यदि आप टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते हैं तो जरूर टेनिस बॉल क्रिकेट बैटिंग प्रैक्टिस टिप्स ढूंढते होंगे और आज हमारे इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप निश्चिंत ही एक नई स्किल अपने आप में डेवलप कर लेंगे यदि बताए गए क्रिकेट बैटिंग टिप्स को आपने सीरियसली प्रैक्टिस किया तो।
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टेनिस बॉल क्रिकेट बैटिंग प्रैक्टिस टिप्स
टेनिस बॉल से बैटिंग प्रैक्टिस कैसे करें यह हर कोई जानना चाहता है।
यदि आप यह सोच रहे हैं की क्रिकेट में बैटिंग कैसे सुधारें? अच्छी बैटिंग कैसे करें? क्रिकेट में छक्के कैसे मारे तो आप बिल्कुल सही जगह पहुंचे हैं। इस क्रिकेट आर्टिकल के जरिए मैं आपको अपने पर्सनल अनुभव से यह बताने वाला हूं कि टेनिस बॉल से बैटिंग प्रैक्टिस कैसे कर सकते हैं और अपनी बैटिंग कैसे सुधार सकते हैं।
टेनिस बॉल बैटिंग प्रैक्टिस – यदि आपके पास लेदर बॉल की फैसिलिटी नहीं है और आप डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट के लिए तैयारी करना चाहते हैं निश्चित रूप से आपको लेदर बॉल लेदर बैट तथा कंप्लीट किट के साथ ही तैयारी करनी चाहिए ताकि परिणाम अच्छे निकल सके। किंतु अगर आप फिलहाल लेदर किट खरीदने में सक्षम नहीं है तो आपको एक हमारे द्वारा बताई जा रही टेनिस बॉल क्रिकेट बैटिंग टिप्स एक बार जरूर आजमाना चाहिए। ताकि टेनिस बॉल से ही आपको लेदर बॉल का अनुभव मिल सके।
- सबसे पहले क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए एक अनुकूल स्थान ढूंढें जिसमें पिच का हिस्सा ठोस हो। इस प्रैक्टिस के लिए सबसे अच्छा फर्श होता है यह बेटिंग प्रैक्टिस आप कॉरिडोर में भी कर सकते हैं। यदि पीछे दीवार हो तो आपको बेहतरीन प्रैक्टिस मिल सकती है वह भी कम खिलाड़ियों मे।
- यदि आप वाकई में अपनी बल्लेबाजी मजबूत करना चाहते हैं तो रूल्स हमेशा बल्लेबाज के खिलाफ होने चाहिए जिससे बल्लेबाज और ज्यादा मजबूत होता है। यदि पीछे दीवार है तो ऑफ स्टंप के बाहर बल्ले का बाहरी किनारा लगके दीवार पर डायरेक्ट लगने को आउट रखें। ऐसा करने से असल मैच में आपका ऑफ साइड मजबूत होगा और आपके स्लिप में आउट होने के चांस कम से कम बनेंगे। अतः इस प्रैक्टिस को बिल्कुल भी हल्के में ना लें।
- सचिन और विराट इतने महान खिलाड़ी इसलिए बने क्योंकि वे प्रैक्टिस को बहुत सीरियस लेते हैं और नेट में भी आसानी से अपना विकेट नहीं खोते। जब कोई गेंदबाज नेट मे उन्हें आउट करता है तो उसे लगता है उसने उन्हें रियल में आउट कर दिया।
- अब एक बाल्टी पानी की भर के साइड में रख ले और सबसे महत्वपूर्ण टेनिस बॉल का लगभग पूरा कवर उतार दे या फिर कोई पुरानी टेनिस बॉल इस्तेमाल करें पर उसमें बाउंस अच्छा होना चाहिए। अब बल्लेबाज से कुछ दूरी पर फर्श पर पानी थोड़ा-थोड़ा करके पानी बिखेर दे।
- अब गेंदबाज को उस बिखरे हुए पानी के ऊपर बॉल को टिप्पा खिलाना है और जैसे ही बिना कवर की टेनिस बोल उस पानी पर टिप खाएगी वह तेजी से स्किड करेगी और बैट्समैन के पास बिल्कुल उस रफ्तार से पहुंचेगी जिस रफ्तार से लेदर बॉल पहुंचती है।
बैटिंग प्रैक्टिस का यह तरीका एक बार जरूर आजमाएं और ध्यान रहे फर्श पर पानी बहुत ज्यादा नहीं बिखेरना है बस उसे एक भाग मे फैलाना मात्र है। यदि आप ज्यादा पानी डालेंगे तो बोल स्किड होने की बजाय रुक कर आएगी वह भी दिशाहीन। अतः कोशिश करें कि एक मग बाल्टी के साथ रखें और मग से पानी डालते रहे जैसे ही पानी सूखे उसे पुनः गीला कर दें। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आ रहा है, इसे अंत तक पढ़ें।
सचिन तेंदुलकर ने शोएब अख्तर के खिलाफ विदेशी क्रिकेट पिच के बाउंस को झेलने के लिए टेनिस बॉल से ही प्रैक्टिस की थी और उसके बाद उन्हें टेनिस एल्बो भी हुआ था। हालांकि उसकी वजह अलग-अलग बताई जाती है जिसमें से एक वजह सचिन तेंदुलकर का बल्ला काफी भारी था और टेनिस बॉल लेदर बॉल की तुलना में काफी हल्की होती है जिस कारण उन्हें शिकायत हुई थी। वैसे आजकल बल्लेबाज हल्के बैट से खेलना पसंद करते हैं क्योंकि हल्के बैट में ही पुराने जमाने के भारी बैट जितना स्ट्रोक होता है।
जरूर पढ़ें – क्रिकेट बैटिंग टिप्स सचिन तेंदुलकर
टेनिस बॉल से बाउंसर बॉल खेलने की प्रैक्टिस
टेनिस बॉल से बाउंसर खेलने की प्रैक्टिस के लिए आपको ऐसी जगह का चयन करना चाहिए जो बिल्कुल सीधी ना हो बल्कि थोड़ी ढलान हो। या एक सुनसान एरिया पर ढलान वाली सड़क हो सकती है या कोई ऐसा मैदान जो बिल्कुल सीधा होने की बजाए कुछ ढलान भरा हो। अब आपको ढलान वाले एरिया पर बैटिंग करनी है और गेंदबाज से ऊंचाई से नीचे की ओर गेंदबाजी करानी है ताकि गेंद आपकी ओर तेजी से आए तथा हर गेंद में एक अच्छा बाउंस हो। ज्यादातर गेंदे आपके सर और कंधे की हाइट पर ही आएंगे जिससे आपको बाउंसर खेलने की अच्छी प्रैक्टिस मिलेगी।
इस फार्मूले को अगर उल्टा कर दें तो एक गेंदबाज को अच्छी प्रैक्टिस मिलेगी और वह अपनी बोलिंग स्पीड बढ़ा सकेगा। जब गेंदबाज चढ़ाई की ओर भागेगा और गेंदबाजी करेगा तो उसे एक्स्ट्रा ताकत लगानी होगी जिससे उसका शरीर कुछ प्रैक्टिस के बाद एक्स्ट्रा ताकत लगाने के लिए ढल जाएगा और जब वही गेंदबाज एक समतल मैदान पर गेंदबाजी करेगा तो अपनी गेंद पर वह एक्स्ट्रा ताकत लगा पाएगा जिससे उसकी रफ्तार में गजब की तेजी देखने को मिलेगी।
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