइट डेवलपर्स ही वेबसाइट बनाते थे क्योंकि अब इस तरह की वेबसाइट आ गई है जिसमें कोडिंग की आवश्यकता नहीं होती सब कुछ इनबिल्ट पहले से होता है। जैसे बाइक को रिप्लेस करते हुए बिना गियर की स्कूटी और साधारण कार के बजाय बिना गेर की ऑटोमेटिक कार वैसे ही बिना कोडिंग के झंझट की वेबसाइट भी आ चुकी है। बस आपको चीजों का ज्ञान होना चाहिए और उन्हें कनेक्ट करने के सोर्स पता होने चाहिए।

स्पोर्ट्स वेबसाइट कैसे बनाएं कितना खर्च आता है

डोमेन तथा होस्टिंग को जब आपस में मिला दिया जाए तो एक वेबसाइट का निर्माण होता है। पहले समझते हैं डोमेन एवं होस्टिंग क्या होते हैं फिर आपको अपने आप समझ में आ जाएगा कि एक प्रोफेशनल वेबसाइट कैसे बनती है।

डोमेन 

डॉट इन, डॉट कॉम, डॉट एडु, एन जेड यह कुछ डोमेन नेम के एग्जांपल है। डॉट इन इंडिया को रिप्रेजेंट करता है यहां इन का मतलब इंडिया है जबकि डॉट कॉम वर्ल्ड वाइड किसी भी कंट्री के लिए यूज किया जाता है। ऐसा नहीं है कि डॉट इन वेबसाइट विदेशों में नहीं दिखेगा बल्कि यह एक स्पेसिफिक कंट्री को टारगेट करता है। डॉट एडु एजुकेशन के लिए यूज किया जाता है। डॉट एन जेड न्यूजीलैंड कंट्री को टारगेट करता है, जो डोमेन किसी स्पेसिफिक कंट्री को टारगेट करते हैं उसका कांटेक्ट पहले उस कंट्री को दिखाया जाता है और यदि दूसरी कंट्री से कोई सर्च करता है तो उसे भी दिखाया जाता है पर प्राथमिकता में टारगेटेड कंट्री को दिखाया जाता है।

यहां दिखाया जाता से मतलब है इंटरनेट द्वारा दिखाया जाता है फिर चाहे कोई गूगल में सर्च कर रहा हो बिंग, मोज़िला जैसे प्लेटफॉर्म पर सर्च कर रहा हो या फिर किसी दूसरे ब्राउज़र द्वारा सर्च कर रहा हो। डोमेन नाम को आप सबसे ऊपर दिए गए यूआरएल मैं चेक कर सकते हैं। मोबाइल या कंप्यूटर के सबसे टॉप पर एक पतली सी लंबी पट्टी होती है जिसमें यूआरएल की शुरुआत कुछ इस तरह से होती है एचटीटीपीएस उसके बाद डोमेन नेम लिखा होता है जैसे एचटीटीपीएस स्पोर्ट्सगो डॉट इन।

यह पढ़ेंड्रीम 11 खेलना सही या गलत जान लो वरना पछताओगे

विराट, सचिन, अर्जुन, अक्षय, अजय, राहुल, शाहरुख, सलमान, रितिक, सोनाली तथा दिशा आदि नाम के एक से अधिक व्यक्ति हो सकते हैं। किंतु जब हम डोमेन बुक करते हैं तो उस नाम का और कोई डोमेन नहीं ले सकता। जैसे हमारी वेबसाइट का नाम स्पोर्ट्सगो. इन है तो अब यह नाम कोई और नहीं ले सकता।

जबकि एक ही स्कूल या मोहल्ले में दो दिशा नाम की लड़की हो सकती है शाहरुख नाम के तीन बंदे हो सकते हैं और रितिक नाम थोड़ा अलग जरूर है पर यह भी कोई डैडी चाहे तो अपने बेटे का नाम रख सकता है। कहने का तात्पर्य यह है कि इन नामों का कोई कॉपीराइट नहीं है इन्हें कोई भी इस्तेमाल कर सकता है जबकि बुक करने पर डोमेन नेम आपकी प्रॉपर्टी हो जाती है और उसका कॉपीराइट आपके नाम का हो जाता है जिसे दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल नहीं कर सकता।

