मेरा प्रिय खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी पर निबंध 2000 शब्द 

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महेंद्र सिंह धोनी को कई नामों से जाना जाता है जैसे माही, एम एस डी तथा कैप्टन कूल। धोनी एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के तीनों फॉर्मेट टी20 वर्ल्ड कप, ओ डी आई वर्ल्ड कप तथा चैंपियंस ट्रॉफी में विजय खिताब हासिल किया है।

क्लास फोर्थ से लेकर क्लास 12वीं तक तथा कॉलेज के भी सभी छात्र इस पोस्ट के द्वारा अपने प्रिय खिलाड़ी पर निबंध कार्य को पूरा कर पाएंगे। 

मेरा प्रिय खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी पर निबंध 2000 शब्द 

इस दुनिया में शायद ही कोई इंसान ऐसा होगा जो क्रिकेट देखता होगा और उसे महेंद्र सिंह धोनी का नाम नहीं पता होगा। क्रिकेट देखने वालों को तो छोड़ो बड़े बुजुर्गों तक को इनका नाम मालूम है जो ना क्रिकेट देखते हैं ना खेलते हैं। इसका मुख्य कारण धोनी की लोकप्रियता है वे एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो हर उम्र के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं आखिर हो भी क्यों ना उन्होंने काम ही कुछ ऐसे किए हैं। धोनी पहले और एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के तीनों फॉर्मेट में अपने देश को जीत दिलाई है। उन्होंने कप्तान बनते ही शुरू में ही अपने जौहर दिखाने शुरू कर दिए थे और 2007 के पहले टी20 वर्ल्ड कप में भारत को विजेता बनाया था। उसके बाद 2011 के एकदिवसीय वर्ल्ड कप में भारत को वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिलाई उसके बाद 2013 में भी भारत की ओर से कप्तानी करते हुए चैंपियंस ट्रॉफी कप जीता था। इसके अलावा उनकी कप्तानी में 2010 तथा 2016 एशिया कप भी भारत ने जीता था।

धोनी ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी का एक दिवसीय वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा किया। हालांकि उस सीरीज में उनके दोस्त युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज बने थे किंतु कप्तान को जीत का सबसे ज्यादा श्रेय और हार की सबसे ज्यादा आलोचना भी सहनी होती है। इससे पहले भारत ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था इसका मतलब धोनी ने 28 साल का सूखा खत्म किया। 

कप्तानी

भारत में कप्तानी को नए ढंग से करने का दौर दादा ने शुरू किया था और एमएसडी ने इसे नेक्स्ट लेवल पर पहुंचा दिया है। इसके बाद भले ही कितने कभी कप्तान आ जाएं और वह खुद विराट ही क्यों ना हो  पर जब भी कप्तान की बात होती है तो सबसे पहले परिवर्तन के लिए दादा का नाम याद किया जाता है और इसे नेक्स्ट लेवल तक पहुंचाने के लिए धोनी का नाम याद किया जाता है।

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धोनी इतने सफल कप्तान इसलिए बने क्योंकि वह विपरीत परिस्थितियों में अच्छे डिसीजन ले पाते हैं और एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि ऐसा वे अपनी गट फीलिंग से करते हैं। अर्थात उस परिस्थिति में ज्यादा सोचते नहीं हैं और जो उनके अंदर से आवाज आती है उस पर एक्शन लेते हैं। मुझे अच्छी तरह से याद है पहला T20 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच था और पाकिस्तानी कप्तान मिस्बा उल हक चौके और छक्के लगाकर मैच अपने पक्ष में करने ही वाले थे की धोनी ने एक दांव चला। उन्होंने अनुभवी गेंदबाज को दरकिनार करते हुए एक नए गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को आखरी ओवर में गेंदबाजी दी जबकि उस समय मिस्बाह खतरनाक फॉर्म में थे और लंबे-लंबे छक्के टांग रहे थे। धोनी का यह दांव मिस्बा पर भारी पड़ा और   मिस्बा फाइन लेग की दिशा में कैच देकर आउट हो गऐ और भारत वर्ल्ड कप जीत गया। 

