यश ढुल दिल्ली, जनकपुरी के रहने वाले हैं और इस समय अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के कप्तान हैं।
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यश ढुल का जीवन परिचय
यश का जन्म सोमवार 11 नवम्बर 2002 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी क्रिकेट जर्नी महज़ 6 साल की उम्र में शुरू कर ली थी, दरअसल हुआ कुछ यूँ था की एक रोज़ यश अपने नज़दीकी क्रिकेट ग्राउंड में खेलने गए और वहां कुछ सीनियर लड़कों से उन्हें भी खिलाने की रिक्वेस्ट की जिसे उन लड़कों ने खारिज कर दिया और यह सारा दृश्य उनकी माताजी ने देखा तथा इसके बाद यश को बाल भवन क्रिकेट अकादमी द्वारका में दाखिला दिलाया गया। इसके बाद ढुल ने पलट कर नहीं देखा और काफी क्रिकेट खेला। यश ढुल अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप की कप्तानी से पहले भारत के लिए अंडर 19 एशिया कप की भी कप्तानी कर चुके हैं। यश के अनुसार जब वे अंडर 16 दिल्ली के लिए खेलते थे तो उन्हें लगता था की अगर वे यूँ ही ईमानदारी से खेलते रहे तो एक दिन उनका चयन भारतीय टीम में भी हो सकता है।
यश ढुल का संघर्ष
यश ढुल का संघर्ष केवल उनका संघर्ष नहीं है बल्कि उनके पूरे परिवार का संघर्ष भी है। जब यश भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम के कप्तान बने तो उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए जिसमें उनके परिवार ने उनके लिए काफी संघर्ष किया और उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए लगातार सपोर्ट भी किया। भारतीय अंडर 19 क्रिकेट की कप्तानी से पहले यश दिल्ली अंडर 16, अंडर 19, चैलेंजर ट्रॉफी अंडर 19 ऐ टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं।
यश को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने नौकरी छोड़ी
यश के दादाजी एक रिटायर आर्मी अफसर हैं तथा पिताजी एक प्राइवेट जॉब करते हैं। यश के पिताजी का इस संघर्ष में अहम् योगदान है, दरअसल ढुल के पिताजी एक बड़ी कॉस्मेटिक कम्पनी में काम करते थे किन्तु जनकपुरी से आने जाने में उन्हें काफी समय लगता था इसलिए उन्होंने वह जॉब छोड़ दी और घर के पास ही एक जॉब पकड़ ली ताकि अपने पुत्र यश को प्रैक्टिस करवा सकें। यश के पिताजी को इस नई कंपनी में सैलरी कम मिलती थी इसलिए यश ढुल का परिवार उनके दादाजी की पेंशन पर निर्भर रहने लगा। यश के पिताजी का नाम विजय है और उनका कहना है की उन्होंने यश के क्रिकेट के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी और हर समय उन्हें अच्छी क्रिकेट किट देने की कोशिश की है। वे बताते हैं की उन्होंने अपने परिवार के खर्चे में कटौती की और यश को इंग्लिश विल्लो के बल्ले दिए ताकि उनके क्रिकेट के प्रति कोई रूकावट ना आए।
यश में क्रिकेटर के गुण पहले उनकी माताजी ने देखे
यश के पिताजी विजय के अनुसार यश में पहली बार क्रिकेट के गुण उनकी माताजी ने महज़ 4 वर्ष की उम्र में देखे थे और उन्हें और यश के दादाजी को यह बात बताई थी। और उसके बाद परिवार को भी अहसास हुआ की यश को क्रिकेटर बनाया जा सकता है इसलिए उन्होंने क्रिकेट की प्रैक्टिस जल्द ही शुरू करवा दी, शुरुआती प्रैक्टिस का स्थान घर का छत बना।
यश के पहले कोच बने उनके पिता विजय ढुल
यश के शुरुआती कोच का श्रेय उनके पिताजी विजय ढुल को जाता है क्योंकि वे यश को घंटो छत पर ही प्रैक्टिस करवाया करते थे। महज़ 11 वर्ष की उम्र में यश ने बाल भवन स्कूल अकादमी में जाने से पहले भारती कॉलेज में एक लोकल क्रिकेट अकादमी ज्वाइन की। इसके बाद 12 वर्ष की उम्र में यश ने अंडर 14 में दिल्ली क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया जिसके बाद उनके परिवार को यकीन हो गया की वे यश को क्रिकेट के प्रति बढ़ावा देकर कोई गलती नहीं कर रहे हैं। और उसके बाद यश के परिवार ने उनको और भी ज़्यादा सपोर्ट करना शुरू कर दिया तथा पढाई के लिए भी प्रेशर नहीं बनाया।
कोहली और पंत के नक़्शे कदम पर यश
विराट कोहली और खब्बू बल्लेबाज़ ऋषब पंत के नक़्शे कदम पर चलते हुए यश जूनियर क्रिकेट टीम में नई पीढ़ी और नई शैली के बल्लेबाज़ कप्तान हैं। यश एक मिडलऑर्डर बल्लेबाज़ हैं और अपनी सफलता पर कहते हैं की अभी तो मैं स्टार्ट कर रहा हूँ। यश लगातार हर उम्र की कैटोगरी में कप्तानी कर चुके हैं और अब भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम के भी कप्तान बन चुके हैं। अंडर 19 वर्ल्ड कप यु ऐ इ में जनवरी 14 2022 से शुरू हु चुके हैं और 5 फरवरी तक चलेंगे।
यश ढुल निजी जीवन
नाम यश | यश ढुल |
उम्र | 19 वर्ष |
कद | 5 फुट 9 इंच |
बालों का रंग | काला |
आँखों का रंग | हल्का भूरा |
पिताजी का नाम | श्री विजय ढुल |
माताजी का नाम | श्रीमती नीलम ढुल |
बहन | एक बड़ी बहन |
पता | दिल्ली, जनकपुरी, भारत |
जर्सी संख्या | 22 |
इंस्टाग्राम | yashdhull22 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
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