क्या आप जानते हैं दिल्ली प्रीमियर लीग में सिलेक्शन कैसे होता है? यदि नहीं तो आज जानिए दिल्ली प्रीमियर लीग कैसे खेले पूरा सिलेक्शन प्रोसेस स्टेप बाय स्टेप।
इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत होने के बाद से क्रिकेट का विस्ताकरण भारत में काफी तेजी से हुआ है। आईपीएल को देखते हुए धीरे-धीरे हर राज्य में आईपीएल को छोटे लेवल पर खेला जाने लगा अर्थात उस राज्य से जुड़ा प्रीमियर लीग होने लगे जिसमें से एक है दिल्ली प्रीमियर लीग क्रिकेट। दिल्ली प्रीमियर लीग खेलने के लिए आपको जिला क्रिकेट खेलना होता है उसके बाद स्टेट क्रिकेट तथा डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होता है, वहीं से सिलेक्टर्स अलग-अलग नेशनल लेवल टूर्नामेंट में खिलाड़ियों का चयन करते हैं।
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दिल्ली प्रीमियर लीग कैसे खेलें सिलेक्शन कैसे होता है
आईपीएल अंतर्राष्ट्रीय लेवल क्रिकेट है जिसमें पूरे देश के विभिन्न राज्यों से टीम शामिल होती है और इसमें देसी विदेशी खिलाड़ी खेलते हैं। आईपीएल के कुछ समय बाद से भारत में में अलग-अलग राज्यों में राज्य लेवल पर क्रिकेट लीग होने लगे हैं उन्में से एक है दिल्ली प्रीमियर लीग।
इस लीग में न सिर्फ लोकल खिलाड़ी बल्कि बड़े खिलाड़ी भी खेलते हैं इस वक्त ऋषभ पंत भी दिल्ली प्रीमियर लीग का हिस्सा है। आईए समझते हैं कि आप दिल्ली प्रीमियर लीग कैसे खेल सकते हैं।
दिल्ली प्रीमियर लीग में सिलेक्शन कैसे होता है
डी.पी.एल अर्थात दिल्ली प्रीमियर लीग खेलने के लिए आपके पास दिल्ली के डॉक्यूमेंट होने चाहिए। आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्कूल सर्टिफिकेट, कॉलेज सर्टिफिकेट्स, राशन कार्ड, बिजली का बिल, तथा रेजिडेंशियल प्रूफ आदि आप अपने डॉक्यूमेंट में इस्तेमाल कर सकते हैं।
डॉक्यूमेंट की बारी तो तब आएगी जब आप दिल्ली प्रीमियर लीग ट्रायल देने जाएंगे, पहले तो आपको डीपीएल ट्रायल तक पहुंचना होगा, समझते हैं ट्रायल तक कैसे पहुंचेंगे।
दिल्ली प्रीमियर लीग ट्रायल्स कैसे दें
बहुत मुश्किल है अगर आप ओपन ट्रायल देने जाएंगे क्योंकि उसमें बदलाव होते रहते हैं और सभी खिलाड़ियों को ठीक से मौका भी नहीं मिल पाता है। बेहतर होगा कि आप सबसे पहले दिल्ली जिला क्रिकेट ट्रायल दें उसमें अपनी जगह बनाएं और लगातार अच्छा प्रदर्शन करें उसके बाद दिल्ली स्टेट क्रिकेट ट्रायल दें और लगातार अच्छा प्रदर्शन करें।
दिल्ली प्रीमियर लीग सिलेक्शन कमेटी भी स्टेट और जिला क्रिकेट से खिलाड़ियों को मौका देते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा मौका रणजी क्रिकेट जैसे क्रिकेट जैसे डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों को मिलता है किंतु आजकल जिला और स्टेट क्रिकेट में से भी खिलाड़ियों को चुना जा रहा है। जिला क्रिकेट में खिलाड़ियों की उम्र कम होती है इसलिए यहां से युवा खिलाड़ियों के अच्छे मौके बनते हैं।
दिल्ली प्रीमियर लीग ट्रायल्स फॉर्म
एक बार आप जिला क्रिकेट में सिलेक्ट हो जाते हैं तो आपको डीपीएल ट्रायल फॉर्म पर नजर रखनी होगी डीपीएल क्रिकेट भर्ती फॉर्म के लिए जिला क्रिकेट अधिकारी तथा कोच आपको अवगत कराते हैं।
अब उन लोगों के लिए रास्ते और भी आसान हो गए हैं जो लोग पूछा करते थे कि आईपीएल में कैसे खेले? यदि आप अपने राज्य की प्रीमियर लीग में खेलने में कामयाब होते हैं तो ऐसे में टीम इंडिया सिलेक्टर्स की नजर आप पर पढ़ सकती है सकती है और आपको आईपीएल ही नहीं बल्कि टीम इंडिया में भी खेलने का मौका मिल सकता है।
दिल्ली प्रीमियर लीग ट्रायल्स में क्या होता है
डीपीएल ट्रायल प्रतिवर्ष होते हैं और इसमें बल्लेबाजों को बल्लेबाजी तथा गेंदबाजों से गेंदबाजी कराई जाती है। सभी खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय सिलेक्टर कमेटी के सामने ट्रायल देना होता है सिलेक्टर्स बारीकी से नजर रखते हैं और खिलाड़ियों की तकनीक तथा मानसिक क्षमता को परखने की कोशिश करते हैं।
अपना क्रिकेट किट साथ जरूर ले जाएं क्योंकि ट्रायल में आपको पूरा किट पहन कर ही ट्रायल देने का मौका मिलता है वरना सिलेक्टर्स ट्रायल से बाहर कर देते हैं।
दिल्ली प्रीमियर लीग ओपन ट्रायल कैसे दें
कहने को तो दिल्ली प्रीमियर लीग ओपन ट्रायल्स भी होते हैं किंतु उसमें सिलेक्शन होना बेहद मुश्किल होता है। इसकी सबसे बड़ी कमी है कि खिलाड़ियों को भरपूर मौका नहीं मिल पाता और दूसरी कमी यहां भीड़ ज्यादा हो जाती है, कई बार ओपन ट्रायल्स की डेट्स भी बताई नहीं जाती।
अतः बेहतर यह होगा कि आप पूरे साल भर तैयारी करें और जिला क्रिकेट में सिलेक्ट होने के लिए प्रैक्टिस करें ताकि वहां से आपको स्टेट क्रिकेट तथा दिल्ली क्रिकेट में खेलने का मौका मिले।
निष्कर्ष – यह पोस्ट पढ़ने के बाद आप जानते हैं दिल्ली प्रीमियर लीग कैसे खेले। दिल्ली जिला क्रिकेट खेलने के बाद स्टेट क्रिकेट खेलना होगा और वहां लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर आपका चयन दिल्ली प्रीमियर लीग में हो सकता है।