लड़कियां क्रिकेट किस उम्र से शुरू करें कौन से ट्रायल दें 

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क्या आप जानती हैं लड़कियां क्रिकेट में कौन सी उम्र में आती हैं? यदि नहीं तो आपको बता दूं शेफाली वर्मा भारतीय महिला टीम में 16 बरस में आ चुकी थी और झूलन गोस्वामी ने 40 बरस की उम्र में भी महिला क्रिकेट टीम में अपना योगदान दिया है। तो आपको भी ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए और एकेडमी नहीं तो घर पर ही प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए और सबसे ज्यादा जरूरी क्रिकेट ट्रायल देना होता है जिसकी जानकारी अधिकतर लोगों को नहीं होती इन सभी सवालों के जवाब आज आपको मिलने वाले हैं।

फास्ट फॉरवार्ड – 8-9 वर्ष की उम्र से क्रिकेट ट्रेनिंग शुरू करें।

लड़कियां क्रिकेट किस उम्र से शुरू करें कौन से ट्रायल दें 

लड़के और लड़कियां दोनों को ही कम से कम 8 बरस की उम्र में क्रिकेट प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए ताकि अंडर 12,14, 15 तथा अंडर 16 ट्रायल के लिए अच्छी तैयारी कर सकें। अच्छी तैयारी तभी हो पाएगी जब तैयारी के लिए आपके पास पर्याप्त समय होगा और अगर आपको वाकई में क्रिकेटर बनना है तो इस समय की नजाकत को समझना पड़ेगा क्योंकि वक्त बहुत तेजी से बढ़ रहा है। 

आप अगर क्रिकेट एकेडमी नहीं ज्वाइन कर सकती तो घर पर भी प्रैक्टिस कर सकती हैं और 8 बरस की उम्र में जिसने प्रैक्टिस शुरू करदी है उसके पास 3 साल अंडर 12 के ट्रायल देने के लिए होंगे और 5 साल अंडर 14 ट्रायल देने के लिए होंगे। अंडर 14 का ट्रायल काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उसके बाद खिलाड़ी अपनी जगह अंडर 16 और अंडर 19 में भी बना सकता है। जो खिलाड़ी 14 वर्ष की उम्र में स्टेट क्रिकेट खेल रहा होता है उसे जल्द ही डोमेस्टिक क्रिकेट में भी मौका मिल जाता है और एक बार आपने डोमेस्टिक क्रिकेट खेल लिया तो उसके बाद भारतीय टीम का दरवाजा ज्यादा दूर नहीं। 

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इसलिए जरूरी है कि जितनी जल्दी हो सके उतना जल्दी प्रोफेशनल तरीके से प्रैक्टिस करना शुरू करें। प्रेक्टिस को कभी भी मजाक में ना लें और अपनी पढ़ाई या जॉब को मैनेज करते हुए ही आपको आगे बढ़ना होगा। अगर आपके पैरेंट्स आपको पढ़ाई करने के लिए फोर्स कर रहे हैं और क्रिकेट खेलने के लिए मना कर रहे हैं तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है वह तो आपका भला ही चाहते हैं। आपको अपनी पढ़ाई और क्रिकेट मैनेज करने के लिए एक जबरदस्त शेड्यूल बनाना होगा ताकि आपकी पढ़ाई डिस्टर्ब ना हो और अगर पढ़ाई डिस्टर्ब नहीं होगी तो पेरेंट्स आपको डिस्टर्ब नहीं करेंगे। यही सबक जॉब वालों के लिए भी है यदि आप मजबूरन जॉब कर रहे हैं लेकिन क्रिकेट भी खेलना चाहते हैं तो आपको दोनों चीजों को एक अच्छे टाइमटेबल के द्वारा मैनेज करना होगा। 

जितने ज्यादा हो सके उतने क्रिकेट टूर्नामेंट खेलें क्लब से मौका ना मिलने पर अपने मोहल्ले के क्रिकेट टूर्नामेंट जरूर खेलें। हो सके तो लड़कों के साथ प्रैक्टिस करें और उनके साथ मैच भी खेले क्योंकि ऐसा करने से आपको 2 गुना प्रैक्टिस मिल जाएगी।  प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के लिए खुद पर निवेश करना जरूरी है और अपने लिए क्रिकेट किट जरूर लें हो सके तो स्पोर्ट्स शूज भी ले क्योंकि जूतों का सहज होना जरूरी है तभी आपका फुटवर्क अच्छा निकलेगा। जिनके पास पैसों की कमी है वे निराश ना हो और जो सामग्री है उसी से प्रैक्टिस करें क्योंकि सबसे ऊपर टैलेंट होता है।

घर पर मम्मी डैडी को कैसे समझाएं

हो सकता है आपके पैरंट्स आपको क्रिकेट खेलने के लिए परमिशन नहीं देते पर आपको उनका नजरिया भी समझना होगा। वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है की क्रिकेटर बनना केवल अमीरों का खेल है और सोचते हैं इसमें भी जान पहचान चलती है। उन्हें लगता है की क्रिकेट खेल कर आपकी पढ़ाई का समय खराब होगा और अगर आपके नंबर कम आते हैं तो उनके मना करने की शक्ति भी बढ़ जाती है। 

अपने पेरेंट्स को समझाएं की क्रिकेट में जान पहचान नहीं चलती और यह एक टैलेंट का खेल है। यह बात जरूर सच है कि क्रिकेट सितारों के बच्चों को आसानी से मौका मिल जाता है क्योंकि उन्हें पता होता है कि ट्रायल कहां देने हैं और उन्हें बचपन से ही प्रोफेशनल लेवल की प्रैक्टिस करने का मौका भी आसानी से मिल जाता है। किंतु अधिकतर क्रिकेटर के बच्चे क्रिकेट में टिक नहीं पाते हैं क्योंकि लगातार प्रदर्शन करने के आधार पर ही कोई भी अपनी जगह पक्की कर सकता है। 

आपको किसी से झूठ नहीं बोलना है ना अपने पेरेंट्स को गोल गोल घुमाने की कोशिश करनी है क्योंकि वह आपके पैरंट्स है और आपकी उम्र जी चुके हैं उन्हें सब पता है। इसलिए सीधा और सरल रास्ता यह है कि उनके साथ बैठे और उनसे रिक्वेस्टफुली बात करें। खाली हाथ बात करने से बेहतर है कि एक ठोस टाइम टेबल बनाकर उनके सामने रखें जिसमें पहले आपकी पढ़ाई का शेड्यूल हो और उसके साथ ही क्रिकेट प्रैक्टिस शेड्यूल भी हो। अब उनसे बात करें और अपने लिए कम से कम 2 साल का समय मांगे पर पढ़ाई से कॉन्प्रोमाइज ना करें बल्कि उनको विश्वास दिलाएं कि आप पढ़ाई में भी अच्छे नंबर लाएंगे क्योंकि आपने एक सख्त टाइम टेबल बनाया है।

कब कौन से ट्रायल दें 

टाइम टेबल बना लिया, घर वालों को भी मना लिया, प्रैक्टिस में भी खूब पसीना बहाया लेकिन ट्रायल नहीं दिया तो सब जाया हो जाएगा। सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल देने होंगे आप जिस जिले में रहते हैं उस जिले में एक जिला क्रिकेट एसोसिएशन होगा वहां जाकर आपको प्रेजिडेंट, सचिव या अन्य किसी अधिकारी से मिलकर पूछना है कि आपके जिले में डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल कब होंगे। 

इसे पढ़ेंक्रिकेट ट्रायल कैसे कब कहां होता है

वे आपको सही डेट तो नहीं बता पाएंगे क्योंकि उनको भी नहीं पता होता है पर आपको उनसे सही महीना जरूर पूछना है। महीना पता चल जाने के बाद दैनिक जागरण या अमर उजाला अखबार नियमित रूप से पढ़ें क्योंकि ट्रायल की डेट इन्हीं अखबारों में छपेगी वह भी मात्र 15 दिन पहले। एक बार डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में सिलेक्शन हो जाने के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहना है और उसके बाद स्टेट क्रिकेट में आपका सिलेक्शन हो पाएगा। स्टेट क्रिकेट के बाद डोमेस्टिक क्रिकेट तथा जोन क्रिकेट खेलने के मौके मिलते हैं और वहीं से सिलेक्टर्स अच्छे खिलाड़ियों को भारतीय महिला अंडर-19 टीम तथा भारतीय महिला राष्ट्रीय टीम में शामिल करते हैं। अब तो लड़कियों के आईपीएल भी शुरू हो चुके हैं और आईपीएल सिलेक्टर्स भी डोमेस्टिक क्रिकेट से ही लड़कियों का सिलेक्शन आईपीएल टीमों में करते हैं।

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संबंधित प्रश्न उत्तर

लड़कियां क्रिकेट में किस उम्र में आती हैं?

16 साल की उम्र में भी लड़कियों के क्रिकेट में पर्दापरण किया जा सकता है।

लड़कियों के क्रिकेट के लिए कौन सी उम्र सबसे अच्छी होती है?

8-9 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू करेंगी तो 18, 19 या 22 वर्ष की उम्र तक क्रिकेटर बनने का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।

क्या मैं 25 वर्ष की उम्र में क्रिकेटर बन सकती हूं?

जी हां, 25, 30 या 35-40 वर्ष की उम्र में भी लड़कियां क्रिकेटर बन सकती हैं व भारत के लिए खेल सकती हैं क्योंकि बीसीसीआई ने उम्र की कोई अधिकतम सीमा नहीं रखी है।

क्रिकेटर बनने में कितनी उम्र चाहिए?

16 वर्ष से लेकर 25 वर्ष क्रिकेटर बनने की आदर्श उम्र होती है हालांकि प्रवीण तांबे ने 40 वर्ष उम्र में अपना पहला आईपीएल मैच खेला है था और 50 साल की उम्र में उन्हें आईपीएल में खेलते हुए देखा गया था।

मुझे क्रिकेट किस उम्र से खेलना शुरू करना चाहिए?

8-9 वर्ष की उम्र से क्रिकेट ट्रेनिंग शुरू करने पर ट्रायल की तैयारी करने का अधिक मौका मिलता है।

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