डोमेन की कीमत 

चाहे डॉट इन हो चाहे डॉट कॉम हो अधिकांश डोमेन आपको आसानी से ₹600 से ₹800 के बीच 1 साल के लिए मिल जाते हैं। मैंने इनकी एवरेज कीमत बताई है असल कीमत थोड़ी बहुत कम ज्यादा हो सकती है यह डिपेंड करता है उस समय ऑफर कौन सा चल रहा है। डोमेन को प्रतिवर्ष रिन्यू करना होता है या फिर आप एक साथ दो, तीन, पांच या 10 सालों के लिए भी अपना डोमेन बुक कर सकते हैं। यदि आप डोमेन हमारे दे गए लिंक से बुक करते हैं तो आपको और भी अधिक गारंटीड डिस्काउंट मिलेगा।

होस्टिंग 

होस्टिंग से अभिप्राय सरवर से है। होस्टिंग सर्विसेज अपना सर्वर किराए पर देती है। इस बात को समझते हैं जैसे कोई व्यक्ति दिल्ली में जॉब करने गया है और उसे रहने के लिए जगह चाहिए। घर की कीमत 25 से 50 लाख होती है तो व्यक्ति उसे खरीदने की वजह है उसका एक कमरा किराए पर लेता है जहां वो सरवाइव कर सके। उसी प्रकार डोमिन वह व्यक्ति है जिसे रहने के लिए एक जगह की आवश्यकता होती है यानी घर की आवश्यकता होती है। सरवर की कीमत भी लाखों में होती है और उसे खरीदना सबके बस की बात नहीं इसलिए होस्टिंग सर्विस का इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें सालाना रेंट दिया जाता है। हालांकि डोमेन को भी प्रति वर्ष रीन्यू किया जाता है पर उसकी कीमत काफी अफॉर्डेबल होती है। उम्मीद करता हूं डोमिन और होस्टिंग क्या है यह आपको समझ में आ गया होगा अब अब समझते हैं इन्हें कहां से खरीदें जहां आपके पैसे भी बचे और प्रोडक्ट या सर्विस भी बेस्ट हो।

होस्टिंग की कीमत

स्पोर्ट्स वेबसाइट बनानी है या दूसरी वेबसाइट बनानी हो आपको अच्छी होस्टिंग लेनी चाहिए और सस्ते के चक्कर में नहीं रहना चाहिए। सस्ती होस्टिंग अक्सर नुकसान करती है और जैसे ही आपका थोड़ा सा ट्राफिक  बढ़ता है वे बंद पड़ जाती हैं। आपने कई बार सुना होगा की साइट डाउन है सरवर नहीं चल रहा ऐसा अमूमन उनके साथ होता है जो सस्ते होस्टिंग खरीदते हैं। अच्छी होस्टिंग में भी अचानक से बहुत ज्यादा ट्रैफिक आ जाने से साइट डाउन होती है पर बहुत कम समय के लिए। अधिकांश अच्छे होस्टिंग में तो साइट डाउन होती ही नहीं है क्योंकि उनका बैकअप और सपोर्ट सिस्टम बहुत ज्यादा अच्छा होता है। एक आदर्श और अच्छे होस्टिंग की सालाना कीमत कीमत लगभग 5500 से 7500 के बीच है। आपको प्रतिवर्ष या कीमत चुकानी होती है आप चाहे तो एक साथ 2, 3, 5 या 10 सालों के लिए भी होस्टिंग बुक कर सकते हैं। 

डोमेन कहां से खरीदें 

डोमिन खरीदने के लिए आप डायरेक्ट नेमचीप, गोडैडी या क्रेजी डोमेन नामक वेबसाइट पर जा सकते हैं। यदि आप हमारे लिंक (पोस्ट के अंत में दिया गया है)से जाते हैं तो आपको अच्छा डिस्काउंट मिलता है। नेमचीप तथा क्रेजी डोमेन बेहतरीन प्लेटफार्म है जहां से आपको डोमेन खरीदने चाहिए।

