क्रिकेट एकेडमी कैसे खोलें खर्चा तथा रजिस्ट्रेशन

Spread the love

क्रिकेट एकेडमी खोलने के लिए सबसे पहले आपके पास पर्याप्त जगह होनी चाहिए ताकि बच्चों को प्रैक्टिस करवाई जा सके। मेरा पर्सनल सुझाव है कि कंपनी रजिस्ट्रेशन करने से 6 महीने पहले आपको मात्र यह सर्वे करना चाहिए कि जिस क्षेत्र में आप अकेडमी खोलना चाह रहे हैं वहां बच्चे आएंगे भी या नहीं। सुनिश्चित होने के बाद ही किसी भी तरह का पैसा या समय आगे की प्रक्रिया में लगाएं।

फास्ट फारवर्ड – वन टाइम इन्वेस्टमेंट ₹53000, प्रति माह का खर्चा ₹27000, स्पोर्ट्स कंपनी एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा एकेडमी रजिस्ट्रेशन, स्टाफ मेंबर तथा क्रिकेट कोच का चयन, मार्केटिंग के लिए वेबसाइट बनवाएं, स्कूल को करें टारगेट, बच्चों का रजिस्ट्रेशन तथा फीस। 

क्रिकेट एकेडमी कैसे खोलें खर्चा तथा रजिस्ट्रेशन

ग्राउंड सिलेक्शन तथा खर्चा

जगह का कोई निश्चित मापदंड तो नहीं है किंतु कम से कम 1 बीघा तो होनी ही चाहिए ताकि बैटिंग- बॉलिंग पिच बनाया जा सके और दौड़ भाग का काम एरिया की बाउंड्री पर भी हो सकता है। जमीन आपकी खुद की है तो बेहतर होगा क्योंकि आज की डेट में एक बीघा खरीदने के लिए भी लाखों रुपए चाहिए होते हैं। यदि आपके पास जमीन नहीं है तो किसी और की जमीन रेंट पर लेने का विकल्प रहता है।  

किराया निर्भर करता है आप किस शहर में रहते हैं या किस एरिया में कोचिंग खोलना चाह रहे हैं। यदि वह जगह मार्केट के बीचो-बीच स्थित है तो आपको भारी भरकम रेंट देना होगा जिसकी कीमत ₹20000 प्रति माह से भी ऊपर हो सकती है। लेकिन ऐसी जगह का चुनाव करते हैं मार्केट के बीच ना है बल्कि कुछ दूरी पर है तो वहां किराया कम होगा और हो सकता है आपको मात्र ₹5000 प्रतिमाह में भी जगह मिल जाए।  

इसे पढ़ेंक्रिकेट पिच की जानकारी मैदान की लंबाई चौड़ाई

उत्तराखंड में अधिकांश जगह पर मार्केट से लगे हुए एरिया का किराया ₹8000 – ₹12000 प्रतिमाह होता है जबकि दूरदराज के क्षेत्र का किराया ₹5000 से ₹6000 तक होता है। यह किराया निर्भर करता है कि ग्राउंड कितना बड़ा है और एक बीघा जमीन का किराया ₹2000 से ₹3500 हो सकता है। यह तो हो गई जमीन और उसके किराए की बात अब बात करते हैं की एकेडमी कैसे खोलें तथा इसका रजिस्ट्रेशन कहां पर होगा।

स्पोर्ट्स कंपनी रजिस्टर करवाएं

बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त करने की बात तो बाद में आती है पहले आपको अपनी स्पोर्ट्स कंपनी रजिस्टर करवानी चाहिए क्योंकि इसके दो फायदे मिलेंगे। एक तो आप कोचिंग दे ही रहे हैं दूसरा स्पोर्ट्स के सामान भी  पूरे भारत में बेच पाएंगे, ऑनलाइन या ऑफलाइन जैसा चाहें। चिंता ना करें कंपनी रजिस्टर कराने के लिए कोई पैसा नहीं लगता बस आपको भारत सरकार की एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना है वह भी घर बैठे ऑनलाइन 10 मिनट में अप्लाई हो जाता है। 

यह जरूर पढ़ेंक्रिकेट पिच कैसे बनाते हैं

क्रिकेट एकेडमी रजिस्ट्रेशन क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा

अब आपको अपने राज्य के क्रिकेट एसोसिएशन के दफ्तर जाना होगा और रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। फॉर एग्जांपल अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आपकी एकेडमी को डीसीए अर्थात दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। अगर आप उत्तराखंड में एकेडमी शुरू करना चाह रहे हैं तो उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त करना जरूरी है। 

स्टाफ मेंबर तथा क्रिकेट कोच का चयन

मैदान, कंपनी रजिस्ट्रेशन तथा एकेडमी को मान्यता दिलाने के बाद अब बारी आती है टीम बनाने की। शुरू में आप खुद कोचिंग दे सकते हैं अगर आप क्रिकेट को समझते हैं तो। आप भले ही कितने भी छोटे स्तर पर एकेडमी शुरू कर रहे हो किंतु आपको हमेशा एक लेबर की आवश्यकता पड़ेगी। हालांकि अगर आप एक की बजाए दो या तीन लोग मिलकर एकेडमी शुरू कर रहे हो तो शुरुआती दिनों में सारा काम खुद ही मैनेज कर सकते हो। 

