बिना एकेडमी के क्रिकेटर कैसे बने स्टेप बाय स्टेप

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आज हम जानेंगे बिना एकेडमी के क्रिकेटर कैसे बने स्टेप बाय स्टेप। क्रिकेटर बनने के लिए एकेडमी खेलने से ज्यादा क्रिकेट ट्रायल देने जरूरी है। एकेडमी खेलने से ज्यादा जरूरी यह जानना होता है कि कौन से क्रिकेट ट्रायल आपको देने होते हैं? ट्रायल कब होते हैं? क्रिकेट ट्रायल डेट कहां और कैसे पता चलती है? ट्रायल डेट कब आती है? और कौन सा टूर्नामेंट खेलने के बाद आप क्रिकेटर बन सकते हैं! इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर आज आपको हमारे इस क्रिकेट आर्टिकल में मिलने वाला है अतः इसे अंत तक ध्यान से पढ़ें और कोई प्रश्न होने पर कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें हम जल्दी या देर से आपको जवाब जरूर देंगे। 

यदि आप क्रिकेट अकैडमी में खेलते हैं किंतु क्रिकेट ट्रायल्स ही नहीं देते हैं तो एकेडमी खेलने का फायदा नहीं।  

नीचे दिए गए स्टेप्स में क्रिकेटर बनने का तरीका बताया गया है और इस क्रिकेट आर्टिकल को ध्यान से पढ़ने पर आपको निश्चित रूप से यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्रिकेटर कैसे बना जाता है।

बिना एकेडमी के क्रिकेटर कैसे बने स्टेप बाय स्टेप

यह बात सत्य है की क्रिकेटर बनने के लिए एकेडमी खेलने की जरूरत नहीं है आप घर पर प्रैक्टिस कर के भी क्रिकेटर बन सकते हैं। क्रिकेटर बनने के लिए नियमित प्रैक्टिस, जुनून, सही माइंड सेट और लगातार ट्रायल देना जरूरी है। क्रिकेटर बनने के लिए आपको 3 सीढ़ियां पार करनी होती हैं इन तीनों  सीढ़ियों को हमने नीचे स्टेप बाय स्टेप समझाया है: उम्मीद करते हैं हमारा यह क्रिकेट आर्टिकल आपको पसंद आ रहा है, इसे पढ़ते रहे।

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल

यदि आप क्रिकेटर बनना चाहते हैं तो आप को सबसे पहली सीढ़ी यानी  डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट  को पार करना होगा।  जिस प्रकार हमें स्कूल जाने पर सबसे पहले फर्स्ट क्लास में एडमिशन लेना होता है और उसके बाद धीरे-धीरे ट्वेल्थ क्लास तक मेहनत करके पढ़ाई करके आगे बढ़ते हैं। उसी प्रकार  डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट भी क्रिकेटर बनने के लिए फर्स्ट क्लास की तरह होती है।  फर्क इतना है कि यहां आपका एडमिशन नहीं होता बल्कि आपको ट्रायल देना होता है और उसे पार करना होता है। डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल हर साल होते हैं आप 12 वर्ष से  यह ट्रायल दे सकते हैं और इसकी कोई अधिकतम उम्र नहीं होती 40-45 साल में भी डिस्ट्रिक्ट के ट्रायल दे सकते हैं। 

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल कब होते हैं

भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर डिस्टिक क्रिकेट ट्रायल हो सकते हैं। अमूमन  डिस्ट्रिक्ट ट्रायल्स फरवरी से लेकर अप्रैल तक हो जाते हैं। इनकी सही जानकारी के लिए आपको एक बार अपने डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन विजिट करना चाहिए। इन ट्रायल्स की डेट अमर उजाला तथा दैनिक जागरण जैसे विश्वसनीय अखबारों में  हर वर्ष  छपती है अतः आपको इन अखबारों पर नजर बनाए रखनी चाहिए। 

