हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन की मनमानी नहीं दे सकते ट्रायल

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यदि आप उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में रहते हैं तो भूल जाइए की आप कभी भारत के लिए क्रिकेट खेल पाएंगे। इसे हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन की मनमानी मानिए या फिर बीसीसीआई की नजरअंदाजगी कह लीजिए।

भारत की टीम में तो छोड़ो आप घरेलू क्रिकेट तक नहीं खेल सकते क्योंकि हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन के हिसाब से केवल वही खिलाड़ी ट्रायल में पार्टिसिपेट कर सकते हैं जो किसी क्लब में खेल रहे हों। यह तो ठीक उसी तरह की बात हुई कि स्कूल में केवल उन बच्चों को फाइनल एग्जाम में बैठने दिया जाएगा जो कहीं ट्यूशन पढ़ रहे हों। ऐसे में सवाल उठता है की उन लोगों का क्या दोष जो क्रिकेट एकेडमी नहीं ज्वाइन कर पाए हैं। जब बीसीसीआई ने टैलेंट को मौका देने के लिए उम्र तक डिसाइड नहीं कर रखी है तो यह जिले अपनी मनमानी क्यों कर रहे हैं।

हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन की मनमानी नहीं दे सकते ट्रायल

ऋषभ पंत भी रुड़की जिले से बिलॉन्ग करते हैं और उन्हें भी क्रिकेट में करियर बनाने के लिए दिल्ली जाना पड़ा था। खैर, उस समय तो उत्तराखंड में क्रिकेट को मान्यता तक नहीं मिली थी पर अभी भी कुछ ज्यादा नहीं  बदला है। शायद, ऋषभ पंत को तो इस बारे में पता भी नहीं होगा।

उत्तराखंड के सचिव ने साफ-साफ कहा कि हम केवल रजिस्टर्ड क्रिकेट क्लब के कैंडिडेट्स को ट्रायल में मौका दे रहे हैं ताकि उनके लीग मैच करा सकें। वे आगे बोले लीग मैच खेलने से कैंडिडेट्स को ज्यादा मौका मिलेगा अपनी परफॉर्मेंस दिखाने का। मेरा इन महोदय से सवाल है उन कैंडिडेट्स के बारे में तो आपने सोच लिया जो क्लब खेल रहे हैं लेकिन उनका क्या जो किसी कारणवश क्लब नहीं खेल रहे या ज्वाइन ही नहीं कर पा रहे। किसी को अधिक मौका देना गलत नहीं पर दूसरे का मौका छीनना गलत है और बीसीसीआई को अपनी आंखें खोलनी होगी तथा हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन की इस मनमानी या गलती को सुधारना होगा अगर उन्हें उत्तराखंड में अच्छे क्रिकेटर चाहिए तो! 

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उत्तराखंड में क्रिकेट टैलेंट की भरमार है पर जटिलताओं के कारण वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, ना उन्हें मौके मिल पा रहे हैं। ऐसा नहीं कि उत्तराखंड के सभी जिलों में केवल क्रिकेट क्लब से ही कैंडिडेट्स को मौके मिल रहे बाकी जिलों में बिना क्रिकेट क्लब खेले भी लोग ट्रायल दे पा रहे हैं। किंतु हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन कुछ अलग रास्ते पर चल रहा है और युवाओं से उनके मौके खुलेआम छीन रहा है जिसे रोकने वाला कोई नहीं दिख रहा है। अपने इस ब्लॉग पोस्ट के जरिए मैं उन तमाम लोगों की आवाज बीसीसीआई तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा हूं जिनसे यह मौके छीने जा रहे हैं। आप लोग इस ब्लॉग पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर कर मेरा साथ दे सकते हैं और उन तमाम लोगों का साथ निभा सकते हैं जिन्हें क्लब जॉइन ना करने के कारण ट्रायल देने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है। 

