क्रिकेटर बनने के लिए कितनी उम्र से क्रिकेट खेलना स्टार्ट करें 

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खेल विशेषज्ञों के अनुसार कोई भी खेल मात्र 3 महीनों में सीखा जा सकता है लेकिन उसमें महारत पाने में सालों लग जाते हैं। इसलिए जितनी जल्दी आप क्रिकेट कि सीरियस प्रैक्टिस शुरू करेंगे आपके उतने अच्छे चांस होंगे किसी अच्छे लेवल पर क्रिकेट खेलने के। 

फास्ट फारवर्ड – 9 साल की उम्र से क्रिकेट प्रैक्टिस शुरू कर दें।

वैसे तो क्रिकेट ट्रायल देने की कोई अधिकतम उम्र नहीं होती है और आप 40 वर्ष की उम्र में भी ट्रायल दे सकते हैं लेकिन इस उम्र में भारत के लिए खेलना काफी मुश्किल है और आपका करियर डोमेस्टिक क्रिकेट तक ही सिमट सकता है। इसलिए जो भी क्रिकेटर बनना चाहता है उसे अर्ली ऐज यानी कम से कम 9-10 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर देना चाहिए। 

क्रिकेटर बनने के लिए कितनी उम्र से क्रिकेट खेलना स्टार्ट करें 

एवरेज आंकड़े के हिसाब से भारत में 9 साल की उम्र में अधिकतर बच्चे पांचवी कक्षा में होते हैं और यही एक  आइडियल उम्र है क्रिकेट शुरू करने की। जितनी जल्दी आप क्रिकेट खेलना शुरू करेंगे उतना अधिक आपके पास मौके बनेंगे खुद को साबित करने के। यदि आप 9 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं तो 2 साल बाद आपको अंडर 12 टूर्नामेंट खेलने का मौका मिल जाएगा। 9 साल की उम्र में क्रिकेट शुरू करने वाले बच्चे को 4 साल बाद अंडर फोर्टीन ट्रायल देने का मौका मिलेगा। यकीन मानिए क्रिकेट में कुछ पकड़ बनाने के लिए कम से कम 3 से 4 साल तो जरूरी है और आप जितनी जल्दी ऐज ग्रुप के टूर्नामेंट खेलना शुरू करेंगे उतना जल्दी आपका कॉन्फिडेंस बिल्डअप होता जाएगा। 

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जल्दी क्रिकेट शुरू करने से अंडर 15 और अंडर 19 के ट्रायल की तैयारी का अधिक मौका खिलाड़ी के पास होता है जिससे उसके इन ट्रायल्स में अच्छा प्रदर्शन करने के चांस बढ़ जाते हैं। 9 साल की उम्र में अधिकतर बच्चे पांचवी कक्षा में होता है और वे कच्चे घड़े होते हैं जिन्हें किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। 

4 साल की अच्छी प्रैक्टिस के बाद आपको डिस्ट्रिक्ट लेवल अंडर 14 के ट्रायल देने चाहिए क्योंकि यही टूर्नामेंट किसी भी खिलाड़ी के क्रिकेट करियर की शुरुआत होते हैं। डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रायल जितना जल्दी आप देना शुरू करेंगे उतने आपके अधिक चांस बनेंगे डोमेस्टिक क्रिकेट तक पहुंचने के और एक बार आप अपने राज्य की डोमेस्टिक क्रिकेट टीम में जगह बनाने में कामयाब हो गए तो आपके पास काफी मौके बनेंगे भारतीय अंडर-19, भारतीय राष्ट्रीय टीम तथा आईपीएल में चुने जाने के। 

एक बात समझ लीजिए डोमेस्टिक क्रिकेट में कंपटीशन बहुत ज्यादा है इसलिए आपको लगातार साल भर और साल से ज्यादा भी अच्छा प्रदर्शन करते रहना होगा क्योंकि लाइन बहुत लंबी है और आप कालिया फिल्म के अमिताभ बच्चन भी नहीं कि जहां खड़े हो गए लाइन वहीं से शुरू होगी। इसलिए नेट प्रैक्टिस के साथ-साथ माइंड प्रैक्टिस भी करते रहें अपने दिमाग को शांत रखें और मेडिटेशन भी करते रहे ताकि अपनी एकाग्रता बढ़ा सकें।  

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आइए अब समझते हैं की क्रिकेटर बनने बनने का प्रोसेस क्या है अर्थात सबसे पहले कौन से ट्रायल देने होते हैं और कितना समय लग सकता है आपको नीली जर्सी पहनने में।

क्रिकेटर बनने के लिए सबसे पहले कौन से ट्रायल दें

डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल – स्टेट क्रिकेट – डोमेस्टिक क्रिकेट – भारत अंडर-19 क्रिकेट – भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट एक दिवसीय – आईपीएल – भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टेस्ट मैच।

किसी भी खिलाड़ी को ऊपर दिए गए क्रम के हिसाब से ही आगे बढ़ना होता है क्योंकि बीसीसीआई ने एक सिस्टम स्थापित किया है और उस सिस्टम के हिसाब से ही खिलाड़ी को धीरे-धीरे आगे बढ़ना होता है। सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल देने होते हैं जो प्रतिवर्ष होते हैं इसके लिए आप जिस राज्य के जिस जिले में रहते हैं वहां के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन जाना होगा ताकि ट्रायल फॉर्म प्राप्त कर सकें ट्रायल फॉर्म कब कहां कैसे मिलेंगे पूरी जानकारी के लिए यहां पर क्लिक करें। ट्रायल फॉर्म मिलने के बाद ही आप ट्रायल दे पाएंगे और एक बार डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट में सिलेक्शन होने के बाद आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। उसके बाद स्टेट की बारी आती है और वहां पर भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के आधार पर आपका चयन डोमेस्टिक क्रिकेट में होता है। डोमेस्टिक क्रिकेट के दौरान आपको जोन तथा रेलवे की तरफ से खेलने का मौका मिलता है और कई लोगों को स्पोर्ट्स कोटे के आधार पर जॉब भी मिलती है। 

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डोमेस्टिक क्रिकेट खिलाड़ियों पर सिलेक्टर्स की पैनी निगाह होती है और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों को वे भारत अंडर-19 टीम में मौका देते हैं। आईपीएल सिलेक्टर्स भी डोमेस्टिक क्रिकेट खिलाड़ियों पर नजर बनाए रखते हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने का मौका देते हैं। 

पूछे गए प्रश्न

क्रिकेटर बनने के लिए कितनी उम्र चाहिए होती है?

क्रिकेट उम्र नहीं टैलेंट का खेल है और टैलेंटेड खिलाड़ी 16 साल की उम्र में भी भारत की राष्ट्रीय टीम में खेल सकता है जैसे सचिन तेंदुलकर ने खेला था।

क्या मैं 25 साल की उम्र में क्रिकेटर बन सकता हूं बताइए? 

जी हां, नियमित प्रैक्टिस और स्ट्रिक्ट शेड्यूल को फॉलो करते हुए 25 साल की उम्र में भी आप क्रिकेट खेलना सीख सकते हैं और क्रिकेटर बन सकते हैं।

बताइए हम किस उम्र में क्रिकेटर बन सकते हैं?

उम्र की कोई सीमा नहीं है यह डिपेंड करता है कि आपने सही समय पर सही क्रिकेट ट्रायल दिए हैं या नहीं। जहां एक और सचिन तेंदुलकर मात्र 16 साल की उम्र भारत के लिए क्रिकेट खेल रहे थे तो वही प्रवीण तांबे को 40 साल लग गए अपना पहला आईपीएल मैच खेलने में।

मुझे बताएं क्या मैं 30 साल की उम्र में प्रकट कर सकता हूं?

जी हां, लगातार प्रैक्टिस और लगन के साथ किसी भी खेल में स्किल डेवलप की जा सकती है। क्रिकेट में  खिलाड़ियों को मौका देने के लिए बीसीसीआई ने कोई उम्र की सीमा नहीं रखी है अतः आप 30 वर्ष के हों या 40 वर्ष के इससे फर्क नहीं पड़ता आपको खेलना आना चाहिए और सही समय पर सही जगह पर ट्रायल देने की जानकारी होनी चाहिए।

क्रिकेटर बनने के लिए कितनी पढ़ाई करनी पड़ती है?

क्रिकेट खेलने के लिए किसी खास प्रकार की क्वालिफिकेशन की जरूरत नहीं है बस खिलाड़ी को खेलना आना चाहिए और मैच में अच्छा प्रदर्शन कर सके ताकि उसकी टीम जीत पाए।

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