मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं क्या करूं

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आजकल के जुनूनी युवा सोचते हैं कि मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं क्या करूं समझ नहीं आता कैसे बने? यदि आप भी यही सोचते हो कि मैं बड़ा होकर क्रिकेटर बनना चाहता हूं तो आज आपको हम सही रास्ता दिखाने जा रहे हैं जिसे फॉलो करके आप अपनी जिंदगी में एक दिन क्रिकेटर भी बन सकते हो।

क्रिकेटर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है 

अक्सर बच्चों के दिमाग में सवाल आते हैं कि क्रिकेटर बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है तो आपको बता दूं क्रिकेटर बनने के लिए अलग से कोई और डिग्री नहीं लेनी पड़ती है। चाहे आपने आर्ट्स, कॉमर्स या फिर साइंस से अपनी पढ़ाई पूरी की हो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। बल्कि आपके अंदर क्रिकेट की  कितनी प्रतिभा है मायने यह बात रखती है।  

अपनी क्रिकेट स्किल डेवलप करने की कोशिश करें

कुछ खिलाड़ी नेचुरल टैलेंटेड होते हैं तो कुछ खिलाड़ी ज्यादा हार्ड वर्किंग होते हैं। अपनी क्रिकेट प्रतिभा को निखारने के लिए आपको लगातार प्रैक्टिस करते रहना चाहिए और प्रैक्टिस में हमेशा कुछ नयापन लाना चाहिए तथा आप जब भी प्रैक्टिस करें तो नियम अपने खिलाफ रखें। कहने का तात्पर्य यह है की यदि आप एक गेंदबाज है तो नेट पर प्रैक्टिस करते वक्त अपने लिए कड़ी चुनौति रखें जैसे 50 गेंदों के नेट प्रैक्टिस सेशन के दौरान पहली 6 गेंद और आखिरी छह गेंद सटीक यॉर्कर बॉल डालने की कोशिश करें इसी तरह यदि आप एक बल्लेबाज है तो अलग-अलग बल्लेबाजी स्टाइल से बल्लेबाजी करने की कोशिश करें।

क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करें या नहीं

 वैसे तो यह जरूरी नहीं की क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करके ही कोई क्रिकेटर बन सकता है। किंतु अच्छी बल्लेबाजी या गेंदबाजी के लिए क्रिकेट एकेडमी ट्यूशन के समान काम करती है जैसे ट्यूशन में बच्चे औरों से अधिक मार्क्स लाने के लिए पढ़ने जाते हैं। इसका सिंपल सा आंसर यह है की एकेडमी ज्वाइन करने से आपको अधिक प्रैक्टिस करने का और अपनी क्रिकेट स्किल को डिवेलप करने का मौका मिलता है जिससे क्रिकेट ट्रायल के दौरान आपके अच्छे परफॉर्मेंस के चांस और बढ़ जाते हैं। उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल पढ़ने में मजा आ रहा है इसे अंत तक पढ़ते रहे।

यदि आप क्रिकेट अकेडमी नहीं ज्वाइन कर सकते हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है आप घर पर ही क्रिकेट प्रैक्टिस करके भी क्रिकेटर बन सकते हैं क्योंकि क्रिकेट में ट्रायल देने के लिए अकैडमी ज्वाइन करना जरूरी नहीं है बल्कि आप में टैलेंट और आपकी मेहनत होनी चाहिए। आपको सच्चे मन से और खुद मेहनत करनी होगी, आपकी मदद के लिए हमने कुछ क्रिकेट प्रैक्टिस से संबंधित आर्टिकल लिखे हैं इन्हें जरूर पढ़ें और इनमें दिए गए टिप्स को जरूर आजमाएं। यदि आप एक गेंदबाज है तो आप हमारे इस क्रिकेट पोस्ट को पढ़ सकते हैं बॉलिंग स्पीड कैसे बढ़ाएं और यदि आप एक बल्लेबाज है तो हमारे इस आर्टिकल को पढ़ें बेस्ट बैटिंग टिप्स। 