जब धोनी से पूछा गया कि आपने ऐसा क्यों किया अनुभवी हरभजन सिंह के ओवर बचे होने के बावजूद नए गेंदबाज जोगिंदर शर्मा से कठिन सिचुएशन में गेंदबाज़ी क्यों करवाई। धोनी ने बड़े आसान शब्दों में जवाब दिया कि मैंने पहले हरभजन सिंह से ही पूछा था पर वह सहज महसूस नहीं कर रहे थे जोगिंदर शर्मा के पास गया और उनसे गेंदबाजी के लिए पूछा तो जोगिंदर ने हां कर दी। निर्णय लेते वक्त मैंने सोचा एक अनुभवी गेंदबाज जो इस समय कॉन्फिडेंट नहीं है उसेसे गेंदबाजी करवाने की बजाए एक नया गेंदबाज जो इस समय कॉन्फिडेंट है उसेसे गेंदबाजी करवानी चाहिए। उनका यही निर्णय आजतक याद किया जाता है क्योंकि उस मैच को जीतने के पाकिस्तान के 99% चांस थे पर धोनी के उस एक दांव ने बाजी बदल दी। इस तरह धोनी ने अपनी कप्तानी की बदौलत भारत को एक नहीं कई मैच जितवाए हैं। 

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धोनी का यही अंदाज आईपीएल में भी नजर आया और चेन्नई  सुपर किंग्स शुरू से ही सबसे मजबूत टीम बनकर सामने आई। खास बात यह रही है कि कभी भी चेन्नई  सुपर किंग्स में क्रिस गेल तथा एबी डी विलियर्स जैसे बहुत बड़े नाम नहीं रहे पर उसके बावजूद भी वह एक ऐसी टीम है जो सबसे ज्यादा बार प्लेऑफ में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है। चेन्नई ने अब तक कुल तीन बार आईपीएल खिताब हासिल किया है और खिताब जीतने के मामले में वह मुंबई के बाद दूसरी सबसे सफल आईपीएल टीम रही है, मुंबई यह कारनामा 5 बार कर चुका है। किंतु जो लोग क्रिकेट ध्यान से देखते हैं उन्हें पता है की धोनी की टीम रोहित शर्मा की टीम से हमेशा आगे रही है।

सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के दौर में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ को दुनिया का सबसे बड़ा कप्तान माना जाता था और वह सभी दिग्गजों की ड्रीम टीम में कप्तान चुने जाते थे। किंतु अब सभी दिग्गजों की टीमे बदल गई है और अब सभी दिग्गज स्टीव स्मिथ की बजाए एम एस धोनी को अपनी ड्रीम टीम में कप्तान चुनते हैं। ड्रीम टीम से अभिप्राय ड्रीम 11 से नहीं है बल्कि क्रिकेट विशेषज्ञ या क्रिकेट लेजेंट्स  समय-समय पर अपनी ड्रीम टीम दुनिया के सामने रखते हैं। उसमें क्रिकेट के शुरू होने से लेकर वर्तमान में खेल रहे खिलाड़ियों को चुनते हैं इसलिए यह महत्वपूर्ण माना जाता है।

विकेटकीपिंग

कप्तानी की बात करने के बाद एक नजर उनकी विकेटकीपिंग पर डालते हैं और यकीन मानो मैंने आज तक ऐसा विकेटकीपर नहीं देखा। इससे पहले मैं ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट को दुनिया का सबसे बेहतरीन विकेट कीपर माना करता था किंतु धोनी की विकेटकीपिंग देखने के बाद मेरी गलतफहमी दूर हो गई और मेरी छोड़ो खुद गिलक्रिस्ट ने भी धोनी की विकेटकीपिंग की तारीफ की है। विकेटकीपिंग की दुनिया में सबसे बड़ा नाम एडम गिलक्रिस्ट रहे हैं उनसे तारीफ मिलना धोनी के लिए वाकई में सम्मान की बात है। 

धोनी एक अनॉर्थोडॉक्स क्रिकेटर हैं जो उन्हें दुनिया से अलग करता है फिर चाहे बल्लेबाजी में अजीबोगरीब तरीके से डिफेंस करना हो या विकेट कीपिंग में विकेट के आगे आकर स्टंपिंग करना हो। आदर्श स्टंपिंग के हिसाब से विकेटकीपर हमेशा विकेट के पीछे खड़ा रहता है और गेंद अपने हाथों में आने का इंतजार करता है, एक्सपर्ट्स भी इसे सही विकेटकीपिंग टेक्निक मानते हैं। किंतु धोनी ने इस परिभाषा को बदल दिया है और विकेट के आगे आ जाते हैं और गेंद के इंतजार करने की  बजाए उसे आगे कलेक्ट कर पीछे की ओर विकेटस् पर बिना देखे ही झटक देते हैं। जिससे बल्लेबाजों को रन लेते समय उन्होंने कई बार आउट किया है। यह ठीक वैसा ही है जैसा कालिया फिल्म में अमिताभ बच्चन कहते हैं लाइन वहीं से शुरु होती है जहां हम खड़े होते हैं। 