 डिस्ट्रिक्ट  क्रिकेट ट्रायल  कहां होते हैं

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हर राज्य में अलग-अलग डिस्टिक होते हैं और राज्य के अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन होते हैं। हर राज्य में एक से ज्यादा डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन हो सकते हैं निर्भर करता है आपके राज्य में कितने जिले हैं। आपके द्वारा फॉर्म भरे जाने के बाद डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन आपको एक चुने हुए ग्राउंड पर बुलाता है जहां आपका ट्रायल होता है जिसके अंतर्गत बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग का परीक्षण होता है। 

स्टेट लेवल क्रिकेट ट्रायल्स

स्टेट क्रिकेट आपके क्रिकेटर बनने के सफर में दूसरी सीढ़ी का रोल निभाता है। और महत्वपूर्ण बात यह है कि आप स्टेट क्रिकेट ट्रायल्स में बिना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलें पार्टिसिपेट नहीं कर सकते। या ट्रायल्स उन खिलाड़ियों के लिए होता है जो डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में खेल रहे होते हैं अतः आपको पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना होगा उसके बाद ही आप स्टेट क्रिकेट ट्रायल में भागीदारी कर सकते हैं। कई बार ऐसा भी होता है की  खिलाड़ी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है और उसे देखते क्रिकेट ट्रायल देने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है क्योंकि सिलेक्टर  या स्टेट उस खिलाड़ी को अपने आप ही  स्टेट टीम में जगह दे देता है।

डोमेस्टिक क्रिकेट ट्रायल्स

क्रिकेट की तीसरी सीढ़ी होती है जहां किसी भी खिलाड़ी को सबसे ज्यादा मौके मिलते हैं और उसके पास हमेशा एक प्रबल चांस रहता है कि उसका चयन भारतीय टीम या फिर आईपीएल में हो जाए। डोमेस्टिक क्रिकेट में सिलेक्शन के लिए आपको लगातार स्टेट खेलना होता है। स्टेट क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर कोई घरेलू टीम या जोन की टीम ऐसे खिलाड़ी को अपनी टीम में जगह देती है।

डोमेस्टिक क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी तथा देवधर ट्रॉफी जैसे उच्च स्तरीय टूर्नामेंट होते हैं और हर खिलाड़ी का सपना होता है कि इनमें से किसी टूर्नामेंट का हिस्सा बने। रणजी क्रिकेट खेलना तो हर डिस्ट्रिक्ट, स्टेट लेवल खेलने वाले हैं खिलाड़ी का सपना होता है। क्रिकेट सिलेक्टर्स की निगाहें भी सबसे ज्यादा इन उच्च स्तरीय टूर्नामेंट में होती है और यहीं से छोटे-छोटे खिलाड़ियों को मौका मिला है जिन्होंने अपने बड़े बड़े नाम बना लिए है।

 तो यह 3 सीढ़ियां आपको पार करनी होती है क्रिकेटर बनने के लिए।

हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन सिर्फ अकैडमी खेलने वालों को दे रहा मौका

हाल ही में 2022 में उत्तराखंड के हरिद्वार डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के द्वारा एक कड़ा तथा नासमझ आने वाला फैसला लिया गया जिसके अंतर्गत उन्होंने डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रायल्स मैं भागीदारी का मौका कुछ चुनिंदा एकेडमी में खेलने वाले बच्चों को ही दिया तथा एकेडमी ना खेलने वाले बच्चों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। आपको यह आर्टिकल अच्छा लग रहा है, इसे अंत तक पढ़े।

हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन ने एक एक्सपेरिमेंट किया जिसके अंतर्गत टैलेंट को पूरा मौका देने के लिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल लीग मैचों के द्वारा करवाए जिसमें कुछ एकेडमी ने भागीदारी की। अच्छी बात यह थी कि हर मैच 30 से लेकर 50 ओवर्स का था और हर खिलाड़ी के पास खुद को सिलेक्टर्स की नजर में साबित करने का भरपूर मौका था। यह बात बिल्कुल जायज है कि मात्रा 10 से 15 गेंदें ट्रायल के दौरान मिलती है ऐसे में  कई बार बेहतरीन खिलाड़ी भी चूक जाते हैं। परेशान करने वाली बात यह है कि उन खिलाड़ियों का क्या दोष है जो क्रिकेट एकेडमी नहीं ज्वाइन कर पाते हैं, फिर हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन ने ऐसे खिलाड़ियों से मौका क्यों छीना? क्यों डिस्ट्रिक्ट लेवल के लिए ट्रायल्स में ऐसे खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया गया जो क्लब नहीं खेल रहे हैं।  

हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन का यह फैसला कि डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल में केवल क्लब में खेल रहे खिलाड़ी ही पार्टिसिपेट कर पाएंगे एक तरफा एकेडमी की ओर पर्सनल रूचि दिखाता हुआ नजर आया। उन खिलाड़ियों को हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन ने अपनी पीठ दिखाई जो पर्सनल या आर्थिक वजह से क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं। बीसीसीआई के वर्तमान प्रेसिडेंट सौरव गांगुली को एक बार उत्तराखंड के हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर जरूर देखना चाहिए तथा एक सही निर्णय लेते हुए सभी खिलाड़ियों को बराबरी का मौका देने के संदर्भ में कोई कड़ा नियम जरूर बनाना चाहिए।

ताकि हरिद्वार क्रिकेट ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोई भी जिले स्तर का क्रिकेट एसोसिएशन अपनी मनमानी के जरिए टैलेंट के पर न कुचल सके।

बीसीसीआई को सुझाव

  • डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल डेट्स पब्लिश करने में बीसीसीआई को और ध्यान देना होगा क्योंकि अधिकतम युवाओं को यह डेट समय रहते पता ही नहीं चल पाती। 
  • कई राज्यों के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन भी इन युवाओं को सही डेट से अवगत नहीं करा पाते हैं।
  • बीसीसीआई को अपनी मुख्य वेबसाइट में भी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल की तारीख को पब्लिश करना चाहिए ताकि हर टैलेंट को अपने आप को साबित करने का एक मौका तो मिले।
  • यदि क्रिकेट को लेकर आपका भी कोई सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं सुझाव पसंद आने पर आपके नाम के साथ अपनी वेबसाइट पर हम उसे पब्लिश करेंगे।

उम्मीद करते हैं आपको समझ आ गया होगा कि क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ता है। अपना कीमती समय देने के लिए आपका शुक्रिया, आप इस लेख को अपने दोस्तों तथा परिवार के साथ शेयर भी कर सकते हैं।

अपने स्कूल में प्रोफेशनल क्रिकेट कोचिंग पाना चाहते हैं यदि हां तो कमेंट बॉक्स में अपना नाम, अपने स्कूल का नाम, शहर तथा राज्य टाइप करें। जब एक ही स्कूल से 50 बच्चे कमेंट कर देंगे तो हमारी टीम आपके स्कूल आएगी। साथ ही हमारे क्रिकेट क्लब टेलीग्राम चैनल से जुड़े और फेसबुक पेज भी ज्वाइन कर लें ताकि आपको नई जानकारी मिलती रहे।

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4 thoughts on “बिना एकेडमी के क्रिकेटर कैसे बने स्टेप बाय स्टेप”

  1. Hello sir me 29 sal ka hu or me Abhi privet league me State khel chuka hu or abhi kuch timeme national matches bhi kheluga to kya me es private league se ranji trophy ya fir koi trophy me khel skta hu

    1. आशीष, रणजी ट्रॉफी तक पहुंचने के लिए आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना होगा फिर स्टेट खेलना होगा। यदि आप प्राइवेट लीग के साथ जोन मैच भी खेल रहे होते तो भी डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने के चांस बन जाते।

  2. Sir Hamare school mein bhi Cricket Academy honi chahie my school name is dakshinamurthy Vidyapeeth, changorabhatta ,Chhattisgarh

    1. जी हां ऋषभ बिल्कुल होनी चाहिए, इन साइड स्कूल क्रिकेट अकादमी तथा फ्री क्रिकेट अकादमी कहां है यह दोनों ब्लॉग पोस्ट पढ़ें।

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