डोमेस्टिक क्रिकेट ही चाबी है भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने की और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचने की। यदि कोई डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है तो निश्चित रूप से भारतीय अंडर-19 टीम, भारतीय मुख्य टीम या फिर आईपीएल में अपनी जगह बना सकता है। आइए समझते हैं डोमेस्टिक क्रिकेट क्या होता है इसमें कब कहां कैसे खेलते हैं, रजिस्ट्रेशन फॉर्म कहां मिलते हैं तथा योग्यता क्या होती है।
फास्ट फारवर्ड – डोमेस्टिक क्रिकेट से अभिप्राय घरेलू मैदान में खेले गए क्रिकेट से है जैसे रणजी, विजय हजारे तथा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी आदि। भारतीय टीम या आईपीएल में जगह बनाने के लिए पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट फिर स्टेट क्रिकेट और फिर डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है।
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भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट कैसे खेलें जानिए सही रास्ता
डोमेस्टिक क्रिकेट क्या होता है
डोमेस्टिक क्रिकेट को हिंदी में घरेलू क्रिकेट कहते हैं। एक राज्य में कुछ जिले होते हैं और जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर पर खेले गए क्रिकेट को डोमेस्टिक क्रिकेट कहते हैं। इसे थोड़ा विस्तार से समझते हैं: क्रिकेट में करियर बनाने के लिए खिलाड़ी सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलता है स्टेट क्रिकेट खेलता है और फिर रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी जैसे डोमेस्टिक क्रिकेट खेलता है। वैसे तो जिला क्रिकेट और स्टेट क्रिकेट भी डोमेस्टिक क्रिकेट के अंतर्गत ही आता है किंतु प्रोफेशनल तौर पर रणजी ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी, विनू मांकड ट्रॉफी आदि सही मायने में डोमेस्टिक क्रिकेट के अंतर्गत आते हैं।
यह क्रिकेट की ऐसी प्रतिस्पर्धा होती है जो घरेलू तौर पर खेली जाती है अर्थात यह राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं होती। इसलिए खिलाड़ी जब भी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलता है तो उसके राष्ट्रीय टीम के आंकड़े अलग गिने जाते हैं और डोमेस्टिक क्रिकेट के आंकड़े अलग गिने जाते हैं। डोमेस्टिक स्तर किसी देश में खेल की शुरुआती नीव होती है जहां से क्रिकेट की शुरुआत होती है और खिलाड़ी कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर सिलेक्ट होते हैं।
डोमेस्टिक क्रिकेट कैसे खेले
यदि किसी को भारतीय क्रिकेट टीम में अपना करियर बनाना है तो उसे हर हाल में डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना ही होगा। यहां तक की 16 वर्ष की आयु में क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी डोमेस्टिक क्रिकेट क्रिकेट खेला है हालांकि उनका सिलेक्शन बहुत जल्दी हो गया था और उन्होंने ज्यादातर घरेलू क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ खेला है।
यदि किसी को क्रिकेटर बनना है तो सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना होगा इसके ट्रायल प्रतिवर्ष होते हैं उसके बाद स्टेट लेवल क्रिकेट खेलना होगा और उसके बाद जाकर डोमेस्टिक क्रिकेट की बारी आती है और वहीं पर रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिलता है।
क्रिकेट सिलेक्टर भी खिलाड़ी को उसके डोमेस्टिक क्रिकेट के प्रदर्शन के आधार पर ही सेलेक्ट करते हैं और पहले उसे भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में खेलने का मौका देते हैं। खिलाड़ी के अधिक प्रतिभावान होने पर उसे सीधे भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह देते हैं। ज्यादातर खिलाड़ियों को मौका रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी तथा सैयद मुश्ताक अली टॉफी खेल कर मिलता है। यहां से खिलाड़ी ना सिर्फ भारतीय टीम बल्कि आईपीएल सिलेक्टर द्वारा आईपीएल टीम के लिए भी सिलेक्ट किए जाते हैं।
पहले की तुलना में आज की डेट में डोमेस्टिक क्रिकेट में काफी ज्यादा स्कोप है क्योंकि यहां से खिलाड़ियों को सीधे आईपीएल के लिए सिलेक्ट किया जाता है और बहुत मोटी रकम मिलती है। जो खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट खेलते हैं उन्हें सैलरी भी मिलती है और यह सैलरी प्रतिदिन के हिसाब से मिलती है। इसलिए यह कहना बिल्कुल सही है कि डोमेस्टिक क्रिकेट में सैलरी भी मिलती है।
सारांश – डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने के लिए सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट खेलना होता है उसके बाद स्टेट क्रिकेट खेलना पड़ता है और उसके बाद जाकर डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने का मौका मिलता है जिसमें रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी आदि खिलाड़ी खेलता है।
क्रिकेट ट्रायल कैसे कब कहां होता है
पूछे गए प्रश्न उत्तर
इंडियन डोमेस्टिक क्रिकेट में कैसे जाएं?
सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलें फिर स्टेट क्रिकेट खेलें और उसके बाद आपको डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा।
डोमेस्टिक क्रिकेट क्या होता है?
किसी देश के घरेलू स्तर पर खेले जाने वाली क्रिकेट प्रतियोगिता को डोमेस्टिक क्रिकेट कहा जाता है।
डोमेस्टिक क्रिकेट कितने ओवर का होता है?
इसके अंतर्गत कई प्रकार के टूर्नामेंट होते हैं जैसे रणजी ट्रॉफी 5 दिन का होता है जिसमें प्रतिदिन 80 से 90 ओवर फेंके जाते हैं यह टेस्ट फॉर्मेट में होता है जबकि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 20-20 ओवर का होता है और यह टी20 फॉर्मेट है।
क्या आईपीएल डोमेस्टिक क्रिकेट है?
जी नहीं, आईपीएल डोमेस्टिक क्रिकेट नहीं है बल्कि यह भारत के राष्ट्रीय लेवल पर खेला जाता है जिसमें कई सारे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी शिरकत करते हैं और साथ ही भारत के डोमेस्टिक क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने का मौका मिलता है। एक खिलाड़ी के करियर स्टैट्स में आईपीएल, डोमेस्टिक क्रिकेट, फर्स्ट क्लास क्रिकेट तथा राष्ट्रीय क्रिकेट के आंकड़े अलग-अलग जोड़े जाते हैं क्योंकि यह सब अलग-अलग हैं।
डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ी की सैलरी कितनी होती है?
रणजी ट्रॉफी खेल रहे खिलाड़ियों को ₹35000 प्रतिदिन मिलती है।
क्रिकेट का फॉर्म कब निकलता है?
प्रतिवर्ष डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल का फॉर्म निकलता है और इसकी खबर दैनिक जागरण तथा अमर उजाला जैसे विश्वसनीय अखबारों में छपती है।
मैं भारतीय क्रिकेट टीम में कैसे चुना जा सकता हूं?
पहले आपको डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट खेलना होगा उसके बाद स्टेट क्रिकेट फिर रणजी, सैयद मुस्ताक अली या किसी और डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करके आपका सिलेक्शन भारतीय टीम में भी हो सकता है।
डिस्टिक लेवल क्रिकेट ट्रायल कब होते हैं?
प्रतिवर्ष जनवरी-फरवरी में यह ट्रायल हो जाते हैं किंतु यह निश्चित नहीं है और आपके जिले के ट्रायल अलग समय पर हो सकते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि एक बार अपने जिला क्रिकेट एसोसिएशन जाओ और वहां सचिव से ट्रायल किस महीने में होते हैं यह जानकारी प्राप्त करो। उसके बाद दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे अखबारों पर नजर रखो क्योंकि क्रिकेट ट्रायल की डेट इन्हीं अखबारों में छपती है।
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