मजदूर की आवश्यकता पिच बनाने तथा मिट्टी ढोने और लाने में पड़ती है इसके अलावा ग्राउंड की साफ सफाई में भी उनकी आवश्यकता पड़ती है। यदि आप एक क्रिकेट कोच हायर करते हैं तो आपको उसको कम से कम ₹10000 से ₹15000 देने होते हैं निर्भर करता है आप किस जगह रहते हैं। छोटे शहरों में कोच ₹8000 तक में भी मिल जाते हैं और उत्तराखंड के रुड़की शहर में कोचों की सैलरी मात्र ₹8000 महीना है। 

यह पढ़ें क्रिकेट एकेडमी की फीस कितनी होती है पर मंथ

कंपनी रजिस्ट्रेशन तथा क्रिकेट एसोसिएशन से अप्रूवल

एक अच्छा सा नाम देकर अपनी स्पोर्ट्स कंपनी का एमएसएमई रजिस्ट्रेशन करवा लें जो कि बिल्कुल मुफ्त में होता है। उसके बाद अपने स्टेट के क्रिकेट एसोसिएशन दफ्तर जाकर रेडमी के लिए बीसीसीआई का अप्रूवल करा लें। हालांकि अप्रूवल तभी मिलेगा जब आप उनको अपनी एकेडमी की डिटेल्स बताएंगे तथा ग्राउंड का मापदंड एवं कहां स्थित है यह भी लिखित में देंगे।

मार्केटिंग तथा वेबसाइट 

यह काम आपको क्रिकेट कंपनी रजिस्ट्रेशन तथा क्रिकेट एसोसिएशन से अप्रूव कराने के तुरंत बाद कर देना है मार्केटिंग करने में समय लगता है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मार्केटिंग करने का फायदा यह है कि आप संबंधित लोगों को यह बता पाएंगे कि आपकी एक कंपनी है जो भारत सरकार से रजिस्टर्ड है तथा आपकी एकेडमी उस कंपनी के अंतर्गत चलती है जो बीसीसीआई के क्रिकेट एसोसिएशन से अप्रूव्ड है। इससे लोगों में विश्वास जगेगा और वे आपके अकैडमी में आ सकते हैं। 

यह पढ़ेंबीसीसीआई अप्रूव्ड क्रिकेट एकेडमी कैसे ज्वाइन करें

यह डिजिटल जमाना है और ऐसे में वेबसाइट का होना अनिवार्य है ताकि विश्वसनीयता पर चार चांद लग सके। जी हां अगर आप एकेडमी अप्रूव कराने के साथ एक वेबसाइट भी बनाते हैं तो इससे लोगों का विश्वास और ज्यादा पुख्ता हो जाता है कि आप कोई छोटी मोटी एकेडमी नहीं बल्कि 1 अच्छी एकेडमी चला रहे हैं।  वेबसाइट का एक फायदा यह भी है कि आप अपनी पहुंच दूर तक आसानी से पहुंचा सकते हैं साथ ही बीसीसीआई को भी यह दिखा सकते हैं कि आपकी अकैडमी में अच्छा काम होता है और बच्चों को सही तरह से ट्रेनिंग दी जाती है। चिंता ना करें प्रोफेशनल वेबसाइट बनवाने के लिए आप हमारे वेबसाइट बनवाओ टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ सकते हैं।

हालांकि यह काम आप युटुब के द्वारा भी कर सकते हैं किंतु वह फ्री माध्यम होता है और उसमें लोग तब तक विश्वास नहीं करते जब तक आपके लाखों में फॉलोअर्स ना पहुंच जाए और आपको अधिकतर अच्छी मार्केटिंग की आवश्यकता शुरू में पड़ती है। 

स्कूल को करें टारगेट

कंपनी भी रजिस्टर करवा ली वेबसाइट भी बनवा ली किंतु पहले दिन से ही वेबसाइट में अपने आप कोई नहीं आएगा बल्कि आपको उसका प्रचार करना होगा। क्रिकेट खेल ज्यादातर बच्चे खेलते हैं इसलिए स्कूल से बढ़िया  विकल्प कोई और नहीं। ध्यान रहे जब भी आप स्कूल जाएं तो प्रोफेशनल की तरह मीटिंग करें ना की डायरेक्टली बच्चों से मिलकर उन्हें ऑफर देना शुरू कर दें। ऐसा करने से आपका तथा आपकी कंपनी का नाम खराब होगा। 

यह पढ़ेंइनसाइड स्कूल क्रिकेट एकेडमी

आपको एक प्रोफेशनल की तरह सबसे पहले स्कूल की ईमेल आईडी पर ईमेल करना है और उस ईमेल में अपना एजेंडा समझाते हुए अपनी क्रिकेट एकेडमी के बारे में बताना है तथा मीटिंग की रिक्वेस्ट करनी है। इससे आपके प्रति स्कूल प्रिंसिपल पर एक अच्छा इंप्रेशन पड़ेगा और उन्हें लगेगा कि उनके बच्चे किसी सुरक्षित जगह पर कोचिंग लेने जाएंगे। ध्यान रहे इस ईमेल में अपनी वेबसाइट का लिंक डालते हुए जिक्र जरूर करें इससे स्कूल प्रिंसिपल पर आपके प्रति विश्वसनीयता जागेगी। 

जब स्कूल आपसे मीटिंग करने को तैयार हो तब आपको मीटिंग करने जाना है। मीटिंग में देर से ना पहुंचे बल्कि आधा घंटा पहले स्कूल के बाहर पहुंच जाएं और वहां का माहौल तथा मिजाज समझने की कोशिश करें। उससे पहले आपको स्कूल के बारे में इंटरनेट पर रिसर्च करके जाना है ताकि आप अपनी बातों को और स्पष्ट तरीके से रख सको। 

बच्चों का रजिस्ट्रेशन तथा फीस 

वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस आपको अपनी अकैडमी में दी गई फैसिलिटी, अपने एरिया तथा लोकेलिटी के हिसाब से रखना है ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस रखने पर हो सकता है आपके पास पर्याप्त मात्रा में कैंडीडेट्स ना आए। कुछ कैंडीडेट्स आ भी जाएंगे किंतु वह दूसरों तक आपकी बात नहीं पहुंचाएंगे और हो सकता है कुछ समय बाद खुद भी छोड़ दे मालूम क्यों, क्योंकि उनका दिमाग भी टॉप फ्लोर पर होता है यानी शरीर के सबसे ऊपरी हिस्से माथे में ठीक आपकी तरह इसलिए फीस सोच समझ कर रखें। 

अमूमन क्लब की रजिस्ट्रेशन फीस ₹2000 से लेकर ₹5000 के बीच होती है और बड़े क्लबों की फीस ₹10,000 से ₹20000 होती है क्योंकि वे स्थापित हो चुके होते हैं और उनके पास जगह तथा इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं होती है। छोटे तथा शुरु कर रहे क्लबों को अपनी रजिस्ट्रेशन फीस मात्र ₹2000 – ₹3000 रखनी चाहिए तथा कोचिंग की मंथली फीस ₹500 तक रखनी चाहिए। 

कुल खर्च 

यदि आपके पास ग्राउंड पहले से ही है तो उसका कोई खर्च नहीं होगा लेकिन शहर से दूर स्थित छोटा सा ग्राउंड किराए पर लेने पर कम से कम ₹10000 प्रति माह का खर्च आता है। कोच की मिनिमम सैलेरी ₹8000 से लेकर ₹35000 तक होती हैऐसे मैं आप कम एक्सपीरियंस वाले कोच को ₹8000 में हायर कर सकते हैं। अच्छी क्रिकेट पिच बनाने के लिए आपको अच्छी मिट्टी की आवश्यकता पड़ेगी और इस तरह से केवल पिच बनाने में ₹10000 से ₹15000 लग जाएंगे। यदि आप टर्फ की पिच बिछाते हैं तो उसकी कीमत ₹15000 से ₹55000 तक हो सकती है। ग्राउंड मेंटेनेंस तथा अन्य कार्यों के लिए आपको लेबर की आवश्यकता पड़ेगी जिसके लिए महीने के ₹3000 से ₹5000 खर्च हो सकते हैं।  इस तरह से क्रिकेट एकेडमी शुरू करने के लिए आप को कम से कम ₹28000 की आवश्यकता पड़ेगी।

वन टाइम इन्वेस्टमेंट 

  • पिच बनाने का खर्च ₹10,000 
  • क्रिकेट नेट का खर्च = ₹7000 
  • यूनिफॉर्म का खर्च =  ₹25,000
  • अन्य खर्च = ₹11,000 
  • कुल खर्च = ₹53000 

प्रति माह का खर्चा – ग्राउंड का किराया 10,000 + कोच की सैलेरी ₹8000 + मजदूरों का खर्च ₹3000 + अन्य खर्च ₹6,000 = ₹27000

अब इसमें वह कॉस्ट जोड़ दीजिए जो पर मंथ बेसिस पर आपको देनी होगी जैसे कि कोच की सैलेरी ₹8000  ग्राउंड का किराया 10,000 तथा मजदूरों का खर्च  ₹3000 तो इस तरह से पहले महीने की कुल लागत आ जाती है ₹53000 + ₹8000 + ₹3000 = 64000 और प्रति महीने का खर्च रहेगा ₹8000 (कोच) + ₹3000 (मजदूर) + ग्राउंड का किराया 10,000 + ₹6,000 (अन्य खर्च) = 27,000 रुपए। इस तरह से एकेडमी सुचारू रूप से चलाने के लिए आपको प्रतिमाह ₹27000 नकद की आवश्यकता होगी।

और भी पढ़ें

फ्री क्रिकेट एकेडमी कहां है कैसे ज्वाइन करें

स्पोर्ट्स वेबसाइट कैसे बनाएं


Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top