क्रिकेट अम्पायर कैसे बने क्या नियम हैं, क्या करना पड़ता है और कहाँ अप्लाई करें। क्रिकेट अम्पायर बनने के लिए क्या क्वालिफिकेशन चाहिए आदि कई सवाल हैं जो अक्सर हर क्रिकेट खेलने वाले युवक के ज़हन में आते हैं। आज इन तमाम सवालों के जवाब को हम सिलसिलेवार तरीके से देखेंगे। शुरू करने से पहले इतना आपको बता दूँ की अम्पायर के पद के लिए क्रिकेट की अच्छी नौलेज का होना ज़रूरी है और साथ ही व्यक्ति का ठन्डे दिमाग का होना भी ज़रूरी है।
Table of Contents
क्रिकेट अम्पायर कैसे बनें
क्रिकेट अम्पायर बनने की शुरुआत बेसिक स्टेप से ही होती है जैसे किसी व्यक्ति को क्रिकेटर बनना है तो उसे निरंतर ट्रायल्स देने होते हैं वैसे ही क्रिकेट अम्पायर बनने के लिए निचले स्तर से शुरू करना पड़ता है। BCCI के द्वारा हर राज्य में एक मान्यता प्राप्त क्रिकेट बोर्ड नियुक्त किया गया है सबसे पहले आपको अपने राज्य के बोर्ड को एप्लीकेशन देनी होगी ये मान्यता प्राप्त बोर्ड अपने अपने राज्य में क्रिकेट का संचालन करते हैं।
ये बोर्ड ही समय समय पर स्टेट लेवल पर अम्पायर की वैकेंसी निकालते हैं आपको स्टेट क्रिकेट बोर्ड की वेबसाइट पर नज़र रखनी चाहिए ताकि आपके राज्य में अम्पायर की वैकेंसी निकलने पर आपको पता चल सके। इन वैकंसी का ज़्यादा प्रचार भी नहीं होता है इसलिए आपको खुद ही इसका पता लगाना होगा वेबसाइट के आलावा आप अपने राज्य के क्रिकेट बोर्ड मैम्बर से भी मिलकर इसका पता लगा सकते हैं। एप्लीकेशन जमा करने के बाद आपको रिटन परीक्षा पूरी करनी होगी। और जहाँ तक क्वालिफिकेशन का सवाल है तो इसके लिए कोई खास क्वालिफिकेशन नहीं चाहिए।
अम्पायर बनने के लिए ऐज लिमिट
अम्पायर बनने के लिए आपकी उम्र 18 वर्ष से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। और एक महत्वपूर्ण बात यह है की अंपायर बनने के लिए व्यक्ति का निम्न दृष्टिकोण से स्वस्थ होना भी ज़रूरी है जैसे लम्बी अवधि तक खड़े रहने का स्टेमिना, कानों और आँखों का पूरी तरह से स्वस्थ होना भी ज़रूरत है साथ ही शरीर का फिट होना अनिवार्य है।
अम्पायर क्वालिफिकेशन
दोस्तों अम्पायर बनने के लिए कोई खास क्वालिफिकेशन नहीं तय की गई है पर आपकी हिंदी तथा इंग्लिश भाषा पर पकड़ होनी चाहिए तथा क्रिकेट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए इसके आलावा कोई खास डिग्री नहीं है। अम्पायर बनने के लिए ना तो अंतराष्ट्रीय मैच ना ही रणजी ट्रॉफी खेलने की ज़रुरत है बस आपका क्रिकेट में इंटरेस्ट होना चाहिए और इंट्रेस्ट होगा तो ज्ञान एकत्रित करने में आसानी होगी।
इसे भी पढ़ें – क्रिकेट पिच की जानकारी मैदान की लंबाई चौड़ाई
क्रिकेट अम्पायर कैसे बनें नियम स्टेप बाय स्टेप जानकारी
- जी हाँ अम्पायर बनने के लिए कोई खास क्वालिफिकेशन नहीं चाहिए और जब आप अप्लीकेशन जमा कर देंगे तो उसके कुछ दिनों बाद अम्पायर सर्टिफिकेशन कोर्स होगा और फिर आपका रिटन टेस्ट होगा। एप्लीकेशन जमा करने के बाद स्टेट बोर्ड द्वारा एक जांच प्रक्रिया होती है जिसमे सही पाए जाने पर ही आप आगे रिटन एग्जाम के लिए चुने जायेंगे। रिटन एग्जाम में क्रिकेट के नियम पूछे जाते हैं इसलिए सारे छोटे बड़े नियम पढ़ लें।
- जब आपकी एप्लीकेशन अप्रूव हो जाएगी और आप जांच प्रक्रिया भी पार कर जायँगे तो आपको शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और इसके बाद स्टेट क्रिकेट बोर्ड के द्वारा 4 दिनों का सर्टिफिकेशन कोर्स कराया जाएगा। जिसमे पहले 3 दिनों तक आपको क्रिकेट के सभी नियम कानून अच्छे ढंग से समझाए जाएंगे और चौथे दिन मैच के दौरान किन खास बातों का ध्यान रखें और ग्राउंड पर फैसले कैसे लें यह समझाया जाता है।
- इसके बाद लिखित एग्जाम होता है और इस एग्जाम में शामिल होने के लिए 4 दिनों का यह अम्पयर सर्टिफिकेशन कोर्स अनिवार्य है। आपके रिटन एग्जाम की कॉपी स्टेट बॉर्ड द्वारा चैक करवाई जाती है। इस एग्जाम के प्रदर्शन के आधार पर आपको शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और उसके बाद इंटरव्यू होता है।
- इस इंटरव्यू में आपके कॉन्फिडेंस लेवल को चैक किया जाएगा और साथ ही यह भी देखा जाएगा की कैंडिडेट के दबाव झेलने की क्षमता कितनी है । आपके कंसन्ट्रेशन लेवल और मानसिक दबाव को खास देखा और परखा जाएगा और आपकी नॉलेज की बारीकी से जांच होगी आपसे क्रिकेट और क्रिकेट नियम से जुड़े कई छोटे बड़े सवाल किए जाएंगे।
- इंटरव्यू के बाद कुछ कैंडिडेट्स को शार्ट लिस्ट किया जाएगा और उनको प्रैक्टिकल देने का मौका मिलेगा इन चुनिंदा कैंडिडेट्स को स्टेट क्रिकेट बोर्ड कुछ स्थानीय मैचेस में अम्पायरिंग कराएगा और इनके प्रदर्शन के आधार पर फिर कुछ मेंबर्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कैंडिडेट्स को स्टेट क्रिकेट अम्पायर नियुक्त किया जाएगा।
- दोस्तों यहाँ सेलेक्ट होने का यह मतलब नहीं की आपको सीधे ही भारत के मैच में अम्पायरिंग का मौका मिल जाएगा बल्कि अब इन राज्य क्रिकेट अम्पायर बन चुके कैंडिडेट्स को कम से कम 2-3 साल तक स्थानीय या डोमेस्टिक क्रिकेट की अम्पायरिंग करनी होगी। इन 2-3 साल तक इन अम्पायर्स पर राज्य क्रिकेट बोर्ड की कड़ी नज़र रहती है और वे देखते हैं की इन 3 सालों में किस अम्पयर ने कितने ऑनग्राउंड अच्छे फैसले लिए हैं और उनके 2-3 साल के इन ओवरआल फैसलों को देखते हुए राज्य क्रिकेट बोर्ड BCCI को कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले अम्पायरों के नाम भेजता है।
- इसके बाद उन नामों में से बी सी सी आई कुछ नाम सेलेक्ट करता है और फिर एक बार एक नए एग्जाम की प्रक्रिया शुरू होती है जिसे लेवल 1 एग्जाम कहा जाता है जो इस बार bcci की तरफ से लिया जाता है। हालांकि इस चयन प्रक्रिया का प्रोसेस राज्य चयन प्रक्रिया की तरह ही होता है पर यह एग्जाम राज्य एग्जाम से काफी टफ होता है और यहाँ इंटरव्यू राउंड भी बड़े बड़े विशेषज्ञों द्वारा लिए जाते हैं।
- लेवल 1 एग्जाम क्वालीफाई करने वालों को बक्सी इंटरव्यू के लिए नेक्स्ट राउंड में भेजता है और इन्हें प्रैक्टिकल देने का मौका मिलता है फिर इन तीनो चरणों के आधार पर अच्छे कैंडिडेट्स को चुना जाता है और ख़राब प्रदर्शन वालों को अपने अपने स्टेट लौटा दिया जाता है।
- लेवल 1 पास करने वाले कैंडिडेट्स को बी सी सी आई का एक साल का लेवल वन रिफ्रेशर कोर्स करवाया जाता है और इस दौरान उन्हें कई मैचेस में अम्पायरिंग का मौका दिया जाता है और क्रिकेट की बारीकियां भी सिखाई जाती हैं।
- दोस्तों अब बारी आती है लेवल 2 की जिन अम्पायरों ने लेवल वन पास कर लिया उन्हें लेवल 2 एग्ज़ाम देने का मौका दिया जाता है। लेवल 2 की चयन प्रक्रिया भी स्टेट और लेवल वन अम्पायर चयन प्रक्रिया जैसी ही होती है यहाँ भी तीन राउंड होते हैं पहले रिटन फिर इंटरव्यू और लास्ट में प्रैक्टिकल होता है। जिन अम्पायरों ने लेवल 2 भी क्लियर कर लिया उन्हें बक्सी की ओर से नियुक्त कर लिया जाता है अब ये अम्पयार्स बक्सी द्वारा आयोजित घरेलू ओर अंतराष्ट्रीय मुकाबलों में अम्पायरिंग कर सकते हैं। उम्मीद करता हूँ की इन स्टेप्स के आधार पर आप भी अपनी तैयारी कर सकते हैं और खुद को अम्पायरिंग के लिए रेडी कर सकते हैं।
बी सी सी आई अम्पायर सैलरी
- BCCI अपने अम्पायरों की एक सूची तैयार करता है जिसमें उनको प्रदर्शन के आधार पर बांटा जाता है। बी सी सी आई ने अम्पायर्स को 4 ग्रेड में बांटा हुआ है ग्रेड ए ,बी , सी , डी जिनमे 20, 25, 35, 40 अम्पायर होते हैं।
- अम्पायर्स को सैलरी प्रति दिन के हिसाब से दी जाती है इन्हे टेस्ट और वन डे मैच में एक दिन के 40,000 रूपए मिलते हैं और T20 मैच में 20,000 रूपए पर मैच दिए जाते हैं।
आई सी सी अम्पायर सैलरी पर डे और सालाना
ICC अपने अम्पयार्स को सालाना 33 से 35 लाख रूपए देता है और साथ ही प्रत्येक टेस्ट मैच के लिए 5,000 डॉलर, हर वन डे मैच के लिए 3,000 डॉलर और T20 के लिए 1500 डॉलर दिए जाते हैं। ICC के एलीट पैनल में जो अम्पायर शामिल होते हैं उन्हें 1 साल का 1,15,000 $ से लेकर 1,40,000 $ दिए जाते हैं और साथ ही बेहतरीन लग्ज़रियस सुविधाएँ दी जाती हैं। ICC अम्पायर को IPL के एक मैच के $2800 दिए जाते हैं, ICC अंपायर अपॉइंटमेंट्स भी होते हैं जो और भी बड़े लेवल पर होते हैं।
प्रश्न उत्तर
अम्पायर बनने के लिए ऐज लिमिट क्या है?
18 वर्ष से 55 वर्ष।
अम्पायर बनने के लिए क्या क्वालिफिकेशन चाहिए
हिंदी तथा इंग्लिश भाषा पर पकड़ होनी चाहिए।
क्रिकेट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
इनके आलावा कोई खास डिग्री नहीं चाहिए।
जब अनिल कुंबले ने एक टेस्ट पारी में 10 विकेट लिए थे तब सभी विकेट गिरने के दौरान गेंदबाज के छोर पर कौन से अंपायर थे?
अंपायर अरानी जयप्रकाश।
अनिल कुंबले ने एक पारी में पारी में 10 विकेट किस टीम के खिलाफ किस वर्ष लिए थे?
1999 पाकिस्तान और भारत के बीच मुकाबला दिल्ली में हुआ था जिसमें अनिल कुंबले ने एक पारी में सभी 10 विकेट लिए थे।
क्रिकेट में कितने अंपायर होते हैं?
क्रिकेट मैदान पर दो अंपायर होते हैं जो पूरा मैच संचालित करते हैं जिनमें से एक गेंदबाजी छोर पर खड़ा होता है और दूसरा लेग अंपायर बनता है और वे हर ओवर के बाद आपस में अपनी जगह बदलते हैं।
इनके अलावा थर्ड अंपायर भी होता है जो मैदान के बाहर होता है और उसे टीवी अंपायर भी कहते हैं। जब मैदान पर खड़े अंपायर किसी दुविधा में फसते हैं तो वह टीवी अंपायर की मदद लेते हैं। क्रिकेट में इन तीन अंपायरों के अलावा एक मैच रेफरी भी होता है।
यह भी पढ़ें
12वि के बाद क्रिकेटर कैसे बनें