मानसिक मजबूती 

कई बार हमें सही समय पर सही चीज नहीं मिल पाती और उसे पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। जैसे आप एक स्टूडेंट है तो आपको अपनी पढ़ाई के साथ क्रिकेट में करियर बनाने के बारे में प्लानिंग  तथा उसे जमीनी तौर पर इंप्लीमेंट करना चाहिए क्योंकि सोचने से कुछ नहीं होता। यदि आपके पास क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करने के पैसे नहीं है या फिर आपके इलाके में क्रिकेट एकेडमी ही नहीं है या फिर वह बहुत दूर है तो ऐसे में घर पर ही प्रैक्टिस करें और अपने दोस्तों से यह बहाना बनाना छोड़ें कि मैं तो क्रिकेट एकेडमी जाता ही नहीं ट्रायल कैसे पार कर सकता था। 

यदि आपके माता-पिता चाहते हैं कि आप पहले पढ़ाई को समय दें और उसके बाद खेल को तो वे कुछ गलत नहीं कहते हैं। आपको एक सही मानसिकता दिखाते हुए एक अच्छा टाइम टेबल बना लेना चाहिए जिसमें पढ़ाई करने के साथ आप क्रिकेट भी खेल सके जब आप दोनों चीज को मैनेज कर सकेंगे तो आपको अपने अंदर एक कॉन्फिडेंस महसूस होगा और इसी कॉन्फिडेंस को मानसिक मजबूती कहते हैं। अर्थात विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत करके दो या दो से अधिक चीजों को एक समय पर मैनेज करने को ही मानसिक मजबूती कहते हैं और यह मजबूती प्लानिंग और उस प्लान को धरातल पर एग्जीक्यूट करने से आती है।

क्रिकेट ट्रायल्स मिस ना करें

अब बात करते हैं सबसे मजबूत और सबसे जरूरी कड़ी की जिसे  जोड़ते ही आप क्रिकेटर बनने की ओर अग्रसर हो जाएंगे। क्रिकेट की प्रैक्टिस अपनी जगह है, साल भर की प्लानिंग अपनी जगह है, नया क्रिकेट किट, बेहतरीन बेहतरीन जूते, इंग्लिश विलो का शानदार बल्ला अपनी जगह है और यह सब चीजें अपनी जगह ही रह जाएंगे अगर आपने सही समय पर क्रिकेट के ट्रायल फॉर्म ही नहीं भरे और उन्हें भरने के बाद क्रिकेट ट्रायल नहीं दिए तो। जी हां यह सबसे बड़ी गलती है 80 पर्सेंट लोग करते हैं और 80% में से 30 परसेंट लोगों को तो यह पता ही नहीं होता कि क्रिकेट ट्रायल कब होते हैं होते भी है या नहीं होते हैं इन्हें देते कहां है?  

और 20 पर्सेंट लोग तो यह सोचते रहते हैं कि ट्रायल देने से कोई फायदा नहीं क्योंकि यह तो फिक्स होता है इन लोगों को कोई जानकारी नहीं होती है पर यह अपने मन से ही जानकारी बना लेते हैं। यदि आपके अंदर सही टैलेंट है और आपने अच्छी प्रैक्टिस की है तो ट्रायल देने जरूर जाएं इसमें कोई घोटाला नहीं होता क्योंकि सिलेक्टर्स अलग-अलग जगहों से आते हैं और एक पारदर्शिता वाली नजर रखते हैं। इसलिए ट्रायल देने से पहले यह कहना कि कुछ होने वाला नहीं है उस सिपाही के समान है जो जंग से पहले ही हथियार गिरा देता है।

आपको अपने आप को कम से कम एक मौका तो जरूर देना चाहिए वरना जिंदगी भर एक शब्द कहते रह जाओगे और वह शब्द है काश मैंने उस दिन ट्रायल दे दिया होता। यकीन मानो या ना मानो यह “काश” शब्द बहुत ही खतरनाक है क्योंकि जब व्यक्ति किसी बड़े मौके को छोटा समझ कर छोड़ देता है तो वह जिंदगी भर काश कहता रहता है। अगर आप यह शब्द जिंदगी भर नहीं कहना चाहते तो एक बार डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रायल जरूर दें हमारा आपको सजेशन है की यदि आप की तैयारी ठीक से नहीं हुई है या बिल्कुल भी नहीं हुई है, भले ही आपका सिलेक्शन ना हो पर आपको काफी कुछ वहां जाकर समझ में आएगा जिसकी वजह से आप अगले साल के लिए दोबारा ट्रायल दे सकते हैं और हो सकता है अगले साल आपका सिलेक्शन हो जाए।

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