टी नटराजन युवा भारतीय क्रिकेटर है जो लेफ्ट हैंड से तेज गेंदबाजी करते हैं। नटराजन तमिलनाडु के रहने वाले हैं और उनका जन्म 27 मई 1991 को तमिलनाडु के एक गरीब परिवार में हुआ था।
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टी नटराजन का जीवन परिचय
टी नटराजन बायोग्राफी – टी नटराजन का पूरा नाम थंगरासू नटराजन है। तेज गेंदबाज टी नटराजन का जन्म तमिलनाडु के एक गरीब परिवार में 27 मई 1991 को हुआ था। पहली बार नटराजन 2017 में सुर्खियों में तब आया जब उन्हें आईपीएल में पंजाब ने तीन करोड़ रुपए में अपनी टीम में शामिल किया है हालांकि उनका बेस प्राइस मात्र ₹10 लाख था किंतु सबको चौकाते हुए पंजाब ने यह बड़ा फैसला लिया था। इस वर्ष यानी 2022 के आईपीएल में नटराजन सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेल रहे हैं तथा उन्हें 4 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम देकर सनराइजर्स ने अपनी टीम में शामिल किया। नटराजन अपनी गेंदबाजी से सबका दिल जीत रहे हैं और आईपीएल के नए यारकर किंग के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
नटराजन अर्ली लाइफ – नटराजन का जन्म तमिलनाडु के एक छोटे गांव चित्रपमपट्टी में हुआ था। नटराजन का बचपन गरीबी में गुजरा था और उन्हें अपने जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा था। नटराजन के डैडी एक साधारण क्रम के कर्मचारी है तथा साड़ी की प्रिंटिंग मे देखभाल करते थे तथा उनकी मम्मी एक कपड़े की मोबाइल की दुकान पर कार्य करती थी। नटराजन का एक भाई और तीन बहने हैं जिससे उनके पिताजी पर घर चलाने का अधिक बोझ पड़ता था। अपने स्कूल के दिनों में नटराजन कई बार कपड़े और किताबें उधार लेकर स्कूल जाते थे। खेल में अच्छे होने के बावजूद नटराजन स्कूल में अधिक पार्टिसिपेट नहीं कर पाते थे पर उन्हें खुद नहीं पता था कि एक दिन वह भारत के लिए दुनिया का सबसे बड़ा T20 टूर्नामेंट आईपीएल खेलेंगे।
यॉर्कर किंग टी नटराजन टेनिस बॉल से करते थे प्रैक्टिस
टी नटराजन बॉलर – भले ही आज नटराजन के पास करोड़ो रुपए है, प्रैक्टिस करने के लिए नेट की अच्छी फैसिलिटी है, महंगी अंतर्राष्ट्रीय लेदर बॉल है, महंगे स्पोर्ट्स शूज है पर हमेशा से ऐसा नहीं था और एक समय ऐसा था जब उनके पास संसाधनों की कमी रहती थी न क्रिकेट बैट था, ना लेदर बोल थी और ना ही कोई ग्राउंड या क्रिकेट नेट था प्रैक्टिस करने के लिए। नटराजन काफी लंबे अरसे तक टेनिस बॉल से प्रैक्टिस करते थे उम्र लगभग 5 साल तक टेनिस बॉल से ही लेदर बॉल डालने की तरह प्रैक्टिस की और अपने पेस तथा लाइन लेंथ पर काम किया। यदि आप भी एक गेंदबाज हैं और अपनी बोलिंग इंप्रूव करना चाहते हैं तथा बोलिंग स्पीड बढ़ाना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें और जाने बॉलिंग स्पीड बढ़ाने के तरीके।
कोच जयप्रकाश बने एकलव्य नटराजन के गुरु द्रोणाचार्य
नटराजन साफ कहते हैं कि यदि कोच जयप्रकाश उनकी जिंदगी में नहीं आए होते तो वे भी किसी कारखाने में काम कर रहे होते तथा उनका क्रिकेट उसी कारखाने में कैद होकर रह जाता। शुक्र है उन्हें एक अच्छा कोच मिला जिसने नटराजन को चेन्नई भेजा तथा कुछ दिन तक नटराजन कि वहां रहने की व्यवस्था भी की। 2011 में नटराजन को तमिलनाडु की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने का मौका मिला और उन्होंने मौके को दोनों हाथों से लपक लिया तथा अपने खेल से दर्शकों एवं सिलेक्टर्स का दिल जीत लिया।
2013 जोली रोवर्स क्रिकेट क्लब
2013 में जोली रोवर्स क्रिकेट क्लब के प्रशिक्षक की नजर नटराजन पर पड़ी और उन्होंने अपने क्लब की ओर से खेलने का निमंत्रण दिया जिसे नटराजन ने स्वीकार कर लिया। इस क्लब में नटराजन को क्रिकेट संबंधित सारी सुविधाएं मिली और प्रशिक्षण भी मिला इस क्लब से अश्विन भी उभरे थे तथा आज नटराजन भी सुर्खियों में हैं।
नटराजन यॉर्कर किंग
यॉर्कर किंग नटराजन – नटराजन ने लगातार यॉर्कर बॉल डालने की कोशिश की तथा अपने बोलिंग शेड्यूल में एक समय केवल यॉर्कर की प्रैक्टिस करा करते थे। नटराजन बताते हैं कि अपने प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने यॉर्कर बॉल फेंकने की एक लेंथ ढूंढी। नटराज के अनुसार गेंदबाजी करते समय वे बल्लेबाज के क़दमों को देखते हैं और उस हिसाब से ही गेंदबाजी करते हैं, वे बताते हैं जब वे फील्डिंग कर रहे होते हैं तो वह बल्लेबाज को पढ़ने की कोशिश करते हैं कि वह दूसरे गेंदबाज को किस तरह से खेल रहा है तथा किस मूड में खेल रहा है।
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