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हेलीकॉप्टर शॉट

जिस हेलीकॉप्टर शॉट को आज हम सब देखते हैं और सोचते हैं कि यह धोनी का अविष्कार है किंतु ऐसा नहीं है वह शॉट धोनी ने अपने दोस्त संतोष से सीखा था। सुशांत सिंह राजपूत की एम एस धोनी अनटोल्ड स्टोरी फिल्म आप जरूर देखें उसमें धोनी के बारे में काफी बातें दिखाई गई है और उसी फिल्म में यह बताया गया है कि संतोष ने किस तरह धोनी को हेलीकॉप्टर शॉट सिखाया था।

दरअसल हुआ यूं था कि आपस में टेनिस बॉल से खेलते वक्त संतोष एक ऐसी जगह शॉट मार रहे थे जो बल्लेबाजी एंगल से मारना काफी मुश्किल था और वह बार-बार एक बिल्डिंग को टारगेट कर रहे थे जो कि लेग साइड में किसी दिशा में थी। हेलीकॉप्टर शॉट द्वारा छक्का मारने पर संतोष बार बार बिल्डिंग की ओर देख मुस्कुरा रहे थे। धोनी ने पहले तो इस शॉट की तारीफ की और फिर गौर से देखा कि यह बंदा बार-बार एक ही जगह शॉट मारने में कामयाब भी हो रहा है।

धोनी संतोष के पास गए और उनसे पूछा तुम बार-बार उस बिल्डिंग में क्यों शॉट मार रहे हो? संतोष मुस्कुराते हुए बोले वहां मेरी गर्लफ्रेंड रहती है और वह बालकनी में खड़ी है यह सुनकर धोनी भी मुस्कुरा गए और मुस्कुराते हुए बोले यार प्रैक्टिस के वक्त तो प्रैक्टिस पर ध्यान दिया कर। फिर धोनी फील्डिंग करने चले गए और संतोष वैसे ही शॉट मारते रहे धोनी उन्हें देखते रहे और सोचने लगे कि यदि यह शॉट उनके पास आ जाए तो वह अपना गेम को और बेहतर कर सकते हैं। वह तुरंत दौड़ते हुए संतोष के पास गए और उनसे रिक्वेस्ट की कि तुम मुझे यह शॉट सिखा दो संतोष ने हां कर दी और आज संतोष का वही हेलीकॉप्टर शॉट पूरी दुनिया में धोनी के नाम से जाना जाता है।

यदि आप भी धोनी जैसा हेलीकॉप्टर शॉट सीखना चाहते हैं तो हमारे सर्च बॉक्स का इस्तेमाल करें और टाइप करें हेलीकॉप्टर शॉट कैसे मारें।

मैं सुशांत सिंह राजपूत का जिक्र जरूर करना चाहूंगा क्योंकि जिस तरह से उन्होंने धोनी का किरदार निभाया ऐसा लगा ही नहीं कि उन्हें क्रिकेट खेलना नहीं आता था और वे धोनी नहीं है। वे वाकई में बेमिसाल हीरो रहे हैं और ऐसे एक्टर को मेरा सलाम।

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रेलवे जॉब

धोनी ने रेलवे में नौकरी भी की है और वे एक प्लेटफार्म टिकट चेकर के पद पर कार्यरत थे। रेलवे में नौकरी करने से पहले धोनी ने काफी कोशिश की और जगह-जगह टूर्नामेंट खेले तथा क्रिकेट के ट्रायल भी दिए किंतु उनका बड़े लेवल पर कहीं सिलेक्शन नहीं हो पा रहा था। परिवार के प्रेशर में और थक हार कर धोनी ने रेलवे में नौकरी कर ली। उन्हें क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर रेलवे में स्पोर्ट्स कोटा में जॉब मिली थी। किंतु वे अपनी जॉब से खुश नहीं थे और एक दिन उन्होंने फैसला किया कि अब मुझे जॉब नहीं करनी है फिर से क्रिकेट के ट्रायल देने हैं तथा अलग लेबल पर टूर्नामेंट भी खेलना है उन्होंने  काफी सारे टेनिस बॉल टूर्नामेंट भी खेले तथा क्रिकेट ट्रायल दिए।

उनकी लगातार कोशिश की वजह से आखिरकार उनका सिलेक्शन डोमेस्टिक क्रिकेट में हो गया जहां उनकी मुलाकात युवराज सिंह से हुई और  युवराज के टैलेंट को देखते हुए धोनी का सर चकरा गया। एक  मैच ऐसा था जो पंजाब और धोनी की टीम के बीच हुआ जिसमें धोनी की पूरी टीम ने जितने रन बनाए थे उससे ज्यादा तो युवराज सिंह अकेले बना गया था। डोमेस्टिक मैचों में धीरे-धीरे अच्छा प्रदर्शन करने के बाद आखिरकार महेंद्र सिंह धोनी का सिलेक्शन भारतीय क्रिकेट टीम में हुआ और उसके बाद धोनी पूरे विश्व क्रिकेट में छा गए।