होस्टिंग कहां से खरीदें 

क्लाउडवेज, ग्रीनगीक, होस्टिंगर, ब्लूहोस्ट तथा ए 2 होस्टिंग कुछ अच्छी होस्टिंग सर्विसेज है। इनमें से सबसे बेस्ट और जो आपकी वेबसाइट को सबसे फास्ट बनाती है उस होस्टिंग सर्विस का नाम है क्लाउडवेज। हालांकि क्लाउडवेज इन सब में से महंगी है जिसके लिए आपको सालाना ₹12000 चुकाने होते हैं। इसके बाद नंबर आता है ग्रीनगीक का जिसके लिए आपको सालाना ₹6000 – ₹7500 तक चुकाने पड़ सकते हैं। इसके बाद होस्टिंगर आप ले सकते हैं इसके लिए आपको सालाना ₹5500 – ₹6500 तक चुकाने पड़ सकते हैं। अधिकतम होस्टिंग सर्विसेज की कीमत ₹6000 से ₹7500 है और अगर आपका बजट कम है तो आप होस्टिंगर सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक भारतीय कंपनी है जो तेजी से बढ़ रही है यदि आप हमारे लिंक से खरीदेंगे तो आपको निश्चित रूप से अच्छी खासी छूट मिलेगी। वेबसाइट टेलीग्राम लिंक पोस्ट के अंत में दिया गया है।

क्लाउडवेज क्यों सबसे फास्ट है 

क्लाउडवेज होस्टिंग आपकी वेबसाइट को अधिक फास्ट इसलिए बनाती है क्योंकि जिस देश से व्यक्ति गूगल या बिंग में कुछ सर्च करता है तो उस देश में ही आपकी वेबसाइट के छोटे-छोटे सरवर बना देती है। इससे इंफॉर्मेशन नजदीक से ही सर्च हो जाती है जबकि बाकी होस्टिंग सर्विस में उनके सरवर जहां स्थित होते हैं इंफॉर्मेशन वहीं से दूसरे व्यक्ति के पास जाती है। इसे एक एग्जांपल द्वारा समझते हैं यदि अमेरिका में बैठा व्यक्ति किसी भारतीय प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में सर्च कर रहा है और उसका इंफॉर्मेशन आपकी वेबसाइट में है तो साधारण होस्टिंग इस्तेमाल करने पर उसे इंफॉर्मेशन भारत के सर्वर से मिलेगी जबकि क्लाउडवेज इस्तेमाल करने पर अमेरिका में ही आपकी वेबसाइट के छोटे-छोटे सरवर बन जाएंगे और उसे इंफॉर्मेशन वहीं से मिल जाएगी। इससे सर्च  रिजल्ट्स व्यक्ति तक जल्दी पहुंच जाते हैं नतीजा वेबसाइट की स्पीड काफी तेज हो जाती। 

वेबसाइट संबंधित पूछे गए प्रश्न उत्तर

डोमेन क्या होता है?

डॉट इन, डॉट कॉम  डॉट एडु, नजेड यह कुछ डोमेन है।

होस्टिंग क्या होती है?

होस्टिंग सर्विस डोमेन को सरवर प्रदान करती है। 

वेबसाइट कैसे बनती है?

वेबसाइट बनाने के लिए पहले डोमेन खरीदना होता है और फिर उसे होस्टिंग सर्विस की आवश्यकता होती है इनमें से किसी एक के ना होने पर वेबसाइट नहीं बन सकती।

एक अच्छी प्रोफेशनल वेबसाइट बनाने में कितना खर्च आता है?

₹600 के आसपास डोमेन मिल जाता है तथा ₹5000 से ₹7000 के बीच होस्टिंग मिल जाती है और यदि आप खुद वेबसाइट बनाना जानते हैं तो  ₹8000 से  ₹9000 में आपकी वेबसाइट बनकर तैयार हो जाती है जबकि किसी और को यह काम सौंपने पर बजट  ₹15000 से 20000 तक जा सकता है। 

डोमिन कहां से खरीदें बेस्ट प्लेटफॉर्म्स बताइए?

नेमचीप तथा क्रेजी डोमेन।

वेबसाइट कैसे बनाएं फ्री में?

गूगल पर ब्लॉगर लिखें, ब्लॉगर एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसमें फ्री में वेबसाइट बना सकते हैं।

स्पोर्ट्स या किसी भी प्रकार की प्रोफेशनल वेबसाइट बनवाने के लिए और डोमेन, होस्टिंग डिस्काउंट रेट पर पाने के लिए हमारे स्पोर्ट्सगो वेबसाइट टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ें। 


Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top