क्रिकेटर बनने के लिए एकेडमि खेलना जरूरी नहीं है बल्कि आप घर पर अच्छे शेड्यूल के साथ प्रैक्टिस कर भारत के लिए क्रिकेट खेल सकते हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे क्लास में या स्कूल में कुछ बच्चे बिना ट्यूशन या कोचिंग लगाएं टॉप कर जाते हैं।
आज मैं आपको कुछ मूलभूत बातें बताऊंगा जिन्हें फॉलो कर आप क्रिकेटर बनने की राह पर चल सकते हैं।
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18 से 25 साल के बाद क्रिकेटर कैसे बने भारतीय
क्रिकेट एकेडमी खेलना जरूरी या नहीं – यह एक ऐसा प्रश्न है जो कई युवाओं को परेशान करता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में एकेडमी ज्वाइन करना कंपलसरी कर दिया गया है ताकि क्रिकेट एसोसिएशन का बोझ कम हो सके और उन्हें कम मेहनत करनी पड़े, भले ही टैलेंट का नुकसान हो जाए। उत्तराखंड का हरिद्वार क्रिकेट एसोसिएशन इस बात का ताजा सबूत है क्योंकि यहां पर केवल क्रिकेट एकेडमी खेल रहे युवाओं को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रायल देने का मौका मिलता है। अब आपको यह देखना है कि आप जिस क्षेत्र में रहते हैं वहां भी क्या केवल क्रिकेट अकेडमी खेल रहे कैंडिडेट को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रायल देने का मौका मिलता है। यदि हां, तो आपकी मजबूरी बन जाती है कि क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करने की और यदि नहीं तो अब आपके पास चॉइस है कि आप घर पर भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
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एक बार इस बात का फैसला हो जाने पर कि आपको एकेडमी खेलनी है या नहीं आप आगे का शेड्यूल बना सकते हैं।
अच्छा कोच – बिना एकेडमी के कोच मिलना काफी मुश्किल है क्योंकि हो सकता है जिसमें आप एक अच्छा कोच देखते हो वह अपनी निजी जिंदगी तथा जॉब में व्यस्त हो, पर आप उनसे सलाह और मार्गदर्शन जरूर ले सकते हैं। क्रिकेट एकेडमी में आपके पास विकल्प बनता है की ऐसी एकेडमी चुने जहां पर एक अच्छा कोच आपको ट्रेनिंग दे रहा हो। अच्छा कोच से अभिप्राय उस व्यक्ति से है जो आपको भले ही अधिक मौके ना दे पर जितने मौके आपके बनते हैं उन्हें कम ना करे। वह आपको बल्लेबाजी, गेंदबाजी तथा विकेटकीपिंग जिसमें आप अच्छे हैं उसे निखारने में भरपूर मौका तथा मार्गदर्शन दे।
प्रोफेशनल टीम से जुड़ें – आपको प्रोफेशनल मैच खेलने चाहिए यहां मैं टीम इंडिया की बात नहीं कर रहा और ना ही डोमेस्टिक क्रिकेट की बात कर रहा हूं। बल्कि हर राज्य में प्रोफेशनल लेवल पर क्रिकेट खेले जाते हैं यह कॉरपोरेट मैच हो सकते हैं जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियां आपस में क्रिकेट मैच खेलती है। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए ज्यादा आसान है जो पहले से ही किसी कंपनी में जॉब करते हैं और वहां इस तरह के मैच होते हैं। आपको बता दूं डैडी100 स्पोर्ट्स कंपनी का अपकमिंग प्रोजेक्ट है कॉरपोरेट मैच में खिलाड़ियों को प्रतिभाग करवाना तथा खिलाड़ियों को स्पॉन्सर करना।
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स्कूल तथा कॉलेज की क्रिकेट टीम में खेलने की कोशिश करें इससे आपको प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने का अभ्यास होगा तथा आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। कुछ प्राइवेट क्रिकेट टूर्नामेंट खेले जाते हैं आपको उनसे जुड़ना होगा तथा ऐसे अकैडमी से जुड़े जो प्रोफेशनल टूर्नामेंट करवाते हैं। अगर एकेडमी से नहीं जुड़ सकते तो उन टीमों से जुड़े जिनके साथ अकैडमी प्रोफेशनल टूर्नामेंट खेलती है।
फिटनेस पर ध्यान दें – प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के लिए जरूरी है कि आपका फिटनेस भी उस स्तर का हो। आपको रोज सुबह एक घंटा दौड़ तथा कसरत करनी चाहिए। भिगोए हुए चने खाने की आदत बना लें ताकि घोड़े के जैसा स्टैमिना हासिल कर सकें। ब्रेकफास्ट में ओट्स शामिल करना शुरू कर दें तथा लंच में अधिक सलाद खाएं और रात का डिनर हल्का कर दें। अपने शरीर को फाइबर देने के लिए दिन में फ्रूट्स का सेवन जरूर करें। अपनी डाइट से गैरजरूरी कार्बोहाइड्रेट्स तथा शुगर वाले तत्वों को हटाए और प्रोटीन को अपनी डेली डाइट में शामिल करें।
टूर्नामेंट खेलना शुरू करो – टूर्नामेंट खेलना काफी जरूरी है यदि आपको किसी छोटी टीम से जुड़ने का मौका मिलता है तो उसे गवाऐ नहीं क्योंकि टूर्नामेंट खेलने का अनुभव मिलना जरूरी है। इससे आपको मैच प्रैक्टिस मिलती है और साथ ही लोगों से नेटवर्क बनता है, शहर के अन्य टूर्नामेंट के बारे में भी पता चल सकता है। टूर्नामेंट खेलने से प्रतिस्पर्धा का अनुभव होता है तथा खेल में सुधार भी होता है। दबाव में खेलने की स्किल भी टूर्नामेंट खेलकर ही डिवेलप होती है नेट प्रैक्टिस से नहीं।