हेयर स्टाइल

धोनी बहुत ही स्टाइलिश खिलाड़ी हैं और यही वजह है कि वह युवाओं के बीच में खासा लोकप्रिय रहते हैं। आपने देखा होगा वह अक्सर अपने हेयर स्टाइल बदलते रहते हैं और क्रिकेट के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा क्रिकेटर होगा जिसने इतने इतने हेयर स्टाइल बदले हों। पहले T20 वर्ल्ड कप जीतते वक्त उनके बाल लंबे थे ठीक वैसे जैसे पहली धूम फिल्म में जॉन अब्राहम के बाल थे। फिर उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेलते वक्त बहुत छोटे बाल रखे थे जैसे दिल चाहता है फिल्म में आमिर खान के थे। और एक बार तो उन्होंने सर के दोनों साइड से कटिंग कराई और आगे से लेकर पीछे तक एक लंबी घनी लाइन से रखी थी देखकर मुझे कुछ विदेशी लुक लगा आप कमेंट कर बताइए की आपको क्या लगा।

निजी जिंदगी

यह तो थी कुछ क्रिकेट की बातें अब करते हैं उनकी निजी जिंदगी के बारे में बात। धोनी एक बहुत ही साधारण परिवार में जन्मे  और उनके डैडी ग्राउंड में पानी डालने का काम करते थे शायद यही वजह थी कि धोनी भी ग्राउंड की ओर आकर्षित रहते थे। शुरुआत में धोनी को फुटबॉल का काफी शौक था और वह फुटबॉल खेलना चाहते थे। किंतु स्कूल में उनके खेल टीचर ने जब उन्हें फुटबॉल में गोलकीपिंग करते देखा और गेंदों को सहजता से रोकते देखा तो उनसे आग्रह किया किया फुटबॉल की बजाए क्रिकेट खेलना शुरू करें। वह टीचर जरूर एक जौहरी रहे होंगे जिसने देखते ही परख लिया की इस लड़के में क्या टैलेंट है और इसे कहां जाना चाहिए। धोनी भी एक आदर्श स्टूडेंट की तरह मान गए और उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया और देखते ही देखते वे क्रिकेट में छाने लगे। 

धोनी के भाई का नाम नरेंद्र सिंह धोनी है और वे उम्र में उनसे  लगभग 10 साल बड़े है। आज जितने सक्सेसफुल धोनी हैं उनके भाई नहीं है। सक्सेसफुल होना तो छोड़ो उनके भाई के पास कोई बहुत बड़ा काम भी नहीं है और अक्सर मीडिया में चर्चा रहती है कि धोनी अपनी भाई की कोई मदद भी नहीं करते हैं। यही वजह है की धोनी पर बनी फिल्म एम एस धोनी में उनके भाई का जिक्र तक भी नहीं किया गया है। बहरहाल यह धोनी और उनके परिवार का निजी मामला है इसलिए इस पर बिना पूरी जानकारी के टिप्पणी करना ठीक नहीं है।  

सब जानते हैं धोनी की वाइफ साक्षी है जिनसे उनकी मुलाकात एक होटल में हुई थी और वहां धोनी साक्षी पर दिल हार बैठे थे। धोनी का दिल हारने की वजह साक्षी की खूबसूरती तथा उससे भी महत्वपूर्ण उनकी सादगी थी। जिस होटल में धोनी ठहरने गए थे उस समय में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। साक्षी ने उन्हें पहचाना नहीं और धोनी की चाबी रूम के अंदर लॉक हो जाने पर उनसे जबरदस्ती अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाने के लिए कहा। साक्षी की यही इमानदारी और सादगी धोनी को भा गई और वे उनके प्यार में पड़ गए। अच्छी बात यह है कि दोनों आज तक साथ है और अब उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम जीवा है। कई खबरों के अनुसार धोनी की एक पुरानी गर्लफ्रेंड थी जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा और ना ही उनकी कोई फोटो उपलब्ध है इसलिए इस बारे में बात नहीं की जा सकती।

धोनी  खेती-बाड़ी के शौकीन है इसलिए  उनका बिहार, रांची के पास काफी बड़ा फॉर्म है जिसमें वह कड़कनाथ मुर्गा भी पालते हैं और बहुत सारी ऑर्गेनिक सब्जियां तथा फ्रूट्स भी उगाते हैं। 

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