रुड़की एक बहुत छोटा शहर है लेकिन उसे एक पहचान मिली है और रुड़की को आज ऋषभ पंत के नाम से जाना जाता है। रुड़की हरिद्वार जिले में पड़ता है और ऋषभ पंत से मेरी दरखास्त है कि इस मुद्दे को उठाएं और बीसीसीआई के सामने रखें ताकि हरिद्वार जिला क्रिकेट एसोसिएशन किसी से मौका ना छीन पाए।

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बीसीसीआई ट्रायल फॉर्म्स को अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करें

एक सबसे बड़ी दुविधा यह है कि क्रिकेट में रुचि रखने वालों को ट्रायल फॉर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती इससे अधिकतर टैलेंट मौके से वंचित रह जाते हैं। 

जब चीजें सिस्टमैटिक या व्यवस्थित ना हो तो गड़बड़ तो निश्चित है। बीसीसीआई क्रिकेट को सुचारू रूप से चला रही है पर केवल अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लेवल पर। उनको थोड़ा और अंदर जाते हुए डोमेस्टिक तथा डिस्ट्रिक्ट लेवल के बारे में विचार करना होगा। क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी अन ऑर्गेनाइज्ड तरीके से चल रहे हैं इसका सबसे बड़ा एग्जांपल क्रिकेट के चाहने वालों को फॉर्म ना मिल पाना है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि  इतने आसान कार्य को बीसीसीआई ने जटिल क्यों बना रखा है। उन्हें करना सिर्फ इतना है कि सभी राज्यों के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल के फॉर्म हर वर्ष अपनी वेबसाइट पर पब्लिश कर दें ताकि इंटरेस्टेड लोग डायरेक्टली वहां से डाउनलोड कर सही समय पर सही जगह पर क्रिकेट ट्रायल देने पहुंच जाएं। 

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संबंधित प्रश्न उत्तर

मैं हरिद्वार जिले से क्रिकेट ट्रायल कैसे दे सकता हूं?

यह उत्तराखंड का एकमात्र जिला है जो केवल उन लोगों को मौका देता है जो किसी क्लब में खेल रहे हों।

क्या मैं बिना क्रिकेट क्लब खेले क्रिकेट ट्रायल दे सकता हूं?

जी हां, अधिकांश जिलों में कोई भी व्यक्ति क्रिकेट ट्रायल दे सकता है जिसे खेलना आता हो। अगर आप हरिद्वार जिले से क्रिकेट ट्रायल देना चाहते हैं तो पहले आपको क्लब खेलना होगा और क्लब के माध्यम से ही आप ट्रायल दे पाएंगे।

क्रिकेट ट्रायल कब होते हैं कैसे पता चलेगा?

अफसोस, बीसीसीआई इस पर ध्यान नहीं दे पा रहा है किंतु दैनिक जागरण और अमर उजाला में प्रतिवर्ष जिला क्रिकेट ट्रायल्स की डेट छपती है।

उन लोगों की क्या गलती है जो क्लब नहीं खेलते वह उत्तराखंड हरिद्वार क्रिकेट ट्रायल कैसे दें?

हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन केवल उन लोगों को ट्रायल में मौका देता है जो किसी क्रिकेट क्लब में खेल रहे हों। उनके अनुसार अगर आप क्रिकेट क्लब में नहीं खेलते हैं तो आप ट्रायल नहीं दे सकते। ऐसा तब तक चलता रहेगा जब तक बीसीसीआई हस्तक्षेप नहीं करेगा।

मैं बहुत अच्छी बल्लेबाजी करता हूं पर क्रिकेट क्लब जॉइन करने के पैसे नहीं है क्या मैं क्रिकेट ट्रायल दे सकता हूं?

जी नहीं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप अच्छी बल्लेबाजी करते हो या गेंदबाजी आप ट्रायल नहीं दे सकते ट्रायल देने के लिए आपको किसी क्रिकेट क्लब में खेलना जरूरी है। ऐसा मानना है हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन का इसलिए वे क्लब ना ज्वाइन किए कैंडिडेट्स को ट्रायल का मौका तक नहीं देते हैं। हालांकि, आप अपनी किस्मत बाकी जिलों में आजमा सकते हैं जहां पर क्रिकेट क्लब खेलने की जबरदस्ती मजबूरी ना हो।

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