जब भी युवा मैदान में क्रिकेट खेलते हैं तो अक्सर उन्हें यह पता नहीं होता है कि क्रिकेट में कितने आउट होते हैं इसलिए कई बार मैदान के बीच ही मतभेद हो जाते हैं। ऐसा सिर्फ लोकल क्रिकेट में ही नहीं होता बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कई बार कप्तान अंपायर के फैसले से सहमत नहीं नजर आते हैं। तब अंपायर को उन्हें समझाना होता है कि जो फैसला मैंने लिया है वह भी क्रिकेट में आउट होने के प्रकार में से एक है।
यदि आप भी मैदान में किसी बल्लेबाज को अंपायर द्वारा अलग प्रकार से आउट दिए जाने पर कंफ्यूज हो जाते हैं तो आप अपनी इस दुविधा को यहां दिए गए विश्लेषण द्वारा दूर कर सकते हैं। यह एक शोधित लेख है और इस लेख में यह बताया एवं समझाया गया है कि क्रिकेट में एक बल्लेबाज कितने तरह से आउट हो सकता है।
यू तो क्रिकेट में कुल 42 नियम होते हैं लेकिन आज हम देखेंगे क्रिकेट में आउट होने वाले नियम और यदि आप क्रिकेट के सभी नियम विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारा यह लेख पढ़े क्रिकेट के 42 नियम।
क्रिकेट में 42 नियम सिलसिलेवार तरीके से होते हैं और हर नियम का एक क्रम होता है जिसे मैंने नीचे सरल शब्दों में समझाया है।
बल्लेबाज के आउट होने के नियम को दो भागों में समझाया गया है पहले भाग में नियम संख्या 27 से नियम संख्या 29 तक का विश्लेषण है जिनके अंतर्गत उन प्रमुख प्रक्रियाओं का जिक्र करते हुए यह बताया गया है कि बल्लेबाज को कैसे आउट किया जा सकता है। नियम संख्या 30 से नियम संख्या 39 तक उन तरीकों पर चर्चा की गई है कि किसी बल्लेबाज को किस प्रकार से आउट किया जा सकता है।
क्रिकेट में बल्लेबाज कितने प्रकार से आउट हो सकता है नियम 27 से 42
नियम 27 से 29 तक बल्लेबाज के आउट होने के प्रकार बताता है
नियम 27 – इस नियम के अंतर्गत क्षेत्र रक्षक भी बल्लेबाज को आउट करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं, क्षेत्र रक्षकों के पास अपील का अधिकार होता है। आपने एक गेंदबाज को अक्सर बल्लेबाज के पैर पर गेंद लगने पर अंपायर से जोरदार ढंग से दोनों हाथ ऊपर उठाते हुए यह पूछते हुए देखा होगा कि “हाउ इज दैट? इस अपील द्वारा एक गेंदबाज अंपायर से बल्लेबाज को आउट करार देने की गुजारिश कर रहा होता है और नियम 27 के अनुसार यह सेम अधिकार गेंदबाज के अलावा फील्ड में खड़े अन्य क्षेत्र रक्षक खिलाड़ियों के पास भी होता है वे भी अंपायर से दोनों हाथ ऊपर उठाकर जोरदार ढंग से यह पूछ सकते हैं कि “हाउ इज दैट? (यह कैसा है?)”, अपील का अधिकार गेंदबाज तथा क्षेत्र रक्षकों सभी को होता है।
क्रिकेट नियम 28 – क्षेत्र रक्षक द्वारा बल्लेबाज को आउट करने हेतु कम से कम एक गिल्ली जमीन पर गिरानी जरूरी होती है। यदि छेत्र रक्षक बल्लेबाज को आउट करने के प्रयास में केवल स्टंप्स को छूता है और कोई विकेट या बेल्स नीचे नहीं गिरती तो ऐसे में बल्लेबाज को नॉटआउट माना जाता है।
नियम 29 – जब दोनों बल्लेबाज पिच के बीचो बीच खड़े पाए जाते हैं और एक छोर पर क्षेत्ररक्षण टीम द्वारा विकेट गिरा दिया जाता है तो जो बल्लेबाज विकेट गिराने वाले छोर के नजदीक होगा उसे आउट माना जाएगा। बल्लेबाज के बैटिंग क्रीस से बाहर पाए जाने पर उसे विकेटकीपर द्वारा स्टंप आउट किया जा सकता है तथा क्षेत्र रक्षकों द्वारा रनआउट किया जा सकता है।
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30 से 39 तक बल्लेबाज के आउट होने के तरीके बताए गए हैं
नियम 30 – इस नियम के अंतर्गत बल्लेबाज के बोल्ड आउट माने जाने या ना माने जाने पर विश्लेषण किया गया है। जब गेंद बल्लेबाज को चकमा देते हुए सीधे उसके विकेट पर लगे तो उसे बोल्ड आउट माना जाएगा। यदि गेंद बल्लेबाज के पैड, दस्तानों या फिर शरीर के किसी भी हिस्से को छूते हुए स्टम्स को अपना निशाना बनाती है तो भी बल्लेबाज को आउट माना जाएगा। जब कोई गेंद अंपायर या क्षेत्ररक्षण के किसी अन्य खिलाड़ी को छूकर बल्लेबाज के विकेटों पर लगती है तो उसे नॉट आउट माना जाएगा।
नियम 31 – इस नियम के अंतर्गत एक बल्लेबाज के आउट होने पर दूसरे बल्लेबाज के समय पर पहुंचने की बात कही गई है। एक बल्लेबाज के आउट होने पर दूसरा बल्लेबाज मैदान के अंदर क्रिकेट पिच तक 3 मिनट के अंदर तैयार पोजीशन में नहीं पहुंचता है तो उस बल्लेबाज को आउट माना जाएगा।
नियम 32 – यह नियम कैच आउट के बारे में बताता है। जब गेंद बल्लेबाज के बल्ले या बैटिंग ग्लव्स को छूते हुए किसी क्षेत्र रक्षक खिलाड़ी द्वारा लपक ली जाती है तो बल्लेबाज को आउट माना जाता है।
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नियम 33 – इस नियम में हैंडलिंग द बॉल का उल्लेख किया गया है। जब बल्लेबाज बिना विपक्षी टीम की इजाजत के बल्ले पर गेंद लगने से पहले गेंद को हाथ से पकड़ लेता है तो उस बल्लेबाज को हैंडलिंग द बॉल करार आउट दिया जाता है।
नियम 34 – इस नियम के अंतर्गत बल्लेबाज द्वारा बिना विपक्षी टीम की सहमति के अपना विकेट बचाने के प्रयास में गेंद को दो बार मारने पर आउट होने के बारे में बताया गया है।
क्रिकेट रूल 35 – यह नियम हिट विकेट आउट का उल्लेख करता है। बल्लेबाज द्वारा शॉट खेलने, डिफेंस करने या गेंद को छोड़ने के प्रयास में गलती से विकेट बल्लेबाज के शरीर के किसी हिस्से द्वारा या बल्ले द्वारा गिर जाता है तो ऐसे में उस बल्लेबाज को हिट विकेट आउट माना जाएगा।
नियम 36 – यह नियम एलबीडब्ल्यू आउट का जिक्र करता है। जब गेंद सीधे विकेट पर लग रही हो और लगने विकेट पर लगने के बजाय बल्लेबाज के शरीर के किसी हिस्से से टकरा जाए तो उसे एलबीडब्ल्यू आउट माना जाएगा, बशर्ते गेंद तीनों स्टंप्स की लाइन में हो। ध्यान रहे जब गेंद ऑफ स्टंप और लेग स्टंप की लाइन से बाहर पिच खाती है तो एलबीडब्ल्यू आउट नहीं माना जाएगा। यदि गेंद के आधे हिस्से से ज्यादा हिस्सा ऑफ स्टंप की लाइन से अंदर पिच करके सीधे विकेट की दिशा में जाते हुए बल्लेबाज के पैर पर लगे तो एलबीडब्ल्यू आउट माना जाएगा।
नियम 37 – इस नियम में बल्लेबाज के बोलने तथा उसकी गतिविधियों पर विश्लेषण किया गया है। जब बल्लेबाज लगातार बोलते हुए या अपनी गतिविधियों द्वारा फील्ड को बाधित करेगा तो उसे आउट माना जाएगा।
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नियम 38 – इस नियम में रन आउट को दर्शाया गया है। रन लेने के दौरान जब खिलाड़ी पॉपिंग क्रीज तक नहीं पहुंच पाता है और विपक्षी टीम द्वारा स्पष्ट रूप से उसका विकेट गिराने पर उस खिलाड़ी को रन आउट माना जाता है।
नियम 39 – इस नियम में स्टंपिंग आउट का उल्लेख किया गया है। जब खिलाड़ी शॉट खेलने के प्रयास में बैटिंग क्रीज से बाहर आ जाता है और रन लेने की कोशिश नहीं करता है ऐसे में विकेटकीपर द्वारा उसका विकेट गिरा वेल्स बिखेरने पर उस बल्लेबाज को स्टंप आउट माना जाता है।
नियम 40 – इस नियम में विकेटकीपर की भूमिका का उल्लेख किया गया है। यह बताया गया है कि मात्र एक विकेटकीपर ही ऐसा खिलाड़ी होता है जो विकेट के पीछे खड़े रहता है। क्षेत्र रक्षक टीम में मात्र विकेट कीपर ऐसा खिलाड़ी होता है जो गार्ड, हेलमेट पहनकर क्षेत्ररक्क्षण करता है।
नियम 41 – इस नियम में फील्डिंग करने वाले खिलाड़ियों के बारे में उल्लेख किया गया है। इस नियम के अनुसार गेंदबाजी पक्ष के सभी 11 खिलाड़ी क्षेत्र रक्षक कहलाते हैं। यह क्षेत्र रक्षक मैदान पर तैनात रहते हैं तथा बल्लेबाज को आउट करने का प्रयास करते हैं। क्षेत्र रक्षक खिलाड़ियों का मुख्य कार्य बल्लेबाज द्वारा शॉट खेलने पर गेंद को हवा में लपक कर उसे आउट करने की कोशिश करना होता है। बल्लेबाजों द्वारा रन लेने के प्रयास के दौरान ये क्षेत्र रक्षक खिलाड़ी तेजी से गेंद उठाकर उस दिशा की विकेट को निशाना बनाते हैं जिस दिशा में बल्लेबाज विकेट से कुछ दूर दिखता है ताकि उन्हें आउट किया जा सके। क्षेत्र रक्षक खिलाड़ी बल्लेबाजों द्वारा चौका मारने या सिंगल, डबल लेने की कोशिश पर उन्हें रोकने के लिए प्रयासरत होते हैं।
नियम 42 – इस नियम के अंतर्गत खेल में सही और गलत का विश्लेषण किया गया है। यह नियम बताता है कि खेल में क्या उचित है और क्या अनुचित है।
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