भारतीय टीम में जाने का सिलेक्शन प्रोसेस – भारत की नेशनल टीम में सिलेक्शन मुख्यतः 2 जगहों से होता है भारतीय A टीम तथा डोमेस्टिक क्रिकेट टीम से। जी हां, हर देश में नेशनल टीम के अलावा उनकी ऐ टीम भी होती है जिसका खर्चा उस देश का क्रिकेट बोर्ड उठाता है। जैसे भारतीय टीम के पूरे टूर्नामेंट तथा उनकी सैलरी का खर्चा बीसीसीआई उठाता है। हर देश की ऐ टीम के मैच विदेशी ऐ टीम से होते हैं ताकी उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अनुभव मिल सके तथा विदेशी पिच पर खेलने की प्रैक्टिस भी हो सके।
नेशनल टीम में जाने के लिए दूसरा बड़ा मौका डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों को मिलता है जिसमें मुख्यतः रणजी क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों को यह मौका मिलता है। इन दोनों जगहों से ये खिलाड़ी ना केवल भारतीय टीम में बल्कि आईपीएल के लिए भी सेलेक्ट होते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि भारतीय ऐ टीम तथा डोमेस्टिक क्रिकेट टीम तक कैसे पहुंचे? मजेदार बात यह है कि इन दोनों प्लेटफॉर्म्स तक पहुंचने का रास्ता एक ही है और वह रास्ता शुरू होता है डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल से जिसके बारे में मैं आपको कई बार बता चुका हूं। डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल्स प्रतिवर्ष होते हैं जिसकी सटीक जानकारी के लिए आपको अपने जिले के डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन जाना चाहिए। जो लड़की इंडियन वुमन क्रिकेट टीम टीम में जाना चाहती है उसे भी ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा। डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट ट्रायल संबंधित महत्वपूर्ण बात आप जान लें कि जो व्यक्ति 18 साल के हैं वे अंडर-19 क्रिकेट ट्रायल दे सकते हैं किंतु जो 25 वर्ष के हो चुके हैं उन्हें ओपन ऐज कैटेगरी के ट्रायल देने होंगे।
प्रेरणा लें – अपनी गरीबी कोसना छोड़ें और इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लें जिन्होंने आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के बावजूद भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई।
- वीरेंद्र सहवाग – इनके डैडी आटा चक्की चलाने का काम करते थे।
- रविंद्र जडेजा – सर रविंद्र जडेजा के नाम से प्रसिद्ध एक चौकीदार के बेटे।
- मोहम्मद शमी – इनके डैडी किसान रहे हैं।
- मुनाफ पटेल – इनके डैडी मजदूर थे जो रोजाना ₹35 कमाते थे (अनोखी भारत सरकार के लिए गरीबी रेखा से ऊपर)।
- एम एस धोनी – टिकट कलेक्टर का काम किया।
- वसीम जाफर – इनके डैडी ट्रक चलाने का काम करते थे।
- अनिल सिंह पुंडीर – इनके डैडी आर्मी से हैं।
आपको बता दूं इन तमाम होनहार बेटों ने क्रिकेट में अपना करियर बनाने के बाद अपने डैडी को छोटे कामों से निजात दिलाई तथा अब वे घर पर रहते हैं या कोई बिजनेस संभालते हैं।उम्मीद करता हूं कि आप भी एक दिन भारत की क्रिकेट टीम में, आईपीएल या डोमेस्टिक क्रिकेट में अपना नाम बनाएंगे और अपने डैडी मम्मी को सम्मान दिलाएंगे।
क्रिकेट संबंधित प्रश्न उत्तर
क्रिकेटर बनने की सही उम्र क्या है?
7 साल की उम्र से अगर आप क्रिकेट ट्रेनिंग शुरू करते हैं तो 17-18 साल की उम्र तक क्रिकेटर बन सकते हैं।
क्रिकेटर बनने में लगभग कितना खर्चा आता है बताइए?
अनुमानित आंकड़ों के अनुसार 7 साल में आपको लगभग ₹340000 खर्च करने पड़ सकते हैं।
क्या मैं 18-19 साल की उम्र में क्रिकेट खेल सकता हूं?
जी हां बिल्कुल आप अंडर-19 के ट्रायल दे सकते हैं।
क्या मैं 30 साल की उम्र में क्रिकेटर बन सकता हूं?
जी हां, बिल्कुल बन सकते हो क्योंकि बीसीसीआई ने उम्र की कोई सीमा नहीं रखी है।
25 साल के बाद क्रिकेटर कैसे बने बताइए?
आपको डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने होंगे और डोमेस्टिक क्रिकेट में सबसे पहले डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट के ट्रायल देने होंगे, 25 वर्ष होने के कारण आपको ओपन ऐज कैटेगरी में ट्रायल देने होंगे।
क्रिकेटर बनने की लास्ट ऐज क्या है बताइए?
चाहे आप 18, 19, 25, 30, 40 या 45 वर्ष के ही क्यों ना हो हों कोई फर्क नहीं पड़ता। बीसीसीआई ने उम्र का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है इसलिए आप किसी भी उम्र में क्रिकेट ट्रायल दे सकते